ईसाई सामाजिक न्याय यात्रा की बागडोर अराजक हाथों में!प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देकर पदयात्रा की अनुमति नहीं दी,ईसाई आदिवासी महासभा के नेताओं की धमकी का क्या होगा असर?

जशपुर,24 अक्टूबर2024 – भाजपा विधायक रायमुनी भगत के द्वारा धर्मविशेष के आराध्य के खिलाफ की गई विवादित टिप्पणी पर ठंडी पड़ चुकी राख में चिंगारी ढूंढने की खबर आई है। सूत्र बता रहे हैं कि ईसाई आदिवासी महासभा विधायक रायमुनी भगत पर कोई कार्रवाई नहीं होने का आरोप लगाकर सीएम हाउस बगिया तक पदयात्रा और ज्ञापन सौंपने की योजना बना चुकी है।

जो जानकारी मिली है उसके अनुसार जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन ने 25 अक्टूबर को आस्ता थाना क्षेत्र के ग्राम ढेंगनी से पदयात्रा की अनुमति को लेकर ईसाई आदिवासी महासभा के प्रतिनिधिमंडल के साथ आज बैठक की है।बैठक में प्रशासन ने साफ तौर पर कहा कि महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का 25,26 अक्टूबर दो दिवसीय पर राजधानी रायपुर आ रहीं हैं।जिनकी सुरक्षा व्यवस्था में जिले से पुलिस अधिकारी जवानों के साथ ड्यूटी पर रवाना हुए हैं।ऐसे में बल की कमी के कारण पदयात्रियों को सड़क पर सुरक्षा देना सम्भव नहीं है।
इस पर ईसाई आदिवासी महासभा के प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रदेश अध्यक्ष अनिल किस्पोट्टा पदयात्रा निकालने पर अड़े हुए हैं।
अब देखनेवाली बात है कि पदयात्रा की अनुमति नहीं मिलने से यदि ईसाई आदिवासी महासभा के नेता पदयात्रा निकालते हैं तो प्रशासन कौन सा रूख अख्तियार करता है?
इस मामले में एक सवाल पैदा होता है कि जब आस्ता पुलिस द्वारा विधायक रायमुनी भगत के बयान को असंज्ञेय बता दिया है तो ईसाई आदिवासी महासभा को कोर्ट का रास्ता पकड़ना था, सड़क का रास्ता अपनाने पर क्यों अडिग है?
बहरहाल,इस विरोध प्रदर्शन को देखते हुए ईसाई आदिवासी महासभा और जिला प्रशासन मीडिया से खुलकर कुछ भी कहने से बच रही है।