💥 मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस नीति पर बम्हनी में भारी पड़ता भ्रष्टाचार, ग्रामीणों ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग 💥

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जशपुर/दुलदुला,13 जुलाई 2025 –  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की ‘भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस’ की नीति को उनके ही अधिकारी और पार्टी कार्यकर्ता दुलदुला क्षेत्र में चुनौती दे रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बम्हनी पंचायत में सामने आया है, जहां मुख्यमंत्री समग्र विकास योजना के अंतर्गत शंकर घर से महादेव चट्टान तक करीब 5 लाख 20 हजार रुपए की लागत से बनी सीसी रोड की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि यह सड़क पंचायत के एक कथित “ठेकेदार” ने बनाई है, जो पहले कांग्रेस शासनकाल में विधायक यूडी मिंज का करीबी था और अब बीजेपी सरकार में पाला बदलकर नए विधायक और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के इर्द-गिर्द सक्रिय हो गया है। हैरानी की बात यह है कि सरकार बदलती है, लेकिन इंजीनियर नहीं बदलते — जो तब भी काम देख रहा था और आज भी वही जिम्मेदार अधिकारी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क बने महज दो महीने हुए हैं और गिट्टी सीमेंट छोड़ने लगी है, बालू बहने लगा है। न तो निर्माण से पहले जमीन की ठीक से तैयारी की गई, और न ही निर्माण के दौरान वाइब्रेटर जैसी आवश्यक तकनीक का इस्तेमाल किया गया। इसका नतीजा – बारिश में सड़क की परतें उधड़ने लगी हैं। सबसे गंभीर आरोप यह है कि दुलदुला विकासखंड में सीसी रोड निर्माण के नाम पर ठेकेदारों और तकनीकी अधिकारियों की मिलीभगत से साइड में मोटी परत और बीच में कमज़ोर सामग्री डालकर लाखों का घोटाला किया जा रहा है। इन रोडों की हालत देखकर “विकास की रफ्तार को राफेल से जोड़ना” ग्रामीणों की नजर में व्यंग्य बन गया है।   जब इस मामले में सरपंच से बात की गई, तो उन्होंने खुद को “टेक्निकल नहीं हूँ” कहकर पल्ला झाड़ लिया। यह जवाब अपने आप में ग्रामीण व्यवस्था की एक बड़ी विडंबना को उजागर करता है। ग्रामीणों की मांग: 1. सड़क निर्माण की उच्चस्तरीय जांच। 2. महादेव चट्टान के पास तत्काल पुलिया निर्माण, जिसे बारिश से ठीक पहले जेसीबी लगाकर खोद दिया गया है, जिससे आने-जाने में परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने पवित्र सावन मास में भगवान शिव के मार्ग पर भ्रष्टाचार की परतें बिछाने वालों के खिलाफ मुख्यमंत्री से स्वयं संज्ञान लेने की अपील की है।

संपादकीय : कुनकुरी की राजनीति में चाचा-भतीजे का नया अध्याय

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कुनकुरी की राजनीति इन दिनों छत्तीसगढ़ की सियासत में अलग ही पहचान बना रही है। कभी चावल घोटाले के कारण चर्चा में रहा यह छोटा सा नगर अब राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील के रिश्ते और रवैये को लेकर राजनीतिक विश्लेषणों का केंद्र बन गया है। विष्णुदेव साय का मुख्यमंत्री बनना कुनकुरी के लिए बड़े गौरव की बात है। यह पहला मौका है जब इस अंचल से कोई शीर्ष पद तक पहुंचा है। लेकिन इससे भी ज्यादा दिलचस्प यह है कि मुख्यमंत्री के गृहक्षेत्र में हुए नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में जनता ने कांग्रेस के विनयशील को जिताकर एक नया संदेश दिया। यह लोकतंत्र की ताकत है, जहां व्यक्ति के काम और नीयत को प्राथमिकता दी जाती है, न कि सिर्फ पार्टी को।   विनयशील की कार्यशैली इस वक्त खास चर्चा में है। वे मुख्यमंत्री के “भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस” की नीति का खुलकर समर्थन करते हैं और यही कारण है कि चाहे कांग्रेस हो या भाजपा, दोनों दलों के भीतर बैठे भ्रष्टाचार के संरक्षक उन्हें पसंद नहीं करते। लेकिन आम जनता में विनयशील का प्रभाव बढ़ता जा रहा है – चाहे वह राशन दुकानों की शुरुआत हो, वार्डों में सक्रियता हो, या पारदर्शिता की कोशिश।   राजनीतिक समीकरणों को अगर सूक्ष्म दृष्टि से देखा जाए, तो स्पष्ट होता है कि विनयशील और विष्णुदेव साय के बीच ‘राजनीतिक मतभेद’ नहीं बल्कि ‘कार्यशैली का संतुलन’ है। विनयशील, जिन्हें विष्णुदेव साय व्यक्तिगत रूप से स्नेह देते हैं, ने कभी भी उनके प्रति असम्मानजनक व्यवहार नहीं किया। नालंदा परिसर के कार्यक्रम में मंच के सामने रहकर भी उन्होंने राजनीतिक मर्यादा का उदाहरण पेश किया। अब ये भी जान लीजिए विनयशील का विष्णुदेव साय से क्या रिश्ता है तो विनयशील उन्हें चाचा कहता ही नहीं बल्कि जहां तक मुझे अंदाजा है मानता भी है।दरअसल,विनयशील के पिता विष्णु गुप्ता आजीवन संघ विचारधारा के साथ भाजपा से जुड़े रहे।कोरोना में उनकी मृत्यु हो गई।विष्णुदेव साय अपने प्रिय की मृत्यु पर दुखी हुए और मृत्युभोज पर आकर दुःखी परिवार को हिम्मत दी थी।   और यही विनयशील की राजनीति की परिपक्वता है – वे सीधे टकराव नहीं करते, लेकिन चुपचाप बड़े दांव खेलते हैं। नालंदा परिसर का नाम धरती आबा बिरसा मुंडा के नाम करने की मांग इस बात का प्रमाण है। यह सिर्फ एक नामकरण नहीं बल्कि भाजपा की आदिवासी राजनीति के भीतर सेंध लगाने की चतुर चाल भी है। अब यूथ कांग्रेस इस मुद्दे को विश्व आदिवासी दिवस तक आंदोलन का रूप देने की तैयारी में है।   इस सबके बीच भाजपा खेमे में असहजता दिखती है। विनयशील पर काम रोकने के आरोप लगाए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस प्रमाण सामने नहीं आए। वहीं, विनयशील के विरोधी भी इस बात को नकार नहीं सकते कि वे न सिर्फ जनता के छोटे-छोटे काम करवा रहे हैं, बल्कि कागजी सबूतों के साथ भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर कर रहे हैं – जो स्थानीय राजनीति में दुर्लभ है।   कुनकुरी की राजनीति एक दिलचस्प मोड़ पर है। चाचा-भतीजे की इस जोड़ी को जनता उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। जनता को इससे फर्क नहीं पड़ता कि कोई भाजपा में है या कांग्रेस में, उसे बस यह दिखना चाहिए कि उसके इलाके में काम हो रहा है, पारदर्शिता है और उसकी आवाज सुनी जा रही है।   अब देखना यह है कि कुनकुरी की यह ‘सियासी कैमिस्ट्री’ वास्तव में जनता के लिए ‘सुनहरे विकास’ का सूत्र बनेगी या आने वाले चुनावों में यह समीकरण एक नए संघर्ष की ओर बढ़ेगा।   – संपादक संतोष चौधरी ख़बर जनपक्ष  

श्री जगन्नाथ महाप्रभु की सज रही है भव्य रथ, गजपति महाराजा की भूमिका निभाएंगे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय एवं धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय, विभिन्न झांकियां एवं कीर्तन मंडली की प्रस्तुति से क्षेत्र होगा भक्तिमय

