कुनकुरी (जशपुर, छत्तीसगढ़): 22/08/2025
कुनकुरी की धरती पर आयोजित एक अद्वितीय और यादगार संध्या ने पूरे जशपुर ज़िले के लिए एक ऐतिहासिक पल रच दिया। इस अवसर पर प्रसिद्ध लेखक, कार्टूनिस्ट और फिल्म निर्देशक डॉ. हरविंदर मांकड़ को जी.के. साइकोथेरेपी एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर द्वारा विशेष रूप से मुंबई से आमंत्रित किया गया।
आदिवासी नृत्य से हुआ स्वागत
डॉ. मांकड़ के आगमन पर सबसे पहले केरसई गाँव की आदिवासी जनजाति ने परंपरागत कर्मा नृत्य प्रस्तुत किया। इस नृत्य में आदिवासी संस्कृति की जीवंत झलक देखने को मिली। स्थानीय कलाकारों ने ढोल-नगाड़ों और लोकगीतों की थाप पर डॉ. मांकड़ का स्वागत कर कार्यक्रम को और भी गरिमामयी बना दिया। आदिवासी समाज की कला और संस्कृति को इस अवसर पर विशेष रूप से प्रदर्शित किया गया, जिसे देखकर सभी अतिथि भाव-विभोर हो उठे।
इसके बाद महान कार्टूनिस्ट कुनकुरी जीके साइकोथेरेपी एंड रिहैबिलिटी सेंटर पहुंचे जहां छत्तीसगढ़ और झारखंड से पहुंचे लोगों ने आत्मीय स्वागत किया।मुख्य अतिथि के रूप में श्री मांकड़ ने विशिष्ट अतिथियों दीपक बड़ा,रोशन किरो ,नितेश महतो के साथ दीप जलाकर अर्पण कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
श्री मांकड़ ने ‘प्योर सोल चिल्ड्रेन’ कुमारी नीति के हाथों अपनी किताब Journey of Soul का विमोचन हुआ।
इसके बाद डॉ. हरविंदर मांकड़ ने अपनी प्रेरणादायी मोटिवेशनल क्लास में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा –
“बच्चे सभी ईश्वर की अनुपम देन हैं। इन्हें भरपूर प्यार दीजिए, ये किसी से कम नहीं हैं। बस इन्हें सही इलाज और अपनापन दीजिए, यही इनकी असली ताक़त बनेगी।”
उनके शब्दों ने न केवल विशेष बच्चों के अभिभावकों के दिलों को छुआ, बल्कि हर उस व्यक्ति को नई सोच दी जो समाज सेवा और मानवता की राह पर चलना चाहता है।
विशेष बच्चों के उपचार में मील का पत्थर मानी जाने वाली डॉ. ग्रेस कुजूर ने अपने विचार रखते हुए कहा –“डॉ. हरविंदर मांकड़ का कुनकुरी आना किसी करिश्मे से कम नहीं है। उनका यहां आना और हमें अपना कीमती समय देना, हमारे लिए सौभाग्य की बात है। वे जिस आत्मीयता से विशेष बच्चों से जुड़े, वह इस क्षेत्र के लिए प्रेरणादायी है।”
नई फिल्म “अर्पण” का निर्माण शुरू

इस अवसर पर यह भी घोषणा की गई कि डॉ. हरविंदर मांकड़ कुनकुरी में ही डॉ. ग्रेस कुजूर पर एक डॉक्यूमेंट्री फिक्शन फिल्म का निर्माण कर रहे हैं। इस फिल्म का नाम है – “अर्पण”।
यह फिल्म छत्तीसगढ़ के पर्यावरण अभियानों को बढ़ावा देने और प्रधानमंत्री के ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान को समर्पित है।
इस फिल्म को स्वयं डॉ. हरविंदर मांकड़ ने लिखा और निर्देशित किया है। फिल्म के माध्यम से न केवल डॉ. ग्रेस कुजूर की अनूठी सेवाओं को दिखाया जाएगा, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया जाएगा कि प्रकृति और मानवता का संरक्षण साथ-साथ चलना चाहिए।
छत्तीसगढ़ की सुंदरता की सराहना की
कार्यक्रम का संचालन संतोष चौधरी ने किया। उन्होंने बताया कि डॉ. मांकड़ छत्तीसगढ़ की सुंदरता से गहराई तक प्रभावित हुए हैं। डॉ. मांकड़ के शब्दों में –“मैंने छत्तीसगढ़ से अधिक सुंदर जगह आज तक नहीं देखी। कुनकुरी की धरती सचमुच स्वर्ग के समान है। यहाँ की सादगी, अपनापन और प्राकृतिक सौंदर्य मन को छू लेने वाला है।”
कुनकुरी के गणमान्य नागरिक और गायक अजय मूंदड़ा ने बताया कि यह ऐतिहासिक शाम न केवल विशेष बच्चों और उनके परिवारों के जीवन में नई उम्मीद लेकर आई, बल्कि पूरे जशपुर ज़िले के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई। आदिवासी कला, संस्कृति, पर्यावरण संरक्षण और मानवता की महक से सजी इस संध्या ने यह संदेश दिया कि सच्ची समृद्धि तभी संभव है जब हम समाज और प्रकृति दोनों को समानता और प्रेम के साथ आगे बढ़ने का अवसर दें।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित लोगों ने मोटू पतलू कॉमिक सीरीज लिखनेवाले लेखक और उन्हें उकेरनेवाले कार्टूनिस्ट डॉ हरविंदर को अपने संस्मरण बताए।