गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम, मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएँ
जशपुर, 11 दिसंबर 2024: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित मधेश्वर पहाड़ को शिवलिंग की विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में मान्यता मिलने का ऐतिहासिक गौरव प्राप्त हुआ है। इसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में ‘लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग’ के रूप में दर्ज किया गया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि को प्रदेश के लिए ऐतिहासिक क्षण बताते हुए जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का काम करेगी।
मुख्यमंत्री को सौंपा गया वर्ल्ड रिकॉर्ड का मान्यता प्रमाणपत्र
गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि श्रीमती हेमल शर्मा और अमित सोनी ने मुख्यमंत्री श्री साय को वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट सौंपा। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े भी उपस्थित थे।
जशपुर जिले को मिली नई पहचान
यह उपलब्धि जशपुर जिले के पर्यटन को एक नई ऊंचाई तक ले जाएगी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में जशपुर को प्रसिद्ध पर्यटन वेबसाइट EaseMyTrip.com पर शामिल किया गया था, जिससे यह छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा जिला बना जिसने इस प्रकार की अंतरराष्ट्रीय पहचान प्राप्त की।
अब मधेश्वर पहाड़ को मिली यह मान्यता न केवल धार्मिक आस्था के केंद्र को और मजबूती देगी बल्कि जशपुर को पर्यटन और रोमांचक खेलों का हब बनाने में भी सहायक होगी।
मधेश्वर पहाड़: आस्था और रोमांच का संगम
मधेश्वर पहाड़, जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में मयाली गांव से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है। शिवलिंग के आकार में बनी इसकी प्राकृतिक संरचना इसे अद्वितीय बनाती है। स्थानीय ग्रामीण इसे विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग मानते हैं और यह स्थान धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है।
पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण
1. धार्मिक महत्व:
यहाँ हर साल बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। विशेष रूप से महाशिवरात्रि और सावन के महीनों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है।
2. प्राकृतिक सुंदरता:
मधेश्वर पहाड़ अपनी नैसर्गिक सुंदरता और शांत वातावरण के कारण प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करता है।
3. एडवेंचर स्पोर्ट्स:
पर्वतारोहण और ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए यह स्थान तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। जशपुर जिले में इन गतिविधियों के लिए असीम संभावनाएँ मौजूद हैं।
जशपुर का बढ़ता पर्यटन महत्व
जशपुर को हाल ही में EaseMyTrip.com में शामिल किया गया था, जो जिले की प्राकृतिक खूबसूरती और पर्यटन स्थलों को वैश्विक मंच पर लाने में मदद करेगा।
मुख्यमंत्री ने की अपील
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे मधेश्वर पहाड़ जैसे प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण करें और इसे एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि जशपुर जिले को छत्तीसगढ़ का पर्यटन गढ़ बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
भविष्य की संभावनाएँ
इस उपलब्धि के बाद राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यटकों की सुविधा के लिए नई योजनाओं पर काम करने का निर्णय लिया है। मधेश्वर पहाड़ को जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बनाने की योजना तैयार की जा रही है।