कोई है,,,,,,साहब ने सुशासन का झंडा बुलंद करने दफ्तर छोड़ा

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*जशपुर/मनोरा,02 जनवरी 2025 – जब पूरा देश नए साल के जश्न में खोया हुआ था, मनोरा ब्लॉक के कर्मठ ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (बीईओ) संजय पटेल ने सुशासन की परिभाषा ही बदल दी। बीईओ साहब ने नए साल का स्वागत अपने “फील्ड” में किया। अब फील्ड का मतलब यहां दोहरा है – एक सरकारी क्षेत्र का, दूसरा असली खेत-मैदान वाला। 1 जनवरी को जब हमारा “सरकारी दफ्तरों में सुशासन कैसा चल रहा है?” विषय पर उनके कार्यालय का दौरा हुआ, तो वहां एक महिला पियून ड्यूटी करती मिली। दूसरे कर्मचारी, जिनका नाम  लेटगू राम है, जो घर का बिजली वायरिंग कराने के लिए पहले ही दफ्तर छोड़ चुके थे। संजय पटेल ने बताया कि नए साल पर भी तीन कर्मचारी – दीपांशु, विभा और अन्य – छुट्टी पर चले गए थे। लेकिन खुद बीईओ साहब ने फील्ड जाने का बीड़ा उठाया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विद्यार्थियों “अपार पहचान” बनाने के लिए अभिभावकों का इंतजार करने के बाद ही फील्ड का रुख किया गया। आपको लगता है क्या कि विष्णु के सुशासन और कलेक्टर रोहित व्यास के प्रशासन में मनोरा के बीईओ संजय पटेल जैसे अधिकारी नए साल का जश्न मनाने का साहस कर सकते हैं? आखिर, जब जिम्मेदारी की बात आती है, तो पटेल साहब पूरे ब्लॉक को दिखा देते हैं कि सुशासन का मतलब सिर्फ कुर्सी पर बैठना नहीं, बल्कि “फील्ड” में पसीना बहाना है।ऐसे कर्मठ अधिकारी को, जो 1 जनवरी को भी सुशासन का झंडा उठाए हुए हैं, उनकी कर्मठता पर शाबाशी जरूर दी जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जशपुर दौरा: विकास कार्यों का लोकार्पण और जन संवाद

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जशपुर,24 दिसंबर2024 – जिले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 25 और 26 दिसंबर को दो दिवसीय दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे जिले के तीन प्रमुख कार्यक्रमों में भाग लेंगे, जिनमें अटल सुशासन समारोह, विकास कार्यों का लोकार्पण, भूमिपूजन, और जन संवाद शामिल हैं। उनके साथ वित्त मंत्री ओपी चौधरी भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। पहला दिन: 25 दिसंबर मुख्यमंत्री साय 25 दिसंबर को रायपुर से हेलीकॉप्टर द्वारा कुनकुरी के सलियाटोली खेल मैदान पहुंचेंगे। वहां वे भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित अटल सुशासन समारोह में शामिल होंगे। समारोह में शामिल रहेंगे ये प्रमुख नेता: लोकसभा सांसद राधेश्याम राठिया पत्थलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत जिला भाजपा अध्यक्ष सुनील गुप्ता जिला महामंत्री भरत सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष शांति भगत जिला पंचायत उपाध्यक्ष उपेंद्र यादव इस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री करोड़ों रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन करेंगे। अटल सुशासन चौपाल कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री सराइटोला में आयोजित अटल सुशासन चौपाल में शामिल होंगे। यहां वे जनता से संवाद करेंगे और उनकी समस्याओं को सुनकर त्वरित समाधान प्रदान करेंगे। रात्रि विश्राम मुख्यमंत्री साय दिनभर के कार्यक्रमों के बाद अपने गृह निवास बगीचा में रात्रि विश्राम करेंगे। दूसरा दिन: 26 दिसंबर दौरे के दूसरे दिन, मुख्यमंत्री बगीचा के घुघरी में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। वहां से वे रायपुर के लिए रवाना होंगे। प्रशासनिक तैयारी पूरी जिला प्रशासन और भाजपा संगठन ने मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। सलियाटोली खेल मैदान और सराइटोला चौपाल में मंच, सुरक्षा व्यवस्था और जनसभा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। जनता की उम्मीदें बढ़ीं मुख्यमंत्री साय के इस दौरे से जनता में विकास कार्यों को लेकर उत्साह है। अटल सुशासन चौपाल के माध्यम से स्थानीय समस्याओं के समाधान की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं।  

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में सुशासन का एक साल: रायमुनी भगत

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जशपुर, 15 दिसंबर 2024: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर विधायक रायमुनी भगत ने ‘‘सुशासन का एक साल, छत्तीसगढ़ हुआ खुशहाल’’ विषय पर उपलब्धियां साझा कीं। उन्होंने कहा कि सरकार ने सुशासन, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। किसानों को 3100 रुपए प्रति क्विंटल पर धान खरीदी और दो साल का बकाया बोनस जारी कर राहत दी गई। 18 लाख प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आवास उपलब्ध कराए गए। महतारी वंदन योजना से 70 लाख माताओं को 6530 करोड़ रुपए का लाभ मिला। जनजातीय समाज के विकास के लिए कदम उठाए गए हैं, तेंदूपत्ता दर बढ़ाकर 5500 रुपए की गई। पर्यटन और उद्योग को प्रोत्साहित करने के साथ एमएसएमई मंत्रालय की स्थापना की गई। प्रदेश में नक्सलवाद उन्मूलन और शिक्षा में नवाचार के तहत नई शिक्षा नीति लागू की गई। जशपुर में 220 बिस्तरों वाला अस्पताल और मयाली नेचर कैंप के विकास के लिए 10 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर प्रदीप साहू, डिप्टी कलेक्टर हरिओम द्विवेदी और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।  

जशपुर जिले में बिछने लगी बर्फ की चादर,पाठ इलाके में पारा गिरकर 5 तक पहुंचा,जनजीवन प्रभावित

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जशपुर,12 दिसम्बर2024 – जिले में ठंड का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। पठारी इलाकों जैसे पंडरापाठ और सन्ना में ओस की बर्फ जमी दिखाई दे रही है। शीतलहर के कारण क्षेत्र का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री तक गिर गया है। ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं, जबकि कई लोग देर तक बिस्तर में दुबके रहने को मजबूर हैं। ठंड के प्रभाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूलों के समय में बदलाव किया है। कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए शासकीय/अशासकीय स्कूलों का समय सुबह 09 बजे से शुरू करने के निर्देश दिए हैं, ताकि बच्चों को शीतलहर के प्रकोप से बचाया जा सके। डॉक्टरों की सलाह ठंड से बचाव के लिए: 1. गर्म कपड़ों का उपयोग: शरीर को पूरी तरह से ढककर रखें। टोपी, मफलर, दस्ताने और मोजे पहनना अनिवार्य करें। 2. गर्म पानी पिएं: ठंड के दिनों में शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए गर्म पानी और सूप का सेवन करें। 3. अलाव से सावधानी बरतें: अलाव का उपयोग करते समय सुरक्षा का ध्यान रखें और इसे बंद स्थानों पर न जलाएं। 4. खानपान पर ध्यान दें: ताजा और पौष्टिक भोजन करें, जिसमें प्रोटीन और विटामिन शामिल हों। 5. ठंड लगने पर लापरवाही न करें: ठंड लगने या ठंड से संबंधित कोई स्वास्थ्य समस्या हो तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। 6. बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें: बुजुर्गों और बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है, इसलिए उनके लिए अतिरिक्त गर्म कपड़ों और गर्म भोजन की व्यवस्था करें।   प्रशासन की अपील: जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक घर से बाहर न निकलें और ठंड से बचाव के उपाय अपनाएं। इसके साथ ही गांवों में जरूरतमंदों के लिए अलाव की व्यवस्था की जा रही है।जशपुर में बढ़ती ठंड के मद्देनजर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सतर्क है।नगरीय इलाकों में बस स्टैंड,चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था की गई है।  

कलेक्टर रोहित व्यास ने बड़े पैमाने पर किए तबादले,’जुगाड़वालों’ की भी नहीं चली

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जशपुर,25 नवम्बर 2024 –  कलेक्टर रोहित व्यास ने प्रशासनिक सुदृढ़ीकरण और कामकाज में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से 6 वर्ष या उससे अधिक समय से एक ही स्थान पर कार्यरत राजस्व निरीक्षकों और लिपिक वर्ग के शासकीय सेवकों का स्थानांतरण किया है। 25 नवंबर को जारी आदेश में कलेक्टर ने स्पष्ट संदेश दिया है कि प्रशासनिक प्रक्रिया में निष्पक्षता और संतुलन बनाए रखना सर्वोपरि है। 25 वर्षों से जमे आरआई का ट्रांसफर कलेक्टर का सबसे बड़ा कदम जशपुर मुख्यालय में 25 वर्षों से कार्यरत राजस्व निरीक्षक गोविंद कुमार सोनी को पत्थलगांव स्थानांतरित करना रहा। यह निर्णय प्रशासनिक स्तर पर एक बड़ा संदेश माना जा रहा है। इसी तरह, कलेक्ट्रेट में पदस्थ बाबुओं का भी स्थानांतरण कर उन्हें नई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। राजस्व निरीक्षकों के स्थानांतरण की सूची: 1. गोविंद कुमार सोनी – जशपुर से पत्थलगांव 2. रोहित कुमार सुकरा – कुनकुरी से पत्थलगांव 3. शशिकांत मिश्रा – दुलदुला से पत्थलगांव 4. चंद्र विजय साय – कुनकुरी से फरसाबहार 5. बिशेष्वर एक्का – पत्थलगांव से दुलदुला 6. रमेशचंद्र भगत – पत्थलगांव से बगीचा 7. राजेश कुमार खूंटे – पत्थलगांव से कुनकुरी 8. कन्हैयालाल डेलकी- फरसाबहार से जशपुर   अन्य विभागीय तबादले भी शामिल इसके अतिरिक्त, जिला कार्यालय और विभिन्न तहसीलों में कार्यरत लिपिक वर्ग और सहायक ग्रेड कर्मचारियों को भी नई शाखाओं में स्थानांतरित किया गया है। इस कदम का उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रिया को अधिक कुशल और प्रभावी बनाना है। कलेक्टर का यह निर्णय प्रशासनिक सुदृढ़ीकरण और पारदर्शिता की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। लंबे समय से एक ही स्थान पर जमे कर्मचारियों के स्थानांतरण से कामकाज में गति और संतुलन आने की संभावना है।यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को नई जिम्मेदारियों को शीघ्र ग्रहण करने के निर्देश दिए गए हैं।    

कल जशपुर में ऐतिहासिक ‘माटी के वीर पदयात्रा’ का पूरा कार्यक्रम देखिए,,,सुबह से लेकर शाम तक जनजातीय समुदायों के भव्य प्रदर्शन के साक्षी बनेंगे दिग्गज नेता

