कांकेर,04 नवंबर2024 – बागेश्वर धाम सरकार के पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने रविवार को कांकेर में धर्मांतरण को लेकर एक बड़ा और कड़ा बयान दिया। धीरेन्द्र शास्त्री ने इसे नक्सलवाद से भी गंभीर खतरा बताते हुए कहा कि धर्मांतरण का निशाना केवल व्यक्ति नहीं, बल्कि पूरा समाज है। उन्होंने धर्मांतरण को रोकने के लिए देशभर में पदयात्रा करने का संकल्प लिया है और जल्द ही छत्तीसगढ़ के बस्तर और जशपुर में कथावाचन करने की घोषणा की है।
मीडिया से बात करते हुए धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कई आदिवासी क्षेत्रों में आज भी भोले-भाले लोगों को लालच देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जहां अन्य समुदायों में एकता है, वहीं हिन्दू समाज में एकजुटता की कमी है, जिसे दूर करने के लिए वह कार्य कर रहे हैं। उनका उद्देश्य हिन्दू समाज को एकत्रित करना है ताकि धर्मांतरण जैसी समस्याओं का सामना किया जा सके। इसके साथ ही, उन्होंने मिशनरियों के स्कूलों की शिक्षा के बजाय गुरुकुल शिक्षा पद्धति अपनाने की सलाह दी।
कांकेर में धर्म वापसी, 11 परिवारों ने लिया हिन्दू धर्म में लौटने का संकल्प
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री के कार्यक्रम के दौरान एक महत्वपूर्ण घटना भी घटी, जब मिशनरी समाज में शामिल हो चुके 11 परिवारों ने वापस हिन्दू धर्म में लौटने का संकल्प लिया। इस धर्म वापसी से धीरेन्द्र शास्त्री के मिशन को और भी बल मिला।
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने अपने कांकेर से पुराने संबंधों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि वह कई साल पहले कांकेर में लंबा समय बिता चुके हैं और यहां के पहाड़ा वाली मां भुनेश्वरी के दरबार में उनकी आस्था गहरी है।
आने वाले समय में बस्तर और जशपुर में होंगे कथावाचन,देशभर में करेंगे पदयात्रा
धर्मांतरण को रोकने के संकल्प के तहत पंडित धीरेन्द्र शास्त्री जल्द ही बस्तर और जशपुर में भी कथावाचन करेंगे। उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र उनकी प्राथमिकता में हैं, जहां वह धर्मांतरण की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करेंगे और लोगों को धर्मांतरण से बचने के लिए प्रेरित करेंगे।
पंडित धीरेन्द्र शास्त्री ने धर्मांतरण को रोकने के लिए देशभर में पदयात्रा करने की घोषणा की है। उनका मानना है कि यह एक सामाजिक आंदोलन है, जिसे समाज के सभी वर्गों का समर्थन चाहिए। उन्होंने कहा, “नक्सलवाद से भी ज्यादा खतरनाक धर्मांतरण है, इसे रोकना हमारी प्राथमिकता है।”
इस कड़े और दृढ़ संकल्प के साथ धीरेन्द्र शास्त्री का “मिशन अगेंस्ट धर्मांतरण” न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में हिन्दू समाज को जोड़ने और धर्मांतरण के खिलाफ एकजुट करने के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।