*जांजगीर-चांपा, 10 सितंबर 2024* – छत्तीसगढ़ के नवागढ़ थाना क्षेत्र में एक झोलाछाप बंगाली डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक गर्भवती महिला की जान चली गई। आरोपी बंगाली डॉक्टर, ध्रुवंतो सिकदार, को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस घटना ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है और स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
मामला 1 सितंबर 2024 की रात का है, जब हीरागढ़ टुरी निवासी चार माह की गर्भवती महिला, रुक्मणि कश्यप, को अचानक तेज हाथ-पैर के दर्द और सांस फूलने की समस्या हुई। परिजनों ने तत्काल सिऊड निवासी झोलाछाप डॉक्टर ध्रुवंतो सिकदार को बुलाया। डॉक्टर द्वारा इंजेक्शन लगाने के कुछ ही मिनटों बाद रुक्मणि की हालत और बिगड़ गई। तेज खांसी और नाक-मुंह से खून निकलने लगा। परिजन उसे इलाज के लिए सीएचसी राछा नवागढ़ ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
इस घटना के बाद परिजनों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके आधार पर थाना नवागढ़ में मर्ग दर्ज किया गया। जांच के दौरान गवाहों के बयान और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर पता चला कि ध्रुवंतो सिकदार द्वारा लगाया गया इंजेक्शन गर्भवती महिला के लिए घातक साबित हुआ। इस इंजेक्शन को लगाने की कोई मेडिकल योग्यता या अधिकार नहीं था, और जांच में यह भी खुलासा हुआ कि सिकदार का इलाज पूरी तरह से गलत था।
जांजगीर-चांपा के पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला (IPS) के निर्देश पर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार जायसवाल के मार्गदर्शन में नवागढ़ पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। जांच में पुष्टि होने पर आरोपी डॉक्टर ध्रुवंतो सिकदार को गिरफ्तार कर 8 सितंबर 2024 को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।
इस मामले में थाना प्रभारी निरीक्षक भास्कर शर्मा और उनकी टीम, जिसमें सउनि संतोष केरकेट्टा और आरक्षक अनिल कुर्रे व बलराम यादव शामिल थे, ने सराहनीय योगदान दिया।
घटना ने क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ आक्रोश फैला दिया है। लोगों की मांग है कि स्वास्थ्य विभाग के उन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो, जो ऐसे अनधिकृत डॉक्टरों को संरक्षण देते हैं, जिससे आम जनता की जान खतरे में पड़ती है।