छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का नक्सलवाद पर बड़ा मानसिक प्रहार, सीएम की प्रेरणा से नक्सल पीड़ितों ने जंतर-मंतर में किया प्रदर्शन,गृहमंत्री अमित शाह से मिलकर अपनी पीड़ा बताएंगे

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नई दिल्ली, 19 सितंबर 2024 – पिछले 5 वर्षों में बस्तर क्षेत्र में माओवादी हमलों के कारण 400 से अधिक नागरिकों की जान गई है। माओवादी हिंसा से पीड़ित लोगों ने अपनी आवाज़ राष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए आज दिल्ली के जंतर मंतर पर “कैंजा नक्सली-मनवा माटा” (सुनो नक्सली हमारी बात) आंदोलन किया। इस आंदोलन को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का समर्थन प्राप्त है।

नक्सली हिंसा से लगातार जूझ रहे ग्रामीणों ने बताया कि कैसे इन हमलों ने उनके जीवन को तबाह कर दिया है। पिछले 5 सालों में 400 से अधिक निर्दोष नागरिकों ने अपनी जान गंवाई है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। इन हमलों ने बस्तर के गाँवों में विकास की प्रक्रिया को भी बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे इलाके में शांति और सुरक्षा की मांग बढ़ी है।

मुख्यमंत्री साय ने इस आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा, “हमारी सरकार नक्सल पीड़ितों के साथ खड़ी है। बस्तर में शांति स्थापित करना और विकास को गति देना हमारी प्राथमिकता है। हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर नक्सलवाद के खात्मे के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।”

मुख्यमंत्री साय ने इन पीड़ितों की समस्याओं को समझते हुए उन्हें दिल्ली में अपनी आवाज़ उठाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कई बार माओवादी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर ग्रामीणों के दुख-दर्द को नजदीक से सुना और महसूस किया कि इन समस्याओं को केवल राज्य स्तर पर नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की जरूरत है।

आंदोलन के दौरान नक्सल पीड़ितों ने सरकार से नक्सलवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने बताया कि नक्सलियों की हिंसा ने न केवल उनके जीवन को खतरे में डाला है, बल्कि उनके गाँवों में विकास की हर कोशिश को विफल कर दिया है।

इस आंदोलन के बाद, नक्सल पीड़ितों का एक दल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगा और बस्तर में शांति बहाली, विकास कार्यों में तेजी और सुरक्षा बलों की उचित तैनाती के लिए ज्ञापन सौंपेगा। वे बस्तर की वर्तमान स्थिति और माओवादी हिंसा से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।