( विशेष रिपोर्ट )
जशपुर और सरगुजा संभाग में जंगली हाथियों के हमले और सर्पदंश से हो रही मौतों पर रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल रंग ला रही है। राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए जनमन महाअभियान के तहत जंगलों और झाड़ियों में रहने वाले वनवासियों को पक्के मकान उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
सर्पदंश से होने वाली मौतों को कम करने के लिए सरकार ने लोगों को अंधविश्वास से निकालकर तत्काल चिकित्सा सुविधा दिलाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं, ताकि सर्पदंश जैसी गंभीर परिस्थितियों में भी लोगों को समय पर इलाज मिल सके।
सर्पदंश के मामलों में जागरुकता बढ़ी
जिले में सर्पदंश के शिकार लोगों को झाड़-फूंक जैसे अंधविश्वासों से दूर रखने और उन्हें अस्पताल पहुंचाने के लिए जनजागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. मित्तल ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे गांवों में लोगों को जागरूक करें कि सांप काटने पर तुरंत स्वास्थ्य केंद्र में आकर इलाज कराएं।
आज सुबह सन्ना निवासी रसेल राम को जहरीले बंबू पिट वाइपर सांप ने काट लिया। पहले उन्होंने झाड़-फूंक का सहारा लिया, लेकिन जब स्थिति बिगड़ी तो वे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) सन्ना पहुंचे। वहां पर चिकित्सकों ने उन्हें तुरंत एंटी स्नेक वेनम का इंजेक्शन लगाया, जिसके बाद उनकी हालत सामान्य हो गई। डॉक्टरों ने उन्हें अंधविश्वासों से दूर रहने और भविष्य में किसी भी सर्पदंश की स्थिति में तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की सलाह दी।
जनजागरुकता अभियान के सकारात्मक परिणाम
चिकित्सकों ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार गांवों में जागरुकता फैलाने का सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है। पहले जहां लोग झाड़-फूंक का सहारा लेते थे, अब वे स्वास्थ्य केंद्रों में आकर अपना इलाज करा रहे हैं। सन्ना सीएचसी के डॉक्टर सुनील लकड़ा ने बताया कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां लोग जागरूक होकर समय पर इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे हैं, जिससे उनकी जान बचाई जा सकी है।
मुख्यमंत्री की इस पहल और कलेक्टर के निर्देशों के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और जागरुकता बढ़ने से ग्रामीण अंचलों में सर्पदंश से होने वाली मौतों में कमी आ रही है, जो सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है।