💥बड़ी खबर जशपुर से💥 पर्यटन स्थल पर शर्मनाक करतूत — मयाली नेचर कैंप में संदिग्ध जोड़ा रंगे हाथों पकड़ा गया, प्रबंधन पर उठे सवाल! देखें तस्वीरें

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💥बड़ी खबर जशपुर से💥 पर्यटन स्थल पर शर्मनाक करतूत — मयाली नेचर कैंप में संदिग्ध जोड़ा रंगे हाथों पकड़ा गया, प्रबंधन पर उठे सवाल! जशपुर/कुनकुरी – जिले का प्रसिद्ध मयाली नेचर कैंप, जो अब तक अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता था, आज एक शर्मनाक घटना के कारण सुर्खियों में है। गुरुवार दोपहर करीब दो बजे नेचर कैंप के मड हाउस में एक संदिग्ध जोड़ा प्रेम संबंध बनाते हुए पकड़ा गया, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश और शर्म दोनों का माहौल है। जानकारी के अनुसार, मयाली नेचर कैंप का उद्घाटन 27 सितंबर 2015 को तत्कालीन भाजपा विधायक रोहित साय ने किया था। पवित्र मधेश्वर महादेव पर्वत की तलहटी में स्थित यह स्थल अब तक पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। पिछले वर्ष यहां पंडित प्रदीप शर्मा द्वारा महाशिव पुराण कथा का आयोजन हुआ था, जिसके बाद से यह स्थान धार्मिक महत्व के साथ राष्ट्रीय पहचान पाने लगा था। लेकिन आज की इस घटना ने पूरे जिले को शर्मसार कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, वन प्रबंधन समिति खडसा के सचिव हरिहर यादव के जिम्मे नेचर कैंप में पर्यटकों को कमरा देने की जिम्मेदारी थी। बताया जा रहा है कि उसने बिना इंट्री रजिस्टर में दर्ज किए ही उस जोड़े को मड हाउस की चाबी दे दी। प्रबंधन समिति के सचिव हरिहर यादव ने अपने बचाव में कहा कि, “दिसंबर महीने की तैयारी के चलते साफ-सफाई का काम चल रहा था। उसी दौरान एक युवक और युवती अंदर घुस गए। मुझे इसकी जानकारी नहीं थी।”   हालांकि समिति के कुछ सदस्यों ने नाम न छापने की शर्त पर खुलासा किया है कि युवक हरिहर यादव का जान-पहचान वाला है और इससे पहले भी कई बार वह मड हाउस में जाकर “अय्याशी” कर चुका है। समिति के अध्यक्ष चंदर सिंह ने इस पूरे मामले को बेहद शर्मनाक बताते हुए कहा कि —“यह पवित्र स्थान है, यहां ऐसी हरकत अस्वीकार्य है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।” वहीं नेचर कैंप के संरक्षक कपिलदेव साय ने इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त की है और कहा कि,”यह सरकार और प्रशासन की छवि खराब करने की साजिश भी हो सकती है। इंचार्ज पर तत्काल कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए।बिना इंट्री कैसे किसी को भी कमरा दे दिया?” भंडरी ग्राम पंचायत के सरपंच वाल्टर कुजूर ने भी आक्रोश जताते हुए कहा कि नेचर कैंप में अनैतिक कार्य को बढ़ावा कौन दे रहा है? इसकी जांच कर दोषी व्यक्ति पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।साथ ही प्रशासन से अपील की है कि जिले के पवित्र स्थलों,पर्यटन स्थलों पर अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। फिलहाल कुनकुरी पुलिस ने युवक और युवती दोनों से पूछताछ शुरू कर दी है। साथ ही वन प्रबंधन समिति के पदाधिकारियों को भी थाने बुलाया गया है। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि —  *क्या धार्मिक और पर्यटन स्थलों की गरिमा की सुरक्षा के लिए प्रशासन सचमुच गंभीर है? *और क्या नेचर कैंप जैसे संवेदनशील स्थलों की निगरानी पर्याप्त है? धार्मिक संगठनों से जुड़े लोगों का कहना है कि जशपुर की पवित्र धरती पर मयाली नेचर कैंप में हुई यह घटना केवल एक अनुशासनहीनता नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की आस्था को ठेस पहुँचाने वाली है।

जनप्रतिनिधि से दुर्व्यवहार पर तहसीलदार सन्ना की कार्यशैली विवाद में, वीडियो वायरल होने के बाद मामला गरमाया

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जशपुर,30 अक्टूबर 2025 – सन्ना तहसील में पदस्थ महिला तहसीलदार एक बार फिर विवादों में घिर गई हैं। जनपद सदस्य राकेश गुप्ता के साथ हुए कथित दुर्व्यवहार का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होते ही मामला तूल पकड़ लिया है। इसमें तहसीलदार को जनप्रतिनिधि से तीखे लहजे में बात करते और गुस्से में नसीहत देते हुए देखा जा सकता है।इस वीडियो की पुष्टि ख़बर जनपक्ष नहीं करता है।तहसीलदार की ओर से इस मामले पर कोई बयान अभी सामने नहीं आया है।   जानकारी के अनुसार, हाल ही में एक जमीन विवाद के दौरान जनपद सदस्य राकेश गुप्ता तहसीलदार से चर्चा करने गए थे। इसी दौरान दोनों के बीच कहासुनी हो गई और बात इतनी बढ़ गई कि माहौल तनावपूर्ण बन गया। जनपद सदस्य का कहना है कि तहसीलदार ने जनप्रतिनिधि के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जो अस्वीकार्य है। पहले भी रह चुकी हैं विवादों में यह कोई पहला मौका नहीं है जब तहसीलदार सन्ना विवादों में आई हों। बगीचा में पदस्थापना के दौरान भी उन पर पटवारियों ने गंभीर आरोप लगाए थे कि उनसे निजी कामों और राशन की मांग की जाती थी। उस समय भी यह मामला चर्चा में रहा था और उनकी कार्यशैली पर सवाल उठे थे। इसके अलावा, अधिवक्ता संघ द्वारा उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया जाना भी विवादों की लंबी सूची में शामिल है।सूत्रों के मुताबिक, कुछ समय पहले तहसील के ही कर्मचारियों ने भी तहसीलदार पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था, जिसके बाद मामला जिला स्तर पर सुलझाया गया था।   राजनीतिक गलियारों में हलचल इस ताजा घटनाक्रम ने राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में नई हलचल मचा दी है। कई संगठन और जनप्रतिनिधि प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। जनपद सदस्य राकेश गुप्ता ने कहा कि किसी भी अधिकारी को जनता के प्रति जवाबदेह रहना चाहिए, न कि अहंकारपूर्ण व्यवहार करना चाहिए।उन्होंने कहा कि यह मामला शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से जुड़ा है, जहां निष्पक्षता की अपेक्षा की जा रही थी, लेकिन व्यवहारिक तौर पर भेदभाव झलक रहा है। सोशल मीडिया फेसबुक में यूजर्स तहसीलदार पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।वहीं अन्य जनप्रतिनिधियों में भी इस मामले पर तहसीलदार के खिलाफ आक्रोश है। अब नजर प्रशासनिक कार्रवाई पर जनप्रतिनिधि के साथ दुर्व्यवहार के आरोप के बाद अब निगाहें प्रशासन पर टिकी हैं। जिला प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन वायरल वीडियो और लगातार बढ़ते जन असंतोष को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस पर जांच या कार्रवाई की घोषणा की जा सकती है।

कुनकुरी में अग्रवाल समाज का प्रदर्शन, नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील गुप्ता के खिलाफ एफआईआर की मांग,,देखें तस्वीरें

