हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज में धर्मांतरण के प्रयास का आरोप, जांच में जुटी प्रशासनिक टीम — मामला गरमाया, सियासी हलचल तेज

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जशपुर, 5 अप्रैल 2025: जिले के कुनकुरी स्थित हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज पहली बार विवादों में घिर गया है। कॉलेज में अध्ययनरत एक छात्रा द्वारा धर्मांतरण के प्रयास की शिकायत के बाद जिला प्रशासन हरकत में आ गया है। कलेक्टर रोहित व्यास ने 3 अप्रैल को इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय विशेष जांच टीम गठित की, जो लगातार तीन दिनों से जमीनी पड़ताल में जुटी हुई है। जांच टीम ने पीड़िता छात्रा और मुख्य गवाहों के बयान दर्ज किए हैं। साथ ही कॉलेज प्रशासन से बहुत सारे दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। 5 अप्रैल को टीम ने कॉलेज की प्राचार्या विंसी जोसफ़ से घंटों पूछताछ की। सूत्रों के अनुसार, टीम को जांच के दौरान कई प्रशासनिक अनियमितताएं और दस्तावेजीय विसंगतियाँ भी मिली हैं। मामले को दबाने की कोशिश,चर्च से जुड़े लोगों की भूमिका पर उठे सवाल जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, इस पूरे घटनाक्रम में चर्च से जुड़े कुछ लोगों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ रही है। खबर है कि कुछ प्रभावशाली लोग मामले को दबाने की कोशिश में जुटे हैं।पुख़्ता खबर है कि मुख्य गवाह को धमकियां मिल रही है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जांच निष्पक्ष और तथ्यों के आधार पर पूरी की जाएगी। मामले में विश्व हिंदू परिषद और राजपरिवार कूदा घटना के सामने आते ही विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष करणैल सिंह ने मोर्चा संभाल लिया है। वे लगातार हिन्दू समाज की बैठकों का नेतृत्व कर रहे हैं और एक बड़े जन आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। उनका कहना है कि यदि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। इस मुद्दे पर राजपरिवार के सदस्य विजय आदित्य सिंह जूदेव ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कॉलेज प्रशासन पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि यदि धर्मांतरण जैसे कार्यों पर तत्काल रोक नहीं लगी, तो हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज में तालाबंदी की जाएगी। उनका यह बयान सियासी हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। सोशल मीडिया में उबाल,कार्रवाई की मांग हुई तेज सोशल मीडिया पर इस प्रकरण को लेकर जनता की प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। धर्मांतरण जैसे संवेदनशील विषय पर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है और कॉलेज प्रशासन के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। समिति जांच रिपोर्ट कलेक्टर को कल सौंप सकती है सूत्रों के मुताबिक, जांच समिति को अब तक की जांच में कई अहम सबूत और गवाहियों की जानकारी मिली है। संभावना जताई जा रही है कि समिति 6 अप्रैल को कलेक्टर रोहित व्यास को अपना विस्तृत जांच प्रतिवेदन सौंप सकती है, जिसके बाद प्रशासनिक स्तर पर कड़ी कार्रवाई संभव है।

कल्याण आश्रम चिकित्सालय अब 35.53 करोड़ में 100 बिस्तर का बनेगा आधुनिक अस्पताल,7 अप्रैल को सीएम साय करेंगे शिलान्यास

