रायपुर/दन्तेवाड़ा,22 सितंबर2024 – लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान के तहत दंतेवाड़ा जिले में माओवादी गतिविधियों पर एक और बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। विष्णु सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर, माओवादी दंपति सहित 20 लाख रुपये के चार इनामी माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।
आत्मसमर्पित माओवादियों में रीजनल कंपनी नंबर 02 के दो सदस्य, एक उत्तर सब जोनल ब्यूरो में सक्रिय राजनीतिक टीम की सदस्य और एक केएएमएस (क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन) की पूर्व अध्यक्ष शामिल हैं। शासन ने इन पर क्रमशः 8-8 लाख, 3 लाख और 1 लाख रुपये के इनाम घोषित किए थे।
माओवादियों की पृष्ठभूमि रीजनल कंपनी नंबर 02 के सदस्य हुंगा तामो और उनकी पत्नी आयती ताती, दोनों पर 8 लाख रुपये का इनाम था। हुंगा तामो 2018 में छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर पुलिस पार्टी पर हमले में शामिल था। वहीं, राजनीतिक टीम सदस्य देवे वंजाम नए कैडर को नक्सली विचारधारा सिखाने का कार्य करती थी, जिस पर 3 लाख रुपये का इनाम था। इनके अलावा, केएएमएस की पूर्व अध्यक्ष माड़वी आयते, जिन पर 1 लाख रुपये का इनाम था, भी आत्मसमर्पण करने वालों में शामिल थी।
माओवादियों ने लोन वर्राटू अभियान और छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर यह निर्णय लिया। नक्सल संगठनों में बढ़ते मतभेद, अमानवीय जीवनशैली, और जंगलों में कठिन जीवन ने इन माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में वापस लौटने पर मजबूर किया। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने अपने भविष्य को समाज में सकारात्मक योगदान देने का संकल्प लिया है।
अभियान की अब तक की उपलब्धियां लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान और पुनर्वास नीति के तहत अब तक 872 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जिसमें 197 इनामी माओवादी शामिल हैं। जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ की मदद से चलाए जा रहे इस अभियान में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई है।
पुनर्वास और पुनर्स्थापन आत्मसमर्पित माओवादियों को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 25-25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही, उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण और आवास की सुविधा भी प्रदान की जाएगी ताकि वे समाज में पुनर्वासित होकर एक नई शुरुआत कर सकें।
इस सफलता के पीछे जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और बस्तर फाइटर्स का विशेष योगदान रहा है।