नई दिल्ली,16 अक्टूबर 2024
10 अक्टूबर 2024 को एक ऐतिहासिक फैसले के तहत, सुप्रीम कोर्ट ने 3 अक्टूबर को राज्य और केंद्र सरकारों को जेलों में व्याप्त जातिगत भेदभाव को खत्म करने का निर्देश दिया। इस फैसले के दौरान, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने महिला पत्रकार सुकन्या शांता की प्रशंसा करते हुए कहा, “सुकन्या शांता मैडम, आपके शोधपूर्ण लेख के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद। आपके लेख ने इस मामले को हमारे सामने लाया। पता नहीं इस लेख के बाद स्थिति कितनी बदली है, लेकिन हमें उम्मीद है कि इस फैसले से हालात बेहतर होंगे।”
मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा, “जब लोग लेख लिखते हैं, शोध करते हैं, और समाज की वास्तविकता अदालत के सामने रखते हैं, तो हम इन समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। ये प्रक्रिया क़ानून की ताकत को उजागर करती है।”
सुकन्या शांता ‘द वायर’ डिजिटल प्लेटफॉर्म के लिए काम करती रही हैं और उन्होंने भारत की विभिन्न जेलों में जाति-आधारित भेदभाव पर रिपोर्टिंग की एक विस्तृत श्रृंखला तैयार की है।