जशपुर, 23 सितंबर 2024 – ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) विशेष पिछड़ी जनजाति की महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव ला रहा है। इस योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक मदद और प्रशिक्षण मिल रहा है, जिससे वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में सफल हो रही हैं। मझनी बाई, जो कोरवा जनजाति से हैं, इसकी एक शानदार मिसाल हैं। उन्होंने कड़ी मेहनत और स्व-सहायता समूह से जुड़े रहकर “लखपति दीदी” बनने का सपना पूरा किया।
मनोरा विकासखंड के ग्राम पंचायत गीधा की रहने वाली मझनी बाई पहले सिर्फ खेती से सालाना 35,000 से 40,000 रुपये ही कमा पाती थीं। लेकिन, अपनी आय बढ़ाने के लिए उन्होंने बिहान योजना के तहत “कृष्णा स्व-सहायता समूह” से जुड़ने का फैसला किया। इस योजना के तहत उन्हें 15,000 रुपये आर.एफ., 60,000 रुपये सी.आई.एफ., और बैंक से एक लाख रुपये का लोन मिला।
मझनी बाई ने इस आर्थिक सहायता का सही इस्तेमाल करते हुए मिर्च की खेती और बकरी पालन का काम शुरू किया। उन्होंने 2 एकड़ जमीन पर मिर्च की खेती में 20,000 रुपये का निवेश किया, जिससे उन्हें सालाना 1.10 लाख रुपये की आमदनी होने लगी। इसके साथ ही, बकरी पालन से उन्हें 50,000 रुपये की अतिरिक्त आय हुई। आज, मझनी बाई की कुल वार्षिक आय 1.60 लाख रुपये तक पहुंच चुकी है।
मझनी बाई की सफलता का श्रेय उनकी मेहनत और बिहान योजना से मिली सहायता को जाता है। अब वह अपने गांव में आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुकी हैं और अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं।