पंचायत सचिव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप, कण्डोरा में बिना कार्य के उड़ाए गए लाखों रुपये,सचिव छिप रहा लेकिन भरत सिंह ने मीडिया से की बात

📍 कुनकुरी (जशपुर), 28 मई 2025

ग्राम पंचायत कण्डोरा में विकास कार्यों को लेकर बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। पंचायत सचिव सुशील तिर्की पर फर्जी हस्ताक्षर, गबन और कमीशन के गंभीर आरोप लगे हैं। यह आरोप पूर्व सरपंच रामदीन और ग्रामीणों द्वारा लगाए गए हैं, जिन्होंने पंचायत में हुए कार्यों और लेन-देन की जांच की मांग की है।

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फोटो:पूर्व सरपंच रामदीन जिन्होंने सचिव सुशील तिर्की पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं

पूर्व सरपंच का कहना है कि सीसी रोड और नाली निर्माण के नाम पर करीब 7 लाख रुपये की राशि निकाली गई, लेकिन आज तक धरातल पर कोई कार्य शुरू नहीं हुआ। इसके अलावा, गौण खनिज मद की 12.80 लाख रुपये की राशि के दुरुपयोग का भी आरोप है। आरोप है कि यह राशि बिना स्पष्ट प्रक्रिया के अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दी गई, जिनमें से भरत सिंह को पांच लाख, सचिव खुद के खाते में एक लाख अस्सी हजार रुपए और एक खाता अज्ञात बताया गया है।

भरत सिंह कौन है ?

सोशल मीडिया में भरत सिंह के खाते में 5 लाख रुपए डाले जाने को लेकर जिले में खूब चर्चा है।दरअसल,भरत सिंह ग्राम पंचायत कंडोरा के महुआटोली गांव के निवासी हैं जो चूड़ा मिल चलाते है।ये वो नहीं हैं जो वर्तमान में भाजपा के जशपुर जिले के अध्यक्ष हैं।भरत सिंह से जब हमने बात की तो उनका कहना था कि निर्माण कार्य में मटेरियल सप्लाई हुआ था जिसका पैसा मेरे खाते में आया है।

सबसे चौंकाने वाला आरोप यह है कि योजनाओं की राशि निकालने के लिए पूर्व सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर किए गए। रामदीन का कहना है कि जब उन्होंने बैंक स्टेटमेंट और दस्तावेजों की जांच की, तब इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ।रामदीन ने यह भी बताया कि सचिव इतना होशियार है कि सरपंच के मानदेय की राशि भी निकालकर खा गया।

इसके अलावा, 15वें वित्त आयोग मद से स्वीकृत दो कार्यों (एक नाली और एक सीसी रोड) की राशि लगभग 7 लाख रुपये भी आहरित कर ली गई, लेकिन मौके पर किसी भी तरह का कार्य नज़र नहीं आता।

ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने सचिव के खिलाफ नाराजगी जताते हुए उच्चस्तरीय जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव ने अपने पद का दुरुपयोग कर सरकारी धन की भारी हेराफेरी की है, जिससे गांव विकास से वंचित रह गया है।

प्रशासन से अब इस पूरे मामले में त्वरित जांच की अपेक्षा की जा रही है, ताकि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सके और पंचायत की पारदर्शिता बनी रहे।