#IHATECRIME : दस्तावेजों की चोरी और फर्जीवाड़े से वाहन बेचने वाले गिरोह का स्टेप-बाय-स्टेप भंडाफोड़,पढ़िए पूरी स्टोरी

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जशपुर, 04 नवंबर 2024 – जशपुर पुलिस ने ठगी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश किया है, जिसमें दस्तावेजों का धोखे से दुरुपयोग कर वाहनों का फाइनेंस और अवैध बिक्री की जा रही थी। कोतबा पुलिस की सतर्कता और सटीक कदमों की बदौलत, इस रैकेट का सरगना शाहरूख खान और उसका साथी वसीम अकरम को गिरफ्त में लिया गया।

स्टेप 1: शिकायत के जरिए सुराग मिला

कोतबा निवासी आशीष शर्मा ने चौकी में एक शिकायत दर्ज कराई कि उसे कोरियर से एक अनजान आर.सी. बुक मिली है, जिसमें एक वाहन (रजिस्ट्रेशन नंबर CGV29 AG 1344) का विवरण था, जो उसकी जानकारी के बिना फाइनेंस कर खरीदा गया था। आशीष के अनुसार, न तो उन्होंने और न उनके परिवार के किसी सदस्य ने इस साल कोई वाहन खरीदा है।

स्टेप 2: दस्तावेजों के दुरुपयोग का खुलासा

जांच में पता चला कि आशीष के दस्तावेज की छायाप्रति स्कूटी की डिक्की से चोरी की गई थी। पुलिस ने पाया कि अज्ञात व्यक्ति ने इन दस्तावेजों का इस्तेमाल कर वाहन फाइनेंस कराए और उन्हें बेच दिया। ठगी का गंभीर मामला सामने आते ही पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह ने इस मामले को गहराई से जांचने का आदेश दिया।

स्टेप 3: साइबर सेल और मुखबिर की मदद से आरोपी का पता

पुलिस टीम ने साइबर सेल की सहायता से संदिग्धों की गतिविधियों पर नजर रखी। मुखबिर से जानकारी मिली कि मुख्य आरोपी शाहरूख खान अम्बिकापुर में मौजूद है।कोतबा चौकी प्रभारी राकेश सिंह ने बिना समय गंवाए टीम को तैनात कर उसे हिरासत में लिया और कोतबा चौकी लाया गया।

स्टेप 4: पूछताछ में रैकेट का भंडाफोड़

शाहरूख से सख्ती से पूछताछ की गई। उसने कबूल किया कि उसने फर्जी दस्तावेजों की मदद से कई वाहनों का फाइनेंस कराया और उन्हें अलग-अलग लोगों को बेच दिया। उसने यह भी बताया कि इन दस्तावेजों को तैयार करने में उसका साथी वसीम अकरम उर्फ चम्पा मदद करता था। दोनों ने वाहन बिक्री से प्राप्त राशि आपस में बांटी है।

स्टेप 5: वाहनों की बरामदगी

शाहरूख की निशानदेही पर पुलिस ने अम्बिकापुर और सूरजपुर में छापेमारी कर 10 बुलेट मोटरसाइकिल और 1 स्कूटी को बरामद किया। शाहरूख ने वाहन बेचने में संलिप्त अन्य व्यक्तियों के नाम बताए, जिससे पुलिस को पूरी ठगी की योजना समझ में आ गई।

स्टेप 6: वसीम अकरम की गिरफ्तारी

पुलिस ने वसीम अकरम को भी अम्बिकापुर से गिरफ्तार कर लिया, जिसने पूछताछ में ठगी की योजना में शामिल होने की बात स्वीकार की। इसके बाद दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में कारागृह भेज दिया गया।

आगे की कार्रवाई

पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने बताया कि, “यह गिरफ्तारी ठगी के मामलों पर अंकुश लगाने की दिशा में एक अहम कदम है। दस्तावेजों का दुरुपयोग कर फर्जीवाड़ा करने वाले इस गिरोह का पर्दाफाश करना पुलिस की सटीक कार्यवाही का नतीजा है। इस मामले में और भी आरोपी शामिल हो सकते हैं, जिनकी गिरफ्तारी जल्द होगी।”

चेतावनी और जागरूकता

पुलिस ने नागरिकों से अपने दस्तावेजों को सुरक्षित रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देने की अपील की है।