Preparations for Raipur South by-elections begin, 2.75 lakh voters will decide Brijmohan Agrawal’s successor…
रायपुर। रायपुर दक्षिण उपचुनाव का बिगुल बज चुका है, और इस चुनाव में लगभग 2.7 लाख मतदाता यह निर्णय करेंगे कि बृजमोहन अग्रवाल का उत्तराधिकारी कौन होगा। बृजमोहन अग्रवाल, जो भाजपा के प्रमुख और प्रभावशाली नेताओं में से एक रहे हैं, लंबे समय तक इस क्षेत्र के विधायक रहे हैं और उन्होंने यहां के विकास में अहम भूमिका निभाई है। अब, उनका उत्तराधिकारी चुनने के लिए जनता मतदान करेगी, जो रायपुर दक्षिण की राजनीतिक दिशा को अगले कई वर्षों तक प्रभावित करेगा।
उपचुनाव का शेड्यूल और प्रक्रिया
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबासाहेब कंगाले ने जानकारी दी कि इस उपचुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 18 से 25 अक्टूबर तक चलेगी। मतदान 13 नवंबर को होगा और मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी। इस चुनाव में क्षेत्र के कुल 2,70,936 मतदाता भाग लेंगे, जिनमें से 1,33,713 पुरुष और 1,37,171 महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा, 52 तृतीय लिंग मतदाता और 59 सेवा मतदाता भी पंजीकृत हैं।
मतदान केंद्र और सुरक्षा व्यवस्था
चुनाव आयोग ने इस उपचुनाव के लिए 253 मतदान केंद्रों की स्थापना की है। इनमें 10 संगवारी मतदान केंद्र, 5 आदर्श मतदान केंद्र और 5 युवा मतदान केंद्र शामिल हैं। संगवारी मतदान केंद्र मुख्य रूप से आदिवासी क्षेत्रों में बनाए जाते हैं, जबकि आदर्श मतदान केंद्रों का उद्देश्य उच्चतम चुनावी मानकों को लागू करना होता है। मतदान की प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष बनी रहे, इसके लिए 227 मतदान केंद्रों पर लाइव स्क्रीनिंग की जाएगी। सुरक्षा के लिहाज से चुनाव आयोग ने 5 कंपनियों को तैनात करने का निर्णय लिया है ताकि चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके।
क्षेत्र की राजनीतिक पृष्ठभूमि
रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह क्षेत्र राज्य की राजधानी रायपुर का हिस्सा होने के कारण राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। बृजमोहन अग्रवाल, जो पिछले कई वर्षों से इस सीट पर जीत दर्ज करते आ रहे हैं, यहां के प्रमुख नेता रहे हैं। उनके कार्यकाल में रायपुर दक्षिण ने कई विकास कार्य देखे हैं, जिनमें सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, और शैक्षिक संस्थानों की स्थापना शामिल है।
बृजमोहन अग्रवाल का उत्तराधिकारी कौन?
यह उपचुनाव बृजमोहन अग्रवाल के उत्तराधिकारी को चुनने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। भाजपा के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय है क्योंकि उन्हें बृजमोहन अग्रवाल की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए एक योग्य उम्मीदवार खड़ा करना है। वहीं, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस मौके का फायदा उठाकर क्षेत्र में अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रमुख चुनावी मुद्दे
रायपुर दक्षिण में इस उपचुनाव के दौरान कई प्रमुख मुद्दे चर्चा का केंद्र बनेंगे। विकास, बुनियादी ढांचे का सुधार, रोजगार के अवसर, स्वास्थ्य सेवाएं, और शिक्षा प्रमुख चुनावी मुद्दे हो सकते हैं। इसके अलावा, क्षेत्र में जातिगत समीकरण और सामाजिक असमानताएं भी चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
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