जगदलपुर, 15 अक्टूबर,2024 – छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर दशहरा उत्सव के लिए समर्पित “दसराहा पसरा” का लोकार्पण किया, जो बस्तर की जनजातीय संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित और प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा। 2 करोड़ 99 लाख 78 हजार की लागत से जीर्णोद्धारित इस स्थल का उद्देश्य बस्तर दशहरा की विभिन्न रस्मों और रीति-रिवाजों को सहेजकर पर्यटकों और आमजन को सुलभ जानकारी प्रदान करना है।
मुख्यमंत्री साय ने मुरिया दरबार में शामिल होने के दौरान, दंतेश्वरी मंदिर के समीप पुराने तहसील कार्यालय को “दसराहा पसरा” के रूप में पुनर्निर्मित कर जनजातीय परंपराओं का सम्मान किया। उन्होंने बस्तर दशहरा की रस्मों के प्रतीकात्मक रथ, देवी-देवताओं के प्रतीकों और प्रदर्शनी की सराहना की, और फोटो प्रदर्शनी के समीप फोटो खिंचवाई।
यह स्थल बस्तर दशहरा उत्सव के 75 दिवसीय समारोह में होने वाली प्रमुख रस्मों जैसे पाट जात्रा, डेरी गढ़ाई, काछन गादी, रैला देवी पूजा, जोगी बिठाई, रथ परिक्रमा, बेल पूजा और अन्य महत्वपूर्ण परंपराओं को जीवंत रूप में प्रस्तुत करेगा।
बस्तर दशहरा न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देशभर में अनूठी पहचान रखने वाला त्योहार है, जो बस्तर के जनजातीय समुदायों की देवी-देवताओं के प्रति आस्था और समर्पण का अद्वितीय उदाहरण है। मुख्यमंत्री साय ने इस पहल को बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और विश्व पटल पर बस्तर की परंपराओं को प्रस्तुत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
इस अवसर पर वनमंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, कांकेर सांसद भोजराज नाग, विधायक किरण देव, कोंडागांव विधायक लता उसेण्डी, चित्रकोट विधायक विनायक गोयल, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी, महापौर सफीरा साहू और अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधियों के साथ कमिश्नर डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर हरिस एस. और एसपी शलभ सिन्हा मौजूद रहे।
बस्तर दशहरा, बस्तर की जनजातीय संस्कृति की समृद्ध धरोहर को संरक्षित करने और उसे दुनिया के सामने लाने का एक महान आयोजन है, जो इस क्षेत्र की विशिष्ट परंपराओं और रीति-रिवाजों को जीवंत बनाए रखता है।