केराडीह में विधिक साक्षरता शिविर का सफल आयोजन,विद्वान न्यायाधीश से बच्चों ने पूछे सवाल

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जशपुर / कुनकुरी,11 जनवरी 2025 – शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय केराडीह में आज विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर राष्ट्रीय सेवा योजना के बैनर तले आयोजित हुआ और इसमें प्रमुख वक्ताओं के रूप में प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश भानु प्रताप सिंह त्यागी और न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम वर्ग नरेंद्र कुमार तेंदुलकर उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती और छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। विद्यालय के प्राचार्य डी.आर. भगत और व्याख्याता असुंता किस्पोट्टा ने छात्रों के साथ अतिथियों का स्वागत किया। छात्रों ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर सभी का अभिनंदन किया। शिविर में जेएमएफसी नरेंद्र कुमार तेंदुलकर ने नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं और उससे जुड़े कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने मोबाइल के दुरुपयोग, पास्को एक्ट और यातायात नियमों के प्रति छात्रों को जागरूक किया। इसके बाद विद्वान न्यायाधीश भानु प्रताप सिंह त्यागी ने विधिक साक्षरता के महत्व और विधिक सेवा प्राधिकरण से मिलने वाले सहयोग की जानकारी दी। उन्होंने पास्को एक्ट, घरेलू हिंसा, आबकारी अधिनियम और अन्य कानूनों के बारे में छात्रों को सरल और प्रभावी ढंग से समझाया। कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने कानून से जुड़े सवाल भी पूछे। छात्र भरत मिश्रा ने शराबबंदी से संबंधित प्रश्न किया, जिस पर उन्हें शराब से जुड़े कानूनों की विस्तृत जानकारी दी गई। वहीं, नवनीत मिंज ने ड्राइविंग लाइसेंस के संबंध में जानकारी प्राप्त की। शिविर में छात्रों ने पूरे अनुशासन और उत्साह के साथ भाग लिया और कानूनी जानकारी का महत्व समझा। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी वीरेंद्र साय ने किया। अंत में आभार प्रदर्शन व्याख्याता असुंता किस्पोट्टा ने किया। शिविर में विद्यालय के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं और कर्मचारियों ने योगदान दिया। शिक्षकों ने कहा कि यह  विधिक साक्षरता शिविर छात्रों के लिए न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि उन्हें कानून के प्रति जागरूक और जिम्मेदार नागरिक बनने की प्रेरणा भी दी।  

पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या: नेशनल हाईवे जाम, आरोपियों और पुलिस पर कार्रवाई की मांग

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  बीजापुर,04 जनवरी 2025 –  बीजापुर जिले के निर्भीक पत्रकार मुकेश चंद्राकर की निर्मम हत्या और शव मिलने की घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। तीन दिनों से लापता मुकेश का शव शुक्रवार को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में स्थित सेप्टिक टैंक से बरामद किया गया। घटना के बाद पत्रकार समुदाय में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। हत्या का संदिग्ध मामला: बीजापुर एसपी जितेंद्र यादव द्वारा जारी बयान के अनुसार, पत्रकार मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी को शाम के समय घर से निकले थे। कुछ देर बाद उनका फोन बंद हो गया और वह वापस नहीं लौटे। परिजनों ने काफी तलाश के बाद उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस जांच में शुक्रवार को उनका शव चट्टानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के परिसर में एक सेप्टिक टैंक से बरामद हुआ। भ्रष्टाचार के खिलाफ खबर बनी कारण? मुकेश के भाई युकेश चंद्राकर ने खुलासा किया कि कुछ दिनों पहले मुकेश ने गंगालूर से नेलसनार तक बन रही 45 किलोमीटर लंबी सड़क में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार को उजागर किया था। उन्होंने बताया कि मुकेश बीजापुर के अंदरूनी नक्सल प्रभावित इलाकों में पत्रकारिता करते हुए ज्वलंत मुद्दों को सामने लाने में अग्रणी थे। पत्रकारों का विरोध प्रदर्शन: मुकेश के शव मिलने के बाद शनिवार सुबह से ही बीजापुर में पत्रकारों ने नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने हत्या के दोषियों की गिरफ्तारी और कड़ी सजा के साथ-साथ बीजापुर एसपी को सस्पेंड कर तबादला करने की मांग की है। प्रदर्शन स्थल पर पुलिस की भारी तैनाती की गई है, लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, उनका आंदोलन जारी रहेगा। मुकेश चंद्राकर को क्षेत्र में निर्भीक और सशक्त पत्रकार के रूप में जाना जाता था। उन्होंने न केवल भ्रष्टाचार उजागर किया, बल्कि नक्सल कब्जे से जवानों को छुड़ाने में भी अहम भूमिका निभाई। उनकी हत्या ने पूरे बस्तर संभाग को स्तब्ध कर दिया है। सरकार और प्रशासन पर उठे सवाल: इस जघन्य हत्या ने पुलिस और प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पत्रकारों का आरोप है कि मुकेश की हत्या में पुलिस की लापरवाही भी जिम्मेदार है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि हत्या के पीछे छिपे कारणों और दोषियों को फांसी की सजा दी जाए।  

*राज्य के सभी ब्लॉक मुख्यालयों में आज किसान सम्मेलन एवं कृषि संगोष्ठी*

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*कृषक उन्नति योजना से लाभान्वित कृषकों का होगा सम्मान* रायपुर, 21 दिसम्बर 2024/ किसानपुत्र मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के गठन के एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में 21 दिसंबर को राज्य के सभी ब्लॉक मुख्यालयों में किसान सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य सरकार की किसान हितैषी योजनाओं और उपलब्धियों को जनसामान्य तक पहुंचाना है। किसान सम्मेलन में कृषक उन्नति योजना के लाभान्वित किसानों और प्रगतिशील किसानों का सम्मान किया जाएगा। कृषि संगोष्ठी का भी आयोजन होगा। किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने के साथ ही सरकार की किसान हितैषी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूक किया जाएगा। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां किसानों को उनकी उपज का सर्वाधिक मूल्य दिया जा रहा है। राज्य सरकार प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर कर रही है। इसके साथ ही, समर्थन मूल्य और आदान सहायता को मिलाकर किसानों को प्रति क्विंटल धान का मूल्य 3100 प्रदान किया जा रहा है। बीते वर्ष छत्तीसगढ़ ने 145 लाख मेट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी की थी। इस साल खरीफ की फसल के बेहतर उत्पादन के कारण 160 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी का अनुमान है। छत्तीसगढ़ केंद्रीय पूल में धान का दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता राज्य है। छत्तीसगढ़ सर्वाधिक किसानों से धान खरीदने के मामले में देश में प्रथम स्थान पर है। कृषक उन्नति योजना के तहत किसानों को आदान सहायता दी जा रही है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार करने के साथ ही भूमिहीन किसानों की सहायता के लिए दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर सहायता योजना के लिए बजट में राशि का प्रावधान किया है। छत्तीसगढ़ सरकार का संकल्प किसानों को सशक्त बनाना और राज्य की अर्थव्यवस्था को कृषि आधारित विकास के माध्यम से सुदृढ़ करना है। किसानों से अपील की गई है कि वे अपने-अपने ब्लॉक के किसान सम्मेलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं।

हाईकोर्ट ने वन्यजीव संरक्षण पर की कड़ी टिप्पणी,वन विभाग को 10 दिन में जवाब देने कहा

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बिलासपुर (छत्तीसगढ़),11 नवंबर 2024 – माननीय छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी याचिका पर महत्वपूर्ण सुनवाई के दौरान वन्यजीवों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण के प्रति गहरी चिंता जताई। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की डबल बेंच ने सोमवार को राज्य में बाघों की लगातार हो रही मौतों का संज्ञान लेते हुए सरकार और वन विभाग के प्रयासों पर सवाल उठाए। न्यायालय ने टिप्पणी करते हुए कहा, “वन्यजीव और जंगल नष्ट हो रहे हैं। अगर यही स्थिति रही, तो छत्तीसगढ़ में क्या बचा रहेगा?” सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ में हाल ही में हुई बाघों की मौतों को लेकर कोर्ट ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीरता से विचार किया। हाल ही में 8 नवंबर 2024 को सरगुजा के कोरिया वन मंडल के पास एक बाघ का शव मिला था, जिसे वन विभाग ने जहर के सेवन से मौत की घटना बताया है। राज्य सरकार के महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने कोर्ट को अवगत कराया कि मामले में कड़ी कार्रवाई की जा रही है। फिर भी, कोर्ट ने राज्य में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों पर विस्तृत जानकारी मांगी है। मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट रूप से कहा, “टाइगर जैसे दुर्लभ प्रजाति के जानवरों की संख्या घट रही है। संरक्षण की योजनाएँ बनाने और उन्हें जमीन पर उतारने में असफलता चिंता का विषय है।” बेंच ने प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (APCCF) को नोटिस जारी कर 10 दिन के भीतर व्यक्तिगत शपथपत्र के माध्यम से यह बताने का आदेश दिया कि वन्यजीव संरक्षण के लिए क्या ठोस कदम उठाए गए हैं। छत्तीसगढ़, जो वन्यजीवों और जंगलों के लिए प्रसिद्ध है, पर इस गंभीर टिप्पणी ने राज्य सरकार और वन विभाग के लिए चेतावनी का संकेत दे दिया है। हाईकोर्ट ने इस मुद्दे पर अगली सुनवाई की तिथि 21 नवंबर 2024 निर्धारित की है।  

नेशनल लोक अदालत बगीचा में 278 प्रकरण समाप्त हुए, पक्षकारों ने स्वास्थ्य शिविर का लिया लाभ

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लोक अदालत सफलता पूर्वक संपन्न: विवादों का आपसी सहमति से हुआ निराकरण जशपुर/बगीचा, 21 सितंबर: व्यवहार न्यायालय बगीचा में नेशनल लोक अदालत का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस आयोजन का नेतृत्व माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंसुर अहमद, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डमरूधर चौहान और सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महेश राज के निर्देशन में किया गया। लोक अदालत में पीठासीन अधिकारी श्रीमती कामिनी वर्मा के समक्ष पक्षकारों को समझाइश दी गई, जिससे कई आपसी विवादों का राजीनामा द्वारा समाधान हुआ। इस लोक अदालत में मोटरयान अधिनियम, आबकारी अधिनियम, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम और चेक बाउंस जैसे मामलों सहित कुल 278 प्रकरणों को सुलझाया गया। प्रकरणों के समाधान के साथ-साथ, पक्षकारों के स्वास्थ्य लाभ हेतु एक स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत में आज की सफल कहानियाँ पढ़िए,, सफल कहानी 01: ग्राम सेमरजोबला बेन्दोपानी के दो पक्षों के बीच शराब के नशे में हुए विवाद को लोक अदालत के हस्तक्षेप से सुलझाया गया। पीठासीन अधिकारी श्रीमती कामिनी वर्मा एवं अन्य सदस्यों द्वारा दी गई समझाइश के बाद दोनों पक्षों ने आपसी रजामंदी से विवाद को खत्म कर दिया और भविष्य में शांतिपूर्ण संबंध बनाए रखने का संकल्प लिया। सफल कहानी 02: सामरबार बगीचा निवासी और देवंडांड, तहसील सन्ना निवासी के बीच ₹1,48,000/- के चेक के माध्यम से हुए देन-देन के विवाद को लोक अदालत में समझाइश के बाद समाप्त कर दिया गया। दोनों पक्षकारों ने आपसी सहमति से राजीनामा कर प्रकरण को समाप्त किया। सफल कहानी 03: ग्राम बटईकेला के निवासी के मध्य घरेलू हिंसा का मामला न्यायालय में लंबित था। पीठासीन अधिकारी के निर्देश के बाद पति-पत्नी ने आपसी सहमति से अपने रिश्ते को सुधारते हुए, सुखपूर्वक साथ रहने का फैसला किया। राजीनामा के आधार पर इस प्रकरण को समाप्त कर दिया गया। लोक अदालत के माध्यम से न केवल लंबित मामलों का निपटारा हुआ, बल्कि समाज में शांति और सामंजस्य भी स्थापित हुआ। यह आयोजन विवाद समाधान की दिशा में एक सकारात्मक कदम साबित हुआ।  

*आज डीजे वाले बाबू नहीं बजाएंगे डीजे**छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के निर्देशों पर प्रशासन ने कानफोड़ू डीजे पर लगाई रोक*

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जशपुर/कुनकुरी16 सितंबर 2024 छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए जशपुर प्रशासन ने कानफोड़ू डीजे साउंड पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि गणेश विसर्जन, ईद मिलादुन्नबी या किसी अन्य धार्मिक या सांस्कृतिक आयोजन के दौरान तेज आवाज में डीजे बजाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हाईकोर्ट के सख्त निर्देशों के तहत, ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है। शांति समिति की बैठकों में कुछ नागरिकों ने 75 डेसिबल से कम ध्वनि पर डीजे चलाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने साफ कर दिया कि ध्वनि प्रदूषण अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। पत्थलगांव थाना प्रभारी विनीत पांडे ने सभी गणेश समितियों से अपील की है कि वे कानफोड़ू डीजे न बजाएं और नियमों का पालन करें। उन्होंने चेतावनी दी कि शिकायत मिलने पर डीजे साउंड सिस्टम जब्त कर लिया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कुनकुरी थाना प्रभारी सुनील सिंह ने भी यही संदेश देते हुए कहा कि ईद मिलादुन्नबी और गणेश विसर्जन के दौरान डीजे बजाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यदि किसी ने हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन किया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आयोजकों से विसर्जन के दौरान केवल सीमित लोगों को शामिल करने और तालाब के पास उचित सुरक्षा, लाइटिंग और रस्सी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की अपील की है। प्रशासन का यह कदम ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने और सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए है। हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत इस प्रकार की सख्ती से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ध्वनि प्रदूषण के नियमों का सख्ती से पालन हो।

*छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति श्री रमेश सिन्हा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर का निरीक्षण किया*

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  जशपुर 25 अगस्त 2024 / छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति  रमेश सिन्हा शनिवार को जशपुर दौरे पर रहे।जहां तालुका न्यायालय / व्यवहार न्यायालय बगीचा का सर्वप्रथम निरीक्षण किया और अधिकारियों एवं कर्मचारियों के समस्याओं से अवगत हुए। व्यवहार न्यायालय बगीचा के निरीक्षण उपरांत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां पहुंचने पर मुख्य न्यायाधिपति का प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर के न्यायिक अधिकारियों, कर्मचारियों एवं अधिवक्ताओं ने स्वागत किया। मुख्य न्यायाधिपति  रमेश सिन्हा ने जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर के में कोर्ट के संचालन के लिए बने विभिन्न अनुभाग अभिलेखागार, कंप्यूटर सर्वर रूम, फर्स्ट एड कीनिक, मालखाना, बच्चों के लिए बने किलकारी कक्ष, कुटुम्ब न्यायालय, अधिवक्ता कक्ष सहित अन्य कक्षों का निरीक्षण किया और अधिकारियों, अधिवक्ताओं एवं कर्मचारियों से चर्चा के दौरान सहजतापूर्वक कहा कि मैं आज लगभग 400 किलोमीटर की दूरी तय कर बिलासपुर से आप लोगों से ही मिलने एवं समस्याओं से अवगत होने के लिए आया हूं। मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने किलकारी कक्ष के निरीक्षण के दौरान वहां पर मौजूद कक्षा पहली में पढ़ने वाले मयंक यादव से बात किये और संतुष्ट होकर उसे उपहार प्रदान करते हुए उक्त बालक के साथ फोटो भी लिया। इस अवसर पर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायधीश हिरेन्द्र सिंह टेकाम भी मुख्य न्यायाधिपति के साथ मौजूद रहे। मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने अधिवक्ताओं से चर्चा के दौरान कहा की वे यहां पहली बार आ रहे हैं। जशपुर जिले का नैसर्गिक पर्यावरण सौंदर्य सहज ही आकर्षित करने वाला है साथ ही यह भी कहा कि जिला जशपुर छत्तीसगढ का कश्मीर है।  माननीय मुख्य न्यायाधिपति ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के दूरस्थ क्षेत्रों में बने न्यायालय में जाकर वे वहां की व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं, ताकि वहां पर किसी भी प्रकार की कमी हो तो सुधार किया जा सके और न्याय व्यवस्था आम नागरिकों के लिए सुलभ हो सके। मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा ने कहा कि न्याय की व्यवस्था को सुदूर अंचल तक पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय को डिजिटल किया गया है ताकि किसी भी स्थान से अधिवक्ता विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी अपने प्रकरण में जिरह कर सके और अन्य सुविधा के लिए मोबाईल एप भी बनाए गए हैं, जिसके माध्यम से सुदूर अचंल के निवासी एवं गरीब पक्षकार भी लाभ प्राप्त कर समय एवं पैसे का बचत कर सके। शनिवार को ही मुख्य न्यायाधिपति  रमेश सिन्हा ने जशपुर जिले के व्यवहार न्यायालय कुनकुरी के न्यायालय एवं सभी अनुभाग का निरीक्षण किया एवं अधिवक्ताओं से सौजन्य मुलाकात किया । माननीय न्यायाधिपति रमेश सिन्हा के द्वारा उक्त न्यायालयों के रख-रखाव एवं व्यवस्था पर संतुष्टि व्यक्त किया एवं भविष्य को और अधिक बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अग्रिम सुधार हेतु प्रोत्साहित किया । आज निरीक्षण समय उच्च न्यायालय छ.ग. बिलासपुर के रजिस्ट्रार जनरल बलराम प्रसाद वर्मा, संयुक्त रजिस्ट्रार सह पीपीएस एम.वी.एल.एन. सुब्रमन्यम, प्रोटोकॉल ऑफिसर आर.एस. नेगी एवं पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह एवं पुलिस के अन्य अधिकारी, कमर्चारी, जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार, सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी एवं कर्मचारी, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष  भागवत नारायण सिंह सहित अन्य अधिवक्तागण तथा प्रधान जिला एवं सत्र न्यायालय जशपुर, व्यवहार न्यायालय कुनकुरी एवं व्यवहार न्यायालय बगीचा के न्यायिक अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।