पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या: नेशनल हाईवे जाम, आरोपियों और पुलिस पर कार्रवाई की मांग

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  बीजापुर,04 जनवरी 2025 –  बीजापुर जिले के निर्भीक पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या और शव मिलने की घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। तीन दिनों से लापता मुकेश का शव शुक्रवार को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया। घटना के बाद पत्रकार समुदाय में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। हत्या का संदिग्ध मामला: बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव द्वारा जारी बयान के अनुसार, पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी को शाम के समय घर से निकले थे। कुछ देर बाद उनका फोन बंद हो गया और वह वापस नहीं लौटे। परिजनों ने काफी तलाश के बाद उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस जांच में शुक्रवार को उनका शव चट्टानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। भ्रष्टाचार के खिलाफ खबर बनी कारण? मुकेश के भाई युकेश चंद्राकर ने खुलासा किया कि कुछ दिनों पहले मुकेश ने गंगालूर से नेलसनार तक बन रही 45 किलोमीटर लंबी सड़क में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार को उजागर किया था। उन्होंने बताया कि मुकेश बीजापुर के अंदरूनी नक्सल प्रभावित इलाकों में पत्रकारिता करते हुए ज्वलंत मुद्दों को सामने लाने में अग्रणी थे। पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन: मुकेश के शव मिलने के बाद शनिवार सुबह से ही बीजापुर में पत्रकारों ने नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने हत्या के दोषियों की गिरफ्तारी और कड़ी सजा के साथ-साथ बीजापुर एसपी को सस्पेंड कर तबादला करने की मांग की है। प्रदर्शन स्थल पर पुलिस की भारी तैनाती की गई है, लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, उनका आंदोलन जारी रहेगा। मुकेश चंद्राकर को क्षेत्र में निर्भीक और सशक्त पत्रकार के रूप में जाना जाता था। उन्होंने न केवल भ्रष्टाचार उजागर किया, बल्कि नक्सल कब्जे से जवानों को छुड़ाने में भी अहम भूमिका निभाई। उनकी हत्या ने पूरे बस्तर संभाग को स्तब्ध कर दिया है। सरकार और प्रशासन पर उठे सवाल: इस जघन्य हत्या ने पुलिस और प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पत्रकारों का आरोप है कि मुकेश की हत्या में पुलिस की लापरवाही भी जिम्मेदार है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि हत्या के पीछे छिपे कारणों और दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।  

बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या: सीएम साय समेत पत्रकारिता जगत और समाज में शोक की लहर

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ख़बर ज़नपक्ष डेस्क : बीजापुर के युवा और समर्पित पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की खबर ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस जघन्य घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि यह पत्रकारिता जगत और समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आया बयान   मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर शोक संदेश जारी करते हुए लिखा, “मुकेश चंद्राकर जी की हत्या का समाचार अत्यंत दुखद और हृदयविदारक है। इस घटना के अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलाई जाए।” पत्रकारिता में योगदान मुकेश चंद्राकर बीजापुर के चर्चित पत्रकारों में से एक थे और उनके यूट्यूब चैनल “बस्तर जंक्शन” ने नक्सल प्रभावित इलाकों में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया था। उनकी साहसी पत्रकारिता ने उन्हें लोगों के बीच एक पहचान दिलाई। परिवार और समाज में शोक मुकेश चंद्राकर के परिवार और स्थानीय पत्रकार समुदाय में इस घटना से भारी आक्रोश और दुख का माहौल है। उनकी हत्या ने क्षेत्र में प्रेस की सुरक्षा और स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस जांच में प्रगति इस मामले में पुलिस ने अब तक एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है और कई सुरागों पर काम कर रही है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने दावा किया है कि इस केस को जल्द सुलझाया जाएगा। शोक संदेश मुख्यमंत्री श्री साय के अलावा कई अन्य नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकार संगठनों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सभी ने अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग की है।  

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन: देश ने खोया एक महान अर्थशास्त्री और राजनेता

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नई दिल्ली,27 दिसम्बर 2024 // भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का कल 26 दिसम्बर को निधन हो गया। 91 वर्ष की आयु में डॉ. सिंह ने नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनके निधन से देशभर में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कांग्रेस प्रमुख खड़गे,सोनिया गांधी, राहुल गांधी और देश के अन्य नेताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं। एक आर्थिक सुधारक का सफर डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत (अब पाकिस्तान) के गाह गांव में हुआ था। वे बचपन से ही मेधावी छात्र थे और उच्च शिक्षा के लिए ऑक्सफोर्ड और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गए। डॉ. सिंह को 1991 में देश के आर्थिक सुधारों का मुख्य शिल्पकार माना जाता है। वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को उदारीकरण की दिशा में ले जाते हुए एक नई राह दिखाई। प्रधानमंत्री के रूप में योगदान 2004 से 2014 तक डॉ. मनमोहन सिंह ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की। उनके कार्यकाल में आर्थिक विकास की दर तेज हुई, और देश ने कई ऐतिहासिक समझौतों, जैसे कि भारत-अमेरिका परमाणु समझौता, पर हस्ताक्षर किए। उनकी सादगी, ईमानदारी और दूरदर्शिता ने उन्हें एक अनुकरणीय नेता के रूप में स्थापित किया। सामाजिक और राजनीतिक विरासत डॉ. सिंह को भारत रत्न समेत कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। वे न केवल एक कुशल अर्थशास्त्री थे, बल्कि एक प्रेरक नेता भी थे, जिन्होंने अपने जीवन को देश और समाज की सेवा के लिए समर्पित किया। देशभर में शोक उनके निधन पर प्रधानमंत्री, विपक्षी नेताओं, उद्योगपतियों और आम जनता ने शोक व्यक्त किया। डॉ. सिंह के सम्मान में देशभर में दो दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया है। डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन सादगी, सेवा और समर्पण का प्रतीक था। उनका निधन भारतीय राजनीति और समाज के लिए अपूरणीय क्षति है।  

बांग्लादेशी नाव में मछलियों को लेकर विवाद, ओडिशा मरीन फिश प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ने पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग की

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कोलकाता,13 दिसम्बर 2024 – भारतीय जलक्षेत्र में मछली पकड़ते पकड़ी गईं दो बांग्लादेशी नावों और 78 मछुआरों को तटरक्षक बल द्वारा जब्त किया गया था। हालांकि, इन नावों और मछुआरों को गृह और विदेश मंत्रालय की अनुमति मिलने के बाद ही छोड़ा जा सकेगा। लेकिन इसी बीच नावों में मौजूद 170 टन मछलियों को लेकर विवाद गहरा गया है। ओडिशा मरीन फिश प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन का विरोध ओडिशा मरीन फिश प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ने इस मामले पर सवाल उठाते हुए सरकार को चेतावनी दी है। संघ ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि यह मछलियां भारतीय मछुआरों का अधिकार हैं और उन्हें किसी भी हाल में बांग्लादेश को नहीं सौंपा जाना चाहिए। इस विवाद को लेकर संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा है। संघ का आरोप: संघ ने आरोप लगाया कि 16 अक्टूबर को भारतीय नाव “जय जगन्नाथ” और “बसंती” को बांग्लादेश तटरक्षक बल ने पकड़ा और उनमें मौजूद 30 टन मछलियों को वहीं नीलाम कर दिया।हमारे 60 मछुआरे अभी तक रिहा नहीं किये गए हैं। इसके बावजूद भारतीय सरकार ने बांग्लादेशी नावों और मछुआरों को तुरंत माफी देकर वापस जाने दिया। सरकार पर सवाल ओडिशा मरीन फिश प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीकांत कुमार परिडा ने कहा, “हमारी सरकार का रवैया बांग्लादेश के प्रति नरम क्यों है? 170 टन भारतीय मछलियां हमारे मछुआरों की आजीविका हैं। सरकार चाहे नावें छोड़ दे, लेकिन हम मछलियों को नहीं छोड़ेंगे।” संघ की चेतावनी उन्होंने आगे कहा कि यदि सरकार ने तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया, तो 15 लाख मछुआरे विरोध प्रदर्शन करेंगे और बांग्लादेशी नावों को रोकने के लिए मजबूर होंगे। — प्रधानमंत्री के नाम पत्र का सारांश (हिंदी अनुवाद) सेवा में, माननीय प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी, विषय: बांग्लादेशी नावों से जब्त की गई मछलियों की नीलामी के संबंध में हस्तक्षेप की मांग श्रीकांत परिडा, अध्यक्ष, ओडिशा मरीन फिश प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन ने पत्र के माध्यम से लिखा है कि जब भारतीय नावें बांग्लादेश द्वारा पकड़ी जाती हैं, तो न केवल नाव और मछुआरों को दंडित किया जाता है, बल्कि उनकी मछलियों को भी जब्त कर नीलाम कर दिया जाता है। पत्र में उन्होंने आग्रह किया कि जब्त की गई 170 टन मछलियों को तुरंत नीलाम किया जाए और उससे होने वाली आय को स्थानीय मछुआरा समुदाय के कल्याण के लिए उपयोग किया जाए। उन्होंने लिखा: “यह न केवल हमारी राष्ट्रीय संप्रभुता का उल्लंघन है, बल्कि स्थानीय मछुआरों की आजीविका पर भी प्रभाव डालता है। यदि सरकार तुरंत कार्रवाई नहीं करती, तो यह स्थानीय मछुआरों और समुद्री पारिस्थितिकी पर बुरा प्रभाव डालेगा।” निवेदन: “आपके नेतृत्व में हमें विश्वास है कि यह मुद्दा जल्द ही भारतीय मछुआरों के अधिकारों और हितों की रक्षा करते हुए सुलझाया जाएगा।” Yours faithfully, श्रीकांत परिडा अध्यक्ष, ओडिशा मरीन फिश प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन  

