
जशपुर, 18 सितंबर 2024:
“डबल इंजन की सरकार का लाभ उन दीदियों को भी मिल रहा है, जो अब लखपति दीदी बन रही हैं। हमारी सरकार सभी बहनों को आत्मनिर्भर बनाने और लखपति दीदी बनाने के लिए काम कर रही है,” यह बात मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कही, जब उन्होंने विशेष पिछड़ी जनजाति की सुमन्ती बाई की सफलता की सराहना की।
सुमन्ती बाई, जो कोरवा जनजाति से आती हैं, आज “लखपति दीदी” के नाम से जानी जाती हैं। कुछ साल पहले तक उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। वह एक साधारण किसान परिवार से थीं और उनकी सालाना आय केवल 38,000 रुपये थी, जो उनके परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी नहीं थी। लेकिन सुमन्ती बाई ने इस स्थिति को बदलने का निश्चय किया और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत कमल स्व सहायता समूह से जुड़ने का निर्णय लिया।
स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद सुमन्ती बाई को वित्तीय सहयोग और सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ मिला। उन्हें बिहान योजना के अंतर्गत आरएफ से 15,000 रुपये, सीआईएफ से 60,000 रुपये और बैंक लिंकेज से 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई। इस सहयोग ने सुमन्ती बाई की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव लाया।
नए आजीविका के साधनों ने बदली जिंदगी
समूह से मिली आर्थिक मदद से सुमन्ती बाई ने मिर्च और टमाटर उत्पादन, साथ ही बकरी पालन जैसे विभिन्न आजीविका के साधन अपनाए। आज उनकी सालाना आय 1,80,000 रुपये तक पहुंच चुकी है। मिर्च उत्पादन से उन्हें 80,000 रुपये, टमाटर उत्पादन से 40,000 रुपये, और बकरी पालन से 60,000 रुपये की आय हो रही है। इस तरह सुमन्ती बाई ने अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया।
सुमन्ती बाई ने कहा – “स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद उनके जीवन में न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक बदलाव भी आया है। आज वह अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर रही हैं और अपने परिवार की जीवनशैली में भी सुधार कर पाई हैं।”
मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुमन्ती बाई और उन सभी “लखपति दीदियों” को बधाई दी, जिन्होंने अपनी मेहनत और सरकारी योजनाओं के सहयोग से अपने जीवन को बेहतर बनाया है। सरकार का यह उद्देश्य है कि सभी बहनों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया जाए, ताकि वे भी अपने परिवार और समाज की भलाई के लिए योगदान दे सकें।
सुमन्ती बाई की यह सफलता, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) और स्व सहायता समूह के माध्यम से सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।