गणतंत्र दिवस परेड में ‘पाईका नृत्य’ झांकी ने मारी बाजी, वोटिंग में हासिल किया पहला स्थान

FB IMG 1738304442215

नई दिल्ली,31 जनवरी 2025 – जनजातीय गौरव दिवस 2025 के उपलक्ष्य में गणतंत्र दिवस परेड में ‘पाईका नृत्य’ झांकी ने शानदार प्रदर्शन कर दर्शकों का दिल जीत लिया। TRIBAL CINEMA OF INDIA (T.C.I.) ने इस ऐतिहासिक अवसर के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार का आभार व्यक्त किया, जिसने झांकी प्रदर्शन का अवसर प्रदान किया। झरना आर्ट्स के डायरेक्टर इनुस कुजूर ने जानकारी देते हुए बताया कि ‘मां शारदा संगीत शिक्षण संस्थान, रांची’ के निर्देशक अजय कुमार के मार्गदर्शन में इस प्रस्तुति को अंतिम रूप दिया गया। T.C.I. के अध्यक्ष बीजू टोप्पो, उपाध्यक्ष तेजकुमार मुण्डू, राष्ट्रीय संयोजक निरंजन कुजूर एवं सेरल मुर्मू, राष्ट्रीय सह-संयोजक इनुस कुजूर एवं सुरेन्द्र कुजूर, सचिव नीरज समद – प्रिंसी लकड़ा, राष्ट्रीय समन्वयक दीपक बड़ा और कोषाध्यक्ष अविनाश बड़ा ने अजय कुमार और टीम को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी। इनुस कुजूर ने बताया कि जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा दिए गए स्लोगन के आधार पर गीत को उन्होंने तैयार किया, जिसे सुरेन्द्र कुजूर ने स्वर दिया और रांची के दी हैंड्स स्टूडियो के संगीतकार दीपक श्रेष्ठ ने संगीतबद्ध किया। झांकी के कलाकारों के चयन में झारखंड, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल के नवोदित कलाकारों को शामिल किया गया। दिल्ली में छह राउंड के अभ्यास सत्र और कड़े मुकाबले के बाद ‘पाईका नृत्य’ को गणतंत्र दिवस परेड के लिए अंतिम रूप से चुना गया। परेड में टीम ने झांकी के रूप में दूसरे नंबर पर प्रदर्शन किया और दर्शकों की जबरदस्त सराहना हासिल की। इनुस कुजूर ने बताया कि 26 से 28 जनवरी तक भारत सरकार द्वारा झांकी प्रतियोगिता के लिए वोटिंग कराई गई, जिसमें ‘पाईका नृत्य’ को जनता का अपार समर्थन मिला और यह वोटिंग में प्रथम स्थान पर रहा। T.C.I. परिवार, कला जगत और संगठन के सदस्यों ने बड़े पैमाने पर वोटिंग अपील की, जिसके परिणामस्वरूप ‘पाईका झांकी’ को विजेता घोषित किया गया। T.C.I. और झरना आर्ट्स ने देश-विदेश के सभी कला प्रेमियों, दर्शकों और वोटिंग करने वालों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह उपलब्धि जनजातीय सांस्कृतिक विरासत के सम्मान का प्रतीक है।

कुनकुरी नगर पंचायत चुनाव: कांग्रेस ने विनयशील को बनाया उम्मीदवार, भूपेश बघेल ने साधा सीएम साय पर निशाना

IMG 20230819 202303 1

जशपुर, 29 जनवरी 2025: कुनकुरी नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस ने विनयशील को अपना उम्मीदवार बनाकर चुनावी मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पर निशाना साधते हुए दावा किया कि भाजपा कुनकुरी में हार के डर से “धमकी और दबाव” की राजनीति अपना रही है। भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ता कांग्रेस समर्थकों को धमका रहे हैं और युवा कार्यकर्ताओं को बरगलाने के लिए पैसे तक दिए जा रहे हैं। उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री साय अपने ही गृहनगर में चुनावी जीत सुनिश्चित करने के लिए “धमकी और चमकी” की रणनीति अपना रहे हैं। भूपेश बघेल ने एक्स पर लिखा: “मुख्यमंत्री @vishnudesai जी अपने गृहनगर कुनकुरी में धमका चमका कर चुनाव लड़ना चाहते हैं। कल नगर पंचायत के लिए नामांकन खत्म होते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं को धमकी देने का सिलसिला शुरू हो गया है।” उन्होंने आगे लिखा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को काम-धंधे बंद कराने की धमकी दी जा रही है, और युवा कार्यकर्ताओं को पैसे देकर बरगलाने की कोशिश की जा रही है। बघेल ने सीधे तौर पर भाजपा पर हमला बोलते हुए लिखा कि इस “धमकी चमकी” की रणनीति में छुटभैये नेताओं से लेकर सांसद तक शामिल हैं। चुनावी संघर्ष तेज कुनकुरी में भाजपा और कांग्रेस के बीच टकराव लगातार तेज हो रहा है। कांग्रेस जहां भाजपा पर चुनावी गड़बड़ी के आरोप लगा रही है, वहीं भाजपा का कहना है कि जनता मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में पूरी तरह उनके साथ है। भूपेश बघेल ने अपने पोस्ट में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी टैग करते हुए पूछा कि क्या यही भाजपा की चुनावी रणनीति है? उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे डरें नहीं और पूरी ताकत से चुनाव लड़ें।डरो मत, हम लड़ेंगे और जीतेंगे! अब देखना दिलचस्प होगा कि कुनकुरी की यह सियासी जंग आगे क्या मोड़ लेती है और भाजपा इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।

महाकुंभ मेले में भगदड़ से 14 की मौत, 50 से अधिक घायल,ताजा हालात ये है,,,

IMG 20250129 090050

प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात लगभग डेढ़ बजे भगदड़ मचने से 14 से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए। घटना का विवरण: समय और स्थान: यह हादसा संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब 1:30 बजे हुआ। कारण: प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, अफवाह के चलते संगम नोज पर भगदड़ मची। कुछ महिलाएं जमीन पर गिर गईं और लोग उन्हें कुचलते हुए निकल गए। प्रशासनिक कार्रवाई: अखाड़ों का स्नान रद्द: प्रशासन के अनुरोध पर सभी 13 अखाड़ों ने मौनी अमावस्या का अमृत स्नान रद्द कर दिया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने कहा कि संगम नोज पर अधिक भीड़ के कारण यह फैसला लिया गया है। उच्चस्तरीय संज्ञान: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर घटना की जानकारी ली है। मृतकों की पहचान: प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतकों में शामिल कुछ व्यक्तियों के नाम इस प्रकार हैं: आशीष फरहत मनीष विकास सचिन सृष्टि प्रकाश राजेश अजय लता सुरक्षा उपाय: प्रवेश पर रोक: हादसे के बाद संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई है। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज शहर में भी श्रद्धालुओं के आने पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए शहर की सीमा से सटे जिलों में प्रशासन को मुस्तैद कर दिया गया है। सुरक्षा बलों की तैनाती: संगम तट पर एनएसजी कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया है। स्वास्थ्य सेवाएं: चिकित्सा सुविधा: स्वरूपरानी अस्पताल में 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए जा चुके हैं। घायलों का इलाज जारी है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने की अपील की है और आश्वासन दिया है कि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सोर्स – दैनिक भास्कर,एबीपी न्यूज

कुरान के सन्देश का दुरुपयोग: कट्टरपंथ के खतरों को समझना और वास्तविक इस्लामिक शिक्षाओं को उजागर करना