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कुनकुरी, 11 सितम्बर 2025/ कुनकुरी शहर में आज अग्रवाल समाज ने नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील गुप्ता की फेसबुक पोस्ट से नाराज होकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। समाज के लोगों ने रैली निकालते हुए पुतला दहन किया और थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर विनयशील के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। अग्र समाज के संभागीय अध्यक्ष पवन अग्रवाल ने कहा कि “गणेश विसर्जन के दौरान हुए सड़क हादसे में चार लोगों की मौत हुई थी। इस पर 50 लाख रुपए मुआवजा मांगना जायज है, लेकिन किसी एक समाज के लिए अलग मांग करना और यह कहना कि फलाने समाज की कीमत इतनी और अन्य समाज की कीमत इतनी—यह बिल्कुल गलत है। राजनीति जातिवाद की नहीं होनी चाहिए। जातिवाद में बयान देने से समाज में विद्वेष फैलता है। इसी कारण आज पूरे संभाग के सभी जिलों के थानों में एफआईआर दर्ज कराई जा रही है।” अग्र समाज के जिला सचिव अमित अग्रवाल ने विनयशील गुप्ता के फेसबुक पोस्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “बगीचा के जुरूडांड में हुई घटना में सरकार ने मृतकों के वारिसों को पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजा दिया। उससे असंतुष्ट होकर विनयशील ने फेसबुक पर समाज को टारगेट करते हुए टिप्पणी की कि अग्रवाल समाज के व्यक्ति की जान की कीमत 50 लाख और अन्य समाज—जिनमें उन्होंने तीन-चार समाजों का नाम लिया—उनकी कीमत पांच लाख। आखिर अग्रवाल समाज को टारगेट करने का उद्देश्य क्या था, यह मैं समझ नहीं पा रहा हूं। उनकी इस टिप्पणी से पूरे अग्रवाल समाज में आक्रोश व्याप्त है।” वहीं, अग्र समाज के जिलाध्यक्ष मुरारीलाल अग्रवाल ने कहा कि “अग्रवाल समाज के लोग सभी राजनीतिक दलों में हैं। विनयशील की टिप्पणी से समाज में नाराजगी है और हम उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए थाने पहुंचे हैं।” फिलहाल, कुनकुरी थाने में अग्रवाल समाज ने थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंप दिया है। पुलिस ने विनयशील गुप्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली है। बता दें कि 2 सितम्बर को बगीचा थानांतर्गत ग्राम जुरूडांड में गणेश विसर्जन जुलूस के दौरान एक तेज रफ्तार बोलेरो वाहन भीड़ में घुस गया था। इस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई और करीब 22 लोग घायल हुए थे। घटना के बाद कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार से मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रुपए और गंभीर घायलों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की थी। इसी मुद्दे पर नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील गुप्ता ने सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ लगातार मुखर होकर टिप्पणी कर रहे हैं।

जशपुर में गणेश विसर्जन हादसे पर बवाल, मुआवजे की मांग को लेकर सड़क पर उतरी कांग्रेस

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Iजशपुर,03 सितंबर 2025 – बगीचा थाना क्षेत्र के जुरूडांड गांव में गणेश विसर्जन के दौरान हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। तेज रफ्तार बोलेरो की चपेट में आने से तीन श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं और जिंदगी-मौत से जूझ रहे हैं।   घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने त्वरित राहत की घोषणा करते हुए मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये तथा घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की बात कही है। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इस घोषणा को नाकाफी बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया है।   सोमवार को जुरूडांड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्थानीय ग्रामीणों ने पूर्व अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह के नेतृत्व में सड़क पर बैठकर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस की मांग है कि मृतकों के परिवार को 50-50 लाख रुपये और घायलों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।   फायरब्रांड नेता विनयशील ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि “दो-तीन साल पहले पत्थलगांव में दुर्गा विसर्जन हादसे में भाजपा ने सड़क पर उतरकर मृतकों के परिजनों के लिए 50 लाख रुपये की मांग की थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वह मुआवजा दिया भी था। अब भाजपा सरकार क्यों पीछे हट रही है?”   प्रदर्शन के चलते मौके पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि हालात काबू से बाहर न हों। वहीं प्रशासनिक अधिकारी प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर शव का अंतिम संस्कार कराने की अपील कर रहे हैं।  

