मधेश्वर महादेव: मयाली में शिव भक्ति की धारा, शिवलोक सा नज़ारा

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मयाली,जशपुर, 21 मार्च: जशपुर जिले के मयाली स्थित प्रसिद्ध प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर महादेव के पास भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है। महाशिवपुराण कथा के आयोजन ने इस पवित्र स्थल को और अधिक दिव्यता से भर दिया है। श्रद्धा का रंग इस कदर चढ़ चुका है कि लोग इसे अब शिवलोक कहने लगे हैं। कलश यात्रा में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब आज कथा के प्रारंभ से पहले कुनकुरी के बेलजोरा नदी से लेकर मयाली कथा स्थल तक भव्य कलश यात्रा निकाली गई। ग्यारह हजार महिलाएं सिर पर कलश रखकर हर-हर महादेव के जयकारों के साथ आगे बढ़ीं। पूरा वातावरण शिवमय हो गया। इस पवित्र यात्रा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय भी शामिल हुईं। पं. प्रदीप मिश्रा सुनाएंगे महाशिवपुराण 21 मार्च से 27 मार्च तक प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा महाशिवपुराण कथा का वाचन किया जाएगा। जैसे ही कथा का शुभारंभ हुआ, मयाली का पूरा क्षेत्र “हर-हर महादेव” और “जय भोलेनाथ” के नारों से गूंज उठा। मधेश्वर महादेव: जहां शिवलोक का अहसास होता है मयाली में स्थित विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक शिवलिंग आस्था का केंद्र बन चुका है। यहां आने वाले श्रद्धालु इसे किसी शिवलोक से कम नहीं मानते। कहते हैं कि इस प्राकृतिक शिवलिंग के दर्शन मात्र से जीवन धन्य हो जाता है। भक्तों में भारी उत्साह महाशिवपुराण कथा सुनने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं। श्रद्धालु यहां शिव की भक्ति में लीन होकर भजन-कीर्तन कर रहे हैं। मयाली की पावन भूमि शिवधाम जैसी अनुभूति करा रही है। इस ऐतिहासिक आयोजन के साथ, मधेश्वर महादेव शिवलिंग पर आस्था का रंग पूरी तरह चढ़ चुका है और यह स्थान शिव भक्तों के लिए एक दिव्य तीर्थ बनता जा रहा है।  

मुख्यमंत्री ने होली पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं, टाटीडांड में अनुष्ठान में हुए शामिल

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जशपुर, 14 मार्च 2025 – होली के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं और विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होकर जनसंपर्क किया। मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया में बड़ी संख्या में नागरिक, जनप्रतिनिधि और पत्रकार उनसे मिलने पहुंचे। उन्होंने सभी को गुलाल लगाकर होली की बधाई दी और प्रदेश में शांति, समृद्धि और भाईचारे की कामना की। इसके बाद मुख्यमंत्री अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय के साथ कांसाबेल विकासखंड के ग्राम टाटीडांड पहुंचे, जहां सनातन समाज द्वारा आयोजित दुर्गा देवी संत समाज अनुष्ठान में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान राधा-कृष्ण की पूजा-अर्चना की और प्रदेश के सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। कार्यक्रम में गुरु महाराज स्व. धनपति पंडा के पुत्र श्री सहदेव पंडा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा, “होली रंगों और खुशियों का पर्व है, हमें इसे शांति और भाईचारे के साथ मनाना चाहिए। यह पर्व समाज में प्रेम और सौहार्द का संदेश देता है। सरकार की योजनाओं की दी जानकारी मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि – प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 14 लाख लोगों को आवास निर्माण की स्वीकृति दी गई है। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत 70 लाख महिलाओं को हर माह ₹1,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। किसानों के लिए धान खरीदी की जा रही है, जिससे उन्हें सीधा लाभ मिल रहा है।  महाशिवपुराण कथा में मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दिया आमंत्रण मुख्यमंत्री ने बताया कि आगामी 21 से 27 मार्च तक कुनकुरी विकासखंड के मधेश्वर पहाड़ स्थित प्राकृतिक शिवलिंग स्थल पर महाशिवपुराण कथा का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन में देश के प्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा प्रवचन करेंगे। मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं को इस भव्य आयोजन में शामिल होने का आमंत्रण दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने भी सभी को होली की शुभकामनाएं दीं और अनुष्ठान में शामिल होने के अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में सनातन समाज के लोग उपस्थित रहे और उन्होंने भी मुख्यमंत्री के साथ इस शुभ अवसर को मनाया।

पंडित प्रदीप मिश्रा विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर महादेव में करेंगे 21 से महाशिवपुराण कथा

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प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के आगमन की भव्य तैयारी, 21 से 27 मार्च तक होगी कथा जशपुर, 9 मार्च 2025: सर्व हिंदू समाज के आह्वान पर 21 मार्च से 27 मार्च तक विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर महादेव की गोद में महाशिवपुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस दिव्य कथा को प्रसिद्ध शिवपुराण कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा सुनाएंगे। आयोजन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। कल सोमवार को मयाली नेचर कैंप के पास सुबह 9:30 बजे भूमि पूजन किया जाएगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। कौन हैं पंडित प्रदीप मिश्रा? मध्यप्रदेश के सीहोर निवासी पंडित प्रदीप मिश्रा देशभर में अपनी शिवमहिमा से जुड़े प्रवचनों के लिए विख्यात हैं। वे अपने सरल व प्रभावशाली कथन शैली से शिव महापुराण, शिव कृपा, और रुद्राक्ष महिमा पर प्रकाश डालते हैं। उनके प्रवचनों से हजारों लोग आस्था से जुड़ते हैं और शिव भक्ति का मार्ग अपनाते हैं। महाशिवपुराण कथा का विशेष महत्व मधेश्वर महादेव धाम में हो रही यह कथा क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक होने वाली है। शिव महापुराण के दिव्य प्रसंगों के साथ, शिव कृपा की महिमा को सुनने के लिए लाखों श्रद्धालु जुटने वाले हैं। इस आयोजन के माध्यम से जशपुर जिले की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को एक नई ऊंचाई मिलेगी। आयोजन समिति ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अधिक से अधिक संख्या में इस कथा में भाग लें और शिव कृपा का लाभ उठाएं।

*सबका साथ सबका विकास को साकार करने वाली है बजट: कौशल्या साय*

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जशपुर, 03 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय और वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा सोमवार को विधानसभा में प्रस्तुत किए गए सरकार के दूसरे बजट में प्रदेश के सभी वर्गो के विकास का पूरा ध्यान रखा गया है। यह बजट छत्तीसगढ़ और यहां की सम्मानीय जनता की सुनहरे भविष्य को गढ़ने का काम करेगी। यह बातें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कही। उन्होनें वित्त मंत्री ओपी चौधरी द्वारा हस्तलिखित पेपरलेस बजट प्रस्तुत करने के निर्णय को साहसिक व दूरदर्शी कदम बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बजट में केंद्र की प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा हाल ही प्रस्तुत किए गए केंद्रीय बजट के लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर उठाया गया कदम है। उन्होनें कहा कि इस बजट में महिला,गरीब , किसान,युवाओं का ध्यान रखा गया है। बजट में प्रशासनिक सुधार के लिए किए गए वित्तिय प्रावधानों को महत्वपूर्ण बताते हुए श्रीमती कौशल्या साय ने कहा कि इससे सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आने के साथ ही आम जनता को सरकारी सेवाओं का सहजता से लाभ मिल सकेगा। जशपुर जिले में मेडिकल कालेज और नर्सिंग कालेज खोले जाने का स्वागत करते हुए श्रीमती साय ने कहा कि इससे जिलेवासियों को एक ओर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी,वहीं दूसरी ओर ये दोनों महत्वपूर्ण संस्थान जिले के विकास में भी योगदान देगें। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जशपुर जिले को विकसित,सुरक्षित और समृद्व  बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। इसके लिए हम सब उनका आभार व्यक्त करते हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सार्थक पहल,कुनकुरी में खुलेगा नया मेडिकल कॉलेज,लोगों में छाई खुशी

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जशपुर 3 मार्च 25/छत्तीसगढ़ सरकार के द्वितीय बजट सत्र में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बजट पेश किया। इस बजट में जशपुर जिले के कुनकुरी में नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना का प्रावधान किया गया है। इस घोषणा के बाद जशपुर जिले में हर्ष का माहौल है। जशपुर नगर के व्यवसायी श्री सत्येंद्र कुमार पाठक ने इस बजट का स्वागत करते हुए कहा कि यह मेडिकल कॉलेज जिले के विकास और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री और राज्य सरकार का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह निर्णय सुदूर क्षेत्र की जनता के लिए अत्यंत लाभकारी होगा। मेडिकल कॉलेज की स्थापना से जिले के युवाओं को चिकित्सा शिक्षा के बेहतर अवसर मिलेंगे और स्वास्थ्य सेवाओं में भी व्यापक सुधार होगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन और जनहितैषी नीतियों के तहत यह बजट छत्तीसगढ़ के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।  

मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

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रायपुर, 2 मार्च 2025 – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधार से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। आबकारी नीति 2025-26 को मंजूरी,मदिराप्रेमियों को मिल सकती है सस्ती शराब! वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई है, जो पूर्ववर्ती वर्ष 2024-25 की भांति होगी। राज्य में 674 मदिरा दुकानों का संचालन जारी रहेगा, साथ ही आवश्यकता अनुसार प्रीमियम मदिरा दुकानें भी संचालित की जाएंगी। देशी मदिरा की आपूर्ति पूर्ववत् रेट ऑफर के अनुसार होगी, जबकि विदेशी मदिरा का थोक क्रय एवं वितरण छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। मदिरा पर लागू अधोसंरचना विकास शुल्क यथावत रहेगा, लेकिन विदेशी मदिरा फुटकर दुकानों पर 9.5 प्रतिशत की दर से लगने वाला अतिरिक्त आबकारी शुल्क समाप्त कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ लोक परिसर (बेदखली) संशोधन विधेयक-2025 का अनुमोदन सरकारी परिसरों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ लोक परिसर (बेदखली) संशोधन विधेयक-2025 के प्रारूप को मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दी है। इससे सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत सशक्त समिति का विघटन व्यवसाय करने में सुगमता लाने के लिए ई-प्रोक्योरमेंट के लिए गठित सशक्त समिति को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में पीएफआईसी द्वारा 100 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को स्वीकृत किया जा रहा है, जिससे अनुमोदन प्रक्रिया में दोहराव हो रहा था। इस निर्णय से अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी आएगी। उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में नए सदस्य पद का सृजन छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण और उपभोक्ता मामलों की समयबद्ध सुनवाई के लिए एक नए सदस्य पद का सृजन किया गया है। धान एवं चावल परिवहन दरों की स्वीकृति खरीफ विपणन वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 के समर्थन मूल्य योजना में धान एवं चावल परिवहन की दरों के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति की अनुशंसा को स्वीकृति प्रदान की गई है। श्रम विधियों में संशोधन का अनुमोदन मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ श्रम विधियां संशोधन एवं विविध प्रकीर्ण उपबंध विधेयक-2025 के माध्यम से कारखाना अधिनियम-1948, औद्योगिक विवाद अधिनियम-1947 तथा ट्रेड यूनियन अधिनियम-1976 में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया है। रजिस्ट्रीकरण अधिनियम में संशोधन रजिस्ट्रीकरण अधिनियम-1908 (छत्तीसगढ़ संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप को मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दी है, जिससे रजिस्ट्री कार्यालयों के संचालन में सुधार होगा। उप पंजीयक पदों की पूर्ति के लिए सेवा अवधि में छूट वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग में उप पंजीयक के पदोन्नति श्रेणी के रिक्त 9 पदों की पूर्ति के लिए पांच वर्ष की अर्हकारी सेवा में एक बार के लिए छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है, जिससे रजिस्ट्री कार्यालयों का नियमित संचालन सुनिश्चित होगा। औद्योगिक विकास नीति 2024-30 को प्रभावी बनाने के लिए संशोधन राज्य में 1 नवंबर 2024 से लागू औद्योगिक विकास नीति 2024-30 को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ शासन भंडार क्रय नियम-2002 में प्रस्तावित संशोधन के प्रारूप को मंजूरी दी गई है, जिससे उद्योगों को निवेश के लिए बेहतर माहौल मिलेगा। आजीविका सृजन एवं ग्रामीण कल्याण के लिए एमओयू छत्तीसगढ़ सरकार एवं व्यक्ति विकास केन्द्र इंडिया (द आर्ट ऑफ लिविंग) के मध्य आजीविका सृजन एवं ग्रामीण छत्तीसगढ़ के कल्याण हेतु समझौता ज्ञापन (एमओयू) के लिए राज्य सरकार के सुशासन एवं अभिसरण विभाग को अधिकृत किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा। इन निर्णयों से राज्य में प्रशासनिक सुधार, औद्योगिक विकास, उपभोक्ता संरक्षण और ग्रामीण कल्याण के क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव की उम्मीद है।

साक्षात्कार : “मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता ही पहला इलाज है” – डॉ. ग्रेस, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता धीरे-धीरे बढ़ रही है, और इस बदलाव की धुरी बन रही हैं डॉ. ग्रेस कुजूर। मानसिक चिकित्सा के कई विषयों में विशेषज्ञता रखने वाली डॉ. ग्रेस, 2022 से जशपुर रोड पर तालाब के सामने चर्च गेट के पास “GK साइकोथेरेपी एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर” का संचालन कर रही हैं। उनके प्रयासों से अब तक सैकड़ों मरीज ठीक होकर सामान्य जीवन जी रहे हैं। जनपक्ष के संपादक संतोष चौधरी ने उनसे एक विशेष बातचीत की। “मेरा उद्देश्य सेवा है, सिर्फ कमाई नहीं“ प्रश्न: डॉक्टर साहिबा, अपने बारे में हमारे पाठकों को बताएं। उत्तर: (मुस्कुराते हुए) सबसे पहले आपके पाठकों को मेरा नमस्कार। मैं डॉ. ग्रेस कुजूर, कुनकुरी से 16 किलोमीटर दूर केरसई गाँव की रहने वाली हूँ। मेरी पढ़ाई कुनकुरी निर्मला स्कूल से हुई, फिर 2008 में बिलासपुर गर्ल्स डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। क्लिनिकल साइकोलॉजी में मास्टर्स GGU, बिलासपुर से किया और फिर सिकंदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु और मुंबई में अलग-अलग विषयों में विशेषज्ञता हासिल की। मैं दो विषयों में पीएचडी कर चुकी हूँ—एक क्लिनिकल साइकोलॉजी में और दूसरा नेचुरोपैथी में। 2017 में छत्तीसगढ़ काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, रायपुर ने मुझे “साइंटिस्ट अवॉर्ड” दिया था, जब मैंने विशेष बच्चों के लिए एक ऐप विकसित किया। मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में 24 साल से काम कर रही हूँ और इस काम को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि जीवन की सेवा मानती हूँ।मुझे वैज्ञानिक मनोचिकित्सक पुनर्वास एवं विशेषज्ञ के रूप में काम करने के लिए लाइसेंस प्राप्त है जिसका नम्बर C.R.R. A81006 है। “हर मानसिक बीमारी का इलाज संभव है” प्रश्न: आपके सेंटर में किस तरह के मरीजों का इलाज किया जाता है? उत्तर: हमारे सेंटर में काउंसलिंग, साइकोथेरेपी, रिलैक्सेशन थेरेपी, हिप्नोथेरेपी, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और ज़रूरत पड़ने पर एमडी के पास रेफर किया जाता है। अब तक, ✔ 10 सेरेब्रल पाल्सी के बच्चे पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। ✔ 15 ऑटिज्म से ग्रस्त बच्चे सामान्य जीवन जी रहे हैं। ✔ 50 मंदबुद्धि (इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी) के बच्चे ठीक हो चुके हैं। ✔ 70 से अधिक व्यस्क मानसिक रोगी, जिनमें से 40 पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। ✔ 60-75 वर्ष के बुजुर्गों में भूलने की बीमारी का भी सफल इलाज जारी है। सेंटर का मुख्य उद्देश्य जागरूकता और सही उपचार देना है, इसलिए फीस बहुत कम रखी गई है। “बाहर की नहीं, अंदर की चोटों का इलाज भी जरूरी है“ प्रश्न: इतनी पढ़ाई और अनुभव के बाद आपने कुनकुरी को ही क्यों चुना? उत्तर: जब मैं रायपुर, बेंगलुरु में पढ़ाई कर रही थी, तब मैंने देखा कि सरगुजा क्षेत्र के कई मरीज मानसिक बीमारियों के कारण दर-दर भटक रहे हैं। मुझे लगा कि अगर मैं अपने ही क्षेत्र में रहकर लोगों की मदद करूं तो ज्यादा बेहतर होगा। चूंकि मेरा घर कुनकुरी में है, तो यहाँ सेंटर खोलना सुविधाजनक भी रहा। प्रश्न: आपके अनुसार, इस क्षेत्र में किस तरह के मानसिक रोग सबसे ज्यादा हैं? उत्तर: यह कहना मुश्किल है क्योंकि मानसिक बीमारी दिखती नहीं, महसूस होती है। डिप्रेशन, एंग्जायटी, सिजोफ्रेनिया (पागलपन), एडिक्शन, डी-एडिक्शन, याददाश्त की समस्या जैसी बीमारियाँ यहाँ आम हैं। लेकिन सबसे चिंता की बात यह है कि 8वीं-9वीं के बच्चों में भी मानसिक समस्याएँ बढ़ रही हैं। ✔ बच्चे भावनात्मक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं ✔ या तो उन्हें बहुत अधिक सुविधाएँ दी जा रही हैं, या बहुत ज्यादा दबाव यही कारण है कि बचपन से मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है।          “मुझे अपने काम पर गर्व है” प्रश्न: इतने सालों का अनुभव कैसा रहा? उत्तर: (हँसते हुए) 24 साल से इस फील्ड में हूँ और मुझे अपने काम पर बेहद गर्व है। जब कोई मरीज स्वस्थ होकर अपनी ज़िंदगी फिर से शुरू करता है, तो जो संतुष्टि मिलती है, वह शब्दों में बयां नहीं कर सकती। “मानसिक स्वास्थ्य भी शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही ज़रूरी” अंतिम प्रश्न: हमारे पाठकों को क्या संदेश देना चाहेंगी? उत्तर:”जिस तरह बाहर की चोट का इलाज कराते हैं, वैसे ही अंदर की चोट का भी इलाज कराना ज़रूरी है।”अगर आपको लगे कि आपका कोई प्रियजन असामान्य व्यवहार कर रहा है, तो घबराने की जरूरत नहीं है—इलाज संभव है! वैसे,ज्यादा सही होगा कि स्वस्थ दिखने वालों को भी मानसिक स्वास्थ्य की जांच करा लेनी चाहिए, जिससे बीमारी ही पैदा न हो पाए। मेरे GK साइकोथेरेपी एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर में सोमवार से शनिवार, सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक आ सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए 7725093381,7067162282 पर संपर्क करें।मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हर समस्या का समाधान संभव है—बस पहला कदम उठाने की देर है!

छत्तीसगढ़ में पोषण ट्रैकर एप बना आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए सिरदर्द, तकनीकी खामियों के कारण वेतन कटौती पर भड़का संघ

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जशपुर ,27 फरवरी 2025 – छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए पोषण ट्रैकर एप एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। इस एप में तकनीकी खामियों के चलते प्रदेशभर में कई कार्यकर्ताओं का वेतन बिना किसी गलती के काटा जा रहा है, जिससे वे परेशान और आक्रोशित हैं। इस मुद्दे को सबसे पहले जशपुर जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने प्रमुखता से उठाया है और मंगलवार 25 फरवरी को जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर तत्काल समाधान की मांग की है। तकनीकी खामियां बनी बड़ी समस्या संघ की जिलाध्यक्ष श्रीमती कविता यादव के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि पोषण ट्रैकर एप के नए वर्जन में कई व्यावहारिक समस्याएं हैं। इसमें टीएचआर (टेक होम राशन) वितरण के लिए हितग्राहियों के आधार और मोबाइल से ओटीपी सत्यापन की अनिवार्यता है, जिससे कई परेशानियां खड़ी हो रही हैं— एक ही व्यक्ति को हर माह राशन लेने की अनिवार्यता – परिवार का कोई अन्य सदस्य राशन लेने नहीं जा सकता। ओटीपी सत्यापन की समस्या – कई हितग्राही ओटीपी साझा करने से मना करते हैं, जिससे उन्हें राशन नहीं मिल पाता। मोबाइल की अनुपलब्धता – कई आदिवासी और वनवासी परिवारों के पास मोबाइल फोन नहीं है, जिससे वे पोषण योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। नेटवर्क और तकनीकी दिक्कतें – कई इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं होने से पोषण ट्रैकर एप काम नहीं करता, जिससे राशन वितरण बाधित होता है। कमजोर मोबाइल उपकरण – आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए गए मोबाइल इस एप को सुचारू रूप से चलाने में सक्षम नहीं हैं, जिसके लिए कम से कम 5GB रैम वाले मोबाइल की जरूरत है। रिचार्ज सुविधा का अभाव – कार्यकर्ताओं को मोबाइल रिचार्ज के लिए प्रति माह ₹500 की स्वीकृति दी जाए, ताकि वे निर्बाध रूप से अपने कार्य कर सकें। मानदेय में कटौती से बढ़ रही नाराजगी संघ का आरोप है कि विभागीय अधिकारी इन समस्याओं से भली-भांति परिचित होने के बावजूद, कोई समाधान निकालने के बजाय कार्यकर्ताओं के मानदेय में कटौती कर रहे हैं। यह कटौती केवल एप में दर्ज आंकड़ों के आधार पर की जा रही है, जबकि तकनीकी गड़बड़ियों के कारण कई बार सही डेटा दर्ज नहीं हो पाता। संघ की जिलाध्यक्ष कविता यादव ने कहा, “हम अल्प मानदेय पर कार्य करते हैं और उसी से परिवार चलता है। यदि छोटी-छोटी तकनीकी खामियों के कारण वेतन में कटौती होगी, तो हम पर आर्थिक संकट आ जाएगा। सरकार को इस समस्या का तत्काल समाधान निकालना चाहिए।” संघ ने शासन-प्रशासन से आग्रह किया है कि— टीएचआर वितरण का कार्य अन्य एजेंसी या संस्था के माध्यम से किया जाए, ताकि तकनीकी परेशानियों से बचा जा सके। पोषण ट्रैकर एप की खामियों को दूर किया जाए और इसे ऑफलाइन मोड में भी संचालित करने की सुविधा दी जाए। किसी भी कार्यकर्ता या सहायिका का मानदेय बिना उचित कारण के न काटा जाए और जब तक समस्या का समाधान न हो, तब तक कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। प्रदेश भर में फैल सकता है आंदोलन यह समस्या केवल जशपुर की नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो यह मुद्दा प्रदेशव्यापी आंदोलन का रूप ले सकता है। संघ ने सरकार से अपील की है कि पोषण ट्रैकर एप से जुड़ी तकनीकी समस्याओं को दूर कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बिना बाधा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने दिया जाए। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं।

क्राइम किलर IPS शशिमोहन सिंह का ‘ऑपरेशन आघात’ – जशपुर में डेढ़ करोड़ की अवैध शराब जब्त

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पंजाब के जलंधर से बिहार तक फैले तस्करी नेटवर्क पर बड़ा प्रहार, बिहार CID करेगी जांच जशपुर,24 फरवरी 2024 -जशपुर जिले में नशे के खिलाफ क्राइम किलर IPS, एसएसपी शशिमोहन सिंह की अगुवाई में चल रहा ‘ऑपरेशन आघात’ लगातार तस्करों के लिए काल बनता जा रहा है। इसी अभियान के तहत जशपुर पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। पंजाब के जलंधर से बिहार ले जाई जा रही 700 पेटी अवैध विदेशी शराब से भरा ट्रक ज़ब्त किया गया है। इस तस्करी में शामिल एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है, और जब्त शराब की कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपये आंकी गई है। बिहार में खपाने की थी साजिश, CID करेगी जांच जानकारी के मुताबिक, यह शराब बिहार में तस्करी के लिए ले जाई जा रही थी, जहां शराबबंदी लागू है। इस हाई-प्रोफाइल मामले में अब बिहार CID की टीम भी जशपुर पहुंचने वाली है। पुलिस इस बात की तहकीकात कर रही है कि यह अंतरराज्यीय तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क तो नहीं, जिसका जशपुर केवल एक ट्रांजिट पॉइंट था। कैसे हुआ खुलासा? पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक बड़ा शराब तस्कर गिरोह पंजाब से बिहार के लिए खेप भेजने वाला है। इसी इनपुट पर एसएसपी शशिमोहन सिंह के निर्देश पर पुलिस ने जबरदस्त घेराबंदी की और संदिग्ध ट्रक को रोका। जब तलाशी ली गई तो ट्रक में विदेशी शराब की 700 पेटियां भरी हुई थीं। पूछताछ में आरोपी ने कई अहम सुराग दिए हैं, जिनके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। ‘ऑपरेशन आघात’ बना तस्करों का काल! नशे के कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए एसएसपी शशिमोहन सिंह के नेतृत्व में जशपुर पुलिस ‘ऑपरेशन आघात’ चला रही है, जिसने अब तक कई तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है। इस कार्रवाई से पूरे गिरोह में हड़कंप मचा हुआ है, और पुलिस की पैनी नजर अब उन सरगनाओं पर है, जो पर्दे के पीछे से इस धंधे को चला रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि क्या बिहार CID की जांच में कोई बड़ा नाम सामने आएगा? क्या इस नेटवर्क के और तार जुड़ेंगे? जशपुर पुलिस की कार्रवाई से शराब माफियाओं की नींद उड़ चुकी है.

जशपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गृहग्राम बगिया में मना रहे 61वां जन्मदिन, माता का आशीर्वाद लेकर सत्यनारायण कथा में हुए शामिल

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जशपुर/बगिया,21 फरवरी 2025 –  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज अपना 61वां जन्मदिन गृहग्राम बगिया में परिवार और समर्थकों के साथ मना रहे हैं। वे सुबह 11:58 बजे अपने निवास श्रीराम सदन पहुंचे, जहां उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने उन्हें माल्यार्पण कर शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर परिवारजनों और समर्थकों ने भी मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने अपने जन्मदिन की शुरुआत माता श्रीमती जसमनी देवी के चरणों में आशीर्वाद लेकर की। इसके बाद उनके निवास पर सत्यनारायण कथा का आयोजन किया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री स्वयं शामिल हुए हैं। इस धार्मिक अनुष्ठान के बाद वे अपने गृह क्षेत्र के लोगों से मुलाकात कर शुभकामनाएं स्वीकार करेंगे। मुख्यमंत्री साय शाम 4 बजे हेलीकॉप्टर से रायपुर के लिए रवाना होंगे। संघर्ष से सफलता तक – विष्णुदेव साय का प्रेरणादायक सफर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जीवन संघर्ष, समर्पण और सेवा का प्रतीक रहा है। जशपुर जिले के बगिया गांव में जन्मे साय ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र जीवन से की थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े साय ने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए प्रदेश की राजनीति में अपनी मजबूत पहचान बनाई। विष्णुदेव साय तीन बार छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वे लोकसभा में चार बार सांसद चुने गए और केंद्र सरकार में राज्य मंत्री के रूप में भी अपनी जिम्मेदारी निभाई। आदिवासी समाज से आने वाले साय ने हमेशा जनजातीय समुदाय और ग्रामीण विकास के मुद्दों को प्राथमिकता दी। वर्ष 2024 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने प्रदेश के विकास, सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सुविधाओं और जल आपूर्ति योजनाओं को गति दी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जन्मदिन उनके समर्थकों और प्रदेशवासियों के लिए भी एक प्रेरणादायक अवसर है। उनका जीवन बताता है कि संघर्ष और संकल्प के साथ आगे बढ़ा जाए तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।