IMG 20250129 082420

निर्मल कुमार  (लेखक निर्मल कुमार सामाजिक व आर्थिक मामलों के जानकार हैं।यह उनके निजी विचार हैं।) न्यू ऑरलियन्स में शम्सुद्दीन जब्बार के हमले की पृष्ठभूमि ने एक बार फिर यह उजागर किया है कि कैसे कट्टरपंथी सोच और धार्मिक ग्रंथों के गलत उपयोग से गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इस घटना में कुरान के 9:111 आयत का हवाला देते हुए इसे हिंसा का आह्वान बताया गया। लेकिन यह व्याख्या न केवल त्रुटिपूर्ण है, बल्कि बेहद हानिकारक भी है। कुरान के वास्तविक संदर्भ और उसकी मूल शिक्षाओं को समझने के लिए हमें यह जानना होगा कि कुरान शांति, न्याय और करुणा की बात करता है। कुरान सिर्फ कानूनों और आदेशों का संग्रह नहीं है, बल्कि यह 23 वर्षों के दौरान प्रकट हुई एक ऐसी रहस्योद्घाटन है जो पैगंबर मोहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) और प्रारंभिक मुस्लिम समुदाय के जीवन की विशिष्ट परिस्थितियों को संबोधित करती है। आयत 9:111 सूरह अत-तौबा का हिस्सा है, जो उस समय प्रकट हुई थी जब मुस्लिम समुदाय को अरब के शत्रुतापूर्ण कबीलों से अत्यधिक उत्पीड़न और आक्रमण का सामना करना पड़ रहा था। इस आयत को अक्सर संदर्भ से हटाकर उद्धृत किया जाता है, जबकि यह विश्वासियों और अल्लाह के बीच उस वचन का उल्लेख करती है जिसमें विश्वासियों से अपने धर्म की रक्षा के लिए, यदि आवश्यक हो, बलिदान करने की बात कही गई है। यह एक न्यायपूर्ण कारण के लिए बलिदान की भावना को दर्शाता है, न कि हिंसा के लिए खुले आह्वान को। संदर्भ का महत्व: कुरान को समझने की सही दृष्टि कुरान को सही ढंग से समझने के लिए इसके संदर्भ को पहचानना अत्यंत आवश्यक है। इस्लामी व्याख्या (तफ़सीर) के विद्वान इस बात पर जोर देते हैं कि कुरान की प्रत्येक आयत एक विशेष परिस्थिति को संबोधित करती है और इसे कुरान के व्यापक परिप्रेक्ष्य में समझा जाना चाहिए। आयत 9:111 को उस समय के संदर्भ से अलग करके देखना गलत होगा जब मुस्लिम समुदाय के अस्तित्व पर संकट था। इसके अलावा, इस्लामी विद्वानों ने हमेशा ऐसी आयतों के दुरुपयोग की निंदा की है। वे इस बात पर जोर देते हैं कि जिहाद, जिसे अक्सर “पवित्र युद्ध” के रूप में गलत समझा जाता है, मुख्य रूप से आत्म-सुधार और सामाजिक न्याय के लिए प्रयास करना है। सशस्त्र संघर्ष की अनुमति केवल उन्हीं परिस्थितियों में दी जाती है जब आत्मरक्षा या अत्याचार के खिलाफ खड़ा होना आवश्यक हो। कट्टरपंथी समूह 9:111 जैसी आयतों को चुन-चुनकर निकालते हैं और उन्हें उनके ऐतिहासिक और पाठ्य संदर्भ से अलग करके प्रस्तुत करते हैं। यह गलत व्याख्या इन समूहों के अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए की जाती है। वे ऐसे अज्ञानता और कमजोर समझ वाले व्यक्तियों का शोषण करते हैं, उन्हें यह विश्वास दिलाते हैं कि उनकी विचारधारा ईश्वरीय आदेशों के अनुरूप है। हालांकि, इस तरह की व्याख्या न तो इस्लामी न्यायशास्त्र में स्वीकार्य है और न ही नैतिकता में। कुरान का वास्तविक सन्देश: शांति और न्याय की ओर बुलावा कुरान स्पष्ट रूप से किसी भी तरह की ज्यादती और निर्दोष जीवन लेने की मनाही करता है। कुरान 5:32 में कहा गया है, “जिसने किसी निर्दोष व्यक्ति की हत्या की, मानो उसने पूरी मानवता की हत्या की।” कुरान के व्यापक अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि यह शांति, न्याय और सह-अस्तित्व पर जोर देता है। उदाहरण के लिए: • “ऐ ईमान वालो, न्याय पर डटे रहो और अल्लाह के लिए गवाही दो, चाहे वह तुम्हारे या तुम्हारे माता-पिता और रिश्तेदारों के खिलाफ हो।” (कुरान 4:135) • “और यदि वे शांति की ओर झुकें, तो तुम भी शांति की ओर झुको और अल्लाह पर भरोसा रखो।” (कुरान 8:61) • “अल्लाह न्याय करने, भलाई करने और रिश्तेदारों को दान देने का आदेश देता है।” (कुरान 16:90) ये सिद्धांत इस्लाम की शिक्षाओं की बुनियाद हैं, जो किसी भी प्रकार की हिंसा को नकारते हैं। कट्टरपंथ के खतरों का समाधान कुरान की आयतों का कट्टरपंथियों द्वारा दुरुपयोग केवल हिंसा को बढ़ावा देता है और इस्लाम के वास्तविक संदेश को विकृत करता है। 9:111 आयत सहित सभी आयतों को उनके ऐतिहासिक और पाठ्य संदर्भ में समझा जाना चाहिए। सही व्याख्या से यह स्पष्ट होता है कि यह आयत नैतिकता और कानून के दायरे में न्याय और बलिदान के सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करती है, न कि अंधाधुंध हिंसा को। कट्टरपंथी विचारधाराओं को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जाने चाहिए: 1. प्रामाणिक ज्ञान का प्रसार: कुरान की आयतों के ऐतिहासिक और पाठ्य संदर्भ के बारे में लोगों को शिक्षित करना। यह ज्ञान कट्टरपंथियों द्वारा गलत व्याख्या को चुनौती देने का एक प्रभावी उपकरण है। 2. इस्लामी विद्वानों से संवाद: प्रामाणिक इस्लामी विद्वानों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ना, जो धार्मिक ग्रंथों की सटीक व्याख्या प्रदान कर सकें। 3. कुरान की नैतिक शिक्षाओं को उजागर करना: कुरान के नैतिक सिद्धांत, जो मानव गरिमा, करुणा और न्याय के सार्वभौमिक मूल्यों के साथ मेल खाते हैं, को प्रमुखता से प्रस्तुत करना। 4. शैक्षिक और सामाजिक ढांचे का निर्माण: ऐसा ढांचा विकसित करना जो कट्टरपंथियों द्वारा शोषण किए जाने वाले कमजोर और सतही समझ वाले व्यक्तियों को सशक्त बना सके। कुरान के सन्देश का दुरुपयोग केवल मुसलमानों को ही नहीं, बल्कि समूचे मानव समाज को नुकसान पहुंचाता है। कुरान की शिक्षाएं शांति, सहिष्णुता और मानवता के प्रति करुणा पर आधारित हैं। इन्हें सही परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत कर ही कट्टरपंथी विचारधारा को चुनौती दी जा सकती है।

जशपुर: चर्च निर्माण के दौरान सेंट्रिंग गिरी, 6 मजदूर गंभीर घायल

IMG 20250128 13553035

जशपुर, 28 जनवरी 2025: बंदरचुंवा के नार्थ वेस्टर्न जीईएल चर्च में मंगलवार सुबह 11:10 बजे बड़ा हादसा हुआ। छत की ढलाई के दौरान सेंट्रिंग गिरने से छह मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों में ठेकेदार शकील खान (अंबिकापुर निवासी) का पैर टूट गया है, जबकि अन्य मजदूरों को कमर और हाथ-पैर में फ्रैक्चर हुआ है। घटना का विवरण: हादसे के वक्त छत पर करीब 50 मजदूर काम कर रहे थे, लेकिन नीचे काम कर रहे मजदूर मलबे की चपेट में आ गए। स्थानीय प्रत्यक्षदर्शी सैहुन टोप्पो ने बताया कि घायलों को तुरंत एंबुलेंस की मदद से कुनकुरी के निजी अस्पताल भेजा गया। सरकारी अस्पताल की अव्यवस्था उजागर: घायलों को सबसे पहले कुनकुरी के सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां इमरजेंसी रूम और ड्रेसर की कमी के कारण उन्हें जशपुर रेफर कर दिया गया। यह समस्या सरकारी अस्पताल कुनकुरी में लंबे समय से बनी हुई है। पुलिस जांच में जुटी: दोकड़ा पुलिस चौकी प्रभारी अशोक यादव ने घटना की पुष्टि की है। फिलहाल हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। प्रशासन और निर्माण कंपनी पर सवाल: इस हादसे ने निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा उपायों की अनदेखी और क्षेत्र के स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर किया है। जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की मांग तेज हो रही है।

43 साल बाद क्या मोदी की कुवैत यात्रा से भारत को फायदा हुआ ? भारत-कुवैत के सम्बन्ध की मजबूती क्यों है जरूरी? एक विश्लेषण

