क्या व्हाट्सएप ग्रुप से जंगल की आग बुझाई जा सकती है? जशपुर से जवाब आया ‘हाँ’

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जशपुर,02 मार्च 2025 – जशपुर जिले में गर्मी शुरू नहीं हुई है लेकिन जंगल मे आग लगने की घटनाएं सामने आने लगी हैं।ऐसे में आज शाम को जंगल मे आग लगने की एक घटना व्हाट्सएप ग्रुप में साझा करते ही एक मिनट में आग को बुझा लिया गया।इसका मतलब है कि वन विभाग को सूचना जरूर पहले मिल गई लेकिन ग्रुप में आने के बाद वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी फील्ड में कितने एक्टिव हैं,यह इससे पता चला। दरअसल,जशपुर जिले में एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘वन मित्र’ की सक्रियता से जंगल में लगी आग को तुरंत बुझाने में सफलता मिली है। शहर से सटे बेलमहादेव जंगल में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा आग लगाए जाने की सूचना स्थानीय युवक लालू यादव ने ‘वन मित्र’ ग्रुप में साझा की। यह संदेश शाम 6 बजकर 38 मिनट पर ग्रुप सदस्य रामप्रकाश पांडे ने देखा और तुरंत वन अधिकारियों को सूचित किया। आईएफएस अधिकारी आशीष अग्रवाल ने तत्काल कार्रवाई करते हुए वनकर्मियों को घटनास्थल पर भेजा, जिन्होंने 7 बजकर 9 मिनट पर आग पर काबू पा लिया। यह घटना दर्शाती है कि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स, विशेषकर व्हाट्सएप ग्रुप्स, वन संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ‘वन मित्र’ ग्रुप की तत्परता और समन्वय से जंगल को बड़ी क्षति से बचाया जा सका।  

साक्षात्कार : “मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता ही पहला इलाज है” – डॉ. ग्रेस, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता धीरे-धीरे बढ़ रही है, और इस बदलाव की धुरी बन रही हैं डॉ. ग्रेस कुजूर। मानसिक चिकित्सा के कई विषयों में विशेषज्ञता रखने वाली डॉ. ग्रेस, 2022 से जशपुर रोड पर तालाब के सामने चर्च गेट के पास “GK साइकोथेरेपी एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर” का संचालन कर रही हैं। उनके प्रयासों से अब तक सैकड़ों मरीज ठीक होकर सामान्य जीवन जी रहे हैं। जनपक्ष के संपादक संतोष चौधरी ने उनसे एक विशेष बातचीत की। “मेरा उद्देश्य सेवा है, सिर्फ कमाई नहीं“ प्रश्न: डॉक्टर साहिबा, अपने बारे में हमारे पाठकों को बताएं। उत्तर: (मुस्कुराते हुए) सबसे पहले आपके पाठकों को मेरा नमस्कार। मैं डॉ. ग्रेस कुजूर, कुनकुरी से 16 किलोमीटर दूर केरसई गाँव की रहने वाली हूँ। मेरी पढ़ाई कुनकुरी निर्मला स्कूल से हुई, फिर 2008 में बिलासपुर गर्ल्स डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। क्लिनिकल साइकोलॉजी में मास्टर्स GGU, बिलासपुर से किया और फिर सिकंदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु और मुंबई में अलग-अलग विषयों में विशेषज्ञता हासिल की। मैं दो विषयों में पीएचडी कर चुकी हूँ—एक क्लिनिकल साइकोलॉजी में और दूसरा नेचुरोपैथी में। 2017 में छत्तीसगढ़ काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, रायपुर ने मुझे “साइंटिस्ट अवॉर्ड” दिया था, जब मैंने विशेष बच्चों के लिए एक ऐप विकसित किया। मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में 24 साल से काम कर रही हूँ और इस काम को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि जीवन की सेवा मानती हूँ।मुझे वैज्ञानिक मनोचिकित्सक पुनर्वास एवं विशेषज्ञ के रूप में काम करने के लिए लाइसेंस प्राप्त है जिसका नम्बर C.R.R. A81006 है। “हर मानसिक बीमारी का इलाज संभव है” प्रश्न: आपके सेंटर में किस तरह के मरीजों का इलाज किया जाता है? उत्तर: हमारे सेंटर में काउंसलिंग, साइकोथेरेपी, रिलैक्सेशन थेरेपी, हिप्नोथेरेपी, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और ज़रूरत पड़ने पर एमडी के पास रेफर किया जाता है। अब तक, ✔ 10 सेरेब्रल पाल्सी के बच्चे पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। ✔ 15 ऑटिज्म से ग्रस्त बच्चे सामान्य जीवन जी रहे हैं। ✔ 50 मंदबुद्धि (इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी) के बच्चे ठीक हो चुके हैं। ✔ 70 से अधिक व्यस्क मानसिक रोगी, जिनमें से 40 पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। ✔ 60-75 वर्ष के बुजुर्गों में भूलने की बीमारी का भी सफल इलाज जारी है। सेंटर का मुख्य उद्देश्य जागरूकता और सही उपचार देना है, इसलिए फीस बहुत कम रखी गई है। “बाहर की नहीं, अंदर की चोटों का इलाज भी जरूरी है“ प्रश्न: इतनी पढ़ाई और अनुभव के बाद आपने कुनकुरी को ही क्यों चुना? उत्तर: जब मैं रायपुर, बेंगलुरु में पढ़ाई कर रही थी, तब मैंने देखा कि सरगुजा क्षेत्र के कई मरीज मानसिक बीमारियों के कारण दर-दर भटक रहे हैं। मुझे लगा कि अगर मैं अपने ही क्षेत्र में रहकर लोगों की मदद करूं तो ज्यादा बेहतर होगा। चूंकि मेरा घर कुनकुरी में है, तो यहाँ सेंटर खोलना सुविधाजनक भी रहा। प्रश्न: आपके अनुसार, इस क्षेत्र में किस तरह के मानसिक रोग सबसे ज्यादा हैं? उत्तर: यह कहना मुश्किल है क्योंकि मानसिक बीमारी दिखती नहीं, महसूस होती है। डिप्रेशन, एंग्जायटी, सिजोफ्रेनिया (पागलपन), एडिक्शन, डी-एडिक्शन, याददाश्त की समस्या जैसी बीमारियाँ यहाँ आम हैं। लेकिन सबसे चिंता की बात यह है कि 8वीं-9वीं के बच्चों में भी मानसिक समस्याएँ बढ़ रही हैं। ✔ बच्चे भावनात्मक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं ✔ या तो उन्हें बहुत अधिक सुविधाएँ दी जा रही हैं, या बहुत ज्यादा दबाव यही कारण है कि बचपन से मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है।          “मुझे अपने काम पर गर्व है” प्रश्न: इतने सालों का अनुभव कैसा रहा? उत्तर: (हँसते हुए) 24 साल से इस फील्ड में हूँ और मुझे अपने काम पर बेहद गर्व है। जब कोई मरीज स्वस्थ होकर अपनी ज़िंदगी फिर से शुरू करता है, तो जो संतुष्टि मिलती है, वह शब्दों में बयां नहीं कर सकती। “मानसिक स्वास्थ्य भी शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही ज़रूरी” अंतिम प्रश्न: हमारे पाठकों को क्या संदेश देना चाहेंगी? उत्तर:”जिस तरह बाहर की चोट का इलाज कराते हैं, वैसे ही अंदर की चोट का भी इलाज कराना ज़रूरी है।”अगर आपको लगे कि आपका कोई प्रियजन असामान्य व्यवहार कर रहा है, तो घबराने की जरूरत नहीं है—इलाज संभव है! वैसे,ज्यादा सही होगा कि स्वस्थ दिखने वालों को भी मानसिक स्वास्थ्य की जांच करा लेनी चाहिए, जिससे बीमारी ही पैदा न हो पाए। मेरे GK साइकोथेरेपी एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर में सोमवार से शनिवार, सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक आ सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए 7725093381,7067162282 पर संपर्क करें।मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हर समस्या का समाधान संभव है—बस पहला कदम उठाने की देर है!

नगरपंचायत अध्यक्ष विनयशील की संवेदनशील पहल: टोंगरीटोली की प्यास बुझी

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कुनकुरी,19 फरवरी 2025 – कुनकुरी नगरपंचायत अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होते ही विनयशील ने शहर की बुनियादी समस्याओं के समाधान की दिशा में सक्रिय कदम बढ़ा दिए हैं। उनकी एक संवेदनशील पहल से टोंगरीटोली के सैकड़ों निवासियों को वर्षों बाद पानी की सुविधा मिल सकी है। दरअसल, टोंगरीटोली बस्ती में लोग हर चुनाव में बढ़-चढ़कर मतदान करते थे, लेकिन उनकी वर्षों पुरानी मांग—पीने के पानी की सुविधा—अब तक पूरी नहीं हो सकी थी। चुनाव प्रचार के दौरान जब विनयशील को इस समस्या की जानकारी मिली, तो उन्होंने इसे अपनी प्राथमिकता में रखा। नगरपंचायत का फंड सीमित होने के कारण उन्होंने निजी खर्च पर एक हजार लीटर की पानी टंकी लगवाई, जिससे वार्ड नंबर 2 और 14 के करीब 55 घरों के 250 लोगों को राहत मिली। पानी की सुविधा मिलने पर मोहल्लेवासियों में हर्ष है। सोनिया नायक, गणेश, चंद्रवती, सुकरीता यादव ने अध्यक्ष विनयशील का आभार जताया, वहीं सेरोफिना लकड़ा ने उनके घर पहुंचकर धन्यवाद दिया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वर्षों बाद किसी जनप्रतिनिधि ने उनकी समस्या को गंभीरता से लिया और तुरंत समाधान किया।गौर करने वाली बात है कि अभी विनयशील ने अध्यक्ष पद की शपथ नहीं ली है । नगरपंचायत अध्यक्ष विनयशील की यह पहल यह दर्शाती है कि जब संकल्प मजबूत हो, तो संसाधनों की कमी भी बाधा नहीं बनती। उनकी संवेदनशीलता ने टोंगरीटोली के निवासियों के जीवन में उम्मीद की नई किरण जगा दी है।

नाबालिगों को नशे की दलदल में धकेलने वाला आरोपी गिरफ्तार, 202 सोल्यूशन ट्यूब बरामद

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छोटे गरीब मजदूरों के बच्चों को नशीले पदार्थों की लत लगाकर उनसे कबाड़ बीनने,छोटी-बड़ी चोरी कराने वालों के ख़िलाफ़ पुलिस एक्शन मोड में है। दरअसल,कबीरधाम पुलिस ने नाबालिग बच्चों को नशे की लत में धकेलने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार कर जिले में अवैध नशे के कारोबार पर बड़ी चोट दी है। आरोपी ओमंग देवांगन, जो छोटे बाजार पिपरिया में अमर सायकल स्टोर का संचालक है, बच्चों को साइकिल पंचर बनाने में उपयोग होने वाले सोल्यूशन को नशे के लिए अधिक कीमत पर बेच रहा था। सोल्यूशन बना रहा था बच्चों के भविष्य के लिए ज़हर सोल्यूशन, एक खतरनाक रसायन है, जो बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। यह न केवल उनकी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा था, बल्कि उनके भविष्य को भी अंधकार में धकेल रहा था। पुलिस ने रची सुनियोजित योजना एडिशनल एसपी पुष्पेंद्र बघेल ने बताया कि मुखबिर से मिली सूचना के बाद पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए एक सुनियोजित योजना तैयार की। पुलिस टीम ने एक सदस्य को ग्राहक बनाकर आरोपी के पास भेजा। आरोपी जैसे ही सोल्यूशन बेचने के लिए राज़ी हुआ, पुलिस ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। बरामदगी और कार्रवाई आरोपी के पास से 202 सोल्यूशन ट्यूब बरामद की गई। ये ट्यूब वह नाबालिग बच्चों को महंगे दामों पर बेचता था। पुलिस ने मौके पर ही आरोपी को हिरासत में ले लिया। गिरफ्तारी के दौरान धमकाने की कोशिश गिरफ्तारी के दौरान आरोपी ने पुलिस और गवाहों को धमकी देने का प्रयास किया और अपने आपराधिक गतिविधियों को जारी रखने की बात कही। हालांकि, पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए उसे काबू कर लिया। कड़ी धाराओं में मामला दर्ज आरोपी के खिलाफ धारा 126 और 135(3) के तहत मामला दर्ज कर उसे न्यायालय में पेश किया गया। कबीरधाम पुलिस ने इस कार्रवाई के जरिए स्पष्ट संदेश दिया है कि नशे के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने के लिए वे पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। यह कार्रवाई न केवल नशे के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी जीत है, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह गिरफ्तारी नशे के खिलाफ चल रही मुहिम में एक अहम कदम है। पुलिस का यह प्रयास बच्चों और युवाओं के बेहतर भविष्य की ओर एक सकारात्मक संदेश देता है।  

जशपुर में सड़क सुरक्षा मितान जागरूकता अभियान: एसपी शशिमोहन सिंह की अनूठी पहल

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जशपुर, 08 जनवरी 2025 – सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने और लोगों की जान बचाने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह ने “सड़क सुरक्षा मितान जागरूकता अभियान” शुरू किया है। इस अभियान के तहत कुनकुरी थाना परिसर में नागरिकों, वाहन चालकों और गणमान्य नागरिकों की पहली बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कुनकुरी एसडीएम नंदजी पांडे ने की। कार्यक्रम में ‘गुड समैरिटन’ (नेकदिल इंसान) कानून पर विशेष ध्यान दिया गया। एएसआई मनोज कुमार साहू ने बैठक में बताया कि यह कानून सड़क दुर्घटना के पीड़ितों की मदद करने वाले नागरिकों को कानूनी सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने कहा, “गुड समैरिटन का उद्देश्य अच्छे लोगों को कानूनी और अन्य समस्याओं से बचाना है, जिससे वे बिना किसी डर के मदद कर सकें।’सड़क सुरक्षा मितान जागरूकता अभियान’ इसे जरूर सफल बनाएगा।” गुड समैरिटन कानून: उद्देश्य और विशेषताएं थाना प्रभारी सुनील सिंह ने बताया कि गुड समैरिटन कानून का उद्देश्य मददगार नागरिकों को कानूनी हस्तक्षेप, पुलिस उत्पीड़न, हिरासत या अदालती तंत्र के डर से मुक्त करना है। उन्होंने कानून की प्रमुख विशेषताओं को रेखांकित करते हुए बताया: *गुड समैरिटन को बार-बार न्यायालय या पुलिस स्टेशन में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी। *यदि किसी नेक व्यक्ति को पुलिस स्टेशन या कोर्ट जाना पड़ता है, तो उसका खर्च ‘गुड समैरिटन फंड’ से वहन किया जाएगा। *सरकारी और निजी अस्पतालों को पीड़ित को प्राथमिक उपचार देना अनिवार्य है। *पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद गुड समैरिटन को तुरंत अस्पताल छोड़ने की अनुमति है। *अस्पतालों में गुड समैरिटन को उनके अधिकारों और प्रावधानों के बारे में शिक्षित किया जाएगा। सड़क सुरक्षा मितान जागरूकता अभियान: सामुदायिक सहभागिता का नया आयाम एसडीएम नंदजी पांडे ने इस अभियान के बारे में बताते हुए कहा कि राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के किनारे रहने वाले नागरिकों को ‘सड़क सुरक्षा मितान’ बनाया जाएगा। ये मितान दुर्घटना के समय सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंचकर घायल व्यक्तियों की मदद करेंगे और पुलिस व एम्बुलेंस (108) को सूचित करेंगे। थाना प्रभारी सुनील सिंह ने बैठक में जानकारी दी, “जिले में दुर्घटनाओं के हॉटस्पॉट चिन्हांकित किए जा रहे हैं। इन स्थानों के पास रहने वाले लोगों को सड़क सुरक्षा मितान बनाकर जागरूक किया जाएगा। यह कप्तान शशिमोहन सिंह के नेतृत्व में चल रही एक अनोखी पहल है।” जिला हॉकी संघ के उपाध्यक्ष संतोष चौधरी ने बताया कि “गुड समैरिटन और सड़क सुरक्षा मितान का सम्मिलित प्रयास सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और लोगों की जान बचाने में मील का पत्थर साबित होगा। यह लोगों को मदद करने के लिए प्रेरित करेगा, साथ ही उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।” बैठक में उपस्थित लोगों ने पुलिस अधीक्षक की नई पहल का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि यह पहल जशपुर जिले को सुरक्षित और दुर्घटनामुक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।  

कुनकुरी में सड़क निर्माण में बड़ा भ्रष्टाचार! गिट्टी-बालू-सीमेंट से ज्यादा मजबूत दिखा ठेकेदार-नेता-अधिकारी का गठजोड़

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जशपुर,07 जनवरी 2025 – घोड़े को लगाम लगाकर दौड़ाने की जगह घोड़े को ही लगाम दे दी जाय तो फिर क्या होगा?इस सवाल का जवाब आपको कुनकुरी जनपद पंचायत क्षेत्र में विकास रूपी घोड़े को देखने से मिल जाएगा। नेशनल हाइवे 43 के किनारे पंडरीपानी गाँव में कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र बना है जिसमें सीसीरोड नामक विकास का घोड़ा बेलगाम दौड़ा है।इस रोड के बारे में जानकारी मिली कि यह महात्मा गांधी रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत 10 लाख से ज्यादा की लागत से बन रही है।यह निर्माण कार्य ग्राम पंचायत रेमते के अंतर्गत भाजपा से जुड़े कलिबा निवासी एक ठेकेदार के द्वारा बनवाया जा रहा है। जहाँ सब-इंजीनियर ने भी आंख मूंद ली है या फिर एडजस्टमेंट करने की डील बड़ी होगी तभी तो निर्माण कार्य के समय मौके पर नहीं दिखे। सरपँच श्रीमती सरिता तिर्की से फोन पर बात करने से उन्होंने बताया कि सीसीरोड तो बढ़िया बन रहा है।ठेकेदार अशोक यादव बनवा रहा है।निर्माण कार्य का कार्यादेश (work Order) नहीं देखी हूँ। वहीं जब पंचायत के सचिव अमर यादव से फोन पर जानकारी ली तो उन्होंने आवश्यक कार्य से बाहर होने की बात कही। अब इस सम्बन्ध में प्रभारी आरईएस एसडीओ पीटर से बात करने पर उन्होंने कहा कि सभी कार्य गुणवत्तापूर्ण किया जा रहा है।स्टीमेट नहीं दिखाया। अब हम आपको तस्वीर दिखाते हैं – इस तस्वीर में सीसीरोड पर प्लास्टर चढ़ाया जा रहा है।वाईब्रेटर का कोई इस्तेमाल यहाँ नहीं हो रहा है।गिट्टी की बात करें तो सीसीरोड में 20 एमएम की जगह पूरा 30 एमएम से सीसीरोड बनाया गया है।सीमेंट,बालू का अनुपात 1:7 का डाला गया है जबकि 1:4 का होना बताया गया है।निर्माण करने से पहले बेस तैयार करने के लिए न मुरुम बिछाया गया,न तो रोलर चलाया गया और न ही लेबल किया गया।बस प्लास्टिक बिछाते हुए उसके ऊपर मनमाने ढंग से बिना वाईब्रेटर चलाये बनाया जा रहा है।मौके पर सूचना बोर्ड भी नहीं है जिससे निर्माण कार्य की  जानकारी यहां आनेवाले आम नागरिक,पत्रकार,अधिकारी को मिल सके। ऐसे में समझा जा सकता है कि विकासपुरुष मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की विधानसभा कुनकुरी में उनके सुशासन पर भ्रष्टाचार की कालिख़ पोतनेवाले क्यूँ इतना बेख़ौफ़ हैं?ग्रामीणों का कहना है कि रेमते पंचायत में घटिया निर्माण करनेवाले ठेकेदार भाजपा से जुड़े हैं जिनके सामने सरपँच-सचिव केवल चेक लेकर पैसा निकालने का काम करते हैं।अधिकारी-इंजीनियर का कोई नियंत्रण नहीं है।सालभर में सीसीरोड खराब हो जाते हैं।यह सड़क तो बनते ही खराब होने लगी है। देखिए –  

खबर का असर: घटिया सड़क निर्माण पर नगर पंचायत ने ठेकेदार को नोटिस जारी किया

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कुनकुरी (जशपुर),27 दिसम्बर 2024 // नगर पंचायत कुनकुरी में भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे हैं। हाल ही में वार्ड क्रमांक 3 बजरंगनगर में विसर्जन तालाब से रामपति सोनी के घर तक बनी सीसी रोड में घटिया सामग्री के इस्तेमाल और खराब निर्माण की शिकायतों पर नगर पंचायत प्रशासन ने ठेकेदार मिथुन सोनी को कड़ी चेतावनी देते हुए नोटिस जारी किया है। जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच में अनियमितताएं पाई गईं। ठेकेदार ने अनुबंध की शर्तों और निर्माण मापदंडों का पालन नहीं किया, जिससे सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठे। नगर पंचायत ने ठेकेदार को निर्देश दिया है कि वह तत्काल सड़क को तोड़कर इंजीनियर की उपस्थिति में नए सिरे से निर्माण कार्य सुनिश्चित करे। ऐसा न करने की स्थिति में कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। गौरतलब है कि इस निर्माण कार्य पर 12 लाख 56 हजार रुपये का बजट निर्धारित था, जिसे ठेकेदार ने 30.97% बिलो रेट पर प्राप्त किया था। इस मामले को लेकर स्थानीय पार्षद राजेश ताम्रकार और नगरवासी पहले ही विरोध दर्ज करा चुके हैं। उनका कहना है कि घटिया गिट्टी और बालू के कारण सड़क पर मवेशियों के पैर धंसने जैसी घटनाएं हो रही हैं। नगरवासियों का आरोप है कि कुनकुरी में विकास कार्यों की सही मॉनिटरिंग न होने के कारण शहर का विकास प्रभावित हो रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा आवंटित करोड़ों रुपये का सही उपयोग नहीं हो पा रहा है। नगरपंचायत सीएमओ की इस बड़ी कार्रवाई से जनता अब सही गुणवत्तापूर्ण विकास कार्यों की उम्मीद कर रही है।  

आंखों देखी : सीएम के जाते ही नगरवासियों ने खोली विकास की पोल,पुरानी सड़क पर नई सड़क बनाकर किया बड़ा खेल

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 नई सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप, नगरवासियों ने उठाए सवाल जशपुर,26 दिसम्बर 2024 –  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के विधानसभा क्षेत्र में स्थित कुनकुरी नगर पंचायत एक बार फिर भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में है। बजरंगनगर मुहल्ला के वार्ड क्रमांक 2 और 3 में हाल ही में बनी सीसी सड़क को लेकर नगरवासियों ने निर्माण की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। गुणवत्ता पर सवाल, मवेशियों के पैरों ने खोल दी पोल विसर्जन तालाब से रामपति सोनी के घर तक बनी 12.56 लाख रुपये की लागत वाली इस सड़क को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया। बिना वाइब्रेटर और उचित मानकों के, केवल पाटा मारकर सड़क तैयार कर दी गई। सड़क पर मवेशियों के पैर धंसने की घटनाएं निर्माण में हुई लापरवाही की ओर इशारा कर रही हैं। पार्षद ने भी जताई आपत्ति इस मामले में वार्ड पार्षद राजेश ताम्रकार ने ठेकेदार मिथुन सोनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि काम की गुणवत्ता पर पहले ही चेतावनी दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद निर्माण मानकों की अनदेखी की गई। सीएमओ ने दी सफाई नगर पंचायत के सीएमओ प्रवीण उपाध्याय ने बताया कि सड़क निर्माण का ठेका 30.97% बिलो में दिया गया था। उन्होंने कहा कि अभी तक इस काम को लेकर कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। शिकायत मिलने पर उचित जांच और कार्रवाई की जाएगी। जनता ने उठाए सवाल, कांग्रेस की नगर सरकार पर निशाना कुनकुरी में सड़क निर्माण को लेकर नगरवासियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। लोग आरोप लगा रहे हैं कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा शहर के विकास के लिए दिल खोलकर दी जा रही बड़ी धनराशि का सही उपयोग नहीं हो रहा है। ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से काम का स्तर गिरता जा रहा है। सुशासन पर लगा दाग मुख्यमंत्री के सुशासन की बातों के बावजूद, नगर पंचायत में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की परतें खुलने से शासन की छवि धूमिल हो रही है। नगरवासियों ने निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अंत में जनता का सवाल: “क्या विकास के नाम पर हो रहे इस तरह के भ्रष्टाचार पर मुख्यमंत्री का ध्यान जाएगा?”  

जशपुर में जन्म प्रमाण-पत्र के लिए विशेष शिविर, बिचौलियों से सावधान रहने की अपील

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— कलेक्टर ने अवैध वसूली पर सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश जशपुर, 16 दिसंबर 2024: जशपुर जिले में विद्यार्थियों की अपार आईडी बनाने के लिए जन्म प्रमाण-पत्र की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने विशेष शिविरों का आयोजन करने का निर्णय लिया है। कलेक्टर  रोहित व्यास ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों (एसडीएम) को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जल्द से जल्द इन शिविरों का आयोजन करें और जन्म प्रमाण-पत्र जारी करना सुनिश्चित करें। कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना होगा। उन्होंने पालकों से अपील की है कि वे बिचौलियों और दलालों से सावधान रहें, जो अवैध रूप से पैसे वसूलने का प्रयास कर सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के नाम पर अवैध वसूली करता है, तो उसकी सूचना तत्काल प्रशासन को दी जाए। ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं। शिविरों के माध्यम से होगा समाधान जिले के कई विद्यार्थियों की अपार आईडी केवल इस कारण नहीं बन सकी है, क्योंकि उनके पास जन्म प्रमाण-पत्र उपलब्ध नहीं है। इस समस्या को हल करने के लिए प्रशासन ने तिथिवार विशेष शिविर आयोजित करने का फैसला किया है। इन शिविरों का आयोजन जिले के सभी शैक्षणिक संकुलों में किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों और उनके पालकों को यह सुविधा आसानी से उपलब्ध हो सके। बिचौलियों और दलालों से रहें सतर्क प्रशासन ने पालकों से अपील की है कि वे ऐसे लोगों से सतर्क रहें, जो जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के नाम पर पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। कलेक्टर ने चेतावनी दी है कि इस तरह की गतिविधियों में लिप्त किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आवश्यकता और जागरूकता जन्म प्रमाण-पत्र न केवल शैक्षणिक पहचान के लिए, बल्कि सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ लेने के लिए भी आवश्यक है। यह कदम विद्यार्थियों के भविष्य को सुरक्षित करने और शिक्षा प्रणाली को सुगम बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल है। प्रशासन ने नागरिकों से इस पहल को सफल बनाने में सहयोग की अपील की है। विशेष शिविरों का लाभ उठाएं और जन्म प्रमाण-पत्र बनाने के लिए सही प्रक्रिया अपनाएं। छात्रहित में काम करनेवाले संगठनों ने कलेक्टर के इस पहल का स्वागत करते हुए कहा है कि यह पहल न केवल विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने में सहायक होगी, बल्कि नागरिकों को जागरूक कर भ्रष्टाचारमुक्त और पारदर्शी प्रक्रिया को बढ़ावा भी देगी।  

वर्ल्ड रिकार्ड: विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक प्रतिकृति शिवलिंग बना मधेश्वर पर्वत,गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड ने सीएम साय को दिया सर्टिफिकेट

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गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम, मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएँ जशपुर, 11 दिसंबर 2024: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित मधेश्वर पहाड़ को शिवलिंग की विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में मान्यता मिलने का ऐतिहासिक गौरव प्राप्त हुआ है। इसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में ‘लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग’ के रूप में दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि को प्रदेश के लिए ऐतिहासिक क्षण बताते हुए जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का काम करेगी। मुख्यमंत्री को सौंपा गया वर्ल्ड रिकॉर्ड का मान्यता प्रमाणपत्र  गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि श्रीमती हेमल शर्मा और अमित सोनी ने मुख्यमंत्री श्री साय को वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट सौंपा। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े भी उपस्थित थे। जशपुर जिले को मिली नई पहचान यह उपलब्धि जशपुर जिले के पर्यटन को एक नई ऊंचाई तक ले जाएगी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में जशपुर को प्रसिद्ध पर्यटन वेबसाइट EaseMyTrip.com पर शामिल किया गया था, जिससे यह छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा जिला बना जिसने इस प्रकार की अंतरराष्ट्रीय पहचान प्राप्त की। अब मधेश्वर पहाड़ को मिली यह मान्यता न केवल धार्मिक आस्था के केंद्र को और मजबूती देगी बल्कि जशपुर को पर्यटन और रोमांचक खेलों का हब बनाने में भी सहायक होगी। मधेश्वर पहाड़: आस्था और रोमांच का संगम मधेश्वर पहाड़, जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में मयाली गांव से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है। शिवलिंग के आकार में बनी इसकी प्राकृतिक संरचना इसे अद्वितीय बनाती है। स्थानीय ग्रामीण इसे विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग मानते हैं और यह स्थान धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है। पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण 1. धार्मिक महत्व: यहाँ हर साल बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। विशेष रूप से महाशिवरात्रि और सावन के महीनों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है। 2. प्राकृतिक सुंदरता: मधेश्वर पहाड़ अपनी नैसर्गिक सुंदरता और शांत वातावरण के कारण प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करता है। 3. एडवेंचर स्पोर्ट्स: पर्वतारोहण और ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए यह स्थान तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। जशपुर जिले में इन गतिविधियों के लिए असीम संभावनाएँ मौजूद हैं। जशपुर का बढ़ता पर्यटन महत्व जशपुर को हाल ही में EaseMyTrip.com में शामिल किया गया था, जो जिले की प्राकृतिक खूबसूरती और पर्यटन स्थलों को वैश्विक मंच पर लाने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने की अपील मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे मधेश्वर पहाड़ जैसे प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण करें और इसे एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि जशपुर जिले को छत्तीसगढ़ का पर्यटन गढ़ बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। भविष्य की संभावनाएँ इस उपलब्धि के बाद राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यटकों की सुविधा के लिए नई योजनाओं पर काम करने का निर्णय लिया है। मधेश्वर पहाड़ को जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बनाने की योजना तैयार की जा रही है।