💥 मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति पर बम्हनी में भारी पड़ता भ्रष्टाचार, ग्रामीणों ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग 💥

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जशपुर/दुलदुला,13 जुलाई 2025 –  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की ‘भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस’ की नीति को उनके ही अधिकारी और पार्टी कार्यकर्ता दुलदुला क्षेत्र में चुनौती दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बम्हनी पंचायत में सामने आया है, जहां मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के अंतर्गत शंकर घर से महादेव चट्टान तक करीब 5 लाख 20 हजार रुपए की लागत से बनी सीसी रोड की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि यह सड़क पंचायत के एक कथित “ठेकेदार” ने बनाई है, जो पहले कांग्रेस शासनकाल में विधायक यूडी मिंज का करीबी था और अब बीजेपी सरकार में पाला बदलकर नए विधायक और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के इर्द-गिर्द सक्रिय हो गया है। हैरानी की बात यह है कि सरकार बदलती है, लेकिन इंजीनियर नहीं बदलते — जो तब भी काम देख रहा था और आज भी वही जिम्मेदार अधिकारी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क बने महज दो महीने हुए हैं और गिट्टी सीमेंट छोड़ने लगी है, बालू बहने लगा है। न तो निर्माण से पहले जमीन की ठीक से तैयारी की गई, और न ही निर्माण के दौरान वाइब्रेटर जैसी आवश्यक तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इसका नतीजा – बारिश में सड़क की परतें उधड़ने लगी हैं। सबसे गंभीर आरोप यह है कि दुलदुला विकासखंड में सीसी रोड निर्माण के नाम पर ठेकेदारों और तकनीकी अधिकारियों की मिलीभगत से साइड में मोटी परत और बीच में कमज़ोर सामग्री डालकर लाखों का घोटाला किया जा रहा है। इन रोडों की हालत देखकर “विकास की रफ्तार को राफेल से जोड़ना” ग्रामीणों की नजर में व्यंग्य बन गया है।   जब इस मामले में सरपंच से बात की गई, तो उन्होंने खुद को “टेक्निकल नहीं हूँ” कहकर पल्ला झाड़ लिया। यह जवाब अपने आप में ग्रामीण व्यवस्था की एक बड़ी विडंबना को उजागर करता है। ग्रामीणों की मांग: 1. सड़क निर्माण की उच्चस्तरीय जांच। 2. महादेव चट्टान के पास तत्काल पुलिया निर्माण, जिसे बारिश से ठीक पहले जेसीबी लगाकर खोद दिया गया है, जिससे आने-जाने में परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने पवित्र सावन मास में भगवान शिव के मार्ग पर भ्रष्टाचार की परतें बिछाने वालों के खिलाफ मुख्यमंत्री से स्वयं संज्ञान लेने की अपील की है।

कोटपा एक्ट के तहत कुनकुरी शहर में तंबाकू उत्पादों के खिलाफ सख्त कार्रवाई,स्कूलों के समीप कई दुकानें कोटपा के उल्लंघन करती मिली

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कोटपा एक्ट के तहत तंबाकू उत्पादों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कुनकुरी, 3 जून 2025: SDM नंदजी पांडे और एसडीओपी कुनकुरी विनोद मंडावी के निर्देश पर थाना प्रभारी राकेश यादव और तहसीलदार प्रमोद पटेल की टीम ने कोटपा एक्ट के तहत क्षेत्र में सख्त कार्रवाई की। यह कदम खासतौर पर स्कूलों के खुलने से पहले उठाया गया, ताकि बच्चों को तंबाकू और नशीले पदार्थों से बचाया जा सके। कुनकुरी क्षेत्र में शंकरनगर, जनपद कार्यालय और आसपास के इलाके में स्थित प्रमुख किराना दुकानों और ठेले-खोमचों में कार्रवाई की गई। इन दुकानों पर नशीले पदार्थों और तंबाकू उत्पादों की बिक्री की जा रही थी। कार्रवाई में राजेश गुप्ता किराना, दिलीप जैन किराना, कोलंबो खान, और मिश्रा किराना स्टोर्स के साथ-साथ अन्य दुकानों के मालिकों के खिलाफ जुर्माना लगाया गया और तंबाकू उत्पादों को जब्त किया गया। थाना प्रभारी राकेश यादव ने बताया कि यह कार्रवाई 15 जून से स्कूलों के खुलने को ध्यान में रखते हुए की गई है, ताकि बच्चों और युवाओं के बीच तंबाकू उत्पादों का सेवन न बढ़े। उन्होंने कहा, “यह कदम क्षेत्र में तंबाकू के अवैध बिक्री और इसके दुष्प्रभाव को रोकने के लिए उठाया गया है, और भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।” कोटपा एक्ट (कंट्रोल ऑफ टोबैको प्रोडक्ट्स एक्ट) के तहत, यह सुनिश्चित किया जाता है कि स्कूलों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री न हो, और यह कदम बच्चों और युवाओं के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