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जशपुर,05 अप्रैल 2025 – जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र को नई दिशा देने जा रहा है एक ऐतिहासिक कदम। स्व. जगदेव राम उरांव स्मृति कल्याण आश्रम धर्मार्थ चिकित्सालय, जो वर्षों से गरीब और जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित है, अब आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित 100 बिस्तरों वाले अस्पताल के रूप में विकसित किया जाएगा। इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर 35 करोड़ 53 लाख रुपये की लागत आएगी, जिसे एनटीपीसी लारा द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) फंड के तहत वहन किया जाएगा। इस परियोजना का शिलान्यास समारोह 7 अप्रैल 2025 को प्रातः 11 बजे आयोजित किया जाएगा, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय शामिल होंगे। साथ ही, कार्यक्रम में वनवासी कल्याण आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष सतेंद्र सिंह, राष्ट्रीय महामंत्री योगेश बापट, सेवांकुर प्रमुख डॉ ज्ञानेश गव्हाणकर, डॉ पूर्णेंदु सक्सेना और सेवांकुर के अन्य वरिष्ठ सदस्यगण भी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। वनवासी कल्याण आश्रम का चिकित्सा आयाम – सेवा की परंपरा का प्रतीक राष्ट्रीय महामंत्री योगेश बापट ने बताया कि कल्याण आश्रम चिकित्सा आयाम 1964 से चल रहा है। जिसके तहत वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा संचालित यह धर्मार्थ चिकित्सालय वर्ष 1974 से स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सतत कार्य कर रहा है। यह अस्पताल क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों और आर्थिक रूप से पिछड़े नागरिकों के लिए एक भरोसेमंद चिकित्सा केंद्र रहा है। यहां प्रतिदिन 150 से 200 मरीज ओपीडी में परामर्श लेने पहुंचते हैं।अस्पताल में पहले से ही नेत्र चिकित्सा, मोतियाबिंद ऑपरेशन, फिजियोथेरपी, ईसीजी, पैथोलॉजी जैसी अन्य सुविधाएं पहले उपलब्ध हैं। विशेष चिकित्सा शिविरों के आयोजन के माध्यम से भी लोगों को विभिन्न रोगों की जांच एवं इलाज की सुविधा दी जाती है। आधुनिकीकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम अस्पताल के जीर्णोद्धार और आधुनिकीकरण की मांग लम्बे समय से की जा रही थी। इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ जिले के लारा स्थित एनटीपीसी प्रबंधन से संपर्क किया और उनके सहयोग से इस बड़ी परियोजना को मूर्त रूप दिया गया। एनटीपीसी द्वारा स्वीकृत 35.53 करोड़ रुपये की राशि से अस्पताल का नया भवन बनाया जाएगा और अत्याधुनिक चिकित्सीय उपकरणों की खरीद की जाएगी। स्थानीय जनता को मिलेगा सीधा लाभ इस अस्पताल के उन्नयन से जशपुर शहर के साथ-साथ आसपास के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों लोगों को आधुनिक, सुलभ और किफायती चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी। यह अस्पताल न केवल स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित करेगा, बल्कि यह आदिवासी बहुल इस क्षेत्र में स्वास्थ्य एवं मानव सेवा का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी बनेगा। सेवा भावना को इस प्रोजेक्ट से नई दिशा मिलने जा रही है।

विष्णु के सुशासन में दारूबाजों की खैर नहीं, पार्टी कर रहे हो तो सावधान हो जाओ,,,

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रायपुर,05 अप्रैल 2025 – छत्तीसगढ़ सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत 1 अप्रैल 2025 से शादी, पार्टी और अन्य सामाजिक आयोजनों में शराब परोसने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया है। लाइसेंस शुल्क विवरण: निजी भवन में आयोजन: यदि कोई अपने निजी भवन (फार्म हाउस को छोड़कर) में निजी कार्यक्रम में शराब परोसना चाहता है, तो उसे एक दिन के लिए ₹10,000 का लाइसेंस शुल्क देना होगा। होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज हॉल या फार्म हाउस में आयोजन: इन स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों के लिए एक दिन का लाइसेंस शुल्क ₹15,000 निर्धारित किया गया है। इवेंट, कंसर्ट, लाइव संगीत, नृत्य कार्यक्रम, नव वर्ष समारोह आदि: ऐसे बड़े आयोजनों में शराब परोसने के लिए एक दिन का लाइसेंस शुल्क ₹30,000 होगा। लाइसेंस प्राप्ति की प्रक्रिया: आयोजकों को संबंधित आयोजन से पूर्व स्थानीय आबकारी विभाग में आवेदन कर निर्धारित शुल्क जमा करना होगा। बिना लाइसेंस के शराब परोसने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का उद्देश्य: आबकारी विभाग के अनुसार, इस कदम का उद्देश्य शराब के अवैध सेवन और बिक्री पर नियंत्रण रखना है, साथ ही सरकारी राजस्व में वृद्धि करना है। इस वर्ष सरकार का लक्ष्य 12 हजार करोड़ का है। शराब की कीमतों में कमी: नई आबकारी नीति के तहत, 1 अप्रैल 2025 से शराब की कीमतों में लगभग 4% की कमी आएगी, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। यह नई नीति राज्य में शराब के उपभोग और बिक्री को अधिक संगठित और नियंत्रित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

कुनकुरी के विकास के लिए विनयशील की पहल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आगामी दौरे में मुलाकात का कर रहे इंतजार

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जशपुर,04 अप्रैल 2025 – कुनकुरी नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील ने 3 अप्रैल को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के बगिया प्रवास की सूचना मिलते ही उनसे भेंट का समय मांगा। हालांकि, मुख्यमंत्री के व्यस्त निजी कार्यक्रम और शीघ्र रायपुर वापसी के कारण, उनके ओएसडी ने आगामी दौरे में मुलाकात का आश्वासन दिया है। विनयशील ने बताया कि वे शहर के विकास और प्रबंधन को लेकर मुख्यमंत्री से संवाद स्थापित कर उनका विश्वास प्राप्त करना चाहते हैं। उन्होंने ‘ख़बर जनपक्ष’ को बताया कि सरकार की मूल भावना के अनुरूप कुनकुरी के नागरिकों को विकास के हर संभव मॉडल से जोड़ना उनकी प्राथमिकता है। इसी दिशा में स्थानीय विधायक के साथ मुख्यमंत्री से भेंट कर जरूरी विषयों पर चर्चा करना आवश्यक है। विनयशील का कहना है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से उनकी व्यक्तिगत पहचान भी है, और वे इस अवसर को कुनकुरी के समग्र विकास के लिए उनका आशीर्वाद लेने के रूप में भी देखते हैं। उनका मानना है कि मुख्यमंत्री से संवाद के माध्यम से स्थानीय समस्याओं के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति संभव है। इस बीच, नगर में चल रहे विकास कार्यों को लेकर नगर पंचायत में हलचल बनी हुई है। बीते तीन दिनों से डेम की सफाई को लेकर अध्यक्ष और सीएमओ के बीच तनातनी की स्थिति बनी हुई है। स्थिति यहां तक पहुंच गई कि अध्यक्ष को फाइल देखने के लिए सीएमओ को आधिकारिक पत्र लिखना पड़ा। नगर विकास से जुड़े इन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के लिए विनयशील मुख्यमंत्री से मुलाकात को आवश्यक मानते हैं। अब देखना होगा कि आगामी दौरे में यह बहुप्रतीक्षित भेंट कब और किस दिशा में अग्रसर होती है।

समसामयिक लेख: ‘वक्फ़ संशोधन विधेयक’ पर इतना हल्ला क्यों मचा है?

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निर्मल कुमार “धर्म जनता के लिए अफीम के समान है।” – यह प्रसिद्ध कथन कार्ल मार्क्स का है, जो यह इंगित करता है कि धर्म कई बार समाज में तर्कसंगत सोच को दबाकर केवल भावनात्मक प्रभाव डालता है। यह कथन वर्तमान में वक्फ़ संशोधन विधेयक को लेकर बनाए जा रहे विमर्श पर सटीक बैठता है। कुछ समूह इस विधेयक को इस्लामिक संस्थानों पर सीधा हमला बताने का प्रयास कर रहे हैं और इसे धार्मिक अधिकारों के हनन के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। इस तरह की भ्रामक व्याख्याओं का उद्देश्य जनता की धार्मिक भावनाओं को भड़काना और वास्तविक मुद्दे से ध्यान भटकाना है। लेकिन जब इस विधेयक के प्रावधानों का गहराई से विश्लेषण किया जाता है, तो यह स्पष्ट होता है कि सरकार का उद्देश्य किसी भी धार्मिक समुदाय को निशाना बनाना नहीं, बल्कि वक्फ़ बोर्डों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। दरअसल,भारत में वक्फ़ संपत्तियाँ व्यापक पैमाने पर फैली हुई हैं और बड़ी मात्रा में भूमि वक्फ़ के अधीन है। सरकार द्वारा प्रस्तुत यह संशोधन विधेयक इन संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन, पारदर्शिता, भ्रष्टाचार पर रोक और न्यायिक संतुलन स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। ऐतिहासिक रूप से, वक्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन को लेकर कई विवाद सामने आए हैं, जिनमें अनियमितताएँ, गैर-कानूनी अतिक्रमण, संपत्तियों के दुरुपयोग और वक्फ़ बोर्डों की जवाबदेही की कमी प्रमुख समस्याएँ रही हैं। वर्तमान संशोधन विधेयक का उद्देश्य इन सभी समस्याओं को दूर करना और वक्फ़ संपत्तियों का वास्तविक उपयोग समाज के कल्याण और विकास में सुनिश्चित करना है। क्या वक्फ़ इस्लामिक शरीयत का अनिवार्य भाग है? वक्फ़ की अवधारणा इस्लामी शरीयत में सीधे तौर पर उल्लिखित नहीं है। यदि हम क़ुरआन का अध्ययन करें, तो यह परोपकार और दान करने को प्रोत्साहित करता है, लेकिन वक्फ़ जैसी किसी संस्था की स्थापना का कोई प्रत्यक्ष निर्देश नहीं देता। क़ुरआन में कई आयतें दान और परोपकार को बढ़ावा देने की बात करती हैं, जैसे: “तुम्हें सच्ची भलाई तब तक नहीं मिलेगी, जब तक कि तुम अपनी प्रिय वस्तुओं में से (अल्लाह की राह में) खर्च न करो। और जो कुछ तुम खर्च करते हो, अल्लाह उसे भली-भांति जानता है।” (सूरह आले-इमरान: 92) “जो लोग अल्लाह के मार्ग में अपना धन खर्च करते हैं और फिर अपनी दानशीलता को एहसान जताने या ठेस पहुँचाने वाली बातों से व्यर्थ नहीं करते, उनके लिए उनके रब के पास प्रतिफल है।” (सूरह अल-बक़रा: 262) इन आयतों से स्पष्ट होता है कि इस्लाम में दान और परोपकार को महत्व दिया गया है, लेकिन वक्फ़ एक संस्थागत रूप में बाद में विकसित हुआ। यह सामाजिक और सांस्कृतिक प्रक्रियाओं के माध्यम से अस्तित्व में आया और धीरे-धीरे इसे धार्मिक मान्यता मिलती चली गई। इस दृष्टिकोण से देखा जाए तो वक्फ़ संशोधन विधेयक को केवल धार्मिक चश्मे से देखना अनुचित होगा, क्योंकि यह संस्था पूरी तरह से धार्मिक आदेशों पर आधारित नहीं है, बल्कि इसका प्रशासनिक और कानूनी पक्ष भी उतना ही महत्वपूर्ण है। वक्फ़ प्रबंधन और गैर-मुस्लिम प्रशासकों की भूमिका इस्लामी कानून की हनफ़ी व्याख्या, जिसे भारत के अधिकांश मुस्लिम समुदाय द्वारा अपनाया जाता है, यह अनिवार्य नहीं मानती कि वक्फ़ संपत्तियों का प्रबंधन केवल मुस्लिम प्रशासकों द्वारा किया जाए। प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षा