*राज्यपाल रमेन डेका एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आत्मीय स्वागत, कुछ ही देर में प्रधानमंत्री मोदी मां महामाया एयरपोर्ट से विमानसेवा का करेंगे लोकार्पण*

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रायपुर, 20 अक्तूबर 2024/महामाया एयरपोर्ट दरिमा अंबिकापुर के लोकार्पण समारोह में शामिल होने अंबिकापुर पहुंचे राज्यपाल रमेन डेका एवं मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय का एयरपोर्ट पर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा पुष्प भेंट कर आत्मीय स्वागत किया गया। राज्यपाल श्री डेका का यह प्रथम जिला आगमन है। इस दौरान उनके साथ उपमुख्यमंत्री अरूण साव, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, वित्त मंत्री एवं प्रभारी मंत्री सरगुजा ओ.पी. चौधरी भी अंबिकापुर पहुंचे। इस अवसर पर आदिम जाति कल्याण एवं कृषि मंत्री  रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री  श्यामबिहारी जायसवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाडे़, संसदीय क्षेत्र सरगुजा सांसद चिंतामणि महाराज, लुण्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज, अम्बिकापुर विधायक  राजेश अग्रवाल, सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो, संयुक्त सचिव संजीव झा, सरगुजा संभागायुक्त जीआर चुरेंद्र, आईजी अंकित गर्ग, कलेक्टर विलास भोसकर, पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल उपस्थित रहे।

छत्तीसगढ़ को डबल इंजन का मिल रहा डबल फायदा,मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मांग पर मोदी सरकार ने सड़क उन्नयन के लिए खोला खजाना,सीएम ने मोदी-गडकरी का जताया आभार

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*मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मांग पर भारत सरकार ने 8 सड़क खंडों के विकास के लिए स्वीकृत किए 892 करोड़ रुपए* *राज्य के 6 जिलों में 324 किमी सड़क का होगा विकास, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जारी किया आदेश* *मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी को दिया धन्यवाद* रायपुर. 14 अक्टूबर 2024. केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में आठ सड़क खंडों के विकास के लिए 892 करोड़ 36 लाख रुपए मंजूर किए हैं। इस राशि से राज्य के छह जिलों में करीब 324 किलोमीटर सड़कों के विकास और उन्नयन के कार्य किए जाएंगे। भारत सरकार ने आज राशि स्वीकृति का आदेश राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग के सचिव को भेजा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य में सड़कों के विकास के लिए इतनी बड़ी राशि देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री  नितिन गडकरी को धन्यवाद दिया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सीआरआईएफ (Central Road & Infrastructure Fund) से मंजूर की गई इस राशि के लिए भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य में सड़कों के निर्माण में केंद्र सरकार का लगातार सहयोग मिल रहा है। इस राशि से बेमेतरा, मुंगेली, राजनांदगांव, जशपुर, बिलासपुर और खैरागढ़ जिले में आठ सड़क खंडों का चौड़ीकरण, मजबूतीकरण और उन्नयन होगा। राज्य शासन के लोक निर्माण विभाग द्वारा प्रदेश के छह जिलों में कुल 323.9 किलोमीटर सड़क खंडों के विकास के लिए इस साल 9 सितम्बर को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा गया था। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने विगत 30 सितम्बर को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव के साथ नई दिल्ली में हुई बैठक में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दी थी। भारत सरकार द्वारा आज इसके लिए 892 करोड़ 36 लाख रुपए की स्वीकृति का आदेश जारी कर दिया गया है। भारत सरकार द्वारा मंजूर की गई 892 करोड़ 36 लाख रुपए की राशि से बेमेतरा और मुंगेली जिले में नांदघाट-मुंगेली सड़क खंड में 39 किलोमीटर लंबाई और बेमेतरा-नवागढ़-मुंगेली सड़क खंड में 43 किलोमीटर लंबाई का चौड़ीकरण एवं मजबूतीकरण किया जाएगा। राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव-चौकी-मोहला मानपुर सड़क खंड में 96.2 किलोमीटर, जशपुर जिले के बागबहार-कोतबा सड़क खंड में 13.5 किलोमीटर, लुड़ेग-तपकरा-लावाकेरा सड़क खंड में 41 किलोमीटर और जशपुर-आस्ता-कुसमी सड़क खंड में 28 किलोमीटर लंबाई में मजबूतीकरण का कार्य भी इनमें शामिल हैं। बिलासपुर जिले के सिरगिट्टी-सरवानी-पसीद-अमलडिहा-बरतोरी-दगोरी सड़क खंड के 32.8 किलोमीटर तथा राजनांदगांव और खैरागढ़ जिले के राजनांदगांव-कवर्धा-पोंडी सड़क खंड के 30.4 किलोमीटर का चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का कार्य भी इस राशि से किया जाएगा।

नक्सल मोर्चे पर पीएम मोदी ने की सीएम साय की तारीफ, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाक़ात,राज्य की विकास योजनाओं और नक्सल उन्मूलन पर की चर्चा

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नई दिल्ली, 8 अक्टूबर 2024: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से उनके निवास पर शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में बीते नौ महीनों के दौरान किए गए प्रमुख विकास कार्यों की जानकारी दी, जिनमें कृषि, शिक्षा और कौशल विकास पर केंद्रित पहलों का विशेष उल्लेख किया गया। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हुए हालिया सफल ऑपरेशनों की जानकारी भी प्रधानमंत्री के समक्ष प्रस्तुत की। मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य में आठ लाख आवासों की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह योजना लाखों परिवारों को आवासीय सुरक्षा और स्थिरता प्रदान कर रही है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस पहल की सराहना की और इसे राज्य के विकास में एक अहम कदम बताया। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री साय ने राज्य में माओवाद के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की प्रगति पर चर्चा की। उन्होंने नारायणपुर और दंतेवाड़ा जिलों में हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न ऑपरेशन का जिक्र करते हुए बताया कि इसमें 31 नक्सलियों का सफाया किया गया, जो राज्य में अब तक का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी अभियान रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस सफलता के लिए सुरक्षा बलों की प्रशंसा की और इसे राज्य में शांति बहाली और विकास के मार्ग की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बताया। मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री को आदिवासी क्षेत्रों में युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए चलाई जा रही योजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन योजनाओं के अंतर्गत युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे रोजगार के बेहतर अवसरों से जुड़ सकें और राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास में योगदान दे सकें। कृषि के क्षेत्र में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ में डिजिटल तकनीक और उन्नत कृषि विधियों के इस्तेमाल से किसानों की उत्पादकता और आय में बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास प्रधानमंत्री के “विकसित भारत 2047” के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं, और छत्तीसगढ़ इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य में आदिवासी बच्चों के लिए मातृभाषा में शिक्षा की व्यवस्था की गई है, जिससे उनकी शैक्षणिक प्रगति में सुधार हो रहा है। साथ ही, तकनीकी शिक्षा पर विशेष जोर दिया जा रहा है ताकि राज्य के बच्चे आधुनिक तकनीकों में प्रशिक्षित हो सकें और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो सकें। प्रधानमंत्री मोदी ने छत्तीसगढ़ सरकार के इन प्रयासों की सराहना की और राज्य की प्रगति के लिए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का विकास मॉडल अन्य राज्यों के लिए प्रेरणादायक है और इसे और भी सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार पूर्ण समर्थन देगी। मुख्यमंत्री साय की यह मुलाकात राज्य के विकास और नक्सल उन्मूलन के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।  

*प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों की उन्नति जय जवान-जय किसान के नारे को कर रही है सार्थक : विष्णु देव साय*

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*प्रदेश के किसानों की ओर से मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का जताया आभार* *प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त* *छत्तीसगढ़ के 24 लाख 98 हजार से अधिक किसानों के खातों में पीएम किसान सम्मान निधि के 566 करोड़ 77 लाख रुपए अंतरित* रायपुर 05 अक्टूबर 2024// प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज महाराष्ट्र के वाशिम जिले से देश के लगभग 9 करोड़ 40 लाख से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 18वीं किस्त के रूप में 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि सीधे उनके खाते में अंतरित की। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 18वीं किस्त के ऑनलाइन अंतरण कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 18वीं किस्त के रूप में प्रदेश के 24 लाख 98 हजार से अधिक किसानों के खातों में 566 करोड़ 77 लाख रुपए से अधिक की राशि अंतरित होने पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया। श्री साय ने इस मौके पर प्रदेश के किसानों को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 17 वीं किश्त की तुलना में इस बार 66 हजार 485 अधिक किसानों ने योजना का लाभ उठाया है। इससे पहले भी 16 वीं किश्त की तुलना में 17वीं किश्त का लाभ उठाने वाले किसानों की संख्या 01 लाख 11 हजार 518 अधिक थी। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि योजना की किश्त-दर-किश्त लाभान्वित होने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोतरी होना इस बात का प्रमाण है कि भारत के कृषि क्षेत्र में कितनी तेजी से प्रगति हो रही है। यह मोदी सरकार पर किसानों के मजबूत भरोसे का भी प्रमाण है। श्री साय ने कहा कि 18 वीं किश्त के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के जो किसान भाई-बहन आज लाभान्वित हो रहे हैं, उनमें 02 लाख 49 हजार 867 वन-पट्टा धारक हैं और 30 हजार 408 किसान पीवीटीजी योजना के अंतर्गत लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में किसानों की उन्नति जय जवान-जय किसान के नारे को सार्थक कर रही है। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री  लखनलाल देवांगन, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री  टंकराम वर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, विधायकगण मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा,  ईश्वर साहू, गुरु खुशवंत साहेब और डॉ. रामप्रताप मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए PM किसान सम्मान निधि योजना के लाभ को बढ़ाने के दिए निर्देश,किसान अनिल ने कहा – ‘मदद से हम किसानों को मिली मजबूती’

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जशपुर, 28 सितंबर 2024 मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने प्रदेश के किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना का अधिक से अधिक लाभ दिलाने के निर्देश दिए हैं। यह योजना भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की वित्तीय सहायता तीन समान किस्तों में दी जाती है, जिससे वे अपनी खेती-बाड़ी के कामों को बेहतर ढंग से कर सकें। जशपुर जिले के कांसाबेल विकास खंड के किसान अनिल राम को इस योजना का लाभ मिल रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री साय का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “किसान सम्मान निधि से मुझे खेती करने में बड़ी आर्थिक सहायता मिली है। इस योजना का लाभ उठाकर मैं अपनी कृषि गतिविधियों को सुचारू रूप से संचालित कर पा रहा हूँ।” मुख्यमंत्री श्री साय के सुशासन में यह योजना सीधा किसानों तक पहुंच रही है, जिससे छोटे किसानों को बड़ी राहत मिल रही है। यह योजना खासतौर पर उन किसानों के लिए लाभदायक है जिनके पास 2 हेक्टेयर तक कृषि भूमि है। योजना का उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना और कृषि विकास को बढ़ावा देना है। इसके तहत किसानों के बैंक खातों में सीधे राशि ट्रांसफर की जाती है, जिससे वे बिना किसी परेशानी के खेती-बाड़ी के लिए आवश्यक संसाधन जुटा सकें। अन्य लाभ इस योजना का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना और उनके जीवन स्तर को सुधारना है। यह पहल न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत कर रही है, बल्कि पूरे कृषि क्षेत्र को भी सशक्त बना रही है। किसान सम्मान निधि योजना, किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, और प्रदेश के किसान इसे सराहनीय पहल मानते हैं।  

*’मोदी है तो सम्भव है’ पुस्तक का मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया विमोचन* *रामेश्वर वैष्णव द्वारा रचित है पुस्तक

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रायपुर, 22 सितंबर 2024/छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शनिवार रात रायपुर स्थित निवास कार्यालय में सुप्रसिद्ध साहित्यकार, गीतकार रामेश्वर दास वैष्णव द्वारा रचित पुस्तक ’मोदी है तो सम्भव है’ का विमोचन किया। विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुस्तक के लेखक रामेश्वर दास वैष्णव को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में प्रत्येक क्षेत्र में ऐतिहासिक काम हुए हैं। साथ ही देश के प्रत्येक वर्ग का सर्वांगीण विकास हुआ है। ऐसे में उन्होंने साहित्यिक रचना हेतु पुस्तक के लेखक को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इस किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों को अलग अंदाज में मुक्तकों के द्वारा प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री के प्रेस ऑफिसर आलोक सिंह, सुप्रसिद्ध रंगकर्मी अनिल शर्मा, लेखक विजय मिश्रा ’अमित’, सतीश शर्मा, पत्रकार योगेश मिश्रा, प्रमोद मिश्रा, हेमंत शर्मा उपस्थित रहे।