*मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ले रहे कलेक्टरों की क्लास, विकास के सभी विषयों पर बेहद तल्ख़ी के साथ दे रहे हैं निर्देश,ख़राब प्रदर्शन वाले जिलों के कलेक्टरों पर गिरा सकते हैं गाज*

रायपुर – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज दो दिवसीय कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस का पहला दिन कलेक्टरों से शुरू हुआ। इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य सचिव, विभागीय सचिव, सभी संभागायुक्त और कलेक्टर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने शासन की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और जिलों की प्रगति को लेकर कई अहम निर्देश दिए।

भाषा संयम पर विशेष जोर
मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में आम जनता और स्कूली छात्रों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “अधिकारियों को अपने भाषा संयम पर ध्यान देना होगा। यदि आपके अधिकारियों की भाषा में संयम नहीं रहा तो उन पर कार्यवाही करें, यदि आपसे गलती हुई तो मैं कार्यवाही करूंगा।”

शासन की योजनाओं में पारदर्शिता की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि शासन की सभी योजनाएं पूरी पारदर्शिता के साथ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचनी चाहिए। उन्होंने कहा, “सभी फ्लैगशिप योजनाओं में सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य करें, ताकि योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।”

राजस्व मामलों पर मुख्यमंत्री के सख्त तेवर
राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान सारंगढ़, बस्तर और खैरागढ़ जिलों में राजस्व मामलों की धीमी प्रगति पर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कलेक्टरों को निर्देश दिया कि राजस्व से जुड़े मामलों का समय सीमा के भीतर निपटारा हो। सीमांकन, नामांतरण, खाता विभाजन जैसे मामलों को तेजी से निपटाने का आदेश दिया गया, ताकि नागरिकों को छोटे-छोटे त्रुटियों के लिए भटकना न पड़े।

मनरेगा और आवास योजना पर निर्देश
मनरेगा में मानव दिवस सृजन की कमी पर बस्तर, कबीरधाम और बिलासपुर के कलेक्टरों को मुख्यमंत्री की नाराजगी झेलनी पड़ी। उन्होंने अमृत सरोवर योजना को जन अभियान का स्वरूप देने की बात कही। प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर भी मुख्यमंत्री ने कहा, “हमें बड़ी संख्या में आवास प्राप्त हुए हैं। 15 सितंबर को प्रधानमंत्री जी द्वारा पहली किश्त जारी होगी। सभी जिलों को इसे प्राथमिकता देनी चाहिए।”

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल विकास योजना में शून्य प्रगति पर नाराजगी
मुख्यमंत्री ने खैरागढ़, सारंगढ़, शक्ति और रायगढ़ जिलों में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल विकास योजना की शून्य प्रगति पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “यह आंकड़े चिंताजनक हैं। सभी कलेक्टर ध्यान दें और योजनाओं को गति प्रदान करें।”

सूपेबेड़ा के किडनी रोगियों पर चिंता
सूपेबेड़ा में किडनी रोगियों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने दिल्ली से विशेषज्ञ बुलाकर समस्या के समाधान के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम का लाभ रोगियों तक पहुंचाने पर जोर दिया गया।

टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा
मुख्यमंत्री ने टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत रायपुर और बिलासपुर जिलों के अच्छे प्रदर्शन की सराहना की। अन्य जिलों से भी इस दिशा में तेजी लाने का निर्देश दिया गया।

स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा में सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री ने खैरागढ़ के पोषण पुनर्वास केंद्र में बेड ऑक्यूपेंसी और क्योर रेट जीरो होने पर नाराजगी जताई। सभी जिलों में आयुष्मान भारत योजना के तहत शत प्रतिशत पंजीयन कराने और पीएम जनऔषधि केंद्रों की प्रभावी संचालन की बात कही।

शिक्षा विभाग में लापरवाही पर नाराजगी
मुख्यमंत्री ने कुछ जिलों में साइकिल वितरण में देरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सत्र की शुरुआत के साथ ही साइकिल का वितरण सुनिश्चित होना चाहिए। जर्जर स्कूलों की मरम्मत और गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्यों पर भी सख्त निर्देश देते हुए संबंधित ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया।

आदिम जाति विकास विभाग की समीक्षा
आदिवासी विकास योजनाओं की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने वन अधिकार पट्टा और पीएम जनमन योजना के कार्यों में सुधार के निर्देश दिए। आश्रमों और छात्रावासों में भोजन की गुणवत्ता और छात्रों की सुविधाओं का ध्यान रखने के लिए भी निर्देश जारी किए गए।

इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस में विभिन्न विभागों की प्रगति पर मुख्यमंत्री ने गहन समीक्षा की और कई अहम निर्णय लिए, जिनका उद्देश्य छत्तीसगढ़ के विकास और जनता के कल्याण को सुनिश्चित करना है।