केंद्र दारुल उलूम देवबंद ने अपने फ़तवा संख्या 34944 में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि यदि कोई व्यक्ति वक्फ़ मामलों की गहरी समझ रखता है, ईमानदार और सक्षम है, तो वह किसी भी धर्म से हो सकता है और वक्फ़ संपत्तियों का प्रशासन कर सकता है। इस संदर्भ में, गैर-मुस्लिम प्रशासकों की भागीदारी को लेकर जताई जा रही आपत्तियाँ निराधार प्रतीत होती हैं। वक्फ़ संपत्तियों का प्रबंधन एक प्रशासनिक कार्य है, जिसका उद्देश्य संसाधनों का कुशल उपयोग और न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित करना है। इसके लिए किसी विशेष धार्मिक पहचान की आवश्यकता नहीं है, बल्कि ईमानदारी, पारदर्शिता और कार्यकुशलता की आवश्यकता होती है। सरकार द्वारा प्रस्तुत वक्फ़ संशोधन विधेयक का उद्देश्य वक्फ़ अधिनियम की संरचनात्मक कमियों को दूर करना और वक्फ़ बोर्डों को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और समावेशी बनाना है। इसके तहत कुछ महत्वपूर्ण सुधार प्रस्तावित किए गए हैं: 1. वक्फ़ संपत्तियों का सत्यापन – अब किसी भी भूमि को वक्फ़ संपत्ति घोषित करने से पहले एक विस्तृत और पारदर्शी सत्यापन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। इससे फर्जी दावों पर रोक लगेगी और वास्तविक संपत्तियों की रक्षा होगी। 2. न्यायिक निगरानी – यदि किसी संपत्ति को वक्फ़ संपत्ति घोषित करने पर विवाद उत्पन्न होता है, तो न्यायालय इसमें हस्तक्षेप कर सकता है और निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करेगा। इससे कानूनी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जाएगा। 3. वक्फ़ बोर्डों का पुनर्गठन – वक्फ़ बोर्डों की संरचना को अधिक प्रतिनिधिक और समावेशी बनाया जाएगा। इसमें महिलाओं और विभिन्न सामाजिक पृष्ठभूमियों के व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा, जिससे प्रबंधन अधिक विविध और उत्तरदायी बन सके। 4. मनमानी शक्तियों पर अंकुश – वर्तमान कानून में वक्फ़ बोर्डों को कुछ मामलों में असीमित अधिकार दिए गए हैं, जिससे कई बार शक्तियों का दुरुपयोग देखा गया है। संशोधन विधेयक के माध्यम से इन अधिकारों को संतुलित किया जाएगा ताकि कोई भी व्यक्ति या संस्था इनका दुरुपयोग न कर सके। निष्कर्ष के तौर पर कहा जा सकता है कि यह विधेयक धार्मिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक सुधार का हिस्सा है वक्फ़ संशोधन विधेयक को धार्मिक विवाद के रूप में प्रस्तुत करना न केवल अनुचित है, बल्कि यह मूल मुद्दे से ध्यान भटकाने का भी प्रयास है। यह विधेयक किसी विशेष समुदाय को लक्षित करने के लिए नहीं, बल्कि वक्फ़ बोर्डों की पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए लाया गया है। धर्म और शासन को अलग रखना आवश्यक है ताकि प्रशासनिक संस्थाएँ कुशलता से कार्य कर सकें और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई जा सके। यह संशोधन विधेयक न केवल संविधान की भावना के अनुरूप है, बल्कि इस्लामी परोपकार की मूल भावना का भी समर्थन करता है, जो पारदर्शिता, ईमानदारी और न्याय पर आधारित है। अब समय आ गया है कि हम धार्मिक भावनाओं से परे जाकर एक निष्पक्ष और तर्कसंगत दृष्टिकोण अपनाएँ और यह सुनिश्चित करें कि वक्फ़ संपत्तियाँ वास्तव में समाज की भलाई के लिए उपयोग की जाएँ, न कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का अड्डा बनें। (लेखक अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक,आर्थिक मामलों के जानकार हैं।यह उनके निजी विचार हैं।)

धर्मांतरण : हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल का आया बयान,छात्रा के बारे में बताई बात,,,

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जशपुर ,03 अप्रैल 2025 – हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज कुनकुरी की एक छात्रा द्वारा प्रिंसिपल विंसी जोसफ पर जबरन धर्मांतरण की कोशिश का आरोप लगाया है।जिसपर आज शाम 5 बजे प्रिंसिपल ने मीडिया के सामने अपनी बात रखते हुए आरोप को बेबुनियाद बताया है। प्राचार्य ने बताया कि वह 2012 से प्रिंसिपल है और नर्सिंग की ट्रेनिंग करा रही है।जिस छात्रा ने धर्मांतरण का आरोप लगाया है,वह कक्षा में नहीं आती और न ही अस्पताल में अपनी ड्यूटी कर रही है। दो दिन पहले वह छात्रा आई थी तो उसे कहा कि अपना पढाई पूरा कीजिये,ड्यूटी पूरा कीजिए,अपना नर्सिंग का पढाई पूरा कीजिये और आगे जाइये। प्रिंसिपल विंसी ने यह भी कहा कि हम धर्मांतरण नहीं करते हैं।हमारे नर्सिंग कालेज और जीएनएम में 312 स्टूडेंट्स ट्रेनिंग ले रहे हैं।जिसमें लगभग 40 स्टूडेंट गैर ईसाई हैं।यह अल्पसंख्यक संस्था है।मैंने या मेरे किसी भी सिस्टर ने किसी को भी कन्वर्ट करने का काम नहीं किया है।जो स्टूडेंट हैं उन्हें चर्च जाने से मना नहीं किया है।जिसको जाना है जा सकता है। वहीं छात्रा ने और छात्रा की माँ ने बताया कि सिस्टर विंसी बेटी को सिस्टर लाइन में भेजना चाहती थी और उस लाइन में जाने के लिए ईसाई धर्म अपनाना पड़ता जो छात्रा और उसके माता-पिता को स्वीकार नहीं था।छात्रा ने आज मीडिया को बताया कि सिस्टर की धर्मपरिवर्तन करने की बात नहीं मानी तो वह मुझे बहुत परेशान की।यह बात अन्य छात्रा के अलावा माँ को भी बताई थी। छात्रा की माँ ने कहा कि सिस्टर ने मुझे कभी नहीं कहा कि धर्मपरिवर्तन कर लो लेकिन छोटी-छोटी बात पर हमें बुलाकर बेटी के बारे में खूब उल्टा सीधा बोलती है। बेटी को मैं हमेशा कहती रहती हूँ कि  हम हिन्दू धर्म से हैं तो सिस्टर बनने क्यों ईसाई धर्म में जाएँ,शादी नहीं करना चाहती है तो हमारे धर्म में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी में जाकर सेवा करेगी। बहरहाल,धर्मांतरण के मामले में दोनों पक्ष अब आमने-सामने हो गए हैं।नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल छात्रा के आरोपों को खारिज कर रही है वहीं इसे छात्रा धर्म नहीं बदलने की सजा बता रही है। बता दें कि कलेक्टर,एसएसपी जशपुर को छात्रा ने 2 अप्रैल को शिकायत दी है।जिसपर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होने की दशा में हिन्दू संगठन भी एक्शन के मूड में है।ऐसी सुगबुगाहट आज शाम से मिल रही है।

सीएमओ के रवैये पर बिफरे नपं अध्यक्ष विनयशील, चिट्ठी लिखकर कहा – दो दिन में,,,,

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नगर पंचायत अध्यक्ष ने मांगी कुनकुरी डैम और छठ घाट की सफाई कार्य की जानकारी, अनियमितताओं पर उठाए सवाल कुनकुरी,03 अप्रैल 2025: नगर पंचायत कुनकुरी के अध्यक्ष विनयशील ने नगर के एकमात्र निस्तारी डैम एवं छठ घाट की सफाई कार्य में हो रही अनियमितताओं पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इस संबंध में नगर पालिका अधिकारी से विस्तृत जानकारी मांगी है। अध्यक्ष विनयशील ने बताया कि शासन द्वारा इस कार्य के लिए नगर पंचायत को लगभग 97.5 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई थी। बावजूद इसके, जनता में इस कार्य की गुणवत्ता को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। नगर पालिका अधिकारी से मौखिक तौर ओर तीन बार छठ घाट,तालाब की फाइल मांगी लेकिन सीएमओ ने उन्हें नहीं दी है।अध्यक्ष ने निम्नलिखित दस्तावेज तत्काल उपलब्ध कराने की मांग की है: 1. स्वीकृत कार्य आदेश की प्रति 2. तकनीकी स्वीकृति 3. बिल भुगतान एवं नोटशीट 4. कार्य जुड़े अन्य दस्तावेज 5. अब तक हुए कार्यों की जांच और उनके अनुरूप प्रमाण पत्र   अध्यक्ष ने कहा कि पारदर्शिता की कमी और अनियमितताओं के कारण नगर पंचायत की छवि खराब हो रही है और जनता में असंतोष बढ़ रहा है। उन्होंने पत्र में इस बात पर चिंता जताते हुए चाही गई जानकारी को दो दिन के अंदर अवलोकन कराने कहा है जिससे कि शहर सरकार और छत्तीसगढ़ शासन प्रशासन की जो बदनामी हो रही है, उसे रोका जा सके। इस पत्र की एक प्रति सहायक संचालक, नगरीय निकाय संभाग सरगुजा को भी भेजी गई है।

चर्चा सरेआम : कुनकुरी को क्या हो गया है? धर्मांतरण और भ्रष्टाचार को लेकर कुनकुरी की सियासत गरमाई है,आज ‘सरकार’ आ रहे हैं

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जशपुर,03 अप्रैल2025 और क्या माहौल है… कुनकुरी यह कुनकुरी विधानसभा का मुख्य शहर है,जो नगरपंचायत क्षेत्र में आता है।मतलब इस कुनकुरी से भाजपा विधायक बने विष्णुदेव साय छत्तीसगढ़ के ‘सरकार’ हैं और कुनकुरी शहर से नगरपंचायत अध्यक्ष बने विनयशील गुप्ता कुनकुरी के ‘सरकार’ हैं। इस शहर ने बीते एक दिन में दो बड़ी घटनाएं देखी।एक,हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज में सिस्टर विंसी जोसफ, जिसपर छात्रा का धर्मांतरण नहीं करा पाने पर उसे फेल करने की साजिश का गम्भीर आरोप। दूसरा,कुनकुरी डेम जिसकी सफाई के 97 लखिया टेंडर पर नगरपंचायत अध्यक्ष विनयशील का प्रेस कांफ्रेंस।जिसमें विनयशील कुनकुरी डेम की सफाई भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने की बात कह रहे हैं। वे यह भी कह रहे हैं कि सीएमओ प्रवीण उपाध्याय उन्हें डेम सफाई की फाइल नहीं दिखा रहे हैं,उन पर दबाव है।बता दें कि सीएमओ नगर पंचायत का सेक्रेटरी होता है जो अध्यक्ष के नीचे प्रशासनिक व्यवस्था की बड़ी जिम्मेदारी निभाता है।सीएमओ का बयान आया कि फाइल यहीं है और जब अध्यक्ष जी कहेंगे सभी पार्षदों के सामने उसे रख देंगे।(केवल अध्यक्ष को नहीं दिखाएंगे!)सीएमओ ने यह भी बड़ी बात कह दी की अध्यक्ष जी का आरोप निराधार है,बेबुनियाद है। मतलब नगर सरकार में मुखिया और सेक्रेटरी के बीच तलवार खिंच गई है। बहरहाल,विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री और विनयशील नगर पंचायत अध्यक्ष में एक बात तो कॉमन है वह यह कि दोनों कुनकुरी शहर का खूब विकास चाहते हैं। खबर ज़नपक्ष को पुख्ता जानकारी है कि सरकार अपने गृहनिवास बगिया में नवरात्र के दौरान माँ पराशक्ति की पूजा करने आ रहे हैं।ऐसे शुभ अवसर पर दो प्रश्न हैं – धर्मांतरण के ख़िलाफ़ कोई बड़ा कदम उठनेवाला है क्या?विनयशील भ्रष्टाचार और विकास को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात करेंगे क्या?                                

हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज कुनकुरी में धर्म परिवर्तन का दबाव, छात्रा का आरोप – जिला प्रशासन से की शिकायत,विहिप ने दी चेतावनी

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जशपुर,02 अप्रैल 2025 – बड़ी खबर कुनकुरी से सामने आई है जहाँ हॉलीक्रॉस नर्सिंग कॉलेज कुनकुरी की एक छात्रा ने कॉलेज प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। छात्रा का कहना है कि कॉलेज की प्रिंसिपल सिस्टर विंसी जोसेफ द्वारा उसे ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया गया और मना करने पर मानसिक प्रताड़ना दी गई। कलेक्टर जशपुर को छात्रा ने अपने शिकायती पत्र में उल्लेख किया है कि वह कॉलेज में  नर्सिंग कोर्स के अंतिम वर्ष की छात्रा है और उसे फर्स्ट ईयर में दाखिले के लगभग 3 महीने बाद से ही सिस्टर विंसी द्वारा धर्म परिवर्तन कर नन बनने के लिए बार-बार दबाव डाला गया। जब उसने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, तो प्रबंधन ने उसके साथ भेदभाव करना शुरू कर दिया। छात्रा ने आरोप लगाया कि 01 अप्रैल 2024 को उसे हॉस्टल से निकाल दिया गया और कॉलेज परिसर में प्रवेश से भी रोका गया। इसके बाद उसे पढ़ाई और वार्षिक परीक्षा से वंचित करने की कोशिश की गई। जब उसने उच्चाधिकारियों से शिकायत करने की बात कही तब जाकर उसे परीक्षा में बैठने दिया गया, लेकिन प्रबंधन ने उसे प्रैक्टिकल परीक्षा से बाहर रखने की कोशिश की।सिस्टर विंसी छात्रा का शैक्षणिक जीवन खराब कर रही है। छात्रा ने इस उत्पीड़न के खिलाफ जशपुर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। छात्रा ने एएसपी शशिमोहन सिंह को भी शिकायत की एक कॉपी सौंपी है। छात्रा ने कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे आगे की कानूनी कार्रवाई करेंगी। इस शिकायत के बारे में जैसे ही हिन्दू संगठन विश्व हिंदू परिषद के जिला प्रमुख करनैल सिंह को जानकारी मिली तो उन्होंने इस विषय को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।करनैल सिंह ने कहा कि ” शिक्षा और सेवा को धर्मान्तरण का हथियार बनाने वाली मिशनरी संस्था में एक गरीब हिन्दू लड़की को नन बनाने के लिए उसे धर्मपरिवर्तन करने के लिए प्रताड़ित करने से सर्व हिन्दू समाज आहत है।यदि कलेक्टर ,एसपी इस विषय पर तत्काल कार्रवाई कर दोषी संस्था को बंद करते हुए धर्मांतरण करने के लिए छात्रा को फेल करने तक कि साजिश रचनेवाली संस्था प्रमुख को गिरफ्तार नहीं किया जाता है तो हमें मजबूरन सड़क पर उतरना होगा।” इस मामले में ख़बर ज़नपक्ष हॉलीक्रॉस नर्सिंग कालेज प्रबंधन का पक्ष जानने की कोशिश कर रहा है ,जैसे ही उनका पक्ष सामने आता है,पाठकों तक तत्काल पहुंचाया जाएगा।

पत्नी ने की शराबी पति की हत्या, जशपुर पुलिस ने सुलझाई अंधे कत्ल की गुत्थी

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जशपुर, 31 मार्च 2025 – जिले के बड़ा कोरंजा गांव में हुए एक अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाते हुए जशपुर पुलिस ने आरोपी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया है। मामला 16 मार्च को सामने आया था, जब मृतक बीरबल मिंज (52) का शव गांव के सेमरन टोप्पो के आंगन में संदिग्ध हालत में मिला था। जांच में खुलासा प्राथमिकी के बाद पुलिस ने मामले की गहराई से जांच शुरू की। फॉरेंसिक टीम और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि बीरबल मिंज की मौत अत्यधिक रक्तस्राव के कारण हुई थी। जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि मृतक शराब का आदी था और अक्सर घर से धान चुराकर उसे बेचकर शराब पीता था। घटना के दिन भी इसी बात को लेकर उसका पत्नी से विवाद हुआ था। आरोपी पत्नी ने कबूला जुर्म पुलिस ने जब शक के आधार पर पत्नी सुसैना मिंज (50) से पूछताछ की, तो शुरुआत में वह गुमराह करने की कोशिश करती रही, लेकिन मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ करने पर उसने अपराध स्वीकार कर लिया। सुसैना ने बताया कि उसने अपने पति को गांव के सेमरन टोप्पो के घर शराब पीकर सोते हुए देखा। गुस्से में आकर उसने पास पड़ी लकड़ी की डंडी से उसके सिर और हाथ पर वार कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। गिरफ्तारी और कार्रवाई पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त लकड़ी की डंडी को जब्त कर लिया और आरोपिया सुसैना मिंज को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह ने बताया कि आरोपी महिला के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की गई है।