जशपुर के बगीचा में गणेश विसर्जन के दौरान हादसे को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जताया गहरा शोक, मृतक के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता राशि का ऐलान, घायलों के समुचित इलाज के लिए दिए निर्देश

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Update News : जशपुर के बगीचा में गणेश विसर्जन के दौरान हादसे को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जताया गहरा शोक, मृतक के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता राशि का ऐलान, घायलों के समुचित इलाज के लिए दिए निर्देश….*   जशपुर,03 सितम्बर 2025  जशपुर जिले के जुरुडांड, बगीचा में गणेश विसर्जन की झांकी के दौरान हुए दर्दनाक हादसे में तीन लोगों की मृत्यु तथा कई अन्य के घायल होने की दुखद खबर सामने आई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए घायलों की समुचित चिकित्सा एवं आवश्यक मदद के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दुःखद घड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार मृतकों के परिजनों एवं घायलों के साथ खड़ी है। राज्य सरकार द्वारा मृतकों के परिजनों को पाँच-पाँच लाख रुपए एवं घायलों को पचास-पचास हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि स्वीकृत की गई है।उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति एवं घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की है। हम आपको बता दें कि घायलों में इस हादसे में घायल हुए 22 लोगों को बेहतर उपचार किए जाने की जानकारी जिला प्रशासन ने दी है। इनमें से 15 का इलाज अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में तथा 7 का इलाज निजी अस्पताल में किया जा रहा है। शेष 8 घायलों का इलाज बगीचा सीएचसी में चल रहा है। घायलों में 2 की स्थिति गंभीर बताई जा रही है।

