जशपुर,16 नवम्बर 2024 // बलरामपुर जिले के कुसमी क्षेत्र में सितंबर माह में गायब हुई महिला कौशल्या ठाकुर और उनके दो बच्चों के कंकाल मिलने के बाद आज मृतिका के मायकेवालों ने जशपुर जिले के गांव बंदरचुवां में उनका अंतिम संस्कार किया। घटना को लेकर परिजनों और सर्व नाई समाज ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और कुसमी थाना प्रभारी को बर्खास्त करने की मांग की है।
गायब होने की घटना और पुलिस पर लापरवाही का आरोप
27 सितंबर को जितिया पर्व के अगले दिन, कौशल्या ठाकुर अपने पति को बाजार जाने की बात कहकर दोनों बच्चों के साथ घर से निकली थीं। जाते समय उन्होंने अपने पति से कहा था कि देर हो सकती है, इसलिए चूल्हा जला देना। इसके बाद वह घर नहीं लौटीं।
कौशल्या के पति सूरजदेव ठाकुर ने बताया, “हमने दो दिन इंतजार किया और फिर मायकेवालों के साथ कुसमी थाने में सूचना दी। लेकिन थाना प्रभारी ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया और 1 अक्टूबर तक गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की। 5 अक्टूबर को दोबारा जाने पर रिपोर्ट दर्ज हुई। हमने संदिग्धों के नाम और अंतिम लोकेशन के बारे में भी पुलिस को जानकारी दी, लेकिन जांच में काफी देरी की गई। अब जाकर उनकी हत्या की पुष्टि हुई है।”
सर्व नाई समाज की नाराजगी
इस हत्याकांड से नाई समाज में भारी रोष है। सर्व नाई समाज के जिला अध्यक्ष उमाशंकर ठाकुर ने दोषियों को फांसी देने की मांग की। उन्होंने कहा, “मृतिका के परिवार को न्याय दिलाना जरूरी है। सरकार को मृतिका की इकलौती बची बेटी के भविष्य की चिंता करनी चाहिए।”
सर्व नाई समाज के विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष अर्जुन ठाकुर ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, “जब महिला और बच्चे गायब हुए थे, तब केवल गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करना और मामले को हल्के में लेना गंभीर लापरवाही है। पुलिस को इस मामले में सक्रिय होकर पहले ही कार्रवाई करनी चाहिए थी।”
मामले में दो संदिग्ध गिरफ्तार
परिजनों ने बताया कि बलरामपुर पुलिस ने हत्याकांड में शामिल दो लोगों को गिरफ्तार किया है। हालांकि, घटना का विस्तृत खुलासा अभी बाकी है। मृतिका के भांजे बिट्टू श्रीवास ने कहा, “पुलिस की लापरवाही की वजह से हमने अपनी बुआ और उनके बच्चों को खो दिया। हम दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग करते हैं।”
परिजनों की मांग
परिजनों और नाई समाज ने मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन से अपील की है कि इस जघन्य हत्याकांड में शामिल सभी दोषियों को फांसी की सजा दी जाए और लापरवाह थाना प्रभारी को तुरंत बर्खास्त किया जाए।
अपनों का दर्द कुछ यूँ छलका –
सूरजदेव ठाकुर, मृतिका के पति:
“कौशल्या और बच्चों के गायब होने के बाद हमने पुलिस को जानकारी दी थी। लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अगर समय पर कार्रवाई होती, तो शायद आज वे हमारे साथ होते।”
उमाशंकर ठाकुर, जिलाध्यक्ष सर्व नाई समाज:
“यह घटना न सिर्फ परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए दुखद है। दोषियों को फांसी दी जानी चाहिए और परिवार की आर्थिक मदद होनी चाहिए।”
अर्जुन ठाकुर, प्रदेश उपाध्यक्ष, विधि प्रकोष्ठ, सर्व नाई समाज:
“पुलिस ने शुरू से ही इस मामले में लापरवाही दिखाई। ऐसे अधिकारियों को बर्खास्त किया जाना चाहिए।”
बिट्टू श्रीवास, मृतिका का भांजा:
“हम चाहते हैं कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले और यह सुनिश्चित हो कि भविष्य में ऐसा किसी और परिवार के साथ ऐसा बुरा न हो।”