जशपुर: गोकुला मेला स्थल पर बरगद की डगाल काटने से विवाद, समिति ने वन रेंजर को बुलाने की मांग की

जशपुर/कुनकुरी,26 नवम्बर 2024 – जशपुर जिले के कंडोरा स्थित गोकुला मेला स्थल में धार्मिक भावनाओं को आहत करने का मामला सामने आया है। मंच के सामने स्थित बरगद के पेड़ की डगाल काटे जाने से स्थानीय यदुवंशी समाज में आक्रोश फैल गया। डगाल काटने वाले व्यक्ति दिगंबर राम को गोकुला समिति के सदस्यों ने बंधक बना लिया और वन विभाग के रेंजर सुरेंद्र होता को मौके पर बुलाने की मांग की।

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फोटो:गोकुला धाम में आक्रोशित स्थानीय यदुवंशी

कैसे हुआ विवाद?

मामला तब बढ़ा जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के 30 नवंबर को लोधमा में प्रस्तावित नागपुरी सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए मंच तैयारियों के तहत एक पेड़ की डगाल काटने का निर्देश दिया गया था। लेकिन रेंजर सुरेंद्र होता के स्टाफ ने गलती से कंडोरा स्थित गोकुला मेला स्थल के बरगद के पेड़ की तीन डगाल काट दी। रेंजर ने फोन पर सफाई देते हुए कहा कि यह गलती से हुआ है, क्योंकि टीम को लोधमा भेजने के बजाय कंडोरा भेज दिया गया।

समिति की कड़ी आपत्ति

बरगद के पेड़ को धार्मिक प्रतीक मानने वाले यदुवंशी समाज ने इस घटना को गंभीरता से लिया है। गोकुला समिति के अध्यक्ष रवि यादव और सदस्यों हेमानंद यादव, गजानन यादव, निराकार यादव, और तेजराज यादव ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने रेंजर सुरेंद्र होता और उनकी टीम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

प्रशासन सतर्क, मामला शांत करने की कोशिश

घटना के बाद स्थानीय प्रशासन अलर्ट हो गया है। धार्मिक स्थल पर बरगद के वृक्ष की डगाल काटने से उपजे विवाद को शांत करने के प्रयास किए जा रहे हैं। यह मामला कुनकुरी थाना क्षेत्र का है और पुलिस प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर सवाल

यह घटना केवल एक प्रशासनिक चूक नहीं है, बल्कि धार्मिक भावनाओं से जुड़ा एक संवेदनशील मुद्दा है। बरगद का वृक्ष यदुवंशी समाज के लिए आस्था का केंद्र है। इसे काटे जाने से न केवल स्थानीय समाज बल्कि पूरे क्षेत्र में नाराजगी का माहौल बन गया है।

प्रशासन को इस विवाद को सुलझाने के लिए फौरन कदम उठाने होंगे ताकि समाज में शांति बनी रहे और धार्मिक स्थलों के प्रति सम्मान कायम रहे।