रायपुर, 20 सितंबर 2024: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत सख्त कार्रवाई कर रही है। हाल ही में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई 2024-25 सत्र की नई पाठ्यपुस्तकों को कबाड़ में बेचे जाने की गंभीर घटना सामने आई, जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल संज्ञान लिया। इस मामले में लापरवाही पाए जाने पर पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक प्रेम प्रकाश शर्मा को निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने भ्रष्टाचार और प्रशासनिक शिथिलता को लेकर कोई समझौता न करने का स्पष्ट संदेश देते हुए, घटना की जांच के निर्देश अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले को दिए थे। जांच में प्रथम दृष्टया लापरवाही पाए जाने पर श्री शर्मा के खिलाफ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों के तहत त्वरित कार्रवाई की गई है। यह निलंबन मुख्यमंत्री द्वारा प्रशासनिक शिथिलता और भ्रष्टाचार पर उनकी कड़ी नीति का प्रमाण है।
सुशासन की सरकार में भ्रष्टाचार को कोई स्थान नहीं मुख्यमंत्री श्री साय ने हाल ही में आयोजित कलेक्टर एसपी कांफ्रेंस में स्पष्ट किया था कि भ्रष्टाचार और लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए सुशासन और पारदर्शिता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। पाठ्य पुस्तक निगम के इस प्रकरण पर त्वरित कार्रवाई से यह संदेश और भी स्पष्ट हो गया है कि सरकार अब लापरवाह अधिकारियों पर सख्त नज़र रख रही है।
प्रमुख विभागों में सख्त निगरानी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की लापरवाही को पूरी तरह से खारिज किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह सुशासन की सरकार है, और भ्रष्टाचार के प्रति हमारा रुख पूरी तरह स्पष्ट है। जो भी अधिकारी या कर्मचारी अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
पाठ्य पुस्तक निगम की इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को सख्ती से लागू कर रही है। मुख्यमंत्री श्री साय का यह कड़ा प्रहार एक उदाहरण है कि भविष्य में किसी भी प्रकार की प्रशासनिक लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।