*जशपुर: गोल्ड ब्लॉक्स की नीलामी रद्द, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन का परिणाम – सुनील गुप्ता, जिला भाजपा अध्यक्ष*

 

*जशपुर, 10 सितंबर 2024* – जशपुर जिले में सोने की खदानों के लिए जारी नीलामी प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है। संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म छत्तीसगढ़, रायपुर से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम मेंडरबहार-भगोरा और बनगांव नॉर्थ स्थित गोल्ड ब्लॉक्स के लिए 30 जुलाई 2024 को जारी एनआईटी (नोटिस इनवाइटिंग टेंडर) को रद्द करने का निर्णय लिया गया है।

जशपुर के जिला भाजपाध्यक्ष सुनील गुप्ता ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “स्वयं मुख्यमंत्री भी नहीं चाहते कि जनभावनाओं के खिलाफ कोई उद्योग यहां शुरू हो।”

यह फैसला तब आया है जब फरसाबहार ब्लॉक मुख्यालय में सोना खदान की नीलामी को लेकर दो बार लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति उत्पन्न हो चुकी थी। नीलामी के खिलाफ स्थानीय लोगों में व्यापक असंतोष था, और लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे थे।

**नीलामी रद्द होने के पीछे जनभावनाओं का सम्मान**

नीलामी समिति की बैठक में विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया कि जनभावनाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। समिति की अनुशंसा के आधार पर, मेंदरबहार-भगोरा और बनगांव नॉर्थ स्थित गोल्ड ब्लॉक्स की नीलामी को रद्द कर दिया गया है।

जिला भाजपाध्यक्ष सुनील गुप्ता ने विरोध प्रदर्शनों को “बेवजह का हंगामा” करार देते हुए कहा कि सरकार जनहित में काम कर रही है और मुख्यमंत्री का यह कदम स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस निर्णय से सरकार के सुशासन और जनसमर्थन की छवि और मजबूत हुई है।

**फरसाबहार में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति**

फरसाबहार ब्लॉक मुख्यालय में नीलामी के विरोध में स्थानीय लोगों ने दो बार प्रदर्शन किया था, जिससे क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने की नौबत आई थी। हालांकि, प्रशासन ने स्थिति को काबू में रखा और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में कदम उठाए गए।

यह निर्णय जशपुर जिले के विकास और स्थानीय जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, और इससे यह साबित होता है कि राज्य सरकार स्थानीय समुदायों की अपेक्षाओं और अधिकारों का सम्मान करती है।

अब देखना यह होगा कि भविष्य में इस क्षेत्र में खनन और अन्य उद्योगों से संबंधित नीतियों में क्या बदलाव होते हैं, और किस तरह से सरकार इन परियोजनाओं को जनता की सहमति के साथ आगे बढ़ाती है।