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पूरे संभाग के जनजातीय कलाओं, व्यंजन, आभूषण संस्कृति का ‘माटी के वीर पदयात्रा’ में होगा प्रदर्शन युवाओं को जनजातीय संस्कृति की समृद्धि से कराया जाएगा अवगत जशपुर, 12 नवम्बर 2024/ जनजातीय युवाओं को जनजातीय संस्कृति से परिचित कराते हुए युवाओं को जागरूक करने एवं उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने हेतु भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर 13 नवम्बर को सुबह 9 बजे से जनजातीय गौरव यात्रा ‘माटी के वीर पदयात्रा’ का आयोजन किया गया है। इस पदयात्रा में केंद्रीय युवा कार्यक्रम, खेल, श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ 10 हज़ार से अधिक माई भारत यूथ वालंटियर्स पदयात्रा करेंगे। इस पदयात्रा के लिए पूरे जिले में तैयारियां तीव्र गति से की जा रहीं हैं। इस पदयात्रा में पूरे संभाग की जनजातीय संस्कृति, नृत्यों, आभूषण, व्यंजन एवं परम्पराओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इसमें पुरनानगर पेट्रोल पंप के निकट बस्तर से आये गौर सिंग नाचा दल द्वारा स्वागत के साथ संभाग के सभी जिलों के हस्तशिल्प से बने आभूषणों का प्रदर्शन किया जाएगा। जिसमें जशपुर के बांस के पीढ़ा, छिन्द की चटाई, छोपी माहुल पत्ती की टोपी, छिन्द एवं कांसा की टोकरी, खोमरा (गुंगु), अम्बिकापुर की काष्टकला, बांसशिल्प कला, गोदना कला, सूरजपुर की बांस कला, बलरामपुर की वाद्ययंत्र, देवगुड़ी, जनजातीय आभूषण, मनेन्द्रगढ़ कोरिया की लकड़ी की बनी वस्तुओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ ही सभी जिलों के बने जनजातीय व्यंजनों का भी प्रदर्शन होगा। बालाछापर में पदयात्रा का स्वागत मुंडा नृत्य द्वारा किया जाएगा। वहीं गम्हरिया स्थित काष्ठागार के समीप काष्ठ कला के लाइव प्रदर्शन के साथ माई भारत कियोस्क पंजीयन, एवं जनजातीय खेलों का आयोजन होगा। इसके साथ ही करमा नृत्य द्वारा पदयात्रा का स्वागत किया जाएगा। गम्हरिया में दिया, खप्पर एवं हवनकुंड के निर्माण का प्रदर्शन किया जाएगा। अघोर पीठ के निकट गहिरा गुरु के भक्तों द्वारा गहिरा भजनों का पाठ किया जाएगा। इसके साथ ही मुंडारी नृत्य दल द्वारा नृत्य करते हुए पदयात्रा की अगुवाई की जाएगी। रंगोली ढाबा के निकट जनजातीय दलों द्वारा जयद्रा नाचा एवं करमा नृत्य के अतिरिक्त सरगुजा संभाग में रहने वाली विशेष पिछड़ी जनजातीय समुदाय पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, पंडों एवं बैगा जनजाति के लोगों के द्वारा अपनी पारम्परिक वेशभूषा एवं संस्कृति का प्रदर्शन किया जाएगा। डोड़काचौरा बस्ती में कोरिया जिले के दल द्वारा शैला नृत्य एवं करमा नृत्य करते हुए पदयात्रा की अगुवाई करते हुए छिन्द की टोकरी, बांस की कलाकृति बनाने की जनजातीय कला का प्रदर्शन किया जाएगा। बांकी नदी पर स्थित पुल पर अम्बिकापुर के शैला नृत्य दल द्वारा पदयात्रा की अगुवाई करते हुए जनजातीय खेलों जैसे कबड्डी एवं खोखो का प्रदर्शन किया जाएगा। जैन मंदिर के समीप महादेवनाचा करते हुए बगीचा के दल के द्वारा पदयात्रा की अगुवाई की जाएगी जहां बांस की कलाकृति निर्माण के प्रदर्शन के साथ शास्त्रीय भजन संगीत का प्रदर्शन किया जाएगा। बिरसा मुंडा चौक पर भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनकी जीवन पर प्रकाश डालती आकर्षक प्रदर्शनी के साथ बगीचा के दल द्वारा मुण्डारी नृत्य द्वारा पदयात्रा का स्वागत किया जाएगा। महाराजा चौक पर करमा नृत्य एवं गुदुम बाजा के साथ सिहार पताई की टोपी निर्माण का प्रदर्शन किया जाएगा। ऐतिहासिक काली मंदिर एवं बालाजी मंदिर के निकट कैशव रामायण मण्डली के द्वारा रामायण पाठ द्वारा लोगों को अभिभूत किया जायेगा। वहीं जनजातीय दलों द्वारा अगरबत्ती एवं फूल माला निर्माण का प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं बाला साहब देशपाण्डे उद्यान के निकट सूरजपुर के बायर नाचा दल द्वारा एवं अम्बेडकर चौक में मनेंद्रगढ़ के सुआ दल द्वारा पदयात्रा की अगुवाई की जाएगी। कुमार दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा के पास नगाड़ा बाजा के साथ नारायणपुर जिले के नृत्य दल द्वारा ककसार नृत्य का प्रदर्शन किया जाएगा। वहीं रणजीता स्टेडियम में जनजातीय समाज के युवाओं एवं माई भारत युवा स्वयंसेवकों को संबोधित किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में धान की तस्करी रोकने के लिए जशपुर कलेक्टर ने बनाई विशेष रणनीति,बिचौलियों में हड़कंप