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जशपुर,27/06/2025 – जगन्नाथ मंदिर दोकड़ा में इस वर्ष रथ यात्रा को लेकर भव्य तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। भगवान श्री जगन्नाथ महाप्रभु, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा जी की रथ यात्रा का आयोजन ओडिशा के पूरी धाम की परंपरा के अनुरूप किया जा रहा है। मंदिर समिति के अनुसार, इस वर्ष रथ यात्रा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ‘गजपति महाराजा’ की परंपरागत भूमिका निभाएंगे, वहीं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय भी इस ऐतिहासिक आयोजन में सहभागी बनेंगी। श्री जगन्नाथ मंदिर समिति दोकड़ा ने रथ यात्रा की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। आकर्षक ढंग से सजाई जा रही महाप्रभु की रथ मंदिर परिसर से चलकर मौसी बाड़ी तक पहुंचेगी, जहां विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। यह रथ यात्रा केवल धार्मिक महत्व नहीं रखती, बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक विरासत और परंपरा का भी प्रतीक बन गई है। रथ यात्रा में ओडिशा की पारंपरिक विधियों के अनुसार सारी रस्में निभाई जाएंगी। ओडिशा से आमंत्रित विद्वान पंडितों द्वारा पूजन अनुष्ठान और विधिविधान के साथ महाप्रभु को रथ पर विराजमान कराया जाएगा। साथ ही कीर्तन मंडलियों और झांकियों की प्रस्तुतियों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठेगा। हजारों श्रद्धालुओं के उमड़ने की संभावना को देखते हुए प्रशासन एवं समिति ने सुरक्षा, यातायात और सुविधा व्यवस्था को लेकर भी व्यापक प्रबंध किए हैं। यह रथ यात्रा न केवल श्रद्धालुओं के लिए एक दिव्य अनुभव होगी, बल्कि दोकड़ा क्षेत्र के लिए भी गौरवपूर्ण और ऐतिहासिक क्षण बनेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को रथयात्रा की दी बधाई,आज रथ यात्रा में गजपति की भूमिका में लोकराजा विष्णुदेव करेंगे महाप्रभु की सेवा

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रायपुर 27 जून 2025/मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने इस पावन अवसर पर भगवान जगन्नाथ से सभी नागरिकों के सुख, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की है।वे आज शाम तीन बजे जशपुर जिले में दोकड़ा गाँव के जगन्नाथ मंदिर में गजपति की भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महाप्रभु जगन्नाथ के धाम पुरी सहित विभिन्न स्थानों पर रथयात्रा बड़े धूमधाम और श्रद्धा के साथ निकाली जाती है। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और माता सुभद्रा की यह यात्रा भारत की सांस्कृतिक एकता और सौहार्द्र का सशक्त प्रतीक है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्राचीन काल से ही छत्तीसगढ़वासियों की भगवान जगन्नाथ में गहरी आस्था रही है। उत्कल समाज के साथ मिलकर सभी छत्तीसगढ़वासी प्रतिवर्ष भक्ति-भाव के साथ भगवान जगन्नाथ, उनके भ्राता बलभद्र और भगिनी देवी सुभद्रा की रथयात्रा निकालते हैं। यह महापर्व श्रद्धा, भक्ति और आस्था का प्रतीक है, जो हमें एकता, सद्भाव और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

परीक्षा अवधि पूर्ण होने पर सहायक शिक्षकों ने सौंपा सामूहिक निवेदन पत्र, जिला शिक्षा अधिकारी ने दिया शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन

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🟢 खबर जनपक्ष। शिक्षा संवाद | 23 जून 2025 🟢 📍 जशपुर, छत्तीसगढ़ जशपुर जिले में वर्ष 2022 की सीधी भर्ती प्रक्रिया के तहत नियुक्त सहायक शिक्षकों ने सोमवार को परीक्षा अवधि समाप्ति एवं सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी श्री पी.के. भटनागर को औपचारिक निवेदन पत्र सौंपा। शिक्षकों ने बताया कि 20 जून 2025 को उनकी तीन वर्ष की निर्धारित परीक्षा अवधि पूर्ण हो चुकी है, ऐसे में नियमानुसार उन्हें नियमित सेवा में शामिल किया जाए। ✅ शिक्षकों ने रखी यह प्रमुख मांगें: परीक्षा अवधि समाप्ति की औपचारिक कार्रवाई शीघ्र पूरी की जाए। नियमितीकरण आदेश जारी कर भविष्य की सेवाओं को स्थायित्व प्रदान किया जाए। सेवा लाभ और शासकीय योजनाओं में पात्रता सुनिश्चित की जाए। 👥 ये शिक्षक रहे उपस्थित: देवकी प्रधान, मुकेश कुमार, विजय पैंकरा, अंजना यादव, मधु पैंकरा, अनुपमा कुजूर, बांग्ला रात्रे समेत अन्य कई शिक्षक प्रतिनिधि इस मौके पर उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि तीन वर्षों तक नियमों के पालन और गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कार्य करने के बाद अब वे नियमित आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। — 🗣️ शिक्षकों का बयान: देवकी प्रधान: “तीन वर्षों की सेवा में हमने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास किए हैं, अब नियमितीकरण की प्रक्रिया समय पर होनी चाहिए।” मधु पैंकरा: “परीक्षा अवधि समाप्ति का आदेश मिलने से शिक्षक समुदाय का मनोबल बढ़ेगा और सेवा के प्रति समर्पण और गहराएगा।” मुकेश कुमार: “हमने कर्तव्यपरायणता से कार्य किया है, प्रशासन से उम्मीद है कि जल्द आदेश जारी होंगे।” — 📌 जिला शिक्षा अधिकारी की प्रतिक्रिया: जिला शिक्षा अधिकारी श्री पी.के. भटनागर ने शिक्षकों की मांग को न्यायोचित और नियमसम्मत बताया। उन्होंने कहा— “यह रूटीन प्रक्रिया है, शिक्षकों की तीन वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण हो चुकी है। हम शीघ्र आवश्यक कार्रवाई कर आदेश जारी करेंगे।” — 📢 प्रक्रिया का महत्व: परीक्षा अवधि समाप्ति के आदेश से शिक्षकों की सेवा पुस्तिका में नियमितता दर्ज होती है। उन्हें शासकीय योजनाओं और लाभों का पात्र माना जाता है। भविष्य की स्थिरता और पदोन्नति जैसे विषयों पर यह आदेश निर्णायक भूमिका निभाता है। — 📍जशपुर के सहायक शिक्षकों का यह सामूहिक प्रयास उनके अधिकारों के प्रति सजगता और एकजुटता को दर्शाता है। अब सभी की निगाहें जिला शिक्षा विभाग पर टिकी हैं कि नियमितीकरण की दिशा में अगला कदम कब उठाया जाता है। 👉 शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता, समयबद्ध कार्रवाई और शिक्षकों के मनोबल के लिए यह निर्णय अत्यंत आवश्यक है। — इस तरह की शैक्षणिक खबरों के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ 📸 फोटो सौजन्य: शिक्षक प्रतिनिधिमंडल

जशपुर में बाढ़ का कहर: ईब नदी में तीन मछुआरे फंसे, SDRF की रेस्क्यू टीम तैनात, अंधेरे ने बढ़ाई मुश्किलें

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जिले के नदी-नालों में उफान, मनोरा में ट्रैक्टर समेत चालक भी फंसा जशपुर, 19 जून 2025: जशपुर जिले में मानसून की जोरदार दस्तक के साथ ही जनजीवन अस्त-व्यस्त होता जा रहा है। जिले में भारी बारिश का सिलसिला लगातार तीसरे दिन भी जारी है, जिससे नदी-नाले उफान पर हैं। इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है—दोकड़ा पुलिस चौकी अंतर्गत डोढ़ीबहार गांव के पास ईब नदी में तीन मछुआरे बाढ़ में फंस गए हैं। तीनों मछुआरे मछली पकड़ने नदी के बीच चट्टानों पर पहुंचे थे, तभी अचानक जलस्तर तेजी से बढ़ गया और वे चारों ओर से पानी से घिर गए। सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। वहीं, एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है, लेकिन तेज बहाव और बढ़ते अंधेरे के कारण बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं। मौके पर मौजूद एसडीएम नंदजी पांडे ने बताया कि तीनों मछुआरे फिलहाल नदी के बीच एक बड़ी चट्टान पर फंसे हुए हैं। पानी का बहाव बेहद तेज है, जिससे स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है। रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर जारी है और प्रशासन उन्हें सुरक्षित निकालने का हर संभव प्रयास कर रहा है। उधर, मनोरा पुलिस चौकी क्षेत्र में भी एक एनीकट पार करते वक्त एक ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर समेत बाढ़ में फंस गया है। प्रशासन की टीम वहां भी मौके पर मौजूद है।   जिले भर में नदी-नालों के उफान पर होने से आमजन को सचेत रहने की अपील की गई है। प्रशासन ने लोगों से आग्रह किया है कि वे बिना आवश्यकता नदी-नालों को पार न करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। यह घटना न सिर्फ बाढ़ की गंभीरता को दर्शाती है बल्कि आपदा प्रबंधन की तत्परता की भी परीक्षा बन गई है। अब सभी की निगाहें ईब नदी में फंसे मछुआरों की सलामती और रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर टिकी हैं।

ऐतिहासिक प्राचीन श्री जगन्नाथ मंदिर, दोकड़ा में आज होगा देव स्नान महोत्सव, पूरी धाम की परंपराओं संग होगी भव्य पूजा

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जशपुर/दोकड़ा,11जून 2025 –  ऐतिहासिक श्री जगन्नाथ मंदिर, दोकड़ा में आज देव स्नान महोत्सव का भव्य आयोजन होने जा रहा है। यह आयोजन पूरी धाम, ओडिशा की पारंपरिक विधियों के अनुसार संपन्न किया जाएगा। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी हजारों श्रद्धालु इस आयोजन में भाग लेने के लिए दूर-दूर से पहुंच रहे हैं। इस पावन अवसर पर मंदिर प्रांगण में भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। कीर्तन मंडलियों की सुमधुर भजनों की ध्वनि से वातावरण भक्तिमय हो उठेगा। मंदिर समिति ने कार्यक्रम की तैयारियां पूर्ण कर ली हैं और सुरक्षा व सुविधा व्यवस्था भी सुदृढ़ की गई है। कार्यक्रम का विस्तृत विवरण इस प्रकार है: दोपहर 1:00 बजे – मंगल आरती एवं कीर्तन मंडली का शुभारंभ 1:30 बजे – पहुंडी (भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा की विशेष शोभायात्रा) 2:30 बजे – देव स्नान (भगवानों का पवित्र जल से अभिषेक) 3:30 बजे – महाप्रभु श्रृंगार एवं गजानन वेश दर्शन 4:00 बजे – आरती एवं पुष्पांजलि अर्पण 4:30 बजे – महाप्रसाद वितरण रथयात्रा की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि श्री जगन्नाथ रथयात्रा का प्रारंभ दोकड़ा में वर्ष 1942 में हुआ था। इसकी नींव स्वर्गीय सुदर्शन सतपथी एवं उनकी धर्मपत्नी स्वर्गीय सुशीला सतपथी ने रखी थी। यह परंपरा आज भी श्रद्धा और भक्ति के साथ निभाई जा रही है। इस वर्ष भी विशाल रथ का निर्माण ओडिशा के प्रसिद्ध संबलपुर से आए कारीगरों द्वारा किया जा रहा है। रथ की कारीगरी और अलंकरण दर्शनीय है, जो स्थानीय संस्कृति और ओडिशा की परंपरा का समावेश प्रस्तुत करता है। स्थानीय जनमानस में उत्साह ग्रामवासी, श्रद्धालु एवं भक्तजन इस उत्सव को लेकर अत्यंत उत्साहित हैं। विशेष तौर पर बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के लिए यह दिन एक आध्यात्मिक पर्व के रूप में मनाया जा रहा है। क्षेत्र के धार्मिक एवं सांस्कृतिक संगठनों ने भी महोत्सव को सफल बनाने में अपना योगदान दिया है।

आंखों-देखी: केरसई पंचायत – विकास के इंतज़ार में खड़ा एक आदिवासी गांव : जशपुर जिले के फरसाबहार विकासखंड के दौरे से लौटकर संतोष चौधरी,संपादक ख़बर जनपक्ष

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विशेष रिपोर्ट :  11 जून 2025 जशपुर जिले का केरसई पंचायत — स्टेट हाईवे-17 के दोनों ओर फैला एक गांव जो मानो विकास के द्वार पर खड़ा होकर अब भी दस्तक की प्रतीक्षा कर रहा है। स्कूल है, बैंक है, व्यापारिक सुविधा है, लेकिन दो सबसे बुनियादी ज़रूरतें – सड़क और पानी – आज भी गांववालों की पहुंच से बाहर हैं। मुख्य सड़क से जैसे ही बड़का बस्ती और नवाटोली की ओर कदम बढ़ते हैं, एक उखड़ी, गड्ढों से भरी सीमेंट कांक्रीट की सड़क मानो यह बताने लगती है कि असली लड़ाई अब शुरू होती है। थोड़ी ही दूर पर बैराटोली की एक महिला मिलती है, जो रास्ता दिखाते हुए बताती है – “यही कच्चा रास्ता है, बाबू।” रास्ता जैसे-जैसे आगे बढ़ता है, दृश्य एक आदिम समाज की झलक देता है – बरगद के पेड़ के नीचे बैठी एक बुज़ुर्ग महिला, पास में उसका नशे में धुत बेटा, ऊपर टीले पर मिट्टी का घर और सामने से आती आंगनबाड़ी सहायिका जो पांच नन्हें बच्चों को लेकर लौट रही थी। वह कहती है, “सरकार ने सब दिया, लेकिन सड़क देना भूल गई।” बड़का बस्ती की आंगनबाड़ी तक पहुँचने पर दुश्वारी और बढ़ जाती है। कार्यकर्ता बताती हैं कि बच्चों के लिए पानी आसपास के घरों से मांगकर लाना पड़ता है। टंकी है, लेकिन केवल हवा से भरी — सपनों की तरह खोखली। हालांकि आंगनबाड़ी का कक्ष और रसोई स्वच्छ और सुसज्जित हैं, लेकिन सड़क की बदहाली उस सुंदरता पर धूल फेंक देती है। गांव की महिलाएं और बच्चे बताते हैं कि यहां साइकिल या बाइक से गिरना आम बात है। बरसात में स्कूल जाना मुश्किल हो जाता है। बीमार या गर्भवती महिलाओं को खाट पर उठाकर एक किलोमीटर दूर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ता है। कई बार इलाज पहुंचने से पहले मौत दस्तक दे देती है। युवक कैलाश तिर्की बताते हैं, “नेता लोग चुनाव के वक्त आते हैं, सड़क का वादा कर जाते हैं, और फिर गायब हो जाते हैं।” लेकिन इस बार एक उम्मीद जगी है – गोपाल कश्यप नाम का एक स्थानीय युवक बीडीसी बना है, जो सचमुच कुछ करना चाहता है। गांववालों की आवाज़ बनकर वह खुद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मिल चुका है, इंजीनियरों को लेकर मुआयना करवा चुका है। ब्लॉक डेवलपमेंट कमेटी मेंबर गोपाल कश्यप कहते हैं – “मैं खुद भी आदिवासी हूं, मैं इन लोगों की तकलीफ समझता हूं। इन ग्रामीणों के साथ मुख्यमंत्री निवास बगिया जाकर मुख्यमंत्री जी से सड़क और पानी को लेकर ज्ञापन दिया। उनकी पहल से सड़क के लिए अनुपूरक बजट में प्रस्ताव भेजा गया है और पानी के लिए भी जगह चिन्हित कर ली है। जल्द ही पीएचई विभाग के साथ मिलकर बोरिंग कराएंगे।” बड़का बस्ती में 80 घर हैं और सभी उरांव आदिम जनजाति से हैं। वे शिक्षित हैं, लेकिन सहज, शांत और संघर्ष से अधिक इंतज़ार को जीवन का हिस्सा मानने वाले लोग हैं। केरसई पंचायत की यह तस्वीर केवल एक गांव की नहीं है, यह उस भारत की झलक है जो विकास के नक्शे पर चिन्हित तो है, लेकिन अब भी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्षरत है। यहां की मिट्टी में अब भी उम्मीद की जड़ें हैं — बस ज़रूरत है, उस जड़ को सींचने वाले हाथों की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने नक्सली हमले में एएसपी आकाश राव गिरपुंजे के शहीद होने पर जताया गहरा शोक

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*मुख्यमंत्री श्री साय ने नक्सली हमले में एएसपी आकाश राव गिरपुंजे के शहीद होने पर जताया गहरा शोक* रायपुर 9 जून 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुकमा जिले के कोंटा में नक्सलियों द्वारा किए गए कायरतापूर्ण आईईडी विस्फोट में एएसपी आकाश राव गिरपुंजे जी के शहीद होने पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह अत्यंत ही दुखद है। मैं उनकी शहादत को नमन करता हूँ। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस कायराना हमले में कुछ अन्य अधिकारी एवं जवानों के भी घायल होने की सूचना मिली है। उन्होंने कहा कि घायलों के समुचित इलाज के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों द्वारा एक बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है, जिसमें सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है। इसी से बौखलाकर नक्सली इस तरह की कायराना करतूतों को अंजाम दे रहे हैं। नक्सलियों को इसका परिणाम भुगतना होगा। वह दिन अब ज्यादा दूर नहीं, जब छत्तीसगढ़ से इनका अस्तित्व ही समाप्त कर दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने शहीद एएसपी आकाश राव गिरपुंजे जी के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ खड़ी है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सौगात: जशपुर में 18.46 करोड़ से बनेंगी 6 नई सड़कें, मधेश्वर पहाड़ तक पक्के रास्ते से पहुंचेंगे शिवभक्त

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धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, ग्रामीण आवागमन होगा सुलभ, जनता में खुशी की लहर जशपुर, 23 मई 2025 – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर जशपुर जिले को एक और बड़ी सौगात मिली है। राज्य शासन द्वारा जिले में 6 प्रमुख सड़कों के निर्माण के लिए 18 करोड़ 46 लाख 87 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे न केवल ग्रामीण अंचलों के लोगों को आवागमन में सुगमता मिलेगी, बल्कि विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग माने जाने वाले मधेश्वर पहाड़ तक श्रद्धालुओं की आसान पहुंच सुनिश्चित होगी। मधेश्वर मंदिर तक पक्की सड़क – धार्मिक पर्यटन को लगेगा पंख कुनकुरी क्षेत्र के मयाली नेचर कैंप से लेकर मधेश्वर मंदिर और जोकारी से मधेश्वर पहाड़ तक पक्की सड़क का निर्माण होना है। इस पहल से न सिर्फ शिवभक्तों की आस्था की राहें आसान होंगी, बल्कि क्षेत्रीय धार्मिक पर्यटन को भी जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा। जोकारी और भंडरी पंचायत के ग्रामीणों में इस खबर से गहरी प्रसन्नता है और लोग मुख्यमंत्री की जय-जयकार कर रहे हैं। ये हैं स्वीकृत सड़कों के विवरण – 1. चटकपुर से रेंगारबहार (2.46 किमी) – ₹2.89 करोड़ 2. कुनकुरी-औरीजोर-मतलूटोली-पटेलापारा (2.54 किमी) – ₹3.01 करोड़ 3. NH-43 से मयाली डेम तक (2.28 किमी) – ₹2.85 करोड़ 4. मयाली नेचर कैंप से मधेश्वर मंदिर (2.20 किमी) – ₹2.71 करोड़ 5. रानीबंध चौक–चिडराटांगर–पंडरीआमा–उपरकछार (3.44 किमी) – ₹3.29 करोड़ 6. जोकारी से मधेश्वर पहाड़ (2.88 किमी) – ₹3.68 करोड़   “अब जशपुर में विकास की नई राह खुल रही है। श्रद्धा, सुविधा और समर्पण के संग मुख्यमंत्री की यह सौगात सिर्फ सड़क नहीं, बल्कि ग्रामीण जनजीवन को जोड़ने वाला भविष्य का पुल है।” – नरेश नंदे, वरिष्ठ अधिवक्ता व विचारक जशपुर जिला प्रशासन सक्रिय, जल्द होगा कार्य प्रारंभ कलेक्टर रोहित व्यास ने बताया कि निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री का लक्ष्य है कि प्रत्येक गांव और धार्मिक स्थल तक पक्की और सुरक्षित सड़क पहुंचे ताकि आमजन को विकास का सीधा लाभ मिले। मुख्यमंत्री का वादा – “सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, सबको साथ लेकर चलेंगे” मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पहले ही स्पष्ट किया था कि जशपुर जिले को बुनियादी सुविधाओं में आत्मनिर्भर बनाना उनकी प्राथमिकता है। सड़क निर्माण की यह नई श्रृंखला विष्णु के सुशासन मॉडल का प्रत्यक्ष प्रमाण है।