छत्तीसगढ़ के निर्भीक पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या पर झारखंड के पत्रकारों ने जताई कड़ी नाराज़गी,कहा- हत्यारों को फांसी दो

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गुमला(झारखण्ड), 07 जनवरी 2025 – बस्तर के प्रसिद्ध और निर्भीक पत्रकार मुकेश चंद्रकार की निर्मम हत्या ने पूरे पत्रकारिता जगत को झकझोर कर रख दिया है। इस कायराना हमले के विरोध में झारखंड के पत्रकारों ने एकजुट होकर श्रद्धांजलि दी और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की। गुमला जिले में आयोजित आपात बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र कुमार सिंह ने की। इस दौरान उपस्थित पत्रकारों ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए इसे पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला करार दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे हमलों को समाज में कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पत्रकारों की प्रमुख मांग थी कि नृशंस हत्या में शामिल दोषियों को तत्काल गिरफ्तार कर फांसी की सजा दी जाए। साथ ही, पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी सुनिश्चित की जाए। पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग बैठक में यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि पत्रकारों के लिए विशेष सुरक्षा कानून लाने की प्रक्रिया तेज की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। वरिष्ठ पत्रकारों ने बताया कि इस मामले में प्रेस क्लब महासंघ और झारखंड के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके जरिए दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में खड़ा करने की मांग की जाएगी। पत्रकारों ने एक स्वर में कहा कि मुकेश चंद्रकार जैसे निर्भीक पत्रकार समाज के लिए प्रेरणा हैं, और उनकी हत्या का दोषियों को कड़ा परिणाम भुगतना होगा।  

#justiceformukesh : प्रेस क्लब रायपुर ने सीएम साय से की मुलाकात,गृहमन्त्री विजय शर्मा पहुंचे प्रेस क्लब

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रायपुर,06 जनवरी 2025 – पत्रकार साथी मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में त्वरित और पारदर्शी जांच की मांग को लेकर रायपुर प्रेस क्लब और वरिष्ठ पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीते शाम 5 जनवरी को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा से मुलाकात की। इस दौरान मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने भरोसा दिलाया कि मामले की गहन जांच कर दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाएगी। मुख्यमंत्री से मुलाकात रायपुर प्रेस क्लब के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की और उन्हें घटना की पूरी जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने कुछ अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका पर भी सवाल उठाए। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह जघन्य हत्याकांड बेहद गंभीर है। दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।” उन्होंने त्वरित और निष्पक्ष जांच का आश्वासन देते हुए कहा कि सभी संदिग्ध पहलुओं पर गंभीरता से कार्रवाई होगी। इस दौरान मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा भी मौजूद रहे। प्रतिनिधिमंडल में प्रेस क्लब के महासचिव डॉ. वैभव शिव पांडेय, उपाध्यक्ष संदीप शुक्ला, कोषाध्यक्ष रमन हलवाई, संयुक्त सचिव तृप्ति सोनी एवं अरविंद सोनवानी, कार्यकारिणी सदस्य सुधीर तम्बोली, वरिष्ठ पत्रकार उचित शर्मा और पीसी रथ शामिल रहे। गृहमंत्री से संवाद रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित श्रद्धांजलि सभा और संवाद कार्यक्रम में पत्रकारों ने राज्य के गृहमंत्री विजय शर्मा को घटना की जानकारी दी। गृहमंत्री अपनी अन्य बैठक के कारण प्रारंभ में उपस्थित नहीं हो सके, लेकिन बैठक समाप्त होते ही वे प्रेस क्लब पहुंचे। पत्रकारों ने एसआईटी में स्थानीय अधिकारियों के बजाय साफ-सुथरी छवि के अधिकारियों को शामिल करने की मांग की। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, “मुख्यमंत्री से चर्चा कर एसआईटी में बदलाव पर विचार किया जाएगा। जांच की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी और हर बिंदु पर ध्यान दिया जाएगा। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।” श्रद्धांजलि सभा में जुटा पत्रकार समुदाय पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से पत्रकार समुदाय में गहरा आक्रोश है। रायपुर प्रेस क्लब में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में पत्रकार शामिल हुए और घटना की निंदा की। सभा में मांग की गई कि हत्याकांड की जांच निष्पक्षता और पारदर्शिता से की जाए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। हम आपको बता दें कि पत्रकार मुकेश    चंद्राकर की हत्या के तीन आरोपी पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं।मुख्य आरोपी, ठेकदार सुरेश चन्द्रकार अभी भी फरार है । मुख्यमंत्री और गृहमंत्री की ओर से मिले आश्वासन के बाद पत्रकार समुदाय को उम्मीद है कि मामले में जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।पत्रकार साथी की हत्या से देशभर के पत्रकार एकजुट हैं।  

स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर आक्रोश, पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग,सौंपा ज्ञापन

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महासमुंद,04 जनवरी2025 –  छत्तीसगढ़ के बीजापुर में स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। घटना को लेकर महासमुंद के पत्रकारों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों ने इस नृशंस हत्या की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री, कलेक्टर, और डीजीपी के नाम एएसपी को ज्ञापन सौंपा। दरअसल, पत्रकार मुकेश चंद्राकर, जो बीजापुर जिले में निर्भीक पत्रकारिता के लिए जाने जाते थे, 1 जनवरी की शाम से लापता थे। 3 जनवरी को उनका शव ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। जानकारी के अनुसार, मुकेश ने हाल ही में करोड़ों के भ्रष्टाचार से जुड़ी एक खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद उनकी हत्या की बात सामने आ रही है। घटना में शामिल होने के आरोप में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के भाई रितेश चंद्राकर और दो मजदूरों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल: महासमुंद के पत्रकारों ने घटना को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में पत्रकारों की बढ़ती असुरक्षा को देखते हुए तत्काल पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की है। पत्रकारों का कहना है कि यह घटना केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतंत्र पर हमला है। ज्ञापन में मुख्य मांगें: 1. मुकेश चंद्राकर हत्याकांड की निष्पक्ष और त्वरित जांच। 2. दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा। 3. पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए।   पत्रकारों का बयान: महासमुंद के पत्रकारों ने कहा, “यह घटना किसी भी पत्रकार के लिए भयावह है। मुकेश ने भ्रष्टाचार को उजागर करने का साहस दिखाया, लेकिन इसके लिए उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी। अगर दोषियों को सजा नहीं मिली, तो यह समाज और लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा होगा।” सरकार से उम्मीद: पत्रकार समुदाय ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस घटना को प्राथमिकता से लेते हुए दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाए। मुकेश चंद्राकर की हत्या ने राज्य में पत्रकारों की सुरक्षा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना न केवल न्याय की मांग करती है, बल्कि यह भी बताती है कि निर्भीक पत्रकारिता के लिए मजबूत सुरक्षा तंत्र की कितनी आवश्यकता है।  

पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या: नेशनल हाईवे जाम, आरोपियों और पुलिस पर कार्रवाई की मांग

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  बीजापुर,04 जनवरी 2025 –  बीजापुर जिले के निर्भीक पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या और शव मिलने की घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। तीन दिनों से लापता मुकेश का शव शुक्रवार को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया। घटना के बाद पत्रकार समुदाय में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। हत्या का संदिग्ध मामला: बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव द्वारा जारी बयान के अनुसार, पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी को शाम के समय घर से निकले थे। कुछ देर बाद उनका फोन बंद हो गया और वह वापस नहीं लौटे। परिजनों ने काफी तलाश के बाद उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस जांच में शुक्रवार को उनका शव चट्टानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। भ्रष्टाचार के खिलाफ खबर बनी कारण? मुकेश के भाई युकेश चंद्राकर ने खुलासा किया कि कुछ दिनों पहले मुकेश ने गंगालूर से नेलसनार तक बन रही 45 किलोमीटर लंबी सड़क में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार को उजागर किया था। उन्होंने बताया कि मुकेश बीजापुर के अंदरूनी नक्सल प्रभावित इलाकों में पत्रकारिता करते हुए ज्वलंत मुद्दों को सामने लाने में अग्रणी थे। पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन: मुकेश के शव मिलने के बाद शनिवार सुबह से ही बीजापुर में पत्रकारों ने नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने हत्या के दोषियों की गिरफ्तारी और कड़ी सजा के साथ-साथ बीजापुर एसपी को सस्पेंड कर तबादला करने की मांग की है। प्रदर्शन स्थल पर पुलिस की भारी तैनाती की गई है, लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, उनका आंदोलन जारी रहेगा। मुकेश चंद्राकर को क्षेत्र में निर्भीक और सशक्त पत्रकार के रूप में जाना जाता था। उन्होंने न केवल भ्रष्टाचार उजागर किया, बल्कि नक्सल कब्जे से जवानों को छुड़ाने में भी अहम भूमिका निभाई। उनकी हत्या ने पूरे बस्तर संभाग को स्तब्ध कर दिया है। सरकार और प्रशासन पर उठे सवाल: इस जघन्य हत्या ने पुलिस और प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पत्रकारों का आरोप है कि मुकेश की हत्या में पुलिस की लापरवाही भी जिम्मेदार है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि हत्या के पीछे छिपे कारणों और दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।  

बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या: सीएम साय समेत पत्रकारिता जगत और समाज में शोक की लहर

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ख़बर ज़नपक्ष डेस्क : बीजापुर के युवा और समर्पित पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की खबर ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस जघन्य घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि यह पत्रकारिता जगत और समाज के लिए अपूर्णीय क्षति है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आया बयान   मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर शोक संदेश जारी करते हुए लिखा, “मुकेश चंद्राकर जी की हत्या का समाचार अत्यंत दुखद और हृदयविदारक है। इस घटना के अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। सभी संबंधित एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलाई जाए।” पत्रकारिता में योगदान मुकेश चंद्राकर बीजापुर के चर्चित पत्रकारों में से एक थे और उनके यूट्यूब चैनल “बस्तर जंक्शन” ने नक्सल प्रभावित इलाकों में कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया था। उनकी साहसी पत्रकारिता ने उन्हें लोगों के बीच एक पहचान दिलाई। परिवार और समाज में शोक मुकेश चंद्राकर के परिवार और स्थानीय पत्रकार समुदाय में इस घटना से भारी आक्रोश और दुख का माहौल है। उनकी हत्या ने क्षेत्र में प्रेस की सुरक्षा और स्वतंत्रता पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस जांच में प्रगति इस मामले में पुलिस ने अब तक एक संदिग्ध को हिरासत में लिया है और कई सुरागों पर काम कर रही है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने दावा किया है कि इस केस को जल्द सुलझाया जाएगा। शोक संदेश मुख्यमंत्री श्री साय के अलावा कई अन्य नेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पत्रकार संगठनों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। सभी ने अपराधियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग की है।  

बुरी खबर: बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्या की खबर,घर के पास लाश मिली,आधिकारिक पुष्टि फिलहाल नहीं

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रायपुर डेस्क,03 जनवरी2025 –  बीजापुर जिले के चर्चित पत्रकार मुकेश चंद्राकर बीते तीन दिनों से लापता हैं। सोशल मीडिया में खबर आ रही है कि उनकी अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी है।लाश उनके घर के पास मिली है।इस खबर ने पूरे पत्रकार जगत में सनसनी फैला दी है। पुलिस ने शुरुआती जांच में अपहरण की आशंका जताई है और मामले को सुलझाने के लिए तेजी से कदम उठा रही है। बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने आज दोपहर में मीडिया को बताया कि इस मामले में कुछ अहम सुराग मिले हैं और एक संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है। दरअसल, 1 जनवरी की शाम मुकेश चंद्राकर टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहनकर घर से निकले थे। कुछ देर बाद उनका फोन बंद हो गया। जब रात तक वे घर नहीं लौटे, तो उनके भाई और साथी पत्रकार युकेश चंद्राकर ने उनकी तलाश शुरू की। करीबियों और संभावित स्थानों पर खोजबीन के बाद जब कोई सूचना नहीं मिली, तो युकेश ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। CCTV और संदिग्ध पर पुलिस की नजर शहर के CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। जांच में पुलिस को कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है। फेसबुक यूजर अंशु रजक ने लिखा है – बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर को एक ठेकेदार ने मार डाला अपने घर के सेप्टिक टैंक में दफना दिया.. वो भी सिर्फ इसलिए क्योकि उसके भ्रष्टाचार को मुकेश ने उजागर किया.. सच्चाई लोगो को बताई और इसका परिणाम मिला मौत .. छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की जरूरत है..!! मुकेश चंद्राकर: नक्सल मुद्दों की रिपोर्टिंग में सक्रिय नाम मुकेश चंद्राकर बीजापुर में “बस्तर जंक्शन” नामक यूट्यूब चैनल चलाते थे, जो नक्सल गतिविधियों और मुद्दों की रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है। उनकी निर्भीक पत्रकारिता ने उन्हें क्षेत्र में एक अलग पहचान दिलाई है। सक्रिय पत्रकार की हत्या ने बस्तर के पत्रकार समुदाय को झकझोर कर रख दिया है। उन्होंने बस्तर आईजी से मुलाकात कर मामले को जल्द सुलझाने और मुकेश का पता लगाने की मांग की थी। कई पत्रकारों का दल भी उनकी तलाश में जुटा हुआ था। मुकेश चंद्राकर की हत्या की खबर ने स्थानीय लोगों और प्रशासन को गहरी चिंता में डाल दिया है। क्षेत्र में उनके योगदान और निर्भीक पत्रकारिता को देखते हुए, यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की हत्या तक सीमित नहीं है, बल्कि यह प्रेस स्वतंत्रता और सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा करता है।  

सेवानिवृत्त उप निरीक्षक एल.आर.चौहान को पुलिस विभाग ने दी भावभीनी विदाई

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सरगुजा,1 जनवरी 2025 – सरगुजा पुलिस विभाग ने सेवानिवृत्त उप निरीक्षक लोहरा राम के सम्मान में एक भव्य विदाई समारोह का आयोजन किया।31 दिसम्बर की शाम जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में लोहरा राम के लंबे, ईमानदार और समर्पित सेवा कार्यकाल की सराहना की गई। पुलिस अधीक्षक ने अपने संबोधन में कहा, “श्री लोहरा राम ने अपने कर्तव्यों का पालन न केवल ईमानदारी और निष्ठा के साथ किया, बल्कि संवेदनशील पुलिसिंग का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। उनकी सेवाओं से सरगुजा पुलिस को विशेष लाभ हुआ है। अब हमें उनकी सेवानिवृत्ति के बाद भी उनके और उनके परिवार के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।” समारोह के दौरान लोहरा राम चौहान को शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही, सेवानिवृत्ति की सभी औपचारिकताएं पूरी कर उन्हें मौके पर ही पेंशन भुगतान आदेश (PPO) प्रदान किया गया। सेवानिवृत्त उप निरीक्षक के अनुभव साझा लोहरा राम चौहान ने अपने कार्यकाल के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि पुलिस सेवा में बिताए गए दिन उनके जीवन के सबसे मूल्यवान क्षणों में से एक रहे। उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद की अपनी योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी। सम्मान समारोह में वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमोलक सिंह ढिल्लों, निरीक्षक अंजू चेलक, मुख्य लिपिक निरीक्षक (एम) अजय गुहा, सहायक उप निरीक्षक संजय श्रीवास्तव सहित अन्य पुलिस अधिकारी, कर्मचारी और श्री चौहान के परिवार के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन एक भावुक पल के साथ हुआ, जहां उनके सहकर्मियों और इष्टमित्रों ने उन्हें सामाजिक जीवन में प्रवेश करने पर शुभकामनाएं दीं। श्री चौहान ने सरगुजा जिले में आरक्षक पद से अपनी सेवा की शुरुआत की थी और उप निरीक्षक पद तक पहुंचने तक अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी और परिश्रम के साथ किया।सरगुजा पुलिस ने उन्हें उनके उज्जवल और स्वस्थ भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।  

*राज्य के सभी ब्लॉक मुख्यालयों में आज किसान सम्मेलन एवं कृषि संगोष्ठी*

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*कृषक उन्नति योजना से लाभान्वित कृषकों का होगा सम्मान* रायपुर, 21 दिसम्बर 2024/ किसानपुत्र मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के गठन के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 21 दिसंबर को राज्य के सभी ब्लॉक मुख्यालयों में किसान सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं और उपलब्धियों को जनसामान्य तक पहुंचाना है। किसान सम्मेलन में कृषक उन्नति योजना के लाभान्वित किसानों और प्रगतिशील किसानों का सम्मान किया जाएगा। कृषि संगोष्ठी का भी आयोजन होगा। किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने के साथ ही सरकार की किसान हितैषी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूक किया जाएगा। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां किसानों को उनकी उपज का सर्वाधिक मूल्य दिया जा रहा है। राज्य सरकार प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर कर रही है। इसके साथ ही, समर्थन मूल्य और आदान सहायता को मिलाकर किसानों को प्रति क्विंटल धान का मूल्य 3100 प्रदान किया जा रहा है। बीते वर्ष छत्तीसगढ़ ने 145 लाख मेट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी की थी। इस साल खरीफ की फसल के बेहतर उत्पादन के कारण 160 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी का अनुमान है। छत्तीसगढ़ केंद्रीय पूल में धान का दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता राज्य है। छत्तीसगढ़ सर्वाधिक किसानों से धान खरीदने के मामले में देश में प्रथम स्थान पर है। कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों को आदान सहायता दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार करने के साथ ही भूमिहीन किसानों की सहायता के लिए दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर सहायता योजना के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया है। छत्तीसगढ़ सरकार का संकल्प किसानों को सशक्त बनाना और राज्य की अर्थव्यवस्था को कृषि आधारित विकास के माध्यम से सुदृढ़ करना है। किसानों से अपील की गई है कि वे अपने-अपने ब्लॉक के किसान सम्मेलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं।

अग्रणी नेतृत्व एवं दूरदृष्टि सोच से बदलता जशपुर, मिलेंगे विकास के नए पँख,मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय प्राधिकरण की बैठक में दे सकते हैं बड़ी सौगातें,रोडमैप बनकर तैयार

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जशपुर,20 अक्टूबर 2024/  आगामी 22 अक्टूबर को सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक मयाली नेचर कैंप, कुनकुरी में होने जा रही है जो कि जशपुर के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी बैठक होगी। इस बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार की पूरे कैबिनेट के शानिल होने की संभावना है । इस बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय करेंगे, जबकि उपाध्यक्ष श्रीमती गोमती साय, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, वित्त मंत्री ओपी चौधरी सहित 29 कैबिनेट सदस्य इसमें शामिल होंगे। इस महत्वपूर्ण बैठक में 20 आला अधिकारियों को भी विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है, जो बैठक के दौरान उपस्थित रहेंगे। यह बैठक पूरे सरगुजा संभाग के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हो सकती है। विभिन्न शासकीय और राजनैतिक सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री का गृहजिला जशपुर है और कुनकुरी उनकी विधानसभा सीट है, इस कारण इस बैठक में पूरे सरगुजा के साथ जशपुर के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिला कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने मुख्यमंत्री की मंशानुरूप एक व्यापक विकास मॉडल तैयार किया है, जिस पर कई योजनाओं पर काम पहले से चल रहा है। हाल ही में इसी विकास के मॉडल के अनुसार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के प्रयासों से पर्यटन विभाग, भारत सरकार ने मयाली को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने हेतु 10 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। मयाली के निकट स्थित मधेश्वर पहाड़, जिसे विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के रूप में जाना जाता है, इस क्षेत्र का प्रमुख आकर्षण है। इस बैठक में मयाली को और अधिक विकसित करने के लिए राज्य सरकार से अतिरिक्त फंडिंग मिलने की संभावना जताई जा रही है। यह बैठक पूरे सरगुजा संभाग के विकास के लिए एक बड़ी पहल साबित हो सकती है। मयाली के निकट से ही भारतमाला सड़क परियोजना गुजरेगी, जिससे इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी और बेहतर होगी। इसके अलावा, मेडिकल कॉलेज और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स की भी योजना पर तेजी से काम हो रहा है, जिससे स्वास्थ्य और खेल सुविधाओं का विकास होगा। आने वाला समय में मयाली जशपुर के बड़े पॉश इलाके के रूप के विकसित हो सकता है । शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पानी और रोजगार के क्षेत्रों में सरगुजा को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल अपने प्रशासनिक अमले के साथ लगातार काम कर रहे हैं। उनके इन प्रयासों का सीधा लाभ सरगुजा क्षेत्र की जनता को मिल रहा है। उम्मीद की जा रही है कि यह पूरे संभाग में विकास की एक नई धारा प्रवाहित करेगी। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यह पहली बार है कि प्राधिकरण की बैठक संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के बजाय जशपुर जिले के मयाली नेचर कैंप में हो रही है। मुख्यमंत्री इस बैठक के माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि सरगुजा संभाग का प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति और पर्यटन के लिए यह क्षेत्र अत्यंत समृद्ध है, जिसे वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर उभारा जा सकता है। मुख्यमंत्री की इच्छानुसार कलेक्टर, एसपी और वनमंडलाधिकारी मयाली नेचर कैंप का संपूर्ण कायाकल्प करने में जुटे हुए हैं। मयाली नेचर कैंप के भीतर पर्यटक हट, पैगोडा की सजावट को और भव्य किया गया है। डेम के सामने एक बड़ा डोम बनाया गया है, जहां यह ऐतिहासिक बैठक आयोजित होगी। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री और कैबिनेट के सदस्य बोटिंग का आनंद भी लेंगे, जिसके लिए कोरबा के बांगो डेम से विशेष स्टीमर मंगवाए गए हैं। पारंपरिक परिधान में सजीं आदिवासी महिलाएं आगंतुकों का स्वागत करेंगी। मयाली डेम के दूसरे छोर पर सेल्फी पॉइंट भी बनाया जा रहा है, जबकि चट्टानों पर 40 कलाकारों द्वारा कलेक्टर के निर्देशानुसार थीम पर आधारित कलाकृतियां बनाई जा रही हैं। बैठक स्थल के आसपास हेलीपैड बनाए गए हैं और वीवीआईपी और वीआईपी की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। एसपी शशिमोहन सिंह रोजाना सुरक्षा तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। साथ ही, वन विभाग ने जंगली हाथियों को जंगल के भीतर रोकने के लिए भी विशेष प्रबंध किए हैं। इस महाबैठक को सफल बनाने के लिए कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल और एसपी ने पूरी ताकत झोंक दी है। यह बैठक न केवल सरगुजा के विकास को गति देगी, बल्कि एक नए मॉडल के रूप में प्रस्तुत होगी कि किस प्रकार संभावित पर्यटन क्षेत्रों को विकसित कर रोजगार के अवसर पैदा किए जा सकते हैं। यह भी ध्यान देने की बात है कि किस प्रकार एक कलेक्टर की सोच ने, चार दिवारी में बैठ कर हो सकने वाली मीटिंग को, एक ऐसी जगह कराने की चुनौती ली, जो संभावित पर्यटन क्षेत्र तो है पर सुविधाओं से दूर है। एक सफल बैठक मयाली की कायाकल्प करने के किए काफ़ी है । डॉ. रवि मित्तल के नेतृत्व में जशपुर और समूचा सरगुजा संभाग विकास की एक नई दिशा की ओर अग्रसर है।

*शराबी शिक्षक पर गिरी गाज* *शराब के नशे में स्कूल पहुंचा शिक्षक हुआ निलंबित* *संयुक्त संचालक अम्बिकापुर ने दिया निलंबन का आदेश**

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  *जशपुर, 14 सितंबर 2024:* शिक्षा विभाग द्वारा एक कड़ा कदम उठाते हुए, जशपुर जिले के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला काडरो में पदस्थ शिक्षक एल.बी. श्री सुरेन्द्र कुमार मुंजानी को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई उनके द्वारा विद्यालय समय के दौरान शराब के नशे में स्कूल आने और शिक्षण कार्य न करने के आरोपों की पुष्टि के बाद की गई। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि श्री मुंजानी छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। इस रिपोर्ट के आधार पर, छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा, सरगुजा संभाग, अम्बिकापुर द्वारा जारी आदेश के अनुसार, निलंबन की अवधि में श्री मुंजानी को जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। साथ ही, इस अवधि में उनका मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, मनोरा, जिला जशपुर निर्धारित किया गया है। शिक्षा विभाग ने इस कार्रवाई के जरिए यह स्पष्ट संदेश दिया है कि विद्यालयों में अनुशासनहीनता और विद्यार्थियों के हितों के खिलाफ कोई भी कार्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।