हिमालय अभियान पर निकली जशपुर की युवा टीम,कलेक्टर रोहित व्यास ने दी शुभकामनाएं

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जशपुर, 31 अगस्त 2025/ जशपुर से एक विशेष पर्वतारोहण दल हिमालयी अभियान के लिए रवाना हुआ है। दल में शामिल जशपुर के युवा पर्वतारोही हैं – रवि सिंह, तेजल भगत, रूसनाथ भगत, सचिन कुजुर और प्रतीक नायक। इस अभियान का एक और महत्वपूर्ण पहलू है – आदिवासी संस्कृति और उसकी जड़ों से जुड़ाव। जशपुर की पहचान उसकी समृद्ध जनजातीय परंपराओं, प्रकृति-आधारित जीवनशैली और सामूहिकता की भावना से है। हिमालय की ऊँचाइयों पर इन युवाओं का पहुँचना केवल एक खेल उपलब्धि नहीं बल्कि इस बात का प्रतीक है कि कैसे आदिवासी समाज अपनी सांस्कृतिक ताकत और प्रकृति से गहरे रिश्ते को लेकर दुनिया के सामने खड़ा हो रहा है। दल के सदस्य अपनी संस्कृति और साहस अपने साथ लिए हिमालय की ओर बढ़ रहे हैं।   यह अभियान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन से संचालित हो रहा है। दल जशपुर से रांची के लिए रवाना हुआ, जहां से वे ट्रेन द्वारा दिल्ली पहुँचेंगे। दिल्ली से आगे टीम जगतसुख पहुँचेगी, जहाँ वे 4 सितम्बर तक की प्रक्रिया पूरी करेंगे। इसके बाद 5 सितम्बर को टीम आधार शिविर (Base Camp) की ओर प्रस्थान करेगी।   दल को विदा करने के लिए जशपुर जिला प्रशासन एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। जशपुर कलेक्टर श्री रोहित व्यास, जशपुर के डीएफओ श्री शशि कुमार, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार और एसडीएम श्री विश्वास मस्के ने टीम को शुभकामनाएँ दीं और उनके सुरक्षित एवं सफल अभियान की कामना की।   इस अवसर पर कलेक्टर श्री व्यास ने कहा कि जशपुर की युवा प्रतिभाएँ इस अभियान के द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिले और प्रदेश का नाम रोशन करने में योगदान प्रदान कर रही हैं। वहीं डीएफओ श्री शशि कुमार ने इसे जिले की उभरती खेल एवं साहसिक गतिविधियों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। विशेष रूप से, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, जो स्वयं एक अनुभवी पर्वतारोही हैं, ने दल के युवाओं को पर्वतारोहण और ट्रेकिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने सुरक्षा उपायों, ऊँचाई पर स्वास्थ्य प्रबंधन और टीम भावना की अहमियत पर बल देते हुए बच्चों को प्रेरित किया।   जशपुर के लोग भी इस अभियान को लेकर उत्साहित और गर्वित हैं। साथ ही स्थानीय जय जंगल कंपनी जो इस एक्सपीडिशन के स्पान्सर में से एक है, के संस्थापक समर्थ जैन का कहना है कि यह दल पूरे जिले के लिए प्रेरणा है और आने वाली पीढ़ियों को पर्वतारोहण तथा साहसिक खेलों की ओर अग्रसर करेगा। जगह-जगह लोग बच्चों के हौसले और साहस की चर्चा कर रहे हैं और सभी को उम्मीद है कि वे हिमालय से सफलता और गौरव की नई कहानियाँ लेकर लौटेंगे।   इस अभियान का नेतृत्व पर्वतारोही स्वप्निल राचेलवार एवं राहुल ओगरा कर रहे हैं।   साथ ही इस अभियान का एक और महत्वपूर्ण संदेश है – पर्यावरण संरक्षण और नशामुक्ति की दिशा में जागरूकता। यह पहल न केवल युवाओं को प्रकृति से जोड़ने का कार्य करेगी, बल्कि उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करेगी। हिमालय अभियान से यह संदेश भी जाएगा कि साहसिक खेलों और पर्वतारोहण के माध्यम से समाज को एक नई दिशा दी जा सकती है। इससे न केवल जशपुर बल्कि पूरे राज्य में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।

“ऑनलाइन रिकॉर्ड और CCTV अनिवार्य: कुनकुरी में मेडिकल स्टोर्स पर प्रशासन का शिकंजा”

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कुनकुरी,28 अगस्त 2025 – कुनकुरी शहर के मेडिकल स्टोर्स पर अब प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। एसडीएम नंदजी पांडेय के नेतृत्व में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त बैठक CSC भवन में आयोजित की गई, जिसमें सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को कड़े निर्देश दिए गए। बैठक में तय किया गया कि मेडिकल स्टोर्स में बिकने वाली दवाओं का पूरा रिकॉर्ड अब ऑनलाइन दर्ज करना अनिवार्य होगा। साथ ही हर दुकान में सीसीटीवी कैमरे लगाना और उन्हें चालू रखना जरूरी है। बिना डॉक्टर की पर्ची के किसी भी मरीज को दवा नहीं दी जाएगी। नियम तोड़ने पर सीधी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। निर्देशों के बाद संयुक्त टीम ने सुनील मेडिकल, दीपक मेडिकल और रारा मेडिकल स्टोर का निरीक्षण किया। संचालकों को दवाओं का रिकॉर्ड समय पर अपडेट करने और सीसीटीवी व्यवस्था दुरुस्त रखने की हिदायत दी गई।   इस कार्रवाई से मेडिकल व्यवसायियों में हलचल मच गई है। प्रशासन का कहना है कि यह कदम जनता की सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए उठाया गया है और भविष्य में भी इस तरह की जांचें जारी रहेंगी।   निरीक्षण के दौरान एसडीएम नंदजी पांडेय, एसडीओपी विनोद कुमार मंडावी, थाना प्रभारी राकेश यादव, बीएमओ मैडम कुजूर और पुलिस विभाग की टीम मौजूद रही।