कांग्रेस के कुशासन में जर्जर हुई सड़को को सीएम विष्णुदेव साय ने संवारा,अपनी ही सरकार में सड़क निर्माण का विरोध कर अड़ंगा लगाते रहे कांग्रेसी – सुनील गुप्ता,पूर्व जिलाध्यक्ष

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जशपुर, – जो कांग्रेसी अपने पूरे शासनकाल में जिले में सड़क निर्माण कार्यो का विरोध कर,निर्माण कार्य को बाधित करते रहे,उन्हें जिले में तेजी से विकसित हो रहा सड़को का जाल नहीं दिख रहा है। लेकिन जिले की जनता ना केवल देख रही है बल्कि कांग्रेस के कुशासन और विष्णुदेव साय के सुशासन में फर्क महसूस भी कर रही है। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष सुनील गुप्ता ने उक्त बातें कही। जिले में सड़कों की बदहाली के कांग्रेसी आरोप पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल के दौरान कांग्रेसियों ने पूरी ताकत सड़को के विकास को बाधित करने में झोंका था। जिले की जनता दमेरा चराईडांड,बंदरचुँवा-फरसाबहार और कुनकुरी-लवाकेरा सड़क निर्माण कार्य को बाधित करने के लिए कांग्रेस के तत्कालीन जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए तमाशे को नहीं भूली है। पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेसियो के भय से ठेकेदार यहां से काम छोड़ कर भागने लगे थे। जिले में चारों ओर जर्जर सड़कों से लोगों का चलना मुहाल हो गया था। सत्ता की बागडोर सम्हालते ही मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले में सड़को की हालत को सुधारने की दिशा में तेजी से काम करना शुरू किया है। पत्थलगांव से कुनकुरी के बीच का राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। दमेरा चराईडांड,बंदरचुँवा-फरसाबहार,जशपुर सन्ना सड़क का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इतना ही नहीं भारतमाला सड़क जो कांग्रेसियो के षड्यंत्र के कारण अटका हुआ था का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। गांव से लेकर शहर तक कि सड़को को संवारने का काम तेजी से चल रहा है। जो सडके बची हुई है उनके निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है और कुछ प्रक्रियाधीन है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सुनील गुप्ता ने कहा कांग्रेसी इस बात का भरोसा रखे कि विष्णु के सुशासन में उन्हें कम से कम जिले की सड़को में चलने के दौरान झटका नहीं लगेगा।

गज़ब है : शासकीय भूमि पर पीएम आवास के निर्माण में तेजी,पटवारी प्रतिवेदन लेकर न्याय मांगने निकला प्रार्थी,आम रास्ता पर सरकारी मकान बनाने से लोगों को हो रही परेशानी

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जशपुर/कुनकुरी,29 मई,2025 –  प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत आवास पाने के लिए सरकारी नियमों को ताक पर रखकर शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यह मामला ग्राम पंचायत रेमते (पटवारी हल्का नंबर 23, तहसील कुनकुरी) का है, जहां अमर सिंह पिता गंगा सिंह द्वारा शासकीय भूमि पर पीएम आवास का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों और एक भूमिधारी का वर्षों पुराना रास्ता पूरी तरह बंद हो गया। संदीप जैन की शिकायत पर शुरू हुई जांच,आज भी है तारीख प्रार्थी संदीप कुमार जैन ने कलेक्टर सहित तहसील कार्यालय को लिखित में शिकायत दी थी कि उनकी निजी भूमि तक पहुंचने का एकमात्र सरकारी रास्ता – खसरा नंबर 216 की शासकीय भूमि – पर जबरन कब्जा कर मकान निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि यह निर्माण कार्य बिना किसी वैध सीमांकन या अनुमति के किया जा रहा है और इस पर पहले भी न्यायालय ने स्थगन आदेश दिया था। पटवारी रिपोर्ट में खुलासा – रास्ता शासकीय भूमि पर था 1 मई 2025 को प्रस्तुत पटवारी प्रतिवेदन में यह स्पष्ट किया गया कि खसरा नंबर 216, रकबा 0.498 हेक्टेयर भूमि “मिड रोड इंसान पथ” के रूप में शासकीय अभिलेख में दर्ज है। यह भूमि गांव के बीच से होकर गुजरती है और पूर्व से ही ग्रामीणों द्वारा सार्वजनिक रास्ते के रूप में उपयोग में लाई जाती रही है। प्रतिवेदन में यह भी उल्लेख है कि इस रास्ते की सीमांकन की पुष्टि ग्राम सरपंच, कोटवार और ग्रामीणों की उपस्थिति में की गई। न्यायालय का आदेश निरस्त होते ही तेज़ी से हुआ निर्माण प्रार्थी संदीप जैन ने बताया कि निर्माण रोकने के लिए तहसीलदार को आवेदन दिया था, लेकिन न सीमांकन कराया गया और न ही हल्का पटवारी द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इस बीच 25 अप्रैल को न्यायालय ने स्थगन आदेश निरस्त कर दिया, और उसी दिन से शासकीय भूमि पर रात-दिन तेज़ी से निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया। वर्षों पुराना रास्ता अवरुद्ध, 80 वर्षों से था उपयोग में पीड़ित का कहना है कि उनके स्व. दादा हुकुमचंद जैन द्वारा पिछले 70-80 वर्षों से उक्त भूमि के रास्ते का उपयोग किया जाता रहा है। अब यह रास्ता बंद हो जाने से न केवल उनका परिवार बल्कि अन्य ग्रामीण भी प्रभावित हो रहे हैं। मांग: निर्माण कार्य तत्काल रोका जाए, दोषियों पर कार्रवाई हो संदीप जैन ने प्रशासन से मांग की है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर की जा रही इस अवैध कब्जाधारी कार्रवाई को तुरंत रोका जाए, ताकि उनका और अन्य ग्रामवासियों का रास्ता बहाल हो सके। साथ ही शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसे कृत्य दोहराए न जाएं। इस पूरे मामले की पड़ताल में जो बात सामने आई उसमें अमर सिंह पिता गंगा सिंह के परिजन अपनी पुश्तैनी जमीन का काफी हिस्सा बेच चुके हैं।जिसके कारण वर्षों से शासकीय भूमि पर कब्जे की जमीन ओर घर बना रहे हैं।पड़ोसी जमीन मालिक ने भी जमीन उसकी ओर बढ़ाकर मकान बनाने पर मौखिक आपत्ति की थी,जिसे दोनों पक्षों द्वारा सुलझा लेने की बात बताई गई।निर्माण स्थल पर अमर सिंह मौजूद नहीं थे,उनकी माता ने बताया कि अधिकारी लोग बोले तो बना रहे हैं।अभी कोर्ट में केस चल रहा है। बहरहाल,इस मामले में आवास मित्र दिलीप कुमार से संपर्क करने के बाद स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी।आज तहसील न्यायालय में सुनवाई होनी है।  

पंचायत सचिव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, कण्डोरा में बिना कार्य के उड़ाए गए लाखों रुपये,सचिव छिप रहा लेकिन भरत सिंह ने मीडिया से की बात

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📍 कुनकुरी (जशपुर), 28 मई 2025 ग्राम पंचायत कण्डोरा में विकास कार्यों को लेकर बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। पंचायत सचिव सुशील तिर्की पर फर्जी हस्ताक्षर, गबन और कमीशन के गंभीर आरोप लगे हैं। यह आरोप पूर्व सरपंच रामदीन और ग्रामीणों द्वारा लगाए गए हैं, जिन्होंने पंचायत में हुए कार्यों और लेन-देन की जांच की मांग की है। पूर्व सरपंच का कहना है कि सीसी रोड और नाली निर्माण के नाम पर करीब 7 लाख रुपये की राशि निकाली गई, लेकिन आज तक धरातल पर कोई कार्य शुरू नहीं हुआ। इसके अलावा, गौण खनिज मद की 12.80 लाख रुपये की राशि के दुरुपयोग का भी आरोप है। आरोप है कि यह राशि बिना स्पष्ट प्रक्रिया के अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दी गई, जिनमें से भरत सिंह को पांच लाख, सचिव खुद के खाते में एक लाख अस्सी हजार रुपए और एक खाता अज्ञात बताया गया है। भरत सिंह कौन है ? सोशल मीडिया में भरत सिंह के खाते में 5 लाख रुपए डाले जाने को लेकर जिले में खूब चर्चा है।दरअसल,भरत सिंह ग्राम पंचायत कंडोरा के महुआटोली गांव के निवासी हैं जो चूड़ा मिल चलाते है।ये वो नहीं हैं जो वर्तमान में भाजपा के जशपुर जिले के अध्यक्ष हैं।भरत सिंह से जब हमने बात की तो उनका कहना था कि निर्माण कार्य में मटेरियल सप्लाई हुआ था जिसका पैसा मेरे खाते में आया है। सबसे चौंकाने वाला आरोप यह है कि योजनाओं की राशि निकालने के लिए पूर्व सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर किए गए। रामदीन का कहना है कि जब उन्होंने बैंक स्टेटमेंट और दस्तावेजों की जांच की, तब इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ।रामदीन ने यह भी बताया कि सचिव इतना होशियार है कि सरपंच के मानदेय की राशि भी निकालकर खा गया। इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग मद से स्वीकृत दो कार्यों (एक नाली और एक सीसी रोड) की राशि लगभग 7 लाख रुपये भी आहरित कर ली गई, लेकिन मौके पर किसी भी तरह का कार्य नज़र नहीं आता। ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने सचिव के खिलाफ नाराजगी जताते हुए उच्चस्तरीय जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव ने अपने पद का दुरुपयोग कर सरकारी धन की भारी हेराफेरी की है, जिससे गांव विकास से वंचित रह गया है। प्रशासन से अब इस पूरे मामले में त्वरित जांच की अपेक्षा की जा रही है, ताकि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सके और पंचायत की पारदर्शिता बनी रहे।  

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सौगात: जशपुर में 18.46 करोड़ से बनेंगी 6 नई सड़कें, मधेश्वर पहाड़ तक पक्के रास्ते से पहुंचेंगे शिवभक्त

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धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, ग्रामीण आवागमन होगा सुलभ, जनता में खुशी की लहर जशपुर, 23 मई 2025 – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर जशपुर जिले को एक और बड़ी सौगात मिली है। राज्य शासन द्वारा जिले में 6 प्रमुख सड़कों के निर्माण के लिए 18 करोड़ 46 लाख 87 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे न केवल ग्रामीण अंचलों के लोगों को आवागमन में सुगमता मिलेगी, बल्कि विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग माने जाने वाले मधेश्वर पहाड़ तक श्रद्धालुओं की आसान पहुंच सुनिश्चित होगी। मधेश्वर मंदिर तक पक्की सड़क – धार्मिक पर्यटन को लगेगा पंख कुनकुरी क्षेत्र के मयाली नेचर कैंप से लेकर मधेश्वर मंदिर और जोकारी से मधेश्वर पहाड़ तक पक्की सड़क का निर्माण होना है। इस पहल से न सिर्फ शिवभक्तों की आस्था की राहें आसान होंगी, बल्कि क्षेत्रीय धार्मिक पर्यटन को भी जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। जोकारी और भंडरी पंचायत के ग्रामीणों में इस खबर से गहरी प्रसन्नता है और लोग मुख्यमंत्री की जय-जयकार कर रहे हैं। ये हैं स्वीकृत सड़कों के विवरण – 1. चटकपुर से रेंगारबहार (2.46 किमी) – ₹2.89 करोड़ 2. कुनकुरी-औरीजोर-मतलूटोली-पटेलापारा (2.54 किमी) – ₹3.01 करोड़ 3. NH-43 से मयाली डेम तक (2.28 किमी) – ₹2.85 करोड़ 4. मयाली नेचर कैंप से मधेश्वर मंदिर (2.20 किमी) – ₹2.71 करोड़ 5. रानीबंध चौक–चिडराटांगर–पंडरीआमा–उपरकछार (3.44 किमी) – ₹3.29 करोड़ 6. जोकारी से मधेश्वर पहाड़ (2.88 किमी) – ₹3.68 करोड़   “अब जशपुर में विकास की नई राह खुल रही है। श्रद्धा, सुविधा और समर्पण के संग मुख्यमंत्री की यह सौगात सिर्फ सड़क नहीं, बल्कि ग्रामीण जनजीवन को जोड़ने वाला भविष्य का पुल है।” – नरेश नंदे, वरिष्ठ अधिवक्ता व विचारक जशपुर जिला प्रशासन सक्रिय, जल्द होगा कार्य प्रारंभ कलेक्टर रोहित व्यास ने बताया कि निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री का लक्ष्य है कि प्रत्येक गांव और धार्मिक स्थल तक पक्की और सुरक्षित सड़क पहुंचे ताकि आमजन को विकास का सीधा लाभ मिले। मुख्यमंत्री का वादा – “सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, सबको साथ लेकर चलेंगे” मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पहले ही स्पष्ट किया था कि जशपुर जिले को बुनियादी सुविधाओं में आत्मनिर्भर बनाना उनकी प्राथमिकता है। सड़क निर्माण की यह नई श्रृंखला विष्णु के सुशासन मॉडल का प्रत्यक्ष प्रमाण है।  

कुनकुरी डायलिसिस सेंटर किडनी मरीजों को दे रहा जीवन लेकिन मरीजों ने खोली पोल,कभी भी जा सकती है जान

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अब तक 955 सेशन, छत्तीसगढ़ ही नहीं, ओडिशा के मरीज भी ले रहे निःशुल्क लाभ कुनकुरी, 24 मई 2025 – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदर्शिता और प्रतिबद्धता से स्थापित कुनकुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का डायलिसिस सेंटर बीते पाँच महीनों में किडनी मरीजों के लिए किसी वरदान से कम साबित नहीं हुआ है। यह सेंटर न केवल कुनकुरी विकासखंड, बल्कि कांसाबेल, दुलदुला, फरसाबहार जैसे आसपास के इलाकों के मरीजों की जीवनरेखा बन चुका है। इतना ही नहीं, पड़ोसी राज्य ओडिशा के सीमावर्ती जिला सुंदरगढ़ से भी दर्जनों मरीज यहां आकर निःशुल्क डायलिसिस सेवा का लाभ उठा रहे हैं। अब तक 955 डायलिसिस सेशन हो चुके हैं – हर एक सेशन उन परिवारों के लिए राहत की सांस लेकर आया है, जो अब तक अंबिकापुर,रायपुर,रांची जाकर निजी अस्पतालों में महंगे इलाज का बोझ उठाने को मजबूर थे। इस प्रशंसनीय पहल के बीच एक गंभीर तकनीकी समस्या लगातार मरीजों और उनके परिजनों को चिंतित कर रही है – बिजली की अनियमित आपूर्ति। डायलिसिस और बिजली का सीधा रिश्ता – जानलेवा हो सकती है लापरवाही डायलिसिस के दौरान मरीज के शरीर से खून बाहर निकालकर मशीन में साफ किया जाता है और फिर शरीर में वापस पहुंचाया जाता है। यह पूरी प्रक्रिया अत्याधुनिक मशीनों द्वारा संचालित होती है, जो पूरी तरह बिजली पर निर्भर हैं। यदि डायलिसिस के दौरान बिजली अचानक गुल हो जाए और तुरंत बैकअप चालू न हो, तो मशीन में मौजूद खून क्लॉट होकर वापस नहीं लौट सकता। विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्थिति में 2.5 से 3 लीटर खून शरीर से बाहर ही जम सकता है – यह सीधे मरीज के प्राणों पर संकट ला सकता है। मरीज ने जताई चिंता, प्रशासन से तत्काल समाधान की मांग ख़बर जनपक्ष के संपादक संतोष चौधरी को मरीजों और परिजनों ने बताया कि डायलिसिस की गुणवत्ता बेहतर है, लेकिन बिजली कटते ही उनका दिल कांप जाता है। डंडाडीह,दुलदुला से आए मरीज ने आपबीती सुनाते हुए कहा – एक बार लाइट भाग गया तो मशीन के पाइप में मेरा खून जम गया था।फिर गर्मी भी लगती है।यह परेशानी अभी पानी-बिजली खूब किया तब से बढ़ गया है।ऐसी ही परेशानी दो और बुजुर्ग मरीजों के परिजनों ने भी बताई। डायलिसिस सेंटर से जानकारी मिली कि समस्या उच्च अधिकारियों तक पहुंचा दी गई है और समाधान जल्द किया जाएगा। समस्या नहीं, जीवन-मरण का प्रश्न है ये स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि डायलिसिस जैसे जीवन रक्षक इलाज के लिए 24 घंटे की निर्बाध बिजली आपूर्ति और प्रभावी बैकअप सिस्टम जैसे जेनरेटर अनिवार्य हैं। इसमें एक पल की लापरवाही भी जानलेवा हो सकती है। मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को खतरे से बचाना ज़रूरी कुनकुरी का डायलिसिस सेंटर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की  पहल का नतीजा है, जिसने सीमावर्ती अंचलों के गरीब और जरूरतमंद मरीजों को नई ज़िंदगी दी है। अब प्रशासन और तकनीकी विभागों की जिम्मेदारी है कि इस जनहित योजना की विश्वसनीयता और सतत संचालन सुनिश्चित करें, ताकि हर मरीज यहां निश्चिंत होकर जीवन पा सके – डर नहीं।  

उरांव महिलाओं ने दिखाई शौर्यगाथा की झलक, पारंपरिक ‘जनी शिकार’ का किया प्रदर्शन, पांच दिवसीय सम्मेलन में संस्कृति, परंपरा और अस्तित्व की रक्षा का लिया संकल्प, हजारों महिलाओं ने पुरुष वेश में नगाड़ों की थाप पर किया जुलूस, धर्मांतरण के खिलाफ गरजे गणेश राम भगत

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जशपुर,23 मई 2025 – जशपुरनगर के तेतरटोली में 18 से 22 मई तक हिन्दू उरांव महिला समिति के बैनर तले एक पांच दिवसीय महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य उरांव समाज की महिलाओं को अपनी पारंपरिक संस्कृति, लोकगीत, नृत्य और जातिगत परंपराओं से जोड़ना था, ताकि आने वाली पीढ़ियां अपनी मूल पहचान और गौरवशाली विरासत को समझ सकें। कार्यक्रम के अंतिम दिन ऐतिहासिक ‘जनी शिकार’ परंपरा का प्रतीकात्मक प्रदर्शन हुआ, जिसमें हजारों महिलाओं ने पारंपरिक पुरुष वेश में हाथों में पारंपरिक हथियार लेकर नगाड़ों की थाप पर शहर में विशाल रैली निकाली। यह प्रदर्शन रोहतासगढ़ की उस गौरवशाली गाथा की याद दिलाने के लिए था, जब उरांव महिलाओं ने अपने शौर्य से मुगलों को तीन बार पराजित किया था। आमसभा में जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने धर्मांतरण पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि छोटा नागपुर क्षेत्र को ‘ईसाई राज’ में बदलने की साजिशें लगातार चल रही हैं, लेकिन समाज अब जागरूक हो चुका है। उन्होंने डीलिस्टिंग कानून की मांग को दोहराते हुए सरकार से इस पर ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। फोटो: पारंपरिक परिधान में दंत चिकित्सक डॉ कांति प्रधान अन्य सामाजिक नेताओं के साथ रैली में सभा में झारखंड के संदीप उरांव और अंबिकापुर से आए डॉ. आज़ाद भगत ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि यदि जनजातीय समाज अपनी भाषा, परंपरा और रीति-रिवाजों को नहीं भूले, तो धर्मांतरण जैसी चुनौतियों से सहजता से निपटा जा सकता है। इस मौके पर गणेश राम भगत ने जशपुर रेल परियोजना में अवरोध उत्पन्न करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह जनभावना से जुड़ा मामला है, और ऐसे तत्वों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने संरक्षित जंगलों में अंधाधुंध पेड़ कटाई पर नाराजगी जाहिर करते हुए उसकी जांच की मांग की तथा बारिश में वृक्षारोपण का आह्वान किया। इस आयोजन में हज़ारों की संख्या में महिलाएं और समाजजन शामिल हुए। तेज धूप में रैली में शामिल लोगों के सेवा में शहर के सामाजिक संगठनों ने भी भागीदारी निभाई। संवेदना फाउंडेशन, श्री बालाजी जन कल्याण समिति, और गुड मॉर्निंग ग्रुप जैसे संगठनों ने रैली में शामिल लोगों को पानी, शीतल पेय और फल वितरित कर सेवा भाव का परिचय दिया। यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक जागरूकता का प्रतीक बना, बल्कि सामाजिक एकता, जनजागरण और आत्मगौरव की मिसाल भी प्रस्तुत कर गया।

हम ही बनाए हैं, हम ही संवारेंगे: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पत्थलगांव को नगर पालिका का दर्जा दिलाया

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जशपुर, 20 मई 2025 – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में पत्थलगांव को बड़ी सौगात मिली है। अब पत्थलगांव नगर पंचायत नहीं, बल्कि नगर पालिका के रूप में पहचाना जाएगा। राज्य शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, पत्थलगांव को नगर पालिका में सम्मिलित करने हेतु छत्तीसगढ़ राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशित कर दी गई है। छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 5 के तहत नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, मंत्रालय महानदी भवन, नवा रायपुर अटल ने दिनांक 1 मई 2025 को यह अधिसूचना जारी की है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि नगर पालिका पत्थलगांव की सीमाएं वही होंगी, जो वर्तमान में नगर पंचायत पत्थलगांव की हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, इस क्षेत्र की जनसंख्या 16,613 है। इस ऐतिहासिक निर्णय पर पत्थलगांव विधायक ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि— “यह निर्णय न केवल क्षेत्र के विकास की नई दिशा तय करेगा, बल्कि भाजपा के इस संकल्प को भी दर्शाता है कि हम ही बनाए हैं, हम ही संवारेंगे।” स्थानीय नागरिकों में भी इस घोषणा के बाद हर्ष का माहौल है। उम्मीद की जा रही है कि नगर पालिका बनने से पत्थलगांव में आधारभूत सुविधाओं का विस्तार होगा और नगरीय विकास को नई गति मिलेगी।  

कुनकुरी नगर पंचायत के अध्यक्ष विनयशील पर मुख्यमंत्री एवं छ.ग. शासन की छवि धूमिल करने भाजपा पार्षदों ने प्रेस वार्ता कर लगाया आरोप, कहा- नगर विकास में डाल रहे हैं बाधा

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कुनकुरी/जशपुर,19 मई 2025 –  नगर पंचायत कुनकुरी में इन दिनों विकास कार्यों को लेकर गंभीर राजनीतिक टकराव उभरकर सामने आया है। नगर पंचायत के भाजपा जनप्रतिनिधियों (पार्षद) ने प्रेसवार्ता कर नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे अपने पद का दुरुपयोग कर न केवल विकास कार्यों को बाधित कर रहे है बल्कि राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और भाजपा सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। विकास कार्यों में अवरोध पुरानी स्वीकृत योजनाएं पर लगा रहे व्यवधान प्रेसवार्ता में पार्षद अमन शर्मा और अमित मिश्रा ने नगर अध्यक्ष पर आरोप लगाया कि विनयशील द्वारा अध्यक्ष पद की शपथ लेने के बाद पूर्व कार्यकाल में स्वीकृत और प्रक्रिया में चल रहे तमाम विकास कार्यों को जानबूझकर रोका जा रहा है। इनमें सीएमओ व इंजीनियर के आवासीय क्वार्टर,जिम निर्माण तथा विर्सजन तालाब सौंदर्यीकरण कार्य प्रमुख हैं। ठेकेदार को डराया धमकाया जा रहा है ताकि कार्य बीच में रुक जाएं और बाद में  विफल योजना के रूप में प्रचारित कर सरकार को बदनाम किया जा सके। राशन वितरण में अवैध दुकान खोलने का आरोप अध्यक्ष विनयशील के द्वारा पीडीएस व्यवस्था में भी अनियमितता फैलाने का प्रयास हो रहा है। भाजपा पार्षदों ने बताया कि पिछले कार्यकाल में परिषद से एक नई राशन दुकान खोलने का प्रस्ताव भेजा गया था जिसकी स्वीकृति की प्रक्रिया अभी जारी है। परंतु अध्यक्ष ने बिना वैध प्रक्रिया अपनाए और बिना स्वीकृति प्राप्त किए गैरकानूनी रूप से राशन दुकान ,दो स्थान पर खुलवा दी। ताकि भविष्य में इस पर कोई कानूनी विवाद होता है तो इसका दोष वर्तमान सरकार पर मढ़ा जा सके। डेम सफाई कार्य पर राजनीतिक रंगः 97.50 लाख की परियोजना पर उठाया जा रहा सवाल इस प्रेस वार्ता में यह भी बताया गया कि नगर पंचायत ‌द्वारा स्वीकृत डेम सफाई योजना को भी अध्यक्ष विनयशील ने विवादों के घेरे में जाकर रोक दिया है। इस योजना में ₹48.75 लाख के भुगतान को लेकर फर्जी सवाल खड़े किए जा रहे है, जबकि नगर पंचायत द्वारा सभी वैधानिक प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। संबंधित कार्यों का लॉग बुक, बिल, वाहनों का विवरण, तथा कैमिकल व शुद्धिकरण सामग्री के दस्तावेजी फाइल पत्रकारों को दिखाया गया।अमन शर्मा ने कहा कि चौंकाने वाली बात यह है कि कांग्रेस के वे पार्षद, जिन्होंने पहले इस योजना का समर्थन किया था, अब उसी कार्य के खिलाफ पोस्टर लेकर विरोध कर रहे हैं। यह दोहरे चरित्र और राजनैतिक स्वार्थ का स्पष्ट प्रमाण है। प्लेसमेंट टेंडर विवादः लिपिकीय त्रुटि को बनाया जा रहा मु‌द्दा नगर पंचायत के प्लेसमेंट टेंडर में हुई एक लिपिकीय त्रुटि को भी गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा है। टेंडर की सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूर्णतः वैध है और सभी दस्तावेजों में नगर पंचायत कुनकुरी का नाम स्पष्ट रूप से अंकित है। लेकिन एक स्थान पर गलती से दूसरे नगर पंचायत का नाम अंकित हो जाने को ‘नगर का नाम परिवर्तन’ बताकर राजनैतिक रंग देने की कोशिश हो रही है।दो वर्ष के प्लेसमेंट टेंडर को सही बताने के लिए भाजपा पार्षदों ने कहा कि ऐसा ही दो-दो वर्ष का टेंडर चंद्रखुरी, प्रतापपुर, और भैरमगढ़ नगर पंचायतों में भी किया गया है, जिससे यह भी स्पष्ट होता है कि कुनकुरी में की गई प्रक्रिया भी विधिसम्मत है। पुराने भवन को बताया ‘हवेली’: मरम्मत को लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन के दौरान नगर पंचायत का पुराना भवन नमक की बोरियों और कचरे का गोदाम बना हुआ था। प्रेस वार्ता में बताया गया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में इस भवन की मरम्मत कराकर इसे उपयोगी रुप दिया गया है। भवन में सुरक्षा व सौंदर्य की दृष्टि से लगाए गए 7 गेट ,दरवाजों को ‘हवेली’ का गेट बताकर जनता को भ्रमित किया जा रहा है।इस कार्य में प्रयुक्त 1620 किलोग्राम वजन के 5 दरवाजों,। मुख्य गेट, । चैनल गेट आदि की मरम्मत जोनल मद से की गई है, जिसके समस्त दस्तावेज उपलब्ध हैं,लेकिन स्टीमेट और बिल को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत कर जनता को षडयंत्रपूर्वक गुमराह किया जा रहा है। हालांकि प्रेसवार्ता में सीएमओ की हवेली के आरोप पर कुछ नहीं कहा गया। नगर पंचायत कर्मचारियों को धमकाने का आरोप प्रेस वार्ता में यह भी गंभीर आरोप लगाया गया कि अध्यक्ष विनयशील ‌द्वारा नगर पंचायत के अधिकारियों और कर्मचारियों को धमकाकर भय का वातावरण बनाया जा रहा है, जिससे वे उनकी मनमर्जी के अनुसार कार्य करें और भ्रष्ट गतिविधियों के लिए आधार तैयार हो सके। यह लोकतंत्र की मर्यादा के विरुद्ध है। जनता से अपीलः षड्यंत्रों के प्रति रहें सतर्क प्रेस वार्ता में  बीजेपी पार्षद अमन शर्मा,राजेश ताम्रकार,शीतल बजाज,अमित मिश्रा और गुलापी पैंकरा द्वारा नगरवासियों से अपील की गई कि वे इस प्रकार की विकास विरोधी राजनीति के प्रति सजग रहें और ऐसे नेताओं के बहकावे में न आएं जो अपने राजनैतिक एजेंडे के लिए नगर के हितों से खिलवाड़ कर रहे हैं। साथ ही, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं वर्तमान भाजपा सरकार के प्रति विश्वास बनाए रखें, जो राज्य के हर कोने में पारदर्शी विकास कार्यों को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है। तो यह प्रेसवार्ता कांग्रेस के नगर पंचायत अध्यक्ष  विनयशील के प्रेस कांफ्रेंस का जवाब माना जाए?  इस सवाल पर अमन शर्मा ने कहा कि उन्होंने सीएमओ पर आरोप लगाए हैं सीएमओ उसका जवाब देंगे।हमने कुनकुरी अध्यक्ष द्वारा विकास कार्यों को रोकने और मनमानी करते हुए उल्टा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिशों को मीडिया के माध्यम से जनता के सामने लाने का काम किया है।अमन शर्मा ने यह भी जोड़ा कि अध्यक्ष विनयशील पिछले कांग्रेस शासनकाल में हुए भ्रष्टाचारों पर मौन हैं।वहीं सनातनी विधायक बताने वाले यूडी मिंज ने भी अध्यक्ष विनयशील के झूठे आरोपों पर कुछ नहीं कहा है। बहरहाल,अब देखना यह है कि सीएमओ के खिलाफ मोर्चा खोलकर भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस लाने की विष्णु सरकार के दावे की याद दिलाने वाले विनयशील का अगला कदम क्या होगा?