क्या व्हाट्सएप ग्रुप से जंगल की आग बुझाई जा सकती है? जशपुर से जवाब आया ‘हाँ’

IMG 20250302 WA0041

जशपुर,02 मार्च 2025 – जशपुर जिले में गर्मी शुरू नहीं हुई है लेकिन जंगल मे आग लगने की घटनाएं सामने आने लगी हैं।ऐसे में आज शाम को जंगल मे आग लगने की एक घटना व्हाट्सएप ग्रुप में साझा करते ही एक मिनट में आग को बुझा लिया गया।इसका मतलब है कि वन विभाग को सूचना जरूर पहले मिल गई लेकिन ग्रुप में आने के बाद वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी फील्ड में कितने एक्टिव हैं,यह इससे पता चला। दरअसल,जशपुर जिले में एक व्हाट्सएप ग्रुप ‘वन मित्र’ की सक्रियता से जंगल में लगी आग को तुरंत बुझाने में सफलता मिली है। शहर से सटे बेलमहादेव जंगल में किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा आग लगाए जाने की सूचना स्थानीय युवक लालू यादव ने ‘वन मित्र’ ग्रुप में साझा की। यह संदेश शाम 6 बजकर 38 मिनट पर ग्रुप सदस्य रामप्रकाश पांडे ने देखा और तुरंत वन अधिकारियों को सूचित किया। आईएफएस अधिकारी आशीष अग्रवाल ने तत्काल कार्रवाई करते हुए वनकर्मियों को घटनास्थल पर भेजा, जिन्होंने 7 बजकर 9 मिनट पर आग पर काबू पा लिया। यह घटना दर्शाती है कि सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स, विशेषकर व्हाट्सएप ग्रुप्स, वन संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। ‘वन मित्र’ ग्रुप की तत्परता और समन्वय से जंगल को बड़ी क्षति से बचाया जा सका।  

मुख्यमंत्री साय की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

IMG 20250302 203027

रायपुर, 2 मार्च 2025 – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधार से संबंधित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। आबकारी नीति 2025-26 को मंजूरी,मदिराप्रेमियों को मिल सकती है सस्ती शराब! वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी नीति को स्वीकृति प्रदान की गई है, जो पूर्ववर्ती वर्ष 2024-25 की भांति होगी। राज्य में 674 मदिरा दुकानों का संचालन जारी रहेगा, साथ ही आवश्यकता अनुसार प्रीमियम मदिरा दुकानें भी संचालित की जाएंगी। देशी मदिरा की आपूर्ति पूर्ववत् रेट ऑफर के अनुसार होगी, जबकि विदेशी मदिरा का थोक क्रय एवं वितरण छत्तीसगढ़ स्टेट बेवरेजेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जाएगा। मदिरा पर लागू अधोसंरचना विकास शुल्क यथावत रहेगा, लेकिन विदेशी मदिरा फुटकर दुकानों पर 9.5 प्रतिशत की दर से लगने वाला अतिरिक्त आबकारी शुल्क समाप्त कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ लोक परिसर (बेदखली) संशोधन विधेयक-2025 का अनुमोदन सरकारी परिसरों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ लोक परिसर (बेदखली) संशोधन विधेयक-2025 के प्रारूप को मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दी है। इससे सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत सशक्त समिति का विघटन व्यवसाय करने में सुगमता लाने के लिए ई-प्रोक्योरमेंट के लिए गठित सशक्त समिति को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में पीएफआईसी द्वारा 100 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को स्वीकृत किया जा रहा है, जिससे अनुमोदन प्रक्रिया में दोहराव हो रहा था। इस निर्णय से अनुमोदन प्रक्रिया में तेजी आएगी। उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में नए सदस्य पद का सृजन छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में लंबित प्रकरणों के त्वरित निराकरण और उपभोक्ता मामलों की समयबद्ध सुनवाई के लिए एक नए सदस्य पद का सृजन किया गया है। धान एवं चावल परिवहन दरों की स्वीकृति खरीफ विपणन वर्ष 2022-23, 2023-24 एवं 2024-25 के समर्थन मूल्य योजना में धान एवं चावल परिवहन की दरों के लिए गठित राज्य स्तरीय समिति की अनुशंसा को स्वीकृति प्रदान की गई है। श्रम विधियों में संशोधन का अनुमोदन मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ श्रम विधियां संशोधन एवं विविध प्रकीर्ण उपबंध विधेयक-2025 के माध्यम से कारखाना अधिनियम-1948, औद्योगिक विवाद अधिनियम-1947 तथा ट्रेड यूनियन अधिनियम-1976 में संशोधन के प्रारूप का अनुमोदन किया है। रजिस्ट्रीकरण अधिनियम में संशोधन रजिस्ट्रीकरण अधिनियम-1908 (छत्तीसगढ़ संशोधन) विधेयक-2025 के प्रारूप को मंत्रिपरिषद ने मंजूरी दी है, जिससे रजिस्ट्री कार्यालयों के संचालन में सुधार होगा। उप पंजीयक पदों की पूर्ति के लिए सेवा अवधि में छूट वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग में उप पंजीयक के पदोन्नति श्रेणी के रिक्त 9 पदों की पूर्ति के लिए पांच वर्ष की अर्हकारी सेवा में एक बार के लिए छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है, जिससे रजिस्ट्री कार्यालयों का नियमित संचालन सुनिश्चित होगा। औद्योगिक विकास नीति 2024-30 को प्रभावी बनाने के लिए संशोधन राज्य में 1 नवंबर 2024 से लागू औद्योगिक विकास नीति 2024-30 को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ शासन भंडार क्रय नियम-2002 में प्रस्तावित संशोधन के प्रारूप को मंजूरी दी गई है, जिससे उद्योगों को निवेश के लिए बेहतर माहौल मिलेगा। आजीविका सृजन एवं ग्रामीण कल्याण के लिए एमओयू छत्तीसगढ़ सरकार एवं व्यक्ति विकास केन्द्र इंडिया (द आर्ट ऑफ लिविंग) के मध्य आजीविका सृजन एवं ग्रामीण छत्तीसगढ़ के कल्याण हेतु समझौता ज्ञापन (एमओयू) के लिए राज्य सरकार के सुशासन एवं अभिसरण विभाग को अधिकृत किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा मिलेगा। इन निर्णयों से राज्य में प्रशासनिक सुधार, औद्योगिक विकास, उपभोक्ता संरक्षण और ग्रामीण कल्याण के क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव की उम्मीद है।

कुनकुरी नगरपंचायत में नवजात शिशु की लाश,पुलिस मौके पर पहुंची

IMG 20250302 WA0008

जशपुर/कुनकुरी,02 मार्च 2025 – कुनकुरी शहर से बड़ी खबर आई है जिसमें एक नवजात शिशु का शव मिलने से सनसनी फैल गई है।मौके पर भारी भीड़ लग गई है।सूचना मिलते ही पुलिस भी पहुंच गई है। समाजसेवी मुरारी गुप्ता ने ख़बर ज़नपक्ष को जानकारी दी कि घटनास्थल कुनकुरी नगरपंचायत के वार्ड क्रमांक 15 में बेहराटोली में शिव मंदिर के पास चट्टान में है।ऐसा लगता है जैसे किसी ने लोकलाज के भय से अपने शिशु को जन्म देकर छोड़ दिया हो।जो भी हो घटना दुखदाई है और इसे देखकर मोहल्लेवासियों में नवजात को जन्म देने वाले अज्ञात माता-पिता की पहचान कर तत्काल गिरफ्तार करने की बात कह रहे हैं।

करंट की चपेट में आने से दो किसानों की दर्दनाक मौत, खेत में दवा छिड़कते समय हुआ हादसा