जशपुर से हिमालय तक: जनजातीय युवाओं की ऐतिहासिक चढ़ाई की तैयारी

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जशपुर –  26 अगस्त 2025/ छत्तीसगढ़ का जशपुर जिला जो अब तक अपनी हरियाली, झरनों और शांत वनों के लिए प्रसिद्ध रहा है, देशदेखा क्लाइम्बिंग सेक्टर की स्थापना के बाद अब एक और नई पहचान बनाने जा रहा है।जिले के आदिवासी युवा हिमालय की चोटियों पर अल्पाइन तरीके की रॉक क्लाइम्बिंग चढ़ाई के लिए निकलने की तैयारी कर रहे हैं। मियार वैली ट्राइबल अल्पाइन एक्सपेडिशन 2025 केवल एक पर्वतारोहण अभियान नहीं है, बल्कि यह पूरे प्रदेश और देश के लिए गर्व और उम्मीद की कहानी बन रहा है। इस अभियान के लिए अंतिम चरण में पाँच युवाओं का चयन किया गया है, जिनकी अपनी-अपनी कहानियाँ प्रेरणादायक हैं। रुसनाथ भगत जो एम.ए. हिस्ट्री के छात्र और एनसीसी कैडेट हैं, शहर में अपने लोकप्रिय नेपोलियन चाउमिन सेंटर चलाते हैं और कंटेंट क्रिएशन में भी सक्रिय हैं। तेजल भगत एम.एससी. बॉटनी की छात्रा, अपने गाँव बस्ता में एकता क्लब के ज़रिए शिक्षा और बाल अधिकारों के लिए काम करती हैं। सचिन कुजूर, एम.ए. हिस्ट्री के छात्र, जय हो एनजीओ से जुड़े रह चुके हैं और सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के साथ-साथ मंडार, एक पारंपरिक जनजातीय वाद्य, बजाने में माहिर हैं। प्रतीक, बी.कॉम स्नातक और एनएसएस वॉलंटियर, खेती करना पसंद करते हैं और परिवार का सहारा बनने के लिए बर्तन की दुकान में काम भी कर चुके हैं। वहीं रवि सिंह, बाइक मैकेनिक और साइकिलिंग के शौकीन, ने हाल ही में जशपुर का पहला देशदेखा क्लाइम्बिंग को. नामक एडवेंचर गाइडिंग कार्य बाकी प्रशिक्षित युवाओं के साथ शुरू किया है। टीम को जशपुर के जंगलों और आसपास की चट्टानों में कठोर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहाँ उन्हें कैंपिंग, ट्रैड क्लाइम्बिंग, रूट ओपनिंग, वाइल्डरनेस फर्स्ट एड और माउंटेन एथिक्स जैसी अहम तकनीकें सिखाई जा रही हैं। प्रशिक्षण की कमान स्वप्निल शिरीष रचेलवार, अमेरिका से डेव गेट्स, रनर्सग्च से सागर दुबे, प्रसिद्ध भारतीय कोच प्रतीक निनवाने वर्तमान में यू मुम्बा कबड्डी टीम के प्रमुख फिटनेस कोच और काफी मीडिया से ईशान गुप्ता जैसे अनुभवी प्रशिक्षकों के हाथों में है। यह प्रशिक्षण केवल शारीरिक तैयारी नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता और नेतृत्व क्षमता विकसित करने पर भी केंद्रित है। जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार के इस अभियान को स्थानीय लोगों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बड़े पैमाने पर समर्थन मिला है। विश्व की सबसे बड़ी पर्वतारोहण उपकरण निर्माता कंपनी पेटज़ल ने भारत में अपने साझेदार अलाइड सेफ्टी इक्विपमेंट के साथ मिलकर आधिकारिक उपकरण प्रायोजक की भूमिका निभाई है। अद्वेनोम एडवेंचर और जय जंगल ने पौष्टिक और ऑर्गेनिक भारतीय शैली के एडवेंचर फ़ूड उपलब्ध कराने का जिम्मा उठाया है। रनर्सग्च्, एक प्रतिष्ठित एथलीट कोचिंग ब्रांड, टीम की शारीरिक और मानसिक मजबूती पर काम कर रहा है। इसके साथ स्पेन की प्रसिद्ध बार्सिलोना क्लाइम्ब्स और मिस्टिक हिमालयन ट्रेल्स ने गाइडिंग और बेसकैंप गतिविधियों में सहयोग दिया है। इस अभियान का संचालन पहाड़ी बकरा एडवेंचर कर रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ का प्रमुख औद्योगिक समूह हिरा ग्रुप इस पहल से प्रेरित होकर आधिकारिक प्रायोजक बना है। रेकी ऑउटडोर्स ने टीम को आधिकारिक पर्वतीय परिधान मुहैया कराए हैं, जबकि रेडपांडा ऑउटडोर्स और गोल्डन बोल्डर्स ने उपकरण सपोर्ट दिया है। आदि कैलाश वेलनेस पार्टनर के रूप में टीम के स्वास्थ्य और रिकवरी में सहयोग कर रहा है। मुख्य प्रायोजकों के अलावा कुल मिलाकर 15 कंपनियों ने अपना सहयोग प्रदान कर इसे शुरुआत से ही एक सफल अभियान बना दिया है। जशपुर से निकले ये पाँच युवा अब हिमालय की मियार वैली की ऊँचाइयों को छूने के सपने के साथ आगे बढ़ रहे हैं। ज्ञात रहे कि यह टीम 31 अगस्त को जशपुर से हिमाचल प्रदेश की ओर गंतव्य के लिए निकलेगी। एक महीने के इस अभियान पर जनजातीय युवक देश-विदेश के प्रसिद्ध माउंटेन क्लाइम्बर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लीडर के तौर पर प्रतिभाग करेंगे। यह पहल केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश और देश के लिए एक प्रेरणा है। यह साबित कर रही है कि अवसर और सहयोग मिलने पर जंगलों और गाँवों से भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के पर्वतारोही तैयार हो सकते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभियान आने वाले समय में भारतीय हिमालयी पर्वतारोहण की दिशा बदल सकता है और अगली पीढ़ी के अल्पाइन क्लाइम्बर्स इन्हीं अप्रत्याशित इलाकों से निकल सकते हैं। यह केवल एक चढ़ाई नहीं, बल्कि बदलाव की चढ़ाई है।

मुख्यमंत्री की सौगात: बंदरचुवा और दुलदुला में बनेगा सर्वसुविधायुक्त बस स्टेशन,वर्षों पुरानी मांग सीएम साय ने की पूरी

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जशपुर, 17 अगस्त 2025 – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में प्रदेश में जनसुविधा आधारित अधोसंरचना विकास को नई गति मिल रही है। उनके कार्यभार संभालते ही किसानों, विद्यार्थियों, व्यापारियों और आम नागरिकों की आवश्यकताओं को केंद्र में रखते हुए विभिन्न विकास कार्यों को निरंतर स्वीकृति मिल रही है और योजनाएं तेज़ी से ज़मीन पर उतर रही हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री घोषणा मद से जशपुर जिले के बंदरचुवा में सर्वसुविधायुक्त बस स्टैंड तथा दुलदुला में बस स्टैंड निर्माण हेतु कुल 1 करोड़ 99 लाख 98 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन निर्माण कार्यों से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, यात्रा सुगम होगी और क्षेत्रीय परिवहन व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। मुख्यमंत्री की पहल पर बंदरचुवा में सर्वसुविधायुक्त बस स्टैंड के निर्माण के लिए 99.99 लाख रुपए और दुलदुला में बस स्टैंड निर्माण के लिए 99.99 लाख रुपए की स्वीकृति मिली है।

बड़ी खबर: बच्चे चप्पल पहनकर स्कूल आए तो प्रिंसिपल ने कहा – भागो यहां से,अभिभावकों में रोष,लोयोला हाईस्कूल का मामला

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रिपोर्ट – संतोष चौधरी जशपुर/कुनकुरी, 2 अगस्त – एक तरफ सरकार हर बच्चे को शिक्षा दिलाने की कोशिश में करोड़ों खर्च कर रही है, वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की विधानसभा से ही ऐसी तस्वीर सामने आई है जो न केवल अमानवीय है बल्कि “शिक्षा का अधिकार कानून” (RTE Act, 2009) की खुलेआम अवहेलना है। दरअसल, जशपुर जिले के कुनकुरी स्थित प्रतिष्ठित लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल, जहां से खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पढ़ाई की है, वहां शनिवार को कुछ छात्रों को सिर्फ इसलिए स्कूल से बाहर निकाल दिया गया क्योंकि वे बारिश में भीगने के कारण जूते नहीं पहन सके और चप्पल पहनकर आ गए थे। बताया गया कि शुक्रवार को स्कूल से लौटते समय बारिश के चलते कई बच्चों के जूते भीग गए। शनिवार को जब वे सूखे नहीं तो मजबूरी में बच्चों ने चप्पल पहनकर स्कूल आना उचित समझा, पर प्रिंसिपल फादर सुशील टोप्पो ने इसे “अनुशासनहीनता” मानते हुए बच्चों को स्कूल परिसर से बाहर निकाल दिया। छात्र हर्ष राम (कक्षा 9वीं) का कहना है – “हमने पहले भी देखा है कि पुराने प्रिंसिपल हमारी परिस्थितियों को समझते थे, लेकिन नए प्रिंसिपल बहुत सख्त हैं। आज हम लोग को बिना पढ़ाई के घर भेज दिए।बहुत खराब लग रहा है।” वहीं अभिभावक विष्णु राम और श्रवण यादव ने इसे बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हनन बताया और जिला प्रशासन से मामले में कठोर कार्रवाई की मांग की है। क्या कहता है कानून? “शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009” (Right to Education Act) के तहत कोई भी स्कूल 6 से 14 वर्ष की आयु के किसी भी बच्चे को इस तरह शिक्षा से वंचित नहीं कर सकता। यूनिफॉर्म संबंधी नियमों के पालन में लचीलापन आवश्यक है, विशेषकर जब मामला गरीब परिवारों या प्राकृतिक परिस्थितियों से जुड़ा हो। प्रिंसिपल ने रखा अपना पक्ष इस घटना के बारे में जब हमने लोयोला हाईस्कूल हिंदी मीडियम के प्रिंसिपल फादर सुशील तिग्गा से बात की तो उन्होंने यह स्वीकार किया कि बिना जूता पहने स्कूल आने वाले छात्रों को बिना आवेदन के क्लास में बैठने नहीं दिया जाता।सुशील ने बताया कि हमने बच्चों को जुलाई तक रियायत दी थी।आज तीन छात्र मेरे पास आए थे,उन्होंने बारिश में जूता भींगने की बात बताई थी तो मैने उन्हें आवेदन देने को कहा था लेकिन उन्होंने आवेदन नहीं दिया और स्कूल से बाहर चले गए। प्रशासन से अपील इस मामले की जानकारी मिलने पर कई अभिभावकों ने कहा – “यह मामला न सिर्फ संवेदनशील है, बल्कि कानूनन भी गलत है। ज़रूरत है कि जिला शिक्षा अधिकारी, बाल संरक्षण आयोग और प्रशासन इस घटना की उच्च स्तरीय जांच कराए और बच्चों को पुनः शिक्षा से जोड़ा जाए। साथ ही स्कूल प्रशासन को निर्देशित किया जाए कि बच्चों की समस्याओं को मानवीय दृष्टिकोण से समझें।”