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जशपुर, 12 नवम्बर 2024 – खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के दौरान किसानों से धान खरीदी को सुचारू और पारदर्शी बनाने के लिए प्रशासन ने विशेष तैयारी की है। 14 नवम्बर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जाएगी। इस अवधि में झारखंड और ओडिशा जैसे पड़ोसी राज्यों से अवैध धान परिवहन को रोकने हेतु जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देशानुसार जिले में 21 चेक पोस्ट बनाए गए हैं, जहां तीन पालियों में अधिकारियों और कर्मचारियों की तैनाती की गई है। जिले के विभिन्न चेक पोस्ट—बगुरकेला, सपघरा, करडेगा, कस्तुरा, मकरीबंधा, विपतपुर, सुखरापारा, लवाकेरा, गढ़वामुंडा, माटीपहाड़ छर्रा, सुंडरू, बनखेता, तालड़ा, पेरवाआरा, नामनी चौक, सागजोर, पीड़ी, साईटांगरटोली, डड़गांव, भलमण्डा और सकरडेगा—में 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी ताकि किसी भी प्रकार का अवैध धान का परिवहन न हो सके। पिछले वर्षों में धान खरीदी के दौरान झारखंड और ओडिशा से कम कीमत पर धान खरीदकर इसे समर्थन मूल्य पर बेचने के कई मामले सामने आए थे। इस बार जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए इन गतिविधियों पर अंकुश लगाने का संकल्प लिया है। यह कदम किसानों के हितों की रक्षा और सरकारी राजस्व की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। किसान संगठनों ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन की यह पहल न केवल धान खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएगी, बल्कि जिले के किसानों के हितों को सुरक्षित करने में भी सहायक सिद्ध होगी।वहीं इस रणनीति से बिचौलियों की सारी योजनाओं पर पानी फिरता दिख रहा है।  

डॉ. मनसुख मांडविया जशपुर में जनजातीय गौरव दिवस समारोह में सीएम साय के साथ पदयात्रा करेंगे,जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा

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*भगवान बिरसा मुंडा की विरासत और राष्ट्र निर्माण में आदिवासी समुदायों के योगदान का उत्सव मनाने के लिए पदयात्रा* *10,000 से अधिक माई भारत यूथ वालंटियर्स भगवान बिरसा मुंडा के सम्मान में पदयात्रा में शामिल होंगे* रायपुर 10 नवंबर 2024/ केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया 13 नवंबर को छत्तीसगढ़ के जशपुर में जनजातीय गौरव दिवस पर माई भारत यूथ वालंटियर्स के साथ पदयात्रा करेंगे। इस पदयात्रा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के साथ राज्य के अन्य मंत्री भी शामिल होंगे। यह कार्यक्रम भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में उनकी विरासत और देश के विकास में आदिवासी समुदायों के महत्वपूर्ण योगदान के सम्मान में मनाया जाएगा। इस विशेष कार्यक्रम में आदिवासी विरासत को याद करने, समावेशिता को बढ़ावा देने और आदिवासी समुदायों को लाभ पहुंचाने वाली सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 10,000 से अधिक माई भारत यूथ वालंटियर्स भाग लेंगे। ये वालंटियर्स आदिवासी संस्कृति, विरासत और विरासत की रक्षा और संरक्षण की भावना को बढ़ावा देंगे। पदयात्रा कोमड़ो गांव से शुरू होगी और लगभग 7 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए रणजीत स्टेडियम में समाप्त होगी। यह पदयात्रा युवाओं, आदिवासी नेताओं और समुदाय के सदस्यों को आदिवासी विरासत और भावना के जीवंत उत्सव में एकजुट करेगी। इस कार्यक्रम की शुरुआत भारत की स्वतंत्रता में आदिवासी नेताओं के योगदान को दर्शाने वाले सांस्कृतिक अभिनय और आदिवासी विरासत की प्रचुरता को दर्शाने वाले नृत्यों से होगी। इस पदयात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘एक पेड़ माँ के नाम’ पहल के अनुरूप वृक्षारोपण से होगी। इस पदयात्रा के दौरान, एक प्रदर्शनी स्थल पर ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलनों, आदिवासी नायकों को श्रद्धांजलि और भारत के आदिवासी समुदायों की अनूठी कलात्मकता और शिल्प कौशल का प्रदर्शन किया जाएगा। इस पदयात्रा के मार्ग के ठहराव स्थलों पर आदिवासी संस्कृति, सुंदर रंगोली कलाकृतियां, पेंटिंग और पारंपरिक आदिवासी कला का उत्सव मनाने वाले नाटकों का प्रदर्शन किया जाएगा। सीधी प्रसारित कार्यशालाएं उपस्थित लोगों को आदिवासी नृत्य, संगीत और साहित्य के साथ एक परस्पर अनुभव प्रदान करेंगी जबकि आदिवासी खाद्य पदार्थों का चयन उनके स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताएगा। पदयात्रा के मुख्य आकर्षण में शामिल हैं: सांस्कृतिक कार्यक्रम: सांस्कृतिक समृद्धि का उत्‍सव मनाते आदिवासी नृत्य और संगीत। आदिवासी आंदोलनों और कलाओं पर प्रदर्शनी: नाटकों और झांकियों द्वारा ऐतिहासिक आदिवासी आंदोलनों, वीरता और शिल्प कौशल का प्रदर्शन। जागरूकता कियोस्क: सरकारी योजनाओं और महिला लाभार्थियों के बारे में जानकारी। कलात्मक कार्यक्रम: रंगोली, पेंटिंग और आदिवासी कला और साहित्य को बढ़ावा देने वाली कार्यशालाएं। युवाओं के योगदान का उत्सव: माय भारत पोर्टल और एनवायकेएस उपलब्धियां दर्शाना। आदिवासी नेताओं को श्रद्धांजलि: प्रतिभागी प्रमुख आदिवासी हस्तियों की वेशभूषा में होंगे। आदिवासी उत्कृष्टता को सम्मान: पद्म पुरस्कार विजेताओं का अभिनंदन और पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना। आदिवासी भोजन: स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के आदिवासी खाद्य पदार्थ परोसना। मंत्रालय इस आयोजन के माध्यम से आदिवासी विरासत और संस्कृति की गहन समझ को बढ़ावा देना चाहता है साथ ही सरकारी कल्याणकारी पहलों में आदिवासी समुदाय को सक्रिय रूप से शामिल करना चाहता है। इस उत्सव का उद्देश्य युवाओं को भारत की आदिवासी विरासत की समृद्ध विरासत से जुड़ने, उसे समझने और उसका सम्मान करने के लिए एक मंच प्रदान करना है। युवा कार्यक्रम विभाग देश भर के युवाओं को www.mybharat.gov.in पर माय भारत पोर्टल पर पंजीकरण करके और आदिवासी विरासत की अपनी समझ को गहरा करने और अपनी आदिवासी विरासत का सम्मान करने के लिए इस पदयात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित करता है। संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में एक साल तक चलने वाले उत्सव में युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के अंतर्गत माय भारत, भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को अपनाने और प्रदर्शित करने के लिए पूरे भारत में पदयात्राओं का आयोजन करेगा।

जनजातीय गौरव यात्रा का भव्य आयोजन 13 नवंबर को,कलेक्टर  ने समाज प्रमुखों के साथ  तैयारी को लेकर की बैठक

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जशपुर, 09 नवंबर 2024: भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य में 13 नवंबर को जशपुर में जनजातीय गौरव यात्रा का आयोजन किया जाएगा। इस यात्रा का उद्देश्य जनजातीय संस्कृति को बढ़ावा देना, आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान और बलिदानों को स्मरण करना, और युवाओं को अपनी संस्कृति से जोड़ना है। इस विशेष अवसर के सफल आयोजन हेतु कलेक्टर रोहित व्यास की अध्यक्षता में शनिवार को जिला कार्यालय में समाज प्रमुखों की बैठक हुई। “यह आयोजन आदिवासी महापुरुषों के कार्यों और बलिदानों को सम्मान देने के साथ-साथ आदिवासी समाज के संरक्षण और प्रोत्साहन के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस यात्रा से जनजातीय समुदाय के हितों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी, जिसमें समाज प्रमुखों का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है।” – रोहित व्यास,कलेक्टर जशपुर बैठक में उरांव, गोंड, पहाड़ी कोरवा, खैरवार, मुंडा सहित अन्य जनजातीय समाज प्रमुखों के अलावा जशपुर के व्यापारी संघ, जैन समाज, स्वर्णकार समाज और अन्य समुदायों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। सभी ने एकमत होकर इस गौरव यात्रा के आयोजन को सफल बनाने के लिए अपने-अपने समाज से जुड़े सांस्कृतिक और परंपरागत कलाओं का प्रदर्शन करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर वरिष्ठ जनजातीय नागरिकों, स्वतंत्रता सेनानियों, विशेष पिछड़ी जनजातियों के विशिष्ट सदस्यों और जनजातीय विकास में योगदान करने वाले व्यक्तियों का सम्मान किया जाएगा। जनजातीय खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी इस आयोजन का हिस्सा होंगे। यात्रा का रूट: जनजातीय गौरव यात्रा पुरनानगर से शुरू होगी और विभिन्न मार्गों जैसे बालाछापर चौक, फॉरेस्ट डिपो, गम्हरिया चौक, हाउसिंग बोर्ड, बांकी नदी, जैन मंदिर, बिरसा मुंडा चौक, महाराजा चौक और बालाजी मंदिर से होते हुए रणजीता स्टेडियम तक जाएगी, जहां समापन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस तैयारी बैठक में अपर कलेक्टर प्रदीप कुमार साहू, सीईओ जिला पंचायत रायगढ़ जितेंद्र यादव, एसडीएम जशपुर प्रशांत कुशवाहा सहित विभिन्न समाजों के प्रमुख मौजूद थे।  

जिला प्रशासन-पहाड़ी बकरा-जशप्योर की कोशिश रंग लाई,देशभर से बाइकर्स जुटे

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जशपुर 08 नवम्बर 2024- प्रशासन और पहाड़ी बकरा और जशप्योर के सहयोग से जशपुर में पर्यटन एवं एडवेंचर स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए आयोजित होने वाली बाइक यात्रा में दूर-दूर से लोग आकर्षित हो रहे हैं। जशपुर में 6 से 10 नवम्बर तक विभिन्न पर्यटन स्थल का यात्रा करेंगे पुणे से तुषार गोवर्धन और सागर तथा मुंबई से शुभम गंभीर के साथ-साथ ओडिशा से आकाश, उत्तम, उत्कर्ष और बंगाल से अमित घोष जैसे बाइकर्स ने वेबसाइट पर देशदेखा क्लाइंबिंग सेक्टर के बारे में पढ़ने के बाद इस खूबसूरत जगह की यात्रा करने के लिए प्रेरित हुए हैं और बिलासपुर से अपनी यात्रा शुरू कर दी है। पहला पड़ाव जशपुर बनाएंगे। यहां वे स्थानीय व्यंजनों का स्वाद चखेंगे और देशदेखा क्लाइंबिंग सेक्टर में रॉक क्लाइंबिंग का रोमांच अनुभव करेंगे। इसके बाद, यात्री पांड्रापाट में ऑफबीट कैंपिंग का आनंद लेने के लिए रवाना होंगे, और फिर मक्करभंजा जलप्रपात की यात्रा करेंगे। यात्रा के दौरान, वे स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए कई स्थानों की सफाई भी करेंगे। जशपुर टूर के दौरान सभी पर्यटकों को जशप्योर के सेहतमंद एवं पौष्टिक उत्पाद जैसे की मिलेट कूकीज, पास्ता, लाडू एवं विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक चायों के स्वाद से भी रूबरू कराया जायेगा ।पर्यटक महुआ सेंटर और मंथन फ़ूड लैब में जशपुर की आदिवासी महिलाओं से उनके अनुभव साझा करंगे | बातचीत करके बाइकर्स स्थानीय संस्कृति और जीवनशैली के बारे में अधिक जान पाएंगे। खासकर, तुषार जो खुद एक जैविक किसान भी हैं, वे स्थानीय आदिवासियों से जैविक खेती के तरीकों के बारे में सीखने के लिए उत्सुक हैं। इस तरह की पहल न केवल स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता भी फैलाएगी। बाइकर्स के इस साहसिक कार्यक्रम से जशपुर और आसपास के क्षेत्रों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। स्थानीय लोगों के लिए भी यह एक अवसर होगा कि वे अपने क्षेत्र की खूबसूरती को एक नए नजरिए से देखें। यह यात्रा जशपुर जिला प्रशासन के उन प्रयासों का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जिनके माध्यम से जिले को एक ऐसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है जहां पर्यावरण अनुकूल और स्थायी पर्यटन मॉडल को बढ़ावा दिया जाता है। यह यात्रा न केवल पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव करने का अवसर प्रदान करती है, बल्कि स्थानीय समुदायों के जीवन और संस्कृति से भी रूबरू कराती है। जशपुर जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे इन प्रयासों से न केवल जिले का विकास होगा बल्कि यह अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा।