छत्तीसगढ़ के निर्भीक पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या पर झारखंड के पत्रकारों ने जताई कड़ी नाराज़गी,कहा- हत्यारों को फांसी दो

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गुमला(झारखण्ड), 07 जनवरी 2025 – बस्तर के प्रसिद्ध और निर्भीक पत्रकार मुकेश चंद्रकार की निर्मम हत्या ने पूरे पत्रकारिता जगत को झकझोर कर रख दिया है। इस कायराना हमले के विरोध में झारखंड के पत्रकारों ने एकजुट होकर श्रद्धांजलि दी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की। गुमला जिले में आयोजित आपात बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र कुमार सिंह ने की। इस दौरान उपस्थित पत्रकारों ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला करार दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे हमलों को समाज में कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पत्रकारों की प्रमुख मांग थी कि नृशंस हत्या में शामिल दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर फांसी की सजा दी जाए। साथ ही, पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी सुनिश्चित की जाए। पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग बैठक में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि पत्रकारों के लिए विशेष सुरक्षा कानून लाने की प्रक्रिया तेज की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। वरिष्ठ पत्रकारों ने बताया कि इस मामले में प्रेस क्लब महासंघ और झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके जरिए दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में खड़ा करने की मांग की जाएगी। पत्रकारों ने एक स्वर में कहा कि मुकेश चंद्रकार जैसे निर्भीक पत्रकार समाज के लिए प्रेरणा हैं, और उनकी हत्या का दोषियों को कड़ा परिणाम भुगतना होगा।  

BIG UPDATE : मुकेश चंद्रकार हत्याकांड: मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर हैदराबाद में पकड़ा गया, पूछताछ जारी

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#justiceformukesh रायपुर,06 जनवरी 2025 –  पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड में बड़ा अपडेट सामने आया है। इस जघन्य अपराध के फरार मुख्य आरोपी सुरेश चंद्रकार को एसआईटी टीम ने देर रात हैदराबाद से हिरासत में ले लिया। पुलिस ने सुरेश को पकड़ने के लिए व्यापक अभियान चलाया था, जो अब सफल हो गया है। एसआईटी द्वारा गिरफ्तारी के बाद आरोपी से पूछताछ की प्रक्रिया जारी है। सुरेश चंद्रकार से पूछताछ के दौरान हत्याकांड के कई अहम पहलुओं पर से पर्दा उठने की संभावना है। साथ ही इस मामले से जुड़े अन्य संदिग्धों की भूमिका भी उजागर हो सकती है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा ने कल इस हत्याकांड की जांच में तेजी लाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया था। सुरेश चंद्रकार गिरफ्तारी को इस दिशा में एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। इस मामले में पुलिस द्वारा जल्द ही और खुलासे किए जाने की संभावना है। वहीं, सुरेश चंद्रकार की गिरफ्तारी के बाद हत्याकांड से जुड़े कई अनसुलझे सवालों के जवाब मिलने की उम्मीद है।  

#justiceformukesh : प्रेस क्लब रायपुर ने सीएम साय से की मुलाकात,गृहमन्त्री विजय शर्मा पहुंचे प्रेस क्लब

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रायपुर,06 जनवरी 2025 – पत्रकार साथी मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में त्वरित और पारदर्शी जांच की मांग को लेकर रायपुर प्रेस क्लब और वरिष्ठ पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीते शाम 5 जनवरी को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने भरोसा दिलाया कि मामले की गहन जांच कर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। मुख्यमंत्री से मुलाकात रायपुर प्रेस क्लब के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की और उन्हें घटना की पूरी जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने कुछ अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका पर भी सवाल उठाए। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह जघन्य हत्याकांड बेहद गंभीर है। दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने त्वरित और निष्पक्ष जांच का आश्वासन देते हुए कहा कि सभी संदिग्ध पहलुओं पर गंभीरता से कार्रवाई होगी। इस दौरान मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा भी मौजूद रहे। प्रतिनिधिमंडल में प्रेस क्लब के महासचिव डॉ. वैभव शिव पांडेय, उपाध्यक्ष संदीप शुक्ला, कोषाध्यक्ष रमन हलवाई, संयुक्त सचिव तृप्ति सोनी एवं अरविंद सोनवानी, कार्यकारिणी सदस्य सुधीर तम्बोली, वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा और पीसी रथ शामिल रहे। गृहमंत्री से संवाद रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित श्रद्धांजलि सभा और संवाद कार्यक्रम में पत्रकारों ने राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा को घटना की जानकारी दी। गृहमंत्री अपनी अन्य बैठक के कारण प्रारंभ में उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन बैठक समाप्त होते ही वे प्रेस क्लब पहुंचे। पत्रकारों ने एसआईटी में स्थानीय अधिकारियों के बजाय साफ-सुथरी छवि के अधिकारियों को शामिल करने की मांग की। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “मुख्यमंत्री से चर्चा कर एसआईटी में बदलाव पर विचार किया जाएगा। जांच की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और हर बिंदु पर ध्यान दिया जाएगा। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।” श्रद्धांजलि सभा में जुटा पत्रकार समुदाय पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से पत्रकार समुदाय में गहरा आक्रोश है। रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में पत्रकार शामिल हुए और घटना की निंदा की। सभा में मांग की गई कि हत्याकांड की जांच निष्पक्षता और पारदर्शिता से की जाए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। हम आपको बता दें कि पत्रकार मुकेश    चंद्राकर की हत्या के तीन आरोपी पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं।मुख्य आरोपी, ठेकदार सुरेश चन्द्रकार अभी भी फरार है । मुख्यमंत्री और गृहमंत्री की ओर से मिले आश्वासन के बाद पत्रकार समुदाय को उम्मीद है कि मामले में जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।पत्रकार साथी की हत्या से देशभर के पत्रकार एकजुट हैं।  

पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या: नेशनल हाईवे जाम, आरोपियों और पुलिस पर कार्रवाई की मांग

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  बीजापुर,04 जनवरी 2025 –  बीजापुर जिले के निर्भीक पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या और शव मिलने की घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। तीन दिनों से लापता मुकेश का शव शुक्रवार को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया। घटना के बाद पत्रकार समुदाय में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। हत्या का संदिग्ध मामला: बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव द्वारा जारी बयान के अनुसार, पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी को शाम के समय घर से निकले थे। कुछ देर बाद उनका फोन बंद हो गया और वह वापस नहीं लौटे। परिजनों ने काफी तलाश के बाद उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस जांच में शुक्रवार को उनका शव चट्टानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। भ्रष्टाचार के खिलाफ खबर बनी कारण? मुकेश के भाई युकेश चंद्राकर ने खुलासा किया कि कुछ दिनों पहले मुकेश ने गंगालूर से नेलसनार तक बन रही 45 किलोमीटर लंबी सड़क में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार को उजागर किया था। उन्होंने बताया कि मुकेश बीजापुर के अंदरूनी नक्सल प्रभावित इलाकों में पत्रकारिता करते हुए ज्वलंत मुद्दों को सामने लाने में अग्रणी थे। पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन: मुकेश के शव मिलने के बाद शनिवार सुबह से ही बीजापुर में पत्रकारों ने नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने हत्या के दोषियों की गिरफ्तारी और कड़ी सजा के साथ-साथ बीजापुर एसपी को सस्पेंड कर तबादला करने की मांग की है। प्रदर्शन स्थल पर पुलिस की भारी तैनाती की गई है, लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, उनका आंदोलन जारी रहेगा। मुकेश चंद्राकर को क्षेत्र में निर्भीक और सशक्त पत्रकार के रूप में जाना जाता था। उन्होंने न केवल भ्रष्टाचार उजागर किया, बल्कि नक्सल कब्जे से जवानों को छुड़ाने में भी अहम भूमिका निभाई। उनकी हत्या ने पूरे बस्तर संभाग को स्तब्ध कर दिया है। सरकार और प्रशासन पर उठे सवाल: इस जघन्य हत्या ने पुलिस और प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पत्रकारों का आरोप है कि मुकेश की हत्या में पुलिस की लापरवाही भी जिम्मेदार है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि हत्या के पीछे छिपे कारणों और दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।  

बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या: सीएम साय समेत पत्रकारिता जगत और समाज में शोक की लहर

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ख़बर ज़नपक्ष डेस्क : बीजापुर के युवा और समर्पित पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की खबर ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस जघन्य घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि यह पत्रकारिता जगत और समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आया बयान   मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर शोक संदेश जारी करते हुए लिखा, “मुकेश चंद्राकर जी की हत्या का समाचार अत्यंत दुखद और हृदयविदारक है। इस घटना के अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलाई जाए।” पत्रकारिता में योगदान मुकेश चंद्राकर बीजापुर के चर्चित पत्रकारों में से एक थे और उनके यूट्यूब चैनल “बस्तर जंक्शन” ने नक्सल प्रभावित इलाकों में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया था। उनकी साहसी पत्रकारिता ने उन्हें लोगों के बीच एक पहचान दिलाई। परिवार और समाज में शोक मुकेश चंद्राकर के परिवार और स्थानीय पत्रकार समुदाय में इस घटना से भारी आक्रोश और दुख का माहौल है। उनकी हत्या ने क्षेत्र में प्रेस की सुरक्षा और स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस जांच में प्रगति इस मामले में पुलिस ने अब तक एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है और कई सुरागों पर काम कर रही है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने दावा किया है कि इस केस को जल्द सुलझाया जाएगा। शोक संदेश मुख्यमंत्री श्री साय के अलावा कई अन्य नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकार संगठनों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सभी ने अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग की है।  

बुरी खबर: बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्या की खबर,घर के पास लाश मिली,आधिकारिक पुष्टि फिलहाल नहीं

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रायपुर डेस्क,03 जनवरी2025 –  बीजापुर जिले के चर्चित पत्रकार मुकेश चंद्राकर बीते तीन दिनों से लापता हैं। सोशल मीडिया में खबर आ रही है कि उनकी अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी है।लाश उनके घर के पास मिली है।इस खबर ने पूरे पत्रकार जगत में सनसनी फैला दी है। पुलिस ने शुरुआती जांच में अपहरण की आशंका जताई है और मामले को सुलझाने के लिए तेजी से कदम उठा रही है। बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने आज दोपहर में मीडिया को बताया कि इस मामले में कुछ अहम सुराग मिले हैं और एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। दरअसल, 1 जनवरी की शाम मुकेश चंद्राकर टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहनकर घर से निकले थे। कुछ देर बाद उनका फोन बंद हो गया। जब रात तक वे घर नहीं लौटे, तो उनके भाई और साथी पत्रकार युकेश चंद्राकर ने उनकी तलाश शुरू की। करीबियों और संभावित स्थानों पर खोजबीन के बाद जब कोई सूचना नहीं मिली, तो युकेश ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। CCTV और संदिग्ध पर पुलिस की नजर शहर के CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। जांच में पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है। फेसबुक यूजर अंशु रजक ने लिखा है – बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर को एक ठेकेदार ने मार डाला अपने घर के सेप्टिक टैंक में दफना दिया.. वो भी सिर्फ इसलिए क्योकि उसके भ्रष्टाचार को मुकेश ने उजागर किया.. सच्चाई लोगो को बताई और इसका परिणाम मिला मौत .. छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की जरूरत है..!! मुकेश चंद्राकर: नक्सल मुद्दों की रिपोर्टिंग में सक्रिय नाम मुकेश चंद्राकर बीजापुर में “बस्तर जंक्शन” नामक यूट्यूब चैनल चलाते थे, जो नक्सल गतिविधियों और मुद्दों की रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है। उनकी निर्भीक पत्रकारिता ने उन्हें क्षेत्र में एक अलग पहचान दिलाई है। सक्रिय पत्रकार की हत्या ने बस्तर के पत्रकार समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने बस्तर आईजी से मुलाकात कर मामले को जल्द सुलझाने और मुकेश का पता लगाने की मांग की थी। कई पत्रकारों का दल भी उनकी तलाश में जुटा हुआ था। मुकेश चंद्राकर की हत्या की खबर ने स्थानीय लोगों और प्रशासन को गहरी चिंता में डाल दिया है। क्षेत्र में उनके योगदान और निर्भीक पत्रकारिता को देखते हुए, यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रेस स्वतंत्रता और सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा करता है।  

नए साल की दावत में ‘मुर्गा विवाद,’ जर्मन शेफर्ड ने बिगाड़ा पड़ोसी का प्लान

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जशपुर/कुनकुरी,03 जनवरी 2025: नए साल का जश्न मनाने के लिए तैयारियां कर रहे एक परिवार की खुशियों पर तब पानी फिर गया, जब उनके पकवान का मुख्य किरदार, मुर्गा, पड़ोसी के जर्मन शेफर्ड कुत्ते का शिकार बन गया। इस ‘मुर्गा विवाद’ ने न सिर्फ दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव बढ़ा दिया, बल्कि मामला थाने तक पहुंच गया। कहानी की शुरुआत लंबीटोली के निवासी देवनाथ राम ने नए साल की दावत के लिए एक खास मुर्गा पाला था। परिवार और दोस्तों के साथ स्वादिष्ट दावत की योजना बनाई गई थी। लेकिन उनका सपना उस वक्त टूट गया जब पड़ोसी प्रेम यादव का तीन महीने का जर्मन शेफर्ड कुत्ता उनके घर में घुसकर मुर्गे को चट कर गया। हर्जाना मांगने पर बढ़ा विवाद मुर्गा खाने की इस घटना से नाराज देवनाथ राम ने प्रेम यादव से हर्जाने में उतने ही वजन और रंग का नया मुर्गा देने की मांग की। लेकिन कुत्ते के मालिक प्रेम यादव ने हर्जाना देने से साफ इनकार कर दिया और उल्टा मुर्गे को संभालकर न रखने के लिए देवनाथ को खरी-खोटी सुना दी। देखते ही देखते विवाद गाली-गलौच और धक्का-मुक्की तक पहुंच गया। थाने तक पहुंचा ‘मुर्गा मामला’ हालात बिगड़ते देख देवनाथ राम ने कुनकुरी थाने में शिकायत दर्ज कराई। दूसरी ओर, प्रेम यादव भी अपने पक्ष को लेकर थाने पहुंच गए। थाना प्रभारी ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की और झगड़ा न करने की हिदायत दी। समझौते पर खत्म हुआ विवाद थाने में हुई बातचीत के बाद मामला सुलझा लिया गया। कुत्ते के मालिक ने देवनाथ राम को 500 रुपये बतौर हर्जाना दिया, और मामला शांत हो गया। शहर में चर्चा का विषय बना ‘मुर्गा विवाद‘ इस अनोखे ‘मुर्गा-कुत्ता’ विवाद ने पूरे इलाके में चर्चा छेड़ दी। नए साल पर जहां लोग पार्टी और जश्न में व्यस्त थे, वहीं लंबीटोली मुहल्ले के इस किस्से ने सबका ध्यान खींच लिया। “मुर्गा खाओ, लेकिन संभलकर!” इस घटना ने लोगों को यह सिखाया कि मुर्गे की दावत की योजना बनाते वक्त उसे सुरक्षित रखना भी जरूरी है। मुर्गा विवाद की यह कहानी भले ही मजेदार लगे, लेकिन पड़ोसियों के रिश्ते पर इसने जरूर गहरा असर छोड़ा है।  

कुनकुरी: वनवासी कल्याण आश्रम का 72वां स्थापना दिवस भव्यता के साथ मनाया गया

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जशपुर,28 दिसम्बर 2024// कुनकुरी में वनवासी कल्याण आश्रम के 72वें स्थापना दिवस के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में समाज के सभी वर्गों की भागीदारी रही। मुख्य अतिथि के रूप में सत्यप्रकाश तिवारी (अधिवक्ता), यश प्रताप सिंह जूदेव और आर.एस.एस. के कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे। वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना और उद्देश्य वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना 26 दिसंबर 1952 को बालासाहेब देशपांडे द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य भारत के आदिवासी समाज को उनके सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों से जोड़ते हुए उन्हें सशक्त बनाना है। यह संगठन वनवासी समाज को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के माध्यम से सशक्त बनाकर उन्हें सनातन संस्कृति और धर्म से जोड़े रखने का कार्य करता है। स्थापना दिवस का भव्य आयोजन कार्यक्रम की शुरुआत भारत माता, दिवंगत बालासाहेब देशपांडे और अन्य संस्थापकों के तैलचित्र पर दीप प्रज्वलित करके की गई। इसके बाद पारंपरिक लोकनृत्यों का आयोजन हुआ, जिसमें करमा, सरहुल और डंडा नृत्य की प्रस्तुति ने उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्थानीय लोककला के इस उत्सव में बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों ने पारंपरिक वेशभूषा में भाग लिया। विशेष रूप से बुजुर्ग महिला और पुरुषों का उत्साह देखते ही बनता था। कार्यक्रम में शहर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। मुख्य अतिथि का संबोधन मुख्य अतिथि सत्यप्रकाश तिवारी ने अपने उद्बोधन में वनवासी कल्याण आश्रम की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह संगठन सनातन संस्कृति और धर्म की रक्षा के लिए एक मजबूत स्तंभ है। उन्होंने वनवासी समाज के उत्थान में संगठन की भूमिका की सराहना की। विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति कार्यक्रम में अखिल भारतीय कार्यालय प्रमुख श्रीपाद जी, प्रांतीय सचिव बासुदेव राम यादव, सरहुल समिति के जिला उपाध्यक्ष मैनेजर राम, कल्याण आश्रम अध्यक्ष विश्वनाथ सिदार और लोककला जिलाध्यक्ष जेरकू राम सहित कई प्रमुख जनप्रतिनिधि शामिल हुए। वनवासी कल्याण आश्रम का 72वां स्थापना दिवस इस बात का प्रतीक है कि यह संगठन वनवासी समाज के उत्थान और उनकी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इस आयोजन ने स्थानीय समुदाय में सांस्कृतिक एकता और गौरव का भाव जगाया।  

ईसाई समुदाय क्यों सादगी से मना रहा है क्रिसमस? एशिया के बड़े चर्च की क्या है तैयारी? पढ़िए,,

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जशपुर,24 दिसम्बर 2024 – जिले में एशिया के दूसरे सबसे बड़े चर्च रोजरी की महारानी गिरिजाघर कुनकुरी में आज ईसा मसीह के जन्मदिन मनाने की तैयारी जोरों से चल रही है।हालांकि इस वर्ष क्रिसमस पर्व को लेकर वह उत्साह नजर नहीं आ रहा है जो बीते वर्षों में देखने को मिला करता था। उल्लेखनीय है कि चर्च की ओर से इस बार का त्यौहार सादगी से मनाने का फरमान सुनाया गया है।इसकी बड़ी वजह भाजपा विधायक श्रीमती रायमुनी भगत के उस कथित विवादित भाषण को बताया जा रहा है,जिसमें उन्होंने ईसा मसीह व ईसाई धर्म के बारे में अमर्यादित टिप्पणी की थी। इस मामले में युवा जयंत लकड़ा ने बताया कि क्रिसमस पर्व को सादगी से मनाने के फैसले के बाद से बाजार की खरीदारी में भारी कमी आई है।सभी ईसाई परिवार अपने संसाधन व पुराने सामानों के साथ क्रिसमस पर्व मनाने जा रहे हैं।चूंकि चर्च में पूजा -पाठ करने समुदाय के लोग बड़ी संख्या में यहां जुटेंगे तो यहां थोड़ी-बहुत रौनक देखने को मिलेगी। काथलिक सभा के विशेष सदस्य डॉ. किशोर मिंज ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रभु यीशु के जन्मदिन पर आज 24 दिसम्बर की रात 10 बजे से बिशप इमानुएल केरकेट्टा मुख्य अधिष्ठाता सारे अनुष्ठान कराएंगे।बड़ी संख्या में लोगों के आने की संभावना को देखते हुए चर्च के बाहर पंडाल और स्टेज तैयार किया गया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना की,देखें तस्वीरें

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जगदलपुर, 15 अक्टूबर 2024: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने एक दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान जगदलपुर के राजवाड़ा परिसर स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की। उन्होंने प्रदेश की जनता की सुख-समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री के साथ बस्तर दशहरा के माटीपुजारी कमल चंद भंजदेव, वनमंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग, विधायक किरण देव, कोंडागांव विधायक लता उसेंडी, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी ने भी मां दंतेश्वरी की पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर पूर्व सांसद, विधायक, पार्षदगण, क्षेत्र के अन्य जनप्रतिनिधि तथा बस्तर कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर हरिस एस., पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा समेत जिला प्रशासन के अधिकारी भी उपस्थित रहे। प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के इस धार्मिक यात्रा का उद्देश्य बस्तर दशहरा की परंपराओं का सम्मान करना और प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए आशीर्वाद प्राप्त करना था।