जशपुर, 17 अक्टूबर 2024: जशपुर जिले की बेटियों ने खेल के मैदान में एक और बड़ी सफलता हासिल की है। सरगुजा संभाग की टीम में शानदार प्रदर्शन करते हुए जशपुर की 13 बेटियों ने रजत पदक जीता है। इस उपलब्धि के साथ ही इचकेला स्थित प्री-मेट्रिक बालिका छात्रावास की 3 बेटियों, एंजल लकड़ा, झुमुर तिर्की और वर्षा बाई का चयन राष्ट्रीय अंडर-17 महिला क्रिकेट टीम में हो गया है। ये तीनों खिलाड़ी अब आगामी राष्ट्रीय अंडर-17 महिला क्रिकेट प्रतियोगिता 2024-25 में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी।
जशपुर की बेटियों का सरगुजा संभाग में दबदबा
जशपुर की बेटियां राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में अपने अद्वितीय प्रदर्शन से न सिर्फ संभाग का नाम रौशन कर रही हैं बल्कि राष्ट्रीय टीम तक पहुंच रही हैं। सरगुजा संभाग की क्रिकेट टीम में जशपुर की 13 बेटियों का चयन यह दर्शाता है कि जिले में खेल के प्रति बढ़ती रुचि और संभावनाओं को कैसे साकार किया जा रहा है। इन खिलाड़ियों में से 11 बालिकाएं इचकेला छात्रावास की हैं, जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
छात्रावास अधीक्षिका पंडरी बाई का महत्वपूर्ण योगदान
छात्रावास की अधीक्षिका पंडरी बाई ने छात्राओं के इस विकास में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने छात्रावास में अभ्यास पिच बनवाकर और क्रिकेट की आवश्यक सामग्रियां उपलब्ध कराकर खिलाड़ियों को लगातार प्रेरित किया। पंडरी बाई का कहना है, “मेरी बेटी आकांक्षा रानी ने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की, और जब मैंने छात्रावास की बच्चियों में भी वही उत्साह देखा, तो मैंने उनके लिए बेहतर भविष्य बनाने का संकल्प लिया। आज उनकी मेहनत का फल मिल रहा है।”
चयनित खिलाड़ियों का उत्साह चरम पर :
वर्षा बाई (राष्ट्रीय अंडर-17 और बीसीसीआई अंडर-19 खिलाड़ी):
“छात्रावास में हमें निरंतर प्रशिक्षण और समर्थन मिल रहा है। मेरे राष्ट्रीय टीम में चयन से मेरे परिवार और गांव में खुशी का माहौल है। सभी ने मिठाइयाँ बांटी और मुझे देश का नाम रोशन करने की शुभकामनाएँ दीं। मेरा चयन अंडर-17 के साथ-साथ बीसीसीआई की अंडर-19 टीम में भी हुआ है, और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।”
एंजल लकड़ा (कक्षा 8, राष्ट्रीय अंडर-17 खिलाड़ी):
“मुझे बहुत खुशी है कि मेरा चयन राष्ट्रीय अंडर-17 टीम में हुआ है। मुझे मेरे शिक्षकों और कोच का भरपूर सहयोग मिल रहा है। मेरा सपना है कि मैं स्मृति मंधाना की तरह एक बेहतरीन बल्लेबाज बनूं और देश का नाम रोशन करूँ।”
झुमुर तिर्की (कक्षा 8, राष्ट्रीय अंडर-17 खिलाड़ी):
“यह मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है। जब मेरा चयन राष्ट्रीय दल में हुआ तो मुझे यकीन नहीं हुआ। मेरे पिता के निधन के बाद मेरी माँ ने मुझे बहुत मेहनत से पाला, और उनका सपना था कि मैं परिवार का नाम रोशन करूं। अधीक्षिका पंडरी बाई के मार्गदर्शन और समर्थन से आज मैं इस मुकाम तक पहुंची हूँ।”