जशपुर,17 सितंबर 2024 / बीते 12 सितंबर को श्रीनदी पुल से लगे जंगल में हुई नृशंस हत्या के आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार लिया है जिनमें मृतक का बड़ा भाई, दो मौसेरे भाई और एक पड़ोसी शामिल है।पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में अंधे कत्ल का खुलासा किया है।
घटनाक्रम पर नजर डालें तो इस हत्या की दो वजह सामने आई, एक जमीन विवाद और दूसरा मृतक अभिषेक का शराब पीकर पूरे गांव में लड़ाई झगड़ा करना।
जो कहानी अभी तक सामने आई है उसके मुताबिक अभिषेक लकड़ा उर्फ़ “अभी’’ की माँ का बीते माह निधन हो गया था। जिस कारण वह होशंगाबाद से गांव आया था। जैसा कि अभिषेक की पत्नी अर्पिता ने बताया कि “अभी” शराब पीकर झगड़ा करता था। वह किसी से भी झगड़ जाता था, जिसकी वजह से पत्नी भी 2022 में उसे छोड़कर अपने मायके केरसई लौट गई थी।इस हत्या में पुलिस के शक की सुई सबसे पहले अभी की पत्नी पर ही गई लेकिन लंबी पूछताछ के बाद हत्या में किसी प्रकार की संलिप्तता नहीं पाए जाने पर उसे छोड़ दिया गया।
उधर अभिषेक अपने गांव बरजोर में माँ के दफन – कफ़न के बाद घर में ही रुक गया, जिसका एक भाई मंदबुद्धि है। पिता क्रिस्टोफर मजदूरी करने गांव के राजमिस्त्री के साथ सरगुजा जिले के उदयपुर चला गया था।
यूँ नहीं बना हत्या का फुलप्रूफ प्लान…
अब “अभी” घर में दिनभर शराब पिये और अपने मौसी के बेटों और पड़ोसियों से झगड़ा करे।शराब के लिए जमीन भी गिरवी रख देता था। रोज- रोज की किचकिच से तंग आकर मौसेरे भाई अभय लकड़ा अपने भाई व अन्य के साथ मिलकर अभिषेक की पिटाई कर दी, जिसमें उसका एक पैर टूट गया। जिसका इलाज भाइयों ने जड़ी- बूटी से कराने की कोशिश की लेकिन उसके गाली – गलौच से नाराज होकर उसे हमेशा के लिए शांत करने की योजना बनाने लगे।
फोटो: वारदात वाली मारुति वेन
11 सितंबर को चारों आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने के लिए मारुति वेन में कमजोर हो चुके अभिषेक को डालकर बरजोर से कुंजारा होते हुए श्रीनदी तक लाए।जहां उसके मौसेरे भाई अभय लकड़ा ने उसकी निर्मम हत्या की।इस समय मृतक का सगा बड़ा भाई अनूप उर्फ़ अनु हत्या करते देख रहा था।वहीं संदीप और निर्दोष सड़क पर मारुति वेन में पहरा दे रहे थे।हत्यारे अभय एक्का सिर धड़ से अलग करने के बाद सिर को नदी में बहाने की योजना बनाया लेकिन धड़ को जंगल के काफी अंदर ठिकाने लगाने के बाद सिर को ढूंढ नहीं पाया।तब तक भोर हो गया,उजाला बढ़ता देख सभी मारुति वेन से वापस बरजोर आ गए। आरोपियों ने सुनियोजित ढंग से वारदात को अंजाम देने के बाद घरवालों को गुमराह करने के लिए यह झूठ फैला दी कि ‘अभी’ को वैद्य से इलाज कराकर बस से उसके पिता ख़रीस्टोफर के पास उदयपुर भेज दिए हैं।अभय ने बताया कि उसने यह हत्या क्राइम पेट्रोल देखकर की।
‘स्पेशल 72’
नृशंस हत्या की सूचना मिलते ही एसपी शशिमोहन सिंह ने इस खौफनाक वारदात को अंजाम देनेवालों को 72 घण्टे के अंदर पकड़ने का टास्क दिया।जिसके लिए विशेष टीम बनाई और एएसपी अनिल कुमार सोनी के साथ लगातार मॉनिटरिंग करते रहे।डीएसपी विजय सिंह राजपूत के कुशल मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सुनील सिंह विशेष टीम के साथ जघन्य हत्या की कड़ियाँ जोड़ते हुए हत्या में प्रयुक्त औजार व मारुति वेन की जप्ती कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया।’स्पेशल 72′ को सफल बनानेवाली टीम में डीएसपी विजय राजपूत, थाना प्रभारी सुनील सिंह,सब इंस्पेक्टर संतोष तिवारी,एएसआई ईश्वर वारले,सब इंस्पेक्टर नसीरुद्दीन (साइबर)अंसारी,एएसआई नसीरुद्दीन (क्राइम)अंसारी, प्रधान आरक्षक मोहन बंजारे,जितेंद्र गुप्ता,गणेश यादव,नंदलाल यादव,प्रदीप एक्का,तुलसी रात्रे,मुकेश पांडे,अनिल सिंह,ताराचंद मिरेंद्र, चंद्रशेखर बंजारे,अजय श्रीवास्तव लालाजी शामिल थे।इसके अलावा सीन ऑफ क्राइम यूनिट जिला जशपुर सलीम कुजूर ने फॉरेंसिक साक्ष्य का संग्रहण किया।एसपी ने इस टीम को नगद इनाम देने की घोषणा की है।