जशपुर,14 नवम्बर 2024 – बीते दिनों कांसाबेल थाना के बटाइकेला गांव में दिनदहाड़े हुए गोलीकांड की गुत्थी सुलझी ही थी कि 11 नवम्बर को उसी एरिया में फिर हत्या हो गई।गांव के दर्जी की हत्या का खुलासा करते हुए जशपुर पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह ने जो जानकारी दी उसे पाठक स्टेप-बाय-स्टेप पढ़ें –
स्टेप 1: हत्या का प्लान – गांव बटईकेला के एक अंधेरी शाम का माहौल। बलसाय पैंकरा के दिमाग में एक ही बात घूम रही थी •ठीरू राम नागवंशी से पुरानी रंजिश का बदला। मजदूरी के पैसों के लिए हुए विवाद ने बलसाय को ठीरू के खिलाफ गहरी नफरत से भर दिया था। उसने ठान लिया था कि इस बार वह ठीरू को जिंदा नहीं छोड़ेगा।
स्टेप 2: पहले दिन मिली असफलता
10 नवंबर 2024 को बलसाय पैंकरा अपनी मोटरसाइकिल पर सवार होकर ठीरू के घर के आसपास घूमता रहा। उसकी नीयत थी कि जैसे ही ठीरू उसे अकेला मिलेगा, वह हमला कर देगा। तीन बार उसने ठीरू को मारने का मौका तलाशा, लेकिन उसे सही समय नहीं मिला। आखिरकार, निराश होकर बलसाय उस दिन अपने घर वापस लौट गया, लेकिन अगले दिन के लिए उसने एक खतरनाक योजना तैयार की।
स्टेप 3: वारदात का दिन
11 नवंबर की शाम ठीरू राम नागवंशी खेतों से घास काटकर अपने साइकिल पर घर लौट रहा था। उस समय, बटईकेला के पास का रास्ता लगभग सुनसान था। यही वह मौका था जिसका बलसाय इंतजार कर रहा था। अचानक, बलसाय ने ठीरू का पीछा किया और एक सुनसान स्थान पर उसे रोक लिया। इससे पहले कि ठीरू कुछ समझ पाता, बलसाय ने अपने पास रखे भारी डंडे से उसके सिर पर कई बार वार किया, जिससे ठीरू लड़खड़ाते हुए जमीन पर गिर पड़ा।
स्टेप 4: बेरहमी से हत्या
ठीरू के गिरने के बाद बलसाय ने पीछे हटने का कोई इरादा नहीं किया। उसने अपने छिपाए हुए लौहे के दौली को निकाला और ठीरू के चेहरे और सिर पर ताबड़तोड़ वार किए। ठीरू के खून से सारा रास्ता लाल हो गया, और देखते ही देखते उसकी मौत हो गई। बलसाय ने यह नृशंस हत्या अंजाम देकर तुरंत वहां से भागने का प्लान बना लिया।
स्टेप 5: पुलिस को खबर मिलना औरजांच शुरू होना
ठीरू के भाई हीरू राम नागवंशी को जैसे ही अपने भाई की मौत का पता चला, उसने तुरंत कांसाबेल थाने में इसकी सूचना दी। पुलिस के पास यह मामला आते ही एक सख्त कदम उठाने का फैसला किया गया। जशपुर के पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह के निर्देश पर एक विशेष टीम बनाई गई, जिसमें साइबर सेल और कई अनुभवी पुलिस अधिकारी शामिल किए गए।
स्टेप 6: पुलिस टीम की रणनीति
मामले को गंभीरता से लेते हुए, पुलिस ने बलसाय पैंकरा को खोजने की कोशिशें तेज कर दी। मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर, पुलिस टीम को पता चला कि बलसाय ने ग्राम केरजू थाना सीतापुर की ओर रुख किया है। पुलिस ने उसका पीछा करने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह वहां से भी फरार हो गया। इसके बाद रायगढ़ जिले और पत्थलगांव में नाकाबंदी की गई ताकि वह कहीं भी भागने न पाए।
स्टेप7:रायगढ़ में ऐसे बिछाया गया जाल
पुलिस अधीक्षक के आदेशानुसार, उप पुलिस अधीक्षक विजय राजपूत और रायगढ़ पुलिस उप पुलिस अधीक्षक अभिनव उपाध्याय ने एक विशेष जाल बिछाकर पूंजीपथरा इलाके में बलसाय पैंकरा का ठिकाना ढूंढ निकाला। पूरी टीम ने योजनाबद्ध तरीके से उस घर पर दबिश दी, जहाँ बलसाय छिपा हुआ था। आधी रात के करीब, पुलिस ने बलसाय को हिरासत में ले लिया।
पूछताछ के दौरान, बलसाय ने न केवल अपने अपराध को कबूल किया बल्कि हत्या की पूरी योजना भी बताई। उसने स्वीकार किया कि उसने ठीरू राम नागवंशी को मारने के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी। हत्या वाले दिन उसने ठीरू को अकेला पाया और मौका देखकर उस पर हमला कर दिया। उसके पास डंडा और दौली पहले से ही तैयार थे, जिन्हें उसने वारदात के समय इस्तेमाल किया।जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी बलसाय के कब्जे से हत्या में इस्तेमाल की गई मोटरसाइकिल, डंडा, और लौहे का दौली बरामद कर लिया। पुलिस ने मामले की जांच पूरी कर बलसाय को 14 नवंबर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस केस की त्वरित कार्रवाई और सटीक रणनीति ने पुलिस की कुशलता को साबित किया।
जशपुर पुलिस और रायगढ़ पुलिस की संयुक्त कार्रवाई ने न केवल इस हत्या के आरोपी को पकड़ने में सफलता हासिल की, बल्कि इसने यह भी साबित किया कि अपराध चाहे जितना भी जघन्य हो, अपराधी कानून से नहीं बच सकता।