IMG 20250121 WA0005

निर्मल कुमार (लेखक सामाजिक आर्थिक मामलों के जानकार हैं।ये उनके निजी विचार हैं।) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 21-22 दिसंबर, 2024 को कुवैत यात्रा ने भारत और कुवैत के बीच संबंधों में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की। यह यात्रा पिछले 43 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की कुवैत की पहली यात्रा थी, इससे पहले इंदिरा गांधी ने 1981 में कुवैत का दौरा किया था। इस यात्रा ने भारत-कुवैत संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ा दिया, जो पश्चिम एशिया में भारत की बढ़ती भूमिका और क्षेत्र में उसकी सक्रिय कूटनीति को दर्शाता है। इस लेख में यात्रा की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया है और इसे भारत की व्यापक पश्चिम एशिया नीति के संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है। रणनीतिक साझेदारी का गठन: एक ऐतिहासिक कदम प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक थी भारत-कुवैत संबंधों को “रणनीतिक साझेदारी” के स्तर तक ले जाना। यह कदम व्यापार, निवेश, रक्षा, ऊर्जा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे प्रमुख क्षेत्रों में व्यापक और संरचित सहयोग की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। ऐतिहासिक रूप से, भारत और कुवैत के बीच व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों की जड़ें सदियों पुरानी हैं। रणनीतिक साझेदारी का गठन इस ऐतिहासिक संबंध को औपचारिक रूप देता है और वैश्विक और क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने के लिए समकालीन उपाय प्रदान करता है। इस साझेदारी को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए दोनों देशों ने संयुक्त सहयोग आयोग (Joint Commission on Cooperation – JCC) की स्थापना की। यह आयोग दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के नेतृत्व में कार्य करेगा और विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक दिशा-निर्देश प्रदान करेगा। JCC का गठन इस बात का प्रतीक है कि भारत और कुवैत दीर्घकालिक और सतत सहयोग के लिए प्रतिबद्ध हैं। व्यापार और निवेश: नए अवसरों की खोज भारत और कुवैत के बीच व्यापार लंबे समय से दोनों देशों के संबंधों का प्रमुख आधार रहा है। पीएम मोदी की यात्रा के दौरान, व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में विविधता और विकास की संभावनाओं पर जोर दिया गया। कुवैत ने भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में निवेश के लिए विशेष रुचि दिखाई। तकनीक, स्वास्थ्य, पर्यटन, खाद्य सुरक्षा और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों को आपसी सहयोग के लिए प्राथमिकता दी गई। कुवैत का सॉवरेन वेल्थ फंड, जो दुनिया में सबसे बड़ा है, भारत के बुनियादी ढांचे और अन्य रणनीतिक क्षेत्रों में परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकता है। साथ ही, व्यवसायों के बीच बातचीत तेज करने और निवेश प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर भी सहमति हुई। ऊर्जा सहयोग का विस्तार भारत और कुवैत के बीच ऊर्जा संबंध लंबे समय से महत्वपूर्ण रहे हैं। कुवैत भारत के लिए कच्चे तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में से एक है। इस यात्रा ने ऊर्जा सहयोग को पारंपरिक खरीदार-विक्रेता संबंध से आगे बढ़ाकर व्यापक ऊर्जा साझेदारी का रूप दिया। भारत और कुवैत ने अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों, नवीकरणीय ऊर्जा और भारत के स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्व प्रोग्राम में सहयोग पर सहमति जताई। कुवैत का अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में शामिल होना टिकाऊ ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। दोनों देशों ने सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और कार्बन उत्सर्जन में कमी के लिए सहयोग करने का वादा किया। यह भारत की नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर देने और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक नेतृत्व के अनुरूप है। रक्षा और सुरक्षा: सहयोग का नया आयाम यात्रा के दौरान, रक्षा सहयोग पर हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापन (MoU) को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना गया। इस समझौते में संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण, तटीय रक्षा, समुद्री सुरक्षा और रक्षा उपकरणों के संयुक्त विकास और उत्पादन पर सहयोग की रूपरेखा तैयार की गई। सुरक्षा के क्षेत्र में, दोनों देशों ने सभी प्रकार के आतंकवाद की निंदा की, जिसमें सीमा-पार आतंकवाद भी शामिल है। उन्होंने आतंकवाद वित्तपोषण नेटवर्क को बाधित करने, आतंकवादी ढांचे को खत्म करने और साइबर सुरक्षा व अंतरराष्ट्रीय अपराधों से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। यह क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए एक साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भारतीय प्रवासी और सांस्कृतिक संबंध कुवैत में 10 लाख से अधिक भारतीय प्रवासी रहते हैं, जो दोनों देशों के संबंधों को मजबूती प्रदान करते हैं। पीएम मोदी ने भारतीय समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए उनके योगदान की सराहना की। 2025-2029 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (CEP) और 2025-2028 के लिए खेलों पर कार्यकारी कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए गए। शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में भी सहयोग को गहरा करने पर जोर दिया गया। दोनों देशों ने ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने और शैक्षिक बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने की दिशा में प्रयास तेज करने का संकल्प लिया। भारत की पश्चिम एशिया रणनीति में कुवैत की भूमिका कुवैत यात्रा को भारत की व्यापक पश्चिम एशिया नीति के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। यह क्षेत्र भारत के लिए ऊर्जा जरूरतों, व्यापार मार्गों और बड़ी भारतीय प्रवासी आबादी के कारण रणनीतिक महत्व रखता है। भारत ने खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने के लिए सक्रिय कूटनीति अपनाई है। कुवैत, वर्तमान में GCC का अध्यक्ष होने के नाते, भारत-GCC सहयोग को गहरा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। दोनों पक्षों ने भारत-GCC मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को शीघ्र पूरा करने पर जोर दिया। यह न केवल व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा बल्कि क्षेत्र में भारत की भूमिका को और मजबूत करेगा। बहुपक्षीय सहयोग और वैश्विक शासन सुधार भारत और कुवैत ने एक प्रभावी बहुपक्षीय प्रणाली के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जिसमें संयुक्त राष्ट्र में सुधार भी शामिल है। दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को अधिक प्रतिनिधि और समकालीन वास्तविकताओं का प्रतिबिंबित करने वाला बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। यह भारत के लंबे समय से चले आ रहे एक समान और न्यायसंगत वैश्विक शासन प्रणाली के समर्थन के अनुरूप है। प्रधानमंत्री मोदी की कुवैत यात्रा भारत की पश्चिम एशिया में बढ़ती रणनीतिक उपस्थिति का प्रमाण है। इस यात्रा ने न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया बल्कि भारत को क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में प्रस्तुत किया। आर्थिक सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, रक्षा साझेदारी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर केंद्रित यह यात्रा दोनों … Read more

CRIME: SSP शशिमोहन की एडवांस क्राइम डिटेक्टिव प्लान से ध्वस्त हुई शराब तस्करी की साजिश,सब्जी कैरेट में पकड़ाया अवैध शराब का जखीरा

IMG 20250121 WA0001

जशपुर, 21 जनवरी 2025: जशपुर जिले में अवैध तस्करी पर कड़ी कार्रवाई जारी है। हाल ही में थाना तपकरा क्षेत्र के लवाकेरा पुलिस चेक पोस्ट पर जशपुर पुलिस ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर एक बड़ी सफलता हासिल की। पुलिस ने एक पिकअप वाहन (क्रमांक JH01FE-0581) से प्लास्टिक कैरेटों में छुपा कर लाई जा रही 40.660 लीटर अवैध अंग्रेजी शराब जब्त की। यह शराब ओडिशा से छत्तीसगढ़ लाकर अवैध रूप से बेचने की साजिश का हिस्सा थी। तस्करी का शातिराना अंदाज हुआ नाकाम मुखबिर की सटीक सूचना पर पुलिस ने लवाकेरा मार्ग पर नाकाबंदी की थी। 19 जनवरी को ओडिशा की ओर से आ रहे पिकअप वाहन को रोका गया। वाहन की तलाशी के दौरान, ट्रॉली में प्लास्टिक कैरेटों में छिपाकर रखी गई शराब बरामद हुई। जब्त शराब में 48 नग किंगफिशर बीयर (31.200 लीटर) और 47 नग व्हिस्की के पौवे (8.460 लीटर) शामिल थे। आरोपी की गिरफ्तारी वाहन चालक और आरोपी संतोष यादव (50 वर्ष), निवासी बागबहार, पकरीपारा, जिला जशपुर, को पुलिस ने मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। आरोपी के खिलाफ थाना तपकरा में 34(2) आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। अपराध सबूत पाए जाने पर आरोपी को  न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया। जशपुर पुलिस की लगातार सफलता इससे पहले भी तपकरा पुलिस ने 35 लाख रुपए मूल्य का लगभग 1 क्विंटल गांजा जब्त कर तस्करों को गिरफ्तार किया था। लगातार बढ़ती सख्ती और मजबूत मुखबिर तंत्र के कारण तस्करों के मंसूबे ध्वस्त हो रहे हैं। नाकाबंदी और टीम की सराहनीय भूमिका नाकाबंदी और तलाशी अभियान में प्रधान आरक्षक अजय लकड़ा, प्रकाश नारायण वाजपाई, आरक्षक धीरेंद्र मधुकर और अविनाश लकड़ा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने उनकी सराहना की। पंचायत चुनाव के मद्देनजर सख्ती जारी एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए जिले में अवैध तस्करी पर रोकथाम के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी ताकि जिले को अवैध गतिविधियों से मुक्त रखा जा सके।

कलेक्टर ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव की तैयारियों की समीक्षा बैठक ली, दिए सख्त निर्देश

IMG 20250119 084844

जशपुर, 18 जनवरी 2025: आगामी नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन की तैयारियों को लेकर कलेक्टर रोहित व्यास ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सभी एसडीएम और नोडल अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक में विकासखंड के अधिकारी और तहसीलदार ऑनलाइन माध्यम से जुड़े थे। बैठक में जिला पंचायत सीईओ  अभिषेक कुमार और अपर कलेक्टर  प्रदीप कुमार साहू भी उपस्थित रहे। कलेक्टर ने अधिकारियों को आदर्श आचार संहिता लागू होते ही निर्वाचन आयोग के नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ेगा। चुनाव ड्यूटी में नियुक्त अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारियों को पूरी गंभीरता से निभाने के निर्देश दिए गए। निर्देशों के मुख्य बिंदु: 1. संवेदनशील मतदान केंद्रों का चिन्हांकन: कलेक्टर ने सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्रों के संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान कर जानकारी शीघ्र भेजने के निर्देश दिए। 2. मतदान केंद्रों पर सुविधाएं: पानी, बिजली, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए। साथ ही, दिव्यांगजनों के लिए मतदान केंद्रों पर व्हीलचेयर की अनिवार्य व्यवस्था करने को कहा गया। 3. कानून व्यवस्था: संवेदनशील मतदान केंद्रों पर सख्त कानून व्यवस्था बनाए रखने और बिना अनुमति के किसी अनधिकृत व्यक्ति को मतदान केंद्र में प्रवेश न देने के निर्देश दिए गए। 4. चुनाव ड्यूटी में कोताही पर सख्ती: कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए किसी भी प्रकार की बहानेबाजी स्वीकार नहीं की जाएगी। केवल गंभीर बीमारी के मामलों में मेडिकल बोर्ड का प्रमाणपत्र जमा करना होगा। 5. जागरूकता अभियान: मतदाता जागरूकता के लिए “जागो” कार्यक्रम के तहत व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए। 6. पर्याप्त परिवहन सुविधा: परिवहन अधिकारी को चुनाव कार्य के लिए पर्याप्त संख्या में वाहनों की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया।   चुनाव प्रक्रिया की समीक्षा: कलेक्टर ने कानून व्यवस्था, सुरक्षा बल की उपलब्धता, मतदाता जागरूकता अभियान, मतदान दल का गठन, आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर कार्रवाई, स्ट्रांग रूम की सुरक्षा, मतगणना स्थल पर पेयजल, बिजली, बैरिकेडिंग और सुरक्षा के इंतजाम जैसे विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की। मास्टर ट्रेनर्स को मतदान दलों को प्रभावी प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर ने कहा कि सभी विभाग समन्वय से कार्य करें ताकि चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो। यह बैठक यह सुनिश्चित करने के लिए आयोजित की गई कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कमी न रहे और मतदाता निर्भीक होकर अपने अधिकार का प्रयोग कर सकें।  