करंट की चपेट में आने से दो किसानों की दर्दनाक मौत, खेत में दवा छिड़कते समय हुआ हादसा रायगढ़, 2 मार्च 2025 – जिले के पुसौर ब्लॉक के रेंगालपाली गांव में शनिवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब खेत में काम कर रहे दो किसानों की करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ, जब 40 वर्षीय सीताराम सिदार और 55 वर्षीय सुभाष निषाद अपने खेतों में कीटनाशक का छिड़काव कर रहे थे। बोर पंप का टूटा तार बना मौत का फंदा ग्रामीणों के अनुसार, खेत में लगे बोर पंप का बिजली तार अचानक टूटकर गिर गया, जिससे पूरा खेत करंट की चपेट में आ गया। सीताराम सिदार सबसे पहले करंट के संपर्क में आया और जमीन पर गिर पड़ा। यह देखकर पास में ही काम कर रहे सुभाष निषाद उसे बचाने दौड़ा, लेकिन वह भी बिजली के झटके में फंस गया। मौके पर मची चीख-पुकार, ग्रामीणों ने बचाने का किया प्रयास घटना के बाद खेत में काम कर रहे अन्य ग्रामीणों ने जब दोनों को अचेत अवस्था में देखा, तो तुरंत उन्हें रायगढ़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, डॉक्टरों ने जांच के बाद दोनों को मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद से गांव में मातम पसर गया है। पुसौर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। शवों को मेडिकल कॉलेज की मर्चुरी में रखा गया है, जहां परिजनों के पहुंचने के बाद पोस्टमार्टम किया जाएगा। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या हादसा महज तार टूटने से हुआ या फिर इसमें लापरवाही का कोई और पहलू भी जुड़ा हुआ है। सीताराम और सुभाष दोनों ही अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए खेती पर निर्भर थे। उनकी असमय मौत से उनके परिजन सदमे में हैं।  

साक्षात्कार : “मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता ही पहला इलाज है” – डॉ. ग्रेस, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट

IMG 20250228 210415

छत्तीसगढ़ के सरगुजा क्षेत्र में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता धीरे-धीरे बढ़ रही है, और इस बदलाव की धुरी बन रही हैं डॉ. ग्रेस कुजूर। मानसिक चिकित्सा के कई विषयों में विशेषज्ञता रखने वाली डॉ. ग्रेस, 2022 से जशपुर रोड पर तालाब के सामने चर्च गेट के पास “GK साइकोथेरेपी एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर” का संचालन कर रही हैं। उनके प्रयासों से अब तक सैकड़ों मरीज ठीक होकर सामान्य जीवन जी रहे हैं। जनपक्ष के संपादक संतोष चौधरी ने उनसे एक विशेष बातचीत की। “मेरा उद्देश्य सेवा है, सिर्फ कमाई नहीं“ प्रश्न: डॉक्टर साहिबा, अपने बारे में हमारे पाठकों को बताएं। उत्तर: (मुस्कुराते हुए) सबसे पहले आपके पाठकों को मेरा नमस्कार। मैं डॉ. ग्रेस कुजूर, कुनकुरी से 16 किलोमीटर दूर केरसई गाँव की रहने वाली हूँ। मेरी पढ़ाई कुनकुरी निर्मला स्कूल से हुई, फिर 2008 में बिलासपुर गर्ल्स डिग्री कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। क्लिनिकल साइकोलॉजी में मास्टर्स GGU, बिलासपुर से किया और फिर सिकंदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु और मुंबई में अलग-अलग विषयों में विशेषज्ञता हासिल की। मैं दो विषयों में पीएचडी कर चुकी हूँ—एक क्लिनिकल साइकोलॉजी में और दूसरा नेचुरोपैथी में। 2017 में छत्तीसगढ़ काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, रायपुर ने मुझे “साइंटिस्ट अवॉर्ड” दिया था, जब मैंने विशेष बच्चों के लिए एक ऐप विकसित किया। मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में 24 साल से काम कर रही हूँ और इस काम को सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि जीवन की सेवा मानती हूँ।मुझे वैज्ञानिक मनोचिकित्सक पुनर्वास एवं विशेषज्ञ के रूप में काम करने के लिए लाइसेंस प्राप्त है जिसका नम्बर C.R.R. A81006 है। “हर मानसिक बीमारी का इलाज संभव है” प्रश्न: आपके सेंटर में किस तरह के मरीजों का इलाज किया जाता है? उत्तर: हमारे सेंटर में काउंसलिंग, साइकोथेरेपी, रिलैक्सेशन थेरेपी, हिप्नोथेरेपी, आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा और ज़रूरत पड़ने पर एमडी के पास रेफर किया जाता है। अब तक, ✔ 10 सेरेब्रल पाल्सी के बच्चे पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। ✔ 15 ऑटिज्म से ग्रस्त बच्चे सामान्य जीवन जी रहे हैं। ✔ 50 मंदबुद्धि (इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी) के बच्चे ठीक हो चुके हैं। ✔ 70 से अधिक व्यस्क मानसिक रोगी, जिनमें से 40 पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। ✔ 60-75 वर्ष के बुजुर्गों में भूलने की बीमारी का भी सफल इलाज जारी है। सेंटर का मुख्य उद्देश्य जागरूकता और सही उपचार देना है, इसलिए फीस बहुत कम रखी गई है। “बाहर की नहीं, अंदर की चोटों का इलाज भी जरूरी है“ प्रश्न: इतनी पढ़ाई और अनुभव के बाद आपने कुनकुरी को ही क्यों चुना? उत्तर: जब मैं रायपुर, बेंगलुरु में पढ़ाई कर रही थी, तब मैंने देखा कि सरगुजा क्षेत्र के कई मरीज मानसिक बीमारियों के कारण दर-दर भटक रहे हैं। मुझे लगा कि अगर मैं अपने ही क्षेत्र में रहकर लोगों की मदद करूं तो ज्यादा बेहतर होगा। चूंकि मेरा घर कुनकुरी में है, तो यहाँ सेंटर खोलना सुविधाजनक भी रहा। प्रश्न: आपके अनुसार, इस क्षेत्र में किस तरह के मानसिक रोग सबसे ज्यादा हैं? उत्तर: यह कहना मुश्किल है क्योंकि मानसिक बीमारी दिखती नहीं, महसूस होती है। डिप्रेशन, एंग्जायटी, सिजोफ्रेनिया (पागलपन), एडिक्शन, डी-एडिक्शन, याददाश्त की समस्या जैसी बीमारियाँ यहाँ आम हैं। लेकिन सबसे चिंता की बात यह है कि 8वीं-9वीं के बच्चों में भी मानसिक समस्याएँ बढ़ रही हैं। ✔ बच्चे भावनात्मक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं ✔ या तो उन्हें बहुत अधिक सुविधाएँ दी जा रही हैं, या बहुत ज्यादा दबाव यही कारण है कि बचपन से मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है।          “मुझे अपने काम पर गर्व है” प्रश्न: इतने सालों का अनुभव कैसा रहा? उत्तर: (हँसते हुए) 24 साल से इस फील्ड में हूँ और मुझे अपने काम पर बेहद गर्व है। जब कोई मरीज स्वस्थ होकर अपनी ज़िंदगी फिर से शुरू करता है, तो जो संतुष्टि मिलती है, वह शब्दों में बयां नहीं कर सकती। “मानसिक स्वास्थ्य भी शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही ज़रूरी” अंतिम प्रश्न: हमारे पाठकों को क्या संदेश देना चाहेंगी? उत्तर:”जिस तरह बाहर की चोट का इलाज कराते हैं, वैसे ही अंदर की चोट का भी इलाज कराना ज़रूरी है।”अगर आपको लगे कि आपका कोई प्रियजन असामान्य व्यवहार कर रहा है, तो घबराने की जरूरत नहीं है—इलाज संभव है! वैसे,ज्यादा सही होगा कि स्वस्थ दिखने वालों को भी मानसिक स्वास्थ्य की जांच करा लेनी चाहिए, जिससे बीमारी ही पैदा न हो पाए। मेरे GK साइकोथेरेपी एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर में सोमवार से शनिवार, सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक आ सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए 7725093381,7067162282 पर संपर्क करें।मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी हर समस्या का समाधान संभव है—बस पहला कदम उठाने की देर है!

छत्तीसगढ़ में पोषण ट्रैकर एप बना आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए सिरदर्द, तकनीकी खामियों के कारण वेतन कटौती पर भड़का संघ

IMG 20250227 WA0002 1

जशपुर ,27 फरवरी 2025 – छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए पोषण ट्रैकर एप एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। इस एप में तकनीकी खामियों के चलते प्रदेशभर में कई कार्यकर्ताओं का वेतन बिना किसी गलती के काटा जा रहा है, जिससे वे परेशान और आक्रोशित हैं। इस मुद्दे को सबसे पहले जशपुर जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने प्रमुखता से उठाया है और मंगलवार 25 फरवरी को जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर तत्काल समाधान की मांग की है। तकनीकी खामियां बनी बड़ी समस्या संघ की जिलाध्यक्ष श्रीमती कविता यादव के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि पोषण ट्रैकर एप के नए वर्जन में कई व्यावहारिक समस्याएं हैं। इसमें टीएचआर (टेक होम राशन) वितरण के लिए हितग्राहियों के आधार और मोबाइल से ओटीपी सत्यापन की अनिवार्यता है, जिससे कई परेशानियां खड़ी हो रही हैं— एक ही व्यक्ति को हर माह राशन लेने की अनिवार्यता – परिवार का कोई अन्य सदस्य राशन लेने नहीं जा सकता। ओटीपी सत्यापन की समस्या – कई हितग्राही ओटीपी साझा करने से मना करते हैं, जिससे उन्हें राशन नहीं मिल पाता। मोबाइल की अनुपलब्धता – कई आदिवासी और वनवासी परिवारों के पास मोबाइल फोन नहीं है, जिससे वे पोषण योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। नेटवर्क और तकनीकी दिक्कतें – कई इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं होने से पोषण ट्रैकर एप काम नहीं करता, जिससे राशन वितरण बाधित होता है। कमजोर मोबाइल उपकरण – आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को दिए गए मोबाइल इस एप को सुचारू रूप से चलाने में सक्षम नहीं हैं, जिसके लिए कम से कम 5GB रैम वाले मोबाइल की जरूरत है। रिचार्ज सुविधा का अभाव – कार्यकर्ताओं को मोबाइल रिचार्ज के लिए प्रति माह ₹500 की स्वीकृति दी जाए, ताकि वे निर्बाध रूप से अपने कार्य कर सकें। मानदेय में कटौती से बढ़ रही नाराजगी संघ का आरोप है कि विभागीय अधिकारी इन समस्याओं से भली-भांति परिचित होने के बावजूद, कोई समाधान निकालने के बजाय कार्यकर्ताओं के मानदेय में कटौती कर रहे हैं। यह कटौती केवल एप में दर्ज आंकड़ों के आधार पर की जा रही है, जबकि तकनीकी गड़बड़ियों के कारण कई बार सही डेटा दर्ज नहीं हो पाता। संघ की जिलाध्यक्ष कविता यादव ने कहा, “हम अल्प मानदेय पर कार्य करते हैं और उसी से परिवार चलता है। यदि छोटी-छोटी तकनीकी खामियों के कारण वेतन में कटौती होगी, तो हम पर आर्थिक संकट आ जाएगा। सरकार को इस समस्या का तत्काल समाधान निकालना चाहिए।” संघ ने शासन-प्रशासन से आग्रह किया है कि— टीएचआर वितरण का कार्य अन्य एजेंसी या संस्था के माध्यम से किया जाए, ताकि तकनीकी परेशानियों से बचा जा सके। पोषण ट्रैकर एप की खामियों को दूर किया जाए और इसे ऑफलाइन मोड में भी संचालित करने की सुविधा दी जाए। किसी भी कार्यकर्ता या सहायिका का मानदेय बिना उचित कारण के न काटा जाए और जब तक समस्या का समाधान न हो, तब तक कोई दंडात्मक कार्रवाई न की जाए। प्रदेश भर में फैल सकता है आंदोलन यह समस्या केवल जशपुर की नहीं, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इसी तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो यह मुद्दा प्रदेशव्यापी आंदोलन का रूप ले सकता है। संघ ने सरकार से अपील की है कि पोषण ट्रैकर एप से जुड़ी तकनीकी समस्याओं को दूर कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बिना बाधा अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने दिया जाए। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं।

क्राइम किलर IPS शशिमोहन सिंह का ‘ऑपरेशन आघात’ – जशपुर में डेढ़ करोड़ की अवैध शराब जब्त

IMG 20250224 14371316

पंजाब के जलंधर से बिहार तक फैले तस्करी नेटवर्क पर बड़ा प्रहार, बिहार CID करेगी जांच जशपुर,24 फरवरी 2024 -जशपुर जिले में नशे के खिलाफ क्राइम किलर IPS, एसएसपी शशिमोहन सिंह की अगुवाई में चल रहा ‘ऑपरेशन आघात’ लगातार तस्करों के लिए काल बनता जा रहा है। इसी अभियान के तहत जशपुर पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। पंजाब के जलंधर से बिहार ले जाई जा रही 700 पेटी अवैध विदेशी शराब से भरा ट्रक ज़ब्त किया गया है। इस तस्करी में शामिल एक आरोपी को हिरासत में लिया गया है, और जब्त शराब की कीमत करीब डेढ़ करोड़ रुपये आंकी गई है। बिहार में खपाने की थी साजिश, CID करेगी जांच जानकारी के मुताबिक, यह शराब बिहार में तस्करी के लिए ले जाई जा रही थी, जहां शराबबंदी लागू है। इस हाई-प्रोफाइल मामले में अब बिहार CID की टीम भी जशपुर पहुंचने वाली है। पुलिस इस बात की तहकीकात कर रही है कि यह अंतरराज्यीय तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क तो नहीं, जिसका जशपुर केवल एक ट्रांजिट पॉइंट था। कैसे हुआ खुलासा? पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक बड़ा शराब तस्कर गिरोह पंजाब से बिहार के लिए खेप भेजने वाला है। इसी इनपुट पर एसएसपी शशिमोहन सिंह के निर्देश पर पुलिस ने जबरदस्त घेराबंदी की और संदिग्ध ट्रक को रोका। जब तलाशी ली गई तो ट्रक में विदेशी शराब की 700 पेटियां भरी हुई थीं। पूछताछ में आरोपी ने कई अहम सुराग दिए हैं, जिनके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। ‘ऑपरेशन आघात’ बना तस्करों का काल! नशे के कारोबार पर शिकंजा कसने के लिए एसएसपी शशिमोहन सिंह के नेतृत्व में जशपुर पुलिस ‘ऑपरेशन आघात’ चला रही है, जिसने अब तक कई तस्करों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है। इस कार्रवाई से पूरे गिरोह में हड़कंप मचा हुआ है, और पुलिस की पैनी नजर अब उन सरगनाओं पर है, जो पर्दे के पीछे से इस धंधे को चला रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि क्या बिहार CID की जांच में कोई बड़ा नाम सामने आएगा? क्या इस नेटवर्क के और तार जुड़ेंगे? जशपुर पुलिस की कार्रवाई से शराब माफियाओं की नींद उड़ चुकी है.

जशपुर जिला पंचायत में भाजपा की प्रचंड जीत, कांग्रेस सिमटी 3 सीटों पर

IMG 20250224 WA0007

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में विकास को जनता का समर्थन, कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का सूपड़ा साफ जशपुर,24 फरवरी 2025 –  त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में जशपुर जिले की जनता ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन और विकास कार्यों पर मुहर लगाते हुए भाजपा को बड़ी जीत दिलाई। चुनावी नतीजों में भाजपा ने 9 जिला पंचायत सीटों पर कब्जा जमाया, जबकि कांग्रेस सिर्फ 3 सीटों तक सिमट गई। वहीं, 2 निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी जीत हासिल की। कुनकुरी विधानसभा में भाजपा का क्लीन स्वीप कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने पांचों जिला पंचायत सीटें जीतकर कांग्रेस को पूरी तरह साफ कर दिया। यहां कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल पाई, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि जनता ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की नीतियों को खुलकर समर्थन दिया है। भाजपा का चुनावी दमखम और विकास पर भरोसा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा ने एकजुटता और रणनीतिक मजबूती के साथ चुनाव लड़ा। सालों से जशपुर जिला पंचायत पर काबिज भाजपा ने अपनी पकड़ और मजबूत कर ली। क्षेत्रवासियों का मानना है कि मुख्यमंत्री बनने के बाद विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले में विकास की नई राहें खोली हैं। सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी मुद्दों पर तेजी से काम हुआ है, जिससे लोगों को सीधा लाभ मिला है। भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाया, जिसका नतीजा भाजपा की प्रचंड जीत के रूप में सामने आया। मतदाताओं का कहना है कि सीएम साय की सरकार “सबका साथ, सबका विकास” की भावना को साकार कर रही है। स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा सुधार, कुनकुरी में 220 बिस्तर अस्पताल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर भी महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं। कुनकुरी में 220 बिस्तरों वाले अस्पताल को मंजूरी मिल चुकी है, जिससे क्षेत्र में बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध होंगी। हाल ही में कुनकुरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डायलिसिस सुविधा शुरू की गई, जिससे मरीजों को बड़ी राहत मिली है। यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री जनता की जरूरतों को प्राथमिकता दे रहे हैं। जिला पंचायत के निर्वाचित सदस्य गेंदबिहारी सिंह (निर्दलीय) आशिका कुजूर (कांग्रेस) मोनिका टोप्पो (निर्दलीय) शांति भगत (भाजपा) श्वेता भगत (कांग्रेस) शौर्य प्रताप सिंह जूदेव (भाजपा) मलिता बाई (भाजपा) अनिता सिंह (भाजपा) हिरामती पैंकरा (भाजपा) आरती सिंह (कांग्रेस) सालिक साय (भाजपा) सुरुचि पैंकरा (भाजपा) वेदप्रकाश भगत (भाजपा) दुलारी सिंह (भाजपा) भाजपा का बढ़ता वर्चस्व, क्षेत्रवासियों का समर्थन बरकरार भाजपा की इस ऐतिहासिक जीत से स्पष्ट हो गया कि जनता ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व पर भरोसा जताया है। जिला पंचायत के साथ-साथ जनपद पंचायतों में भी भाजपा का बहुमत साफ नजर आ रहा है। विकास कार्यों की गति और योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के कारण भाजपा को जनता का व्यापक समर्थन मिला है। जशपुर में भाजपा की इस प्रचंड जीत ने आने वाले चुनावों के लिए भी एक मजबूत राजनीतिक संकेत दे दिया है।

जशपुर में फुटबॉल का महाकुंभ, मुख्यमंत्री साय ने किया समापन— रणजीता स्टेडियम के जीर्णोद्धार की घोषणा

IMG 20250223 21183959

बेंगलुरु की मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप बनी विजेता, मुख्यमंत्री ने कहा— खेल प्रतिभाओं को मिलेगा हरसंभव समर्थन जशपुरनगर, 23 फरवरी 2025 | छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं को नई उड़ान देने की दिशा में सरकार का एक और बड़ा कदम। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज स्व. दिलीप सिंह जूदेव स्मृति अखिल भारतीय गोल्ड कप फुटबॉल टूर्नामेंट के समापन समारोह में शिरकत की और खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने घोषणा की कि रणजीता स्टेडियम का जीर्णोद्धार किया जाएगा, ताकि प्रदेश के युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर सुविधाओं के साथ आगे बढ़ सकें। खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन— ओलंपिक पदक विजेताओं को करोड़ों का इनाम कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा कि खेलों के विकास के लिए उनकी सरकार पूरी तरह समर्पित है। उन्होंने बताया कि ‘खेलो इंडिया’ योजना के तहत ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 3 करोड़, रजत पदक विजेता को 2 करोड़ और कांस्य पदक विजेता को 1 करोड़ रुपए की इनामी राशि दी जाएगी। इससे प्रदेश के युवाओं को खेलों के प्रति और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। 8 फरवरी से 23 फरवरी तक चले इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में देशभर के 16 राज्यों की सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल टीमें शामिल हुईं। बेंगलुरु की मद्रास इंजीनियरिंग ग्रुप ने रोमांचक फाइनल में साउथ ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे नागपुर को 1-0 से हराकर ट्रॉफी अपने नाम की। यह टूर्नामेंट जशपुर के लिए ऐतिहासिक रहा, क्योंकि पांच साल बाद रणजीता स्टेडियम ने राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों की मेजबानी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन छत्तीसगढ़ में फुटबॉल को नई ऊंचाई देने वाला साबित होगा और स्टेडियम के उन्नयन से यहां और बड़े टूर्नामेंट आयोजित किए जा सकेंगे। खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों की उमड़ी भीड़ इस भव्य आयोजन में जशपुर विधायक रायमुनि भगत, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष और पत्थलगांव विधायक गोमती साय, नगर पालिका अध्यक्ष अरविंद भगत, नव-निर्वाचित पार्षद यश प्रताप सिंह जूदेव सहित कई जनप्रतिनिधि और खेलप्रेमी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। विष्णु सरकार— खेल संस्कृति को दे रही नया आयाम छत्तीसगढ़ में खेलों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार लगातार पहल कर रही है। फुटबॉल, मार्शल आर्ट्स, हॉकी और एथलेटिक्स में छत्तीसगढ़ को देश के अग्रणी खेल राज्यों में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है। जशपुर में इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट का सफल आयोजन इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दर्शकों ने उम्मीद जताई कि छत्तीसगढ़  खेलों की नई राजधानी बनने की ओर बढ़ रहा है, और रणजीता स्टेडियम का जीर्णोद्धार इसे और ऊंचाई तक ले जाएगा।

जशपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय गृहग्राम बगिया में मना रहे 61वां जन्मदिन, माता का आशीर्वाद लेकर सत्यनारायण कथा में हुए शामिल

IMG 20250221 133645 1

जशपुर/बगिया,21 फरवरी 2025 –  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज अपना 61वां जन्मदिन गृहग्राम बगिया में परिवार और समर्थकों के साथ मना रहे हैं। वे सुबह 11:58 बजे अपने निवास श्रीराम सदन पहुंचे, जहां उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने उन्हें माल्यार्पण कर शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर परिवारजनों और समर्थकों ने भी मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई दी। मुख्यमंत्री ने अपने जन्मदिन की शुरुआत माता श्रीमती जसमनी देवी के चरणों में आशीर्वाद लेकर की। इसके बाद उनके निवास पर सत्यनारायण कथा का आयोजन किया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री स्वयं शामिल हुए हैं। इस धार्मिक अनुष्ठान के बाद वे अपने गृह क्षेत्र के लोगों से मुलाकात कर शुभकामनाएं स्वीकार करेंगे। मुख्यमंत्री साय शाम 4 बजे हेलीकॉप्टर से रायपुर के लिए रवाना होंगे। संघर्ष से सफलता तक – विष्णुदेव साय का प्रेरणादायक सफर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जीवन संघर्ष, समर्पण और सेवा का प्रतीक रहा है। जशपुर जिले के बगिया गांव में जन्मे साय ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत छात्र जीवन से की थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े साय ने विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए प्रदेश की राजनीति में अपनी मजबूत पहचान बनाई। विष्णुदेव साय तीन बार छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। वे लोकसभा में चार बार सांसद चुने गए और केंद्र सरकार में राज्य मंत्री के रूप में भी अपनी जिम्मेदारी निभाई। आदिवासी समाज से आने वाले साय ने हमेशा जनजातीय समुदाय और ग्रामीण विकास के मुद्दों को प्राथमिकता दी। वर्ष 2024 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने प्रदेश के विकास, सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सुविधाओं और जल आपूर्ति योजनाओं को गति दी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जन्मदिन उनके समर्थकों और प्रदेशवासियों के लिए भी एक प्रेरणादायक अवसर है। उनका जीवन बताता है कि संघर्ष और संकल्प के साथ आगे बढ़ा जाए तो किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।