— कलेक्टर ने अवैध वसूली पर सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश
जशपुर, 16 दिसंबर 2024: जशपुर जिले में विद्यार्थियों की अपार आईडी बनाने के लिए जन्म प्रमाण-पत्र की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने विशेष शिविरों का आयोजन करने का निर्णय लिया है। कलेक्टर रोहित व्यास ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों (एसडीएम) को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जल्द से जल्द इन शिविरों का आयोजन करें और जन्म प्रमाण-पत्र जारी करना सुनिश्चित करें।
कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त किसी भी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना होगा। उन्होंने पालकों से अपील की है कि वे बिचौलियों और दलालों से सावधान रहें, जो अवैध रूप से पैसे वसूलने का प्रयास कर सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के नाम पर अवैध वसूली करता है, तो उसकी सूचना तत्काल प्रशासन को दी जाए। ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
शिविरों के माध्यम से होगा समाधान
जिले के कई विद्यार्थियों की अपार आईडी केवल इस कारण नहीं बन सकी है, क्योंकि उनके पास जन्म प्रमाण-पत्र उपलब्ध नहीं है। इस समस्या को हल करने के लिए प्रशासन ने तिथिवार विशेष शिविर आयोजित करने का फैसला किया है। इन शिविरों का आयोजन जिले के सभी शैक्षणिक संकुलों में किया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों और उनके पालकों को यह सुविधा आसानी से उपलब्ध हो सके।
बिचौलियों और दलालों से रहें सतर्क
प्रशासन ने पालकों से अपील की है कि वे ऐसे लोगों से सतर्क रहें, जो जन्म प्रमाण-पत्र बनवाने के नाम पर पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं। कलेक्टर ने चेतावनी दी है कि इस तरह की गतिविधियों में लिप्त किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आवश्यकता और जागरूकता
जन्म प्रमाण-पत्र न केवल शैक्षणिक पहचान के लिए, बल्कि सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ लेने के लिए भी आवश्यक है। यह कदम विद्यार्थियों के भविष्य को सुरक्षित करने और शिक्षा प्रणाली को सुगम बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल है।
प्रशासन ने नागरिकों से इस पहल को सफल बनाने में सहयोग की अपील की है। विशेष शिविरों का लाभ उठाएं और जन्म प्रमाण-पत्र बनाने के लिए सही प्रक्रिया अपनाएं।
छात्रहित में काम करनेवाले संगठनों ने कलेक्टर के इस पहल का स्वागत करते हुए कहा है कि यह पहल न केवल विद्यार्थियों के भविष्य को संवारने में सहायक होगी, बल्कि नागरिकों को जागरूक कर भ्रष्टाचारमुक्त और पारदर्शी प्रक्रिया को बढ़ावा भी देगी।