गणतंत्र दिवस परेड में ‘पाईका नृत्य’ झांकी ने मारी बाजी, वोटिंग में हासिल किया पहला स्थान

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नई दिल्ली,31 जनवरी 2025 – जनजातीय गौरव दिवस 2025 के उपलक्ष्य में गणतंत्र दिवस परेड में ‘पाईका नृत्य’ झांकी ने शानदार प्रदर्शन कर दर्शकों का दिल जीत लिया। TRIBAL CINEMA OF INDIA (T.C.I.) ने इस ऐतिहासिक अवसर के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार का आभार व्यक्त किया, जिसने झांकी प्रदर्शन का अवसर प्रदान किया। झरना आर्ट्स के डायरेक्टर इनुस कुजूर ने जानकारी देते हुए बताया कि ‘मां शारदा संगीत शिक्षण संस्थान, रांची’ के निर्देशक अजय कुमार के मार्गदर्शन में इस प्रस्तुति को अंतिम रूप दिया गया। T.C.I. के अध्यक्ष बीजू टोप्पो, उपाध्यक्ष तेजकुमार मुण्डू, राष्ट्रीय संयोजक निरंजन कुजूर एवं सेरल मुर्मू, राष्ट्रीय सह-संयोजक इनुस कुजूर एवं सुरेन्द्र कुजूर, सचिव नीरज समद – प्रिंसी लकड़ा, राष्ट्रीय समन्वयक दीपक बड़ा और कोषाध्यक्ष अविनाश बड़ा ने अजय कुमार और टीम को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी। इनुस कुजूर ने बताया कि जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा दिए गए स्लोगन के आधार पर गीत को उन्होंने तैयार किया, जिसे सुरेन्द्र कुजूर ने स्वर दिया और रांची के दी हैंड्स स्टूडियो के संगीतकार दीपक श्रेष्ठ ने संगीतबद्ध किया। झांकी के कलाकारों के चयन में झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के नवोदित कलाकारों को शामिल किया गया। दिल्ली में छह राउंड के अभ्यास सत्र और कड़े मुकाबले के बाद ‘पाईका नृत्य’ को गणतंत्र दिवस परेड के लिए अंतिम रूप से चुना गया। परेड में टीम ने झांकी के रूप में दूसरे नंबर पर प्रदर्शन किया और दर्शकों की जबरदस्त सराहना हासिल की। इनुस कुजूर ने बताया कि 26 से 28 जनवरी तक भारत सरकार द्वारा झांकी प्रतियोगिता के लिए वोटिंग कराई गई, जिसमें ‘पाईका नृत्य’ को जनता का अपार समर्थन मिला और यह वोटिंग में प्रथम स्थान पर रहा। T.C.I. परिवार, कला जगत और संगठन के सदस्यों ने बड़े पैमाने पर वोटिंग अपील की, जिसके परिणामस्वरूप ‘पाईका झांकी’ को विजेता घोषित किया गया। T.C.I. और झरना आर्ट्स ने देश-विदेश के सभी कला प्रेमियों, दर्शकों और वोटिंग करने वालों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह उपलब्धि जनजातीय सांस्कृतिक विरासत के सम्मान का प्रतीक है।

महाकुंभ मेले में भगदड़ से 14 की मौत, 50 से अधिक घायल,ताजा हालात ये है,,,

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प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात लगभग डेढ़ बजे भगदड़ मचने से 14 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घटना का विवरण: समय और स्थान: यह हादसा संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब 1:30 बजे हुआ। कारण: प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, अफवाह के चलते संगम नोज पर भगदड़ मची। कुछ महिलाएं जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए। प्रशासनिक कार्रवाई: अखाड़ों का स्नान रद्द: प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि संगम नोज पर अधिक भीड़ के कारण यह फैसला लिया गया है। उच्चस्तरीय संज्ञान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर घटना की जानकारी ली है। मृतकों की पहचान: प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतकों में शामिल कुछ व्यक्तियों के नाम इस प्रकार हैं: आशीष फरहत मनीष विकास सचिन सृष्टि प्रकाश राजेश अजय लता सुरक्षा उपाय: प्रवेश पर रोक: हादसे के बाद संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई है। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज शहर में भी श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए शहर की सीमा से सटे जिलों में प्रशासन को मुस्तैद कर दिया गया है। सुरक्षा बलों की तैनाती: संगम तट पर एनएसजी कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया है। स्वास्थ्य सेवाएं: चिकित्सा सुविधा: स्वरूपरानी अस्पताल में 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए जा चुके हैं। घायलों का इलाज जारी है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सोर्स – दैनिक भास्कर,एबीपी न्यूज

