जशपुर, 26 सितंबर 2024:
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गुरुवार को अपने बगिया स्थित निवास कार्यालय में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान अपने 94 वर्षीय संस्कृत शिक्षक, श्री राजेश्वर पाठक से मिलकर भाव विभोर हो गए। अपने स्कूली दिनों की स्मृतियों को ताज़ा करते हुए, उन्होंने गुरुजी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और उन्हें शाल, श्रीफल तथा फूलों की माला भेंट कर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए कहा, “गुरुओं का आशीर्वाद ही मुझे यहां तक लेकर आया है। आज मैं जो कुछ भी हूँ, वह मेरे शिक्षकों की कृपा से है।” इस दौरान उन्होंने अपने शिक्षक से एक बार फिर आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री पाठक ने पूरे मन से मुख्यमंत्री को आशीर्वाद दिया और उनकी सफलता की कामना की।
श्री राजेश्वर पाठक ने भी मुख्यमंत्री श्री साय के बचपन के दिनों को याद करते हुए बताया कि जब वे लोयोला उच्चतर माध्यमिक शाला, कुनकुरी में पढ़ाया करते थे, तब श्री साय उनके विद्यार्थियों में से एक थे। उन्होंने कहा, “विष्णुदेव साय बचपन से ही अत्यंत प्रतिभाशाली और विनम्र स्वभाव के थे। उनकी आज्ञाकारिता और बुद्धिमानी हमेशा सबसे अलग होती थी। वे हर अवसर पर अपनी प्रतिभा से अलग पहचान बनाते थे।”
उन्होंने आगे कहा कि जब मुख्यमंत्री श्री साय सांसद थे, तब भी वे हमेशा विनम्रता से मिलते थे और आज भी उनका वही आदरभाव और नम्रता बरकरार है। पाठक जी ने मुख्यमंत्री के व्यक्तित्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका यह सादगी भरा व्यवहार एक अनुकरणीय उदाहरण है।
मुख्यमंत्री और उनके शिक्षक की इस पुनर्मिलन ने सभी को भावुक कर दिया और गुरु-शिष्य की इस अद्वितीय परंपरा को जीवंत कर दिया।

















