पोटाश बम खाने से हाथी का शावक गम्भीर,अज्ञात शिकारियों के खिलाफ थाने में शिकायत,घायल हाथी ड्रोन में दिखा,देखे तस्वीरें

छत्तीसगढ़ में शिकारीयों के पोटाश बम से हाथी का शावक गंभीर रूप से घायल होने की खबर से वन विभाग अलर्ट हुआ है।

गरियाबंद 10 नवंबर,2024 – छत्तीसगढ़ के उदंती सीतानदी क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसमें शिकारीयों द्वारा छोड़े गए पोटाश बम का शिकार होकर एक हाथी का शावक गंभीर रूप से घायल हो गया।वन विभाग ने शिकारियों का नाम बताने वाले को 10 हजार रुपए के ईनाम की घोषणा की है।

रिपोर्टों के अनुसार, सिकासेर दल के 38 से अधिक हाथी इस क्षेत्र में विचरण कर रहे थे, जब इस दल में शामिल शावक ने गलती से पोटाश बम को मुंह में ले लिया। बम के फटने से शावक के मुंह और आसपास के हिस्सों में गंभीर चोटें आई हैं, जिससे जंगल में कई जगहों पर खून के निशान देखे गए हैं। घटना के बाद हाथियों का यह दल दो हिस्सों में बंट गया, और घायल शावक अपनी मां के साथ मुख्य झुंड से अलग हो गया है।

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वन विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शावक के उपचार के लिए एक विशेष योजना बनाई है। वन विभाग के उपसंचालक वरुण जैन ने बताया कि उपचार के लिए शावक और उसकी मां दोनों को ट्रैंकुलाइजर गन से बेहोश करना होगा। वर्तमान में विभाग ड्रोन कैमरे, थर्मल इमेजिंग और डॉग स्क्वॉड की मदद से इन दोनों हाथियों की स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

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वन विभाग ने इस गंभीर घटना के बाद जंगल में तलाशी अभियान चलाकर पोटाश बम के अवशेष और झाड़ियों में खून के निशान पाए हैं। इस मामले में उदंती वन विभाग ने थाने में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कराई है और शिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। विभाग ने इस तरह की घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से पोटाश बम लगाने वाले शिकारियों की जानकारी देने वालों के लिए 10,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया है।

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फोटो: घायल शावक अपनी मां के साथ,वन विभाग ड्रोन से नजर रखते हुए

बढ़ता खतरा और वन्यजीव संरक्षण की चुनौती
शिकारीयों द्वारा जानवरों के शिकार के लिए पोटाश बम का उपयोग बढ़ते खतरे का संकेत है, जो न केवल हाथियों बल्कि अन्य वन्यजीवों के लिए भी गंभीर जोखिम पैदा कर रहा है। इस घटना ने वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों पर एक गंभीर सवाल खड़ा किया है और इसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

वन विभाग का कहना है कि इस घटना ने हाथियों के आवासीय क्षेत्र की सुरक्षा पर पुनर्विचार करने का अवसर दिया है और इससे भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के उपायों पर जोर दिया जाएगा।