*मोटर वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाना होगा अनिवार्य*

IMG 20240723 184952

*एक अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत समस्त श्रेणी के मोटर वाहनों पर 120 दिवस के भीतर नए नंबर लगाने हेतु निर्देश जारी* जशपुर, 17 जनवरी 2025/ सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ में 01 अप्रैल 2019 के पूर्व पंजीकृत समस्त श्रेणी के मोटर वाहनों पर वाहन स्वामी द्वारा 120 दिवस के भीतर एच.एस.आर.पी.(हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट) लगवाया जाना अनिवार्य किया गया है। जिला परिवहन अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार इस संबंध में परिवहन विभाग द्वारा दो वेंडर कमशः मेसर्स रीयल मेजॉन इंडिया लिमिटेड एवं रोसमेर्टा सेफ्टी सिस्टम्स लिमिटेड को निर्धारित दर पर एच.एस.आर.पी. लगाने के लिए अधिकृत किया गया है। परिवहन विभाग द्वारा समस्त आर.टी.ओ. कार्यालयों को दो जोन में बांटा गया है। जोन बी के अंतर्गत जिला परिवहन कार्यालय जशपुर शामिल है। जशपुर जिले में पंजीकृत समस्त श्रेणी के वाहनों का एच.एस.आर.पी. लगाने की जिम्मेदारी मेसर्स रोसमेर्टा सेफ्टी सिस्टम्स लिमिटेड को दी गई है। आम नागरिकों की सुविधा हेतु हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रीकरण चिन्ह आवेदन की प्रक्रिया वेबसाईट www.hsrpcg.com पर उपलब्ध होगी।

जशपुर की मिशन संस्था में धर्मांतरण का खेल! नन्हें-मुन्नों को धार्मिक शिक्षा का कैसे दिया जा रहा लॉलीपॉप?सरकारी अनुदान के पैसों का दुरुपयोग कर मिशनरी स्कूल से कौन कर रहा है काली कमाई? सवाल कई जवाब भी पढ़िए –

IMG 20250117 083925

जशपुर,17 जनवरी 2025 – जिले के पोरतेंगा स्थित सरकारी अनुदान प्राप्त विनय प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा से संबंधित गंभीर अव्यवस्थाएं उजागर हुई हैं। स्थानीय जागरूक निवासियों ने इन मुद्दों को लेकर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष नितिन राय को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। छात्रावास में दुर्व्यवस्था का आरोप छात्रावास में साफ-सफाई और बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। बच्चों को अस्वच्छ और असुरक्षित वातावरण में रखा जा रहा है, जिससे उनका स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है।बच्चों ने बताया कि खाट,मच्छरदानी,कम्बल घर से लाएं हैं। बच्चों पर धार्मिक और सांस्कृतिक दबाव डालने का आरोप बच्चों को जबरदस्ती धर्म और परंपराओं का पालन करने के लिए विवश किया जा रहा है।बच्चों ने बताया कि छात्रावास चर्च से सटा हुआ है।यहाँ चर्च में प्रार्थना करने के लिए सभी को जाना होता है चाहे बच्चे किसी भी धर्म को मानने वाले हों।छात्रावास में दैनिक समय सारणी,शनिवार समय सारणी,रविवार समय सारणी चस्पा किया हुआ है।जिसे कार्यालय,विनय बालक छात्रावास पोरतेंगा ने 1 सितंबर 2023 से जारी किया हुआ है।जिसके अनुसार दैनिक समय सारणी में छात्रावासी बालकों को सुबह उठकर 6 बजे मिस्सा करना शाम को 4 बजे बागवानी,शाम 6 बजे रोजरी अन्य गतिविधियों के साथ करना है।इसी तरह शनिवार समय सारणी में सुबह उठकर 6 बजे मिस्सा फिर शाम 3 बजे बागवानी,5:30 बजे रोजरी अन्य गतिविधियों के साथ करना है।वहीं रविवार समय सारणी के अनुसार सुबह उठकर 6 बजे मिस्सा,11 बजे गाना अभ्यास, शाम 5 बजे बेनेदिक्सन व अन्य गतिविधियां लिखी हुई हैं। ये बात समझा जा सकता है कि सभी बालकों को रोज सुबह उठने के बाद मिस्सा पूजा कर दिन की शुरुआत करनी है।रोज बागवानी करनी है।शाम को भी ईसाई धर्म के अनुसार रोजरी विनती आदि करना है। अवैध वसूली का आरोप प्रति बच्चे से ₹1000 की अवैध वसूली की जा रही है, जिसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता।बच्चों को बाकायदा इसकी रसीद दी जाती है,जिसकी पुष्टि बच्चों ने और खुद संस्था प्रमुख फादर अमित बेक ने कैमरे में की है। शराब पीकर अनुशासनहीनता का आरोप: विद्यालय प्रशासन पर शराब और अनुचित व्यवहार का आरोप लगाया गया है, जिससे बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर बुरा असर पड़ रहा है। शोषण और जबरदस्ती मजदूरी का आरोप: बच्चों से जबरदस्ती मजदूरी करवाई जा रही है।जैसा कि बच्चों ने बताया ,”हम सभी को बागान में रोज काम करना होता है।उससे जो सब्जी उगती है उसे हमें खिलाया जाता है।जब बागान में सब्जी खत्म हो जाती है तो हमें सुकटी भात दिया जाता है।(सुकटी मतलब पत्तियों का पावडर)।खाना भी दिन में जो मिड डे मील स्कूल में मिलता है उसी को शाम को छात्रावास में दुबारा खिलाया जाता है।छुट्टी के दिन सरकारी चावल,सोयाबीन बड़ी को हॉस्टल में लाकर रखे हैं,उसे पकाया जाता है।जबकि हर महीने एक हजार की फीस ली जाती है।  सरकारी अनुदान के दुरुपयोग का आरोप छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 के लिए प्रदान किए गए ₹79 लाख के अनुदान के बावजूद, विद्यालय प्रशासन की लापरवाही और बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन चिंता का विषय है।जिसकी जांच सरकारी ऑडिटर से कराई जाने की मांग है। संस्था प्रमुख फादर अमित बेक ने आरोपों को किया खारिज वहीं सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूल विनय प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय के प्रमुख व चर्च परिसर में कथित छात्रावास चलानेवाले फादर अमित बेक ने बाल कल्याण समिति को की गई सभी शिकायतों पर अपना पक्ष रखा।उन्होंने बताया कि वह हॉस्टल नहीं है,दूर-दराज से गरीब बच्चों के अभिभावकों की सहमति-पत्र लेकर पढ़ाई करने के लिए स्थान दिया गया है।वहीं सभी बच्चे किसान के बेटे हैं,सभी को नौकरी तो नहीं मिल सकती इसलिए उन्हें खेती-किसानी साथ मे बागवानी करते हुए सीखा रहा हूँ।धर्म विशेष की पढाई करने,पूजा पाठ करने,चर्च भेजे जाने पर कहा कि किसी पर दबाव नहीं है।जो जाना चाहता है वह जा सकता है।उन्होंने यह भी बताया कि यहां अभी 23 बच्चे रहकर पढ़ रहे हैं जिसमें ज्यादातर ईसाई धर्म के बच्चे हैं दूसरे हिन्दू धर्म के हैं,मुस्लिम धर्म के बच्चे नहीं हैं। शिकायत पर CWC ने लिया संज्ञान बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष नितिन राय ने शिकायत में उल्लेखित बिंदुओं को बेहद गम्भीर माना है।उन्होंने कहा – “शिकायत मिली है।ऐसे सभी सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों में चल रहे छात्रावासों,अवैध छात्रावासों की सूची मंगा रहा हूँ।सम्बंधित विभागों को पत्र भेजा जा रहा है।इस मामले में बाल कल्याण समिति एक्शन लेगी।जांच में बाल अधिकारों का हनन और शिक्षा देने के नाम पर धर्मांतरण की कोशिश करना पाए जाने पर कानून सम्मत कार्रवाई जाएगी।” बहरहाल, शिकायत के साथ यह भी मांग की गई है कि विद्यालय और छात्रावास में बच्चों के लिए सुरक्षित और अनुकूल वातावरण प्रदान किया जाए।दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य की जांच के लिए एक टीम का गठन हो।यदि इन गंभीर मुद्दों पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई, तो बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ सकता है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि वे बच्चों के अधिकारों और उनके सुरक्षित भविष्य के लिए ठोस कदम उठाएं।