छत्तीसगढ़ के निर्भीक पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या पर झारखंड के पत्रकारों ने जताई कड़ी नाराज़गी,कहा- हत्यारों को फांसी दो

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गुमला(झारखण्ड), 07 जनवरी 2025 – बस्तर के प्रसिद्ध और निर्भीक पत्रकार मुकेश चंद्रकार की निर्मम हत्या ने पूरे पत्रकारिता जगत को झकझोर कर रख दिया है। इस कायराना हमले के विरोध में झारखंड के पत्रकारों ने एकजुट होकर श्रद्धांजलि दी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की। गुमला जिले में आयोजित आपात बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र कुमार सिंह ने की। इस दौरान उपस्थित पत्रकारों ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला करार दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे हमलों को समाज में कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पत्रकारों की प्रमुख मांग थी कि नृशंस हत्या में शामिल दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर फांसी की सजा दी जाए। साथ ही, पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी सुनिश्चित की जाए। पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग बैठक में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि पत्रकारों के लिए विशेष सुरक्षा कानून लाने की प्रक्रिया तेज की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। वरिष्ठ पत्रकारों ने बताया कि इस मामले में प्रेस क्लब महासंघ और झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके जरिए दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में खड़ा करने की मांग की जाएगी। पत्रकारों ने एक स्वर में कहा कि मुकेश चंद्रकार जैसे निर्भीक पत्रकार समाज के लिए प्रेरणा हैं, और उनकी हत्या का दोषियों को कड़ा परिणाम भुगतना होगा।  

#justiceformukesh : प्रेस क्लब रायपुर ने सीएम साय से की मुलाकात,गृहमन्त्री विजय शर्मा पहुंचे प्रेस क्लब

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रायपुर,06 जनवरी 2025 – पत्रकार साथी मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में त्वरित और पारदर्शी जांच की मांग को लेकर रायपुर प्रेस क्लब और वरिष्ठ पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीते शाम 5 जनवरी को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने भरोसा दिलाया कि मामले की गहन जांच कर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। मुख्यमंत्री से मुलाकात रायपुर प्रेस क्लब के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की और उन्हें घटना की पूरी जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने कुछ अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका पर भी सवाल उठाए। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह जघन्य हत्याकांड बेहद गंभीर है। दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने त्वरित और निष्पक्ष जांच का आश्वासन देते हुए कहा कि सभी संदिग्ध पहलुओं पर गंभीरता से कार्रवाई होगी। इस दौरान मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा भी मौजूद रहे। प्रतिनिधिमंडल में प्रेस क्लब के महासचिव डॉ. वैभव शिव पांडेय, उपाध्यक्ष संदीप शुक्ला, कोषाध्यक्ष रमन हलवाई, संयुक्त सचिव तृप्ति सोनी एवं अरविंद सोनवानी, कार्यकारिणी सदस्य सुधीर तम्बोली, वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा और पीसी रथ शामिल रहे। गृहमंत्री से संवाद रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित श्रद्धांजलि सभा और संवाद कार्यक्रम में पत्रकारों ने राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा को घटना की जानकारी दी। गृहमंत्री अपनी अन्य बैठक के कारण प्रारंभ में उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन बैठक समाप्त होते ही वे प्रेस क्लब पहुंचे। पत्रकारों ने एसआईटी में स्थानीय अधिकारियों के बजाय साफ-सुथरी छवि के अधिकारियों को शामिल करने की मांग की। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “मुख्यमंत्री से चर्चा कर एसआईटी में बदलाव पर विचार किया जाएगा। जांच की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और हर बिंदु पर ध्यान दिया जाएगा। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।” श्रद्धांजलि सभा में जुटा पत्रकार समुदाय पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से पत्रकार समुदाय में गहरा आक्रोश है। रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में पत्रकार शामिल हुए और घटना की निंदा की। सभा में मांग की गई कि हत्याकांड की जांच निष्पक्षता और पारदर्शिता से की जाए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। हम आपको बता दें कि पत्रकार मुकेश    चंद्राकर की हत्या के तीन आरोपी पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं।मुख्य आरोपी, ठेकदार सुरेश चन्द्रकार अभी भी फरार है । मुख्यमंत्री और गृहमंत्री की ओर से मिले आश्वासन के बाद पत्रकार समुदाय को उम्मीद है कि मामले में जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।पत्रकार साथी की हत्या से देशभर के पत्रकार एकजुट हैं।  

कुनकुरी: वनवासी कल्याण आश्रम का 72वां स्थापना दिवस भव्यता के साथ मनाया गया

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जशपुर,28 दिसम्बर 2024// कुनकुरी में वनवासी कल्याण आश्रम के 72वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी रही। मुख्य अतिथि के रूप में सत्यप्रकाश तिवारी (अधिवक्ता), यश प्रताप सिंह जूदेव और आर.एस.एस. के कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे। वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना और उद्देश्य वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना 26 दिसंबर 1952 को बालासाहेब देशपांडे द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य भारत के आदिवासी समाज को उनके सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों से जोड़ते हुए उन्हें सशक्त बनाना है। यह संगठन वनवासी समाज को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के माध्यम से सशक्त बनाकर उन्हें सनातन संस्कृति और धर्म से जोड़े रखने का कार्य करता है। स्थापना दिवस का भव्य आयोजन कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता, दिवंगत बालासाहेब देशपांडे और अन्य संस्थापकों के तैलचित्र पर दीप प्रज्वलित करके की गई। इसके बाद पारंपरिक लोकनृत्यों का आयोजन हुआ, जिसमें करमा, सरहुल और डंडा नृत्य की प्रस्तुति ने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्थानीय लोककला के इस उत्सव में बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों ने पारंपरिक वेशभूषा में भाग लिया। विशेष रूप से बुजुर्ग महिला और पुरुषों का उत्साह देखते ही बनता था। कार्यक्रम में शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। मुख्य अतिथि का संबोधन मुख्य अतिथि सत्यप्रकाश तिवारी ने अपने उद्बोधन में वनवासी कल्याण आश्रम की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह संगठन सनातन संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए एक मजबूत स्तंभ है। उन्होंने वनवासी समाज के उत्थान में संगठन की भूमिका की सराहना की। विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति कार्यक्रम में अखिल भारतीय कार्यालय प्रमुख श्रीपाद जी, प्रांतीय सचिव बासुदेव राम यादव, सरहुल समिति के जिला उपाध्यक्ष मैनेजर राम, कल्याण आश्रम अध्यक्ष विश्वनाथ सिदार और लोककला जिलाध्यक्ष जेरकू राम सहित कई प्रमुख जनप्रतिनिधि शामिल हुए। वनवासी कल्याण आश्रम का 72वां स्थापना दिवस इस बात का प्रतीक है कि यह संगठन वनवासी समाज के उत्थान और उनकी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इस आयोजन ने स्थानीय समुदाय में सांस्कृतिक एकता और गौरव का भाव जगाया।  

ईसाई समुदाय क्यों सादगी से मना रहा है क्रिसमस? एशिया के बड़े चर्च की क्या है तैयारी? पढ़िए,,

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जशपुर,24 दिसम्बर 2024 – जिले में एशिया के दूसरे सबसे बड़े चर्च रोजरी की महारानी गिरिजाघर कुनकुरी में आज ईसा मसीह के जन्मदिन मनाने की तैयारी जोरों से चल रही है।हालांकि इस वर्ष क्रिसमस पर्व को लेकर वह उत्साह नजर नहीं आ रहा है जो बीते वर्षों में देखने को मिला करता था। उल्लेखनीय है कि चर्च की ओर से इस बार का त्यौहार सादगी से मनाने का फरमान सुनाया गया है।इसकी बड़ी वजह भाजपा विधायक श्रीमती रायमुनी भगत के उस कथित विवादित भाषण को बताया जा रहा है,जिसमें उन्होंने ईसा मसीह व ईसाई धर्म के बारे में अमर्यादित टिप्पणी की थी। इस मामले में युवा जयंत लकड़ा ने बताया कि क्रिसमस पर्व को सादगी से मनाने के फैसले के बाद से बाजार की खरीदारी में भारी कमी आई है।सभी ईसाई परिवार अपने संसाधन व पुराने सामानों के साथ क्रिसमस पर्व मनाने जा रहे हैं।चूंकि चर्च में पूजा -पाठ करने समुदाय के लोग बड़ी संख्या में यहां जुटेंगे तो यहां थोड़ी-बहुत रौनक देखने को मिलेगी। काथलिक सभा के विशेष सदस्य डॉ. किशोर मिंज ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रभु यीशु के जन्मदिन पर आज 24 दिसम्बर की रात 10 बजे से बिशप इमानुएल केरकेट्टा मुख्य अधिष्ठाता सारे अनुष्ठान कराएंगे।बड़ी संख्या में लोगों के आने की संभावना को देखते हुए चर्च के बाहर पंडाल और स्टेज तैयार किया गया है।

सीएम साय कल बागबहार में : 33 वें ओपन चैलेंज ट्रॉफी फूटबॉल प्रतियोगिता के समापन समारोह में होंगे शामिल

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जशपुर 23 नवम्बर 24// मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 24 नवम्बर को पत्थलगांव विकास खंड के बागबहार में दोपहर 2 बजे ओपन चैलेंज ट्रॉफी फूटबॉल प्रतियोगिता के समापन समारोह में शामिल होंगे और फूटबॉल खिलाड़ियों का उत्साह वर्धन करते हुए विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित करेंगे उल्लेखनीय है कि बागबहार में हर वर्ष युवा क्रीड़ा क्लब एवं बागबहार के ग्रामवासियों द्वारा फूटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। बागबहार में 33 वर्ष से फूटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। यह राज्य स्तरीय प्रतियोगिता 23 अक्टूबर से 24 नवम्बर 24 तक मिनी स्टेडियम बागबहार आयोजित की गई है। लगभग 1 माह तक प्रतियोगिता चली इसमें छत्तीसगढ़, झारखंड और उड़ीसा के लगभग 600 खिलाड़ी और कोच शामिल हुए हैं।

संघर्ष की मिट्टी से खिली रितिका: बैडमिंटन रैकेट ने बदली तकदीर, मुख्यमंत्री साय ने वीडियो कॉल कर दी शाबासी

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रायपुर, 17 नवंबर 2024: संघर्ष और समर्पण की कहानी धमतरी की रितिका ध्रुव की है, जिसने बैडमिंटन के प्रति अपने जुनून से न सिर्फ अपनी पहचान बनाई, बल्कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से सीधे संवाद करने का मौका भी पाया। वीडियो कॉल पर मुख्यमंत्री ने न केवल रितिका के जज़्बे को सराहा, बल्कि उसकी हर संभव मदद का वादा कर छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाओं को प्रेरित करने की मिसाल पेश की। खेल के प्रति जुनून ने रचा इतिहास मजदूर पिता और आंगनबाड़ी सहायिका मां की बेटी रितिका ने कभी नहीं सोचा था कि उसकी मेहनत और लगन एक दिन उसे मुख्यमंत्री के सामने ला खड़ा करेगी। बचपन से ही बैडमिंटन के खेल में रुचि रखने वाली रितिका ने संसाधनों की कमी के बावजूद अपनी इच्छाशक्ति से वह मुकाम हासिल किया, जिसे पाना कई के लिए सपना बनकर रह जाता है। रितिका ने मुख्यमंत्री से बताया कि उसने बेंगलुरु में खेलो-इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स और ओडिशा में नेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। उसकी तमन्ना है कि वह ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीते। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस सपने को साकार करने के लिए हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री का स्नेह और समर्थन वीडियो कॉल पर मुख्यमंत्री ने रितिका से आत्मीयता से बातचीत की। उन्होंने न सिर्फ उसकी खेल प्रतिभा को सराहा, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि उसे बैडमिंटन में आगे बढ़ने के लिए राज्य सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “खूब आगे बढ़िए, अपने माता-पिता और प्रदेश का नाम रोशन कीजिए। छत्तीसगढ़ सरकार आपकी हर जरूरत में आपके साथ खड़ी है।” खेल और शिक्षा दोनों में मिसाल रितिका केवल एक होनहार खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि एक समर्पित छात्रा भी है। वह वर्तमान में बीए अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने उसे खेल के साथ पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान देने की सलाह दी और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। रितिका का कहना है कि मुख्यमंत्री से हुई बातचीत ने उसकी हिम्मत को नया पंख दिया है। खेल प्रतिभाओं को पंख दे रहे मुख्यमंत्री साय छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री साय लगातार प्रयासरत हैं। हाल ही में उन्होंने पर्वतारोही निशा को किलिमंजारो पर्वत फतह करने के लिए मदद का वादा किया था। अब रितिका के संघर्ष और लगन को देखकर उन्होंने उसकी हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। संघर्ष की कहानी, सफलता की उड़ान रितिका की यह कहानी बताती है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी कठिन हों, जज़्बा और मेहनत हर मुश्किल को पार कर सकते हैं। मुख्यमंत्री से हुए संवाद ने रितिका को न केवल प्रेरित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं को अब वह समर्थन मिल रहा है, जिसकी उन्हें दरकार थी। रितिका ध्रुव जैसी प्रतिभाएं न केवल राज्य का गौरव हैं, बल्कि उनके संघर्ष और सफलता की कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगी।  

मुख्यमंत्री साय का फोन बना निशा के सपनों का सहारा, किलिमंजारो पर फहरेगा छत्तीसगढ़ से तिरंगा

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रायपुर, 15 नवंबर 2024 // आज सुबह बिलासपुर की निशा यादव के जीवन में एक ऐसा पल आया, जिसने उनके सपनों को नई उड़ान दी। अलसुबह, जब उनका फोन बजा और दूसरी तरफ से एक सौम्य आवाज सुनाई दी, तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ। आवाज आई, “बेटा, मैं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बोल रहा हूं। तुम्हें किलिमंजारो पर तिरंगा फहराने जाना है, और तुम्हें पैसों की कोई चिंता नहीं करनी है।” पहले तो निशा को लगा कि कोई मजाक कर रहा है। संकोच के साथ उन्होंने पूछा, “क्या आप सच में मुख्यमंत्री बोल रहे हैं?” लेकिन जब मुख्यमंत्री ने निशा के सपने और उनकी पर्वतारोहण यात्रा के बारे में विस्तार से चर्चा की, तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े। “आपने मेरे सारे डर दूर कर दिए” निशा, जो एक साधारण परिवार से आती हैं, ने बताया कि उनके पिता एक ऑटो चालक हैं। पर्वतारोहण जैसे महंगे शौक को पूरा करना उनके परिवार के लिए मुश्किल था। निशा ने भावुक होकर कहा, “मुख्यमंत्री जी, मैं कई दिनों से सो नहीं पा रही थी। मेरे सपने को पूरा करने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। आज आपने मेरी सारी चिंताओं को दूर कर दिया। मैं आपको तहे दिल से धन्यवाद देती हूं।” निशा ने मुख्यमंत्री को यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुस पर अपनी चढ़ाई और वहां तिरंगा फहराने के अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि पर्वतारोहण न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक मजबूती की भी परीक्षा लेता है। अब उनका अगला सपना अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो को फतह करना है, और इसके बाद वे माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराना चाहती हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निशा के जज्बे की तारीफ करते हुए कहा, “छत्तीसगढ़ को अपनी बेटियों पर गर्व है। आपका आत्मविश्वास और जुनून आपको आपके लक्ष्य तक जरूर पहुंचाएगा। हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ की बेटी माउंट एवरेस्ट पर भी तिरंगा फहराए। आर्थिक तंगी कभी किसी के हौसले को रोक नहीं सकती। हमारी सरकार आपके साथ है।” मुख्यमंत्री के इस स्नेह और समर्थन से निशा का उत्साह दोगुना हो गया। उन्होंने कहा कि अब वे और भी ज्यादा मेहनत करेंगी और छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करेंगी। निशा की कहानी न केवल उनके जैसे युवाओं के लिए प्रेरणा है, बल्कि यह भी साबित करती है कि जब सरकार और नेतृत्व का सहयोग मिलता है, तो कोई भी सपना असंभव नहीं रहता। जल्द ही निशा तिरंगे के साथ किलिमंजारो की ऊंचाइयों को छूने की तैयारी शुरू करेंगी। छत्तीसगढ़ के इतिहास में यह पल न केवल निशा के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गर्व का क्षण होगा।  

जशपुर जम्बूरी: साहसिक खेल, संस्कृति और दोस्ती का अनोखा सफर

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जशपुर, 18 अक्टूबर 2024। जशपुर की खूबसूरत पहाड़ियों में चल रहा चार दिवसीय जशपुर जम्बूरी युवा उत्सव इस साल भी साहसिक खेलों और जनजातीय संस्कृति से पर्यटकों को रोमांचित कर रहा है। 17 से 20 अक्टूबर तक चलने वाले इस आयोजन में देशभर से आए युवा प्रकृति, साहसिक खेलों और स्थानीय जनजातीय परंपराओं से रूबरू हो रहे हैं। कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य जशपुर के पर्यटन को बढ़ावा देना और इसकी सांस्कृतिक व प्राकृतिक धरोहर से दुनिया को परिचित कराना है। शुक्रवार, 18 अक्टूबर को देशदेखा पहाड़ी में साहसिक गतिविधियों का आयोजन हुआ, जिसमें पर्यटकों ने रॉक क्लाइम्बिंग, रैपलिंग और ट्रैकिंग जैसी रोमांचक खेलों का आनंद लिया। जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार ने भी पर्यटकों के साथ ट्रैकिंग करते हुए मयाली नेचर कैम्प का दौरा किया। ट्रैकिंग के दौरान पर्यटकों ने स्थानीय वनस्पतियों और जंगली रास्तों से परिचित होकर साहसिक सफर का लुत्फ उठाया। पारंपरिक करमा नृत्य और स्वागत गीत से आतिथ्य मयाली नेचर पार्क पहुंचने पर देशभर से आए युवाओं का स्वागत पारंपरिक करमा नृत्य और स्वागत गीतों से किया गया। इस अवसर पर युवाओं ने आदिवासी नर्तकों के साथ नृत्य किया, जिससे पूरे माहौल में उत्साह की लहर दौड़ गई। पारंपरिक व्यंजन और जनजातीय कलाकारों की प्रदर्शनी ने जम्बूरी को सांस्कृतिक रंग में रंग दिया, जहां पर्यटकों ने आदिवासी कला और संस्कृति के सरलता भरे पहलुओं को करीब से जाना। युवाओं के अनुभव: सपनों के उत्सव का मजा रांची की दीपिका ने बताया कि उन्होंने ऐसा उत्सव केवल फिल्मों में देखा था। यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स, बॉन फायर, रॉक क्लाइम्बिंग और बोटिंग उनके लिए सपनों को पूरा करने जैसा अनुभव रहा। रायपुर के आयुष्मान ने बताया कि उन्हें यहां आकर आदिवासी संस्कृति की सादगी और सरलता को जानने का अवसर मिला, जिससे वे बेहद प्रभावित हुए। इंदौर के सुष्मीत जैन ने कहा कि जशपुर जम्बूरी उन्हें नई चीजें सीखने का बेहतरीन मौका दे रहा है, और उन्होंने साहसिक खेलों का भरपूर आनंद लिया। बिलासपुर के दीपक पटेल ने इसे दोस्ती का उत्सव बताया, जहां देशभर से आए युवा आपस में मिलकर नई-नई चीजें सीख रहे हैं। उनके अनुसार, यह आयोजन आपसी मेलजोल और रोमांचक अनुभवों से भरा हुआ है। वहीं, विकास साहू ने कहा कि इस उत्सव में सब कुछ बेहतरीन तरीके से आयोजित किया गया है और साहसिक खेलों ने उन्हें बेहद रोमांचित किया है। जशपुर जम्बूरी में हर किसी के लिए कुछ खास है—साहसिक खेलों से लेकर सांस्कृतिक अनुभवों तक, यह उत्सव प्रकृति, रोमांच और दोस्ती का बेहतरीन संगम है – डॉ. रवि मित्तल,कलेक्टर जशपुर