संघर्ष की मिट्टी से खिली रितिका: बैडमिंटन रैकेट ने बदली तकदीर, मुख्यमंत्री साय ने वीडियो कॉल कर दी शाबासी

रायपुर, 17 नवंबर 2024: संघर्ष और समर्पण की कहानी धमतरी की रितिका ध्रुव की है, जिसने बैडमिंटन के प्रति अपने जुनून से न सिर्फ अपनी पहचान बनाई, बल्कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से सीधे संवाद करने का मौका भी पाया। वीडियो कॉल पर मुख्यमंत्री ने न केवल रितिका के जज़्बे को सराहा, बल्कि उसकी हर संभव मदद का वादा कर छत्तीसगढ़ की खेल प्रतिभाओं को प्रेरित करने की मिसाल पेश की।

खेल के प्रति जुनून ने रचा इतिहास

मजदूर पिता और आंगनबाड़ी सहायिका मां की बेटी रितिका ने कभी नहीं सोचा था कि उसकी मेहनत और लगन एक दिन उसे मुख्यमंत्री के सामने ला खड़ा करेगी। बचपन से ही बैडमिंटन के खेल में रुचि रखने वाली रितिका ने संसाधनों की कमी के बावजूद अपनी इच्छाशक्ति से वह मुकाम हासिल किया, जिसे पाना कई के लिए सपना बनकर रह जाता है।

रितिका ने मुख्यमंत्री से बताया कि उसने बेंगलुरु में खेलो-इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स और ओडिशा में नेशनल टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। उसकी तमन्ना है कि वह ओलंपिक में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीते। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस सपने को साकार करने के लिए हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया।

मुख्यमंत्री का स्नेह और समर्थन

वीडियो कॉल पर मुख्यमंत्री ने रितिका से आत्मीयता से बातचीत की। उन्होंने न सिर्फ उसकी खेल प्रतिभा को सराहा, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि उसे बैडमिंटन में आगे बढ़ने के लिए राज्य सरकार का पूरा सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “खूब आगे बढ़िए, अपने माता-पिता और प्रदेश का नाम रोशन कीजिए। छत्तीसगढ़ सरकार आपकी हर जरूरत में आपके साथ खड़ी है।”

खेल और शिक्षा दोनों में मिसाल

रितिका केवल एक होनहार खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि एक समर्पित छात्रा भी है। वह वर्तमान में बीए अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही है। मुख्यमंत्री ने उसे खेल के साथ पढ़ाई पर भी पूरा ध्यान देने की सलाह दी और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। रितिका का कहना है कि मुख्यमंत्री से हुई बातचीत ने उसकी हिम्मत को नया पंख दिया है।

खेल प्रतिभाओं को पंख दे रहे मुख्यमंत्री साय

छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री श्री साय लगातार प्रयासरत हैं। हाल ही में उन्होंने पर्वतारोही निशा को किलिमंजारो पर्वत फतह करने के लिए मदद का वादा किया था। अब रितिका के संघर्ष और लगन को देखकर उन्होंने उसकी हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।

संघर्ष की कहानी, सफलता की उड़ान

रितिका की यह कहानी बताती है कि परिस्थितियां चाहे कितनी भी कठिन हों, जज़्बा और मेहनत हर मुश्किल को पार कर सकते हैं। मुख्यमंत्री से हुए संवाद ने रितिका को न केवल प्रेरित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं को अब वह समर्थन मिल रहा है, जिसकी उन्हें दरकार थी।

रितिका ध्रुव जैसी प्रतिभाएं न केवल राज्य का गौरव हैं, बल्कि उनके संघर्ष और सफलता की कहानी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगी।