आंखों देखी : जशपुर : पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में मतदान जारी, मतदाताओं में दिखा उत्साह

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जशपुर: पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में मतदान जारी, मतदाताओं में दिखा उत्साह जशपुर, 20 फरवरी 2025 – जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण का मतदान आज सुबह 7 बजे से शुरू हो गया। जशपुर जिले की चार जनपद पंचायतों में मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरीके से जारी है। जनपक्ष के संपादक संतोष चौधरी ने सुबह 7 से 8 बजे तक दो मतदान केंद्रों का दौरा कर मतदान प्रक्रिया का जायजा लिया। धुमाडांड में दिखा मतदान का उत्साह सुबह 7 बजे कुनकुरी जनपद क्षेत्र के धुमाडांड ग्राम पंचायत में बूथ क्रमांक 62 और 63 पर मतदान शुरू हो चुका था। मतदान केंद्रों के बाहर मतदाता उत्साह के साथ अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। इस बार पंच, सरपंच, जनपद सदस्य (बीडीसी) और जिला पंचायत सदस्य (डीडीसी) के लिए मतदान हो रहा है, जिसके कारण प्रत्येक मतदाता को चार बैलेट पेपर पर वोट देना पड़ रहा है। इससे प्रक्रिया में थोड़ी अधिक समय लग रहा है, लेकिन मतदाताओं का जोश बरकरार है। गड़ाकटा में मतदान धीमा सुबह 7:45 बजे गड़ाकटा ग्राम पंचायत के बूथ क्रमांक 128 पर भी मतदान जारी था, लेकिन यहां मतदाताओं में अपेक्षाकृत कम उत्साह देखने को मिला। निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होकर दोपहर 3 बजे तक चलेगा। मतदान प्रक्रिया और समय सीमा की जानकारी हर बूथ के बाहर वॉल राइटिंग के जरिए पहले से दी गई थी, ताकि मतदाता समय पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें। शांतिपूर्ण तरीके से हो रही वोटिंग अभी तक मतदान केंद्रों पर कोई बड़ी परेशानी सामने नहीं आई है और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। निर्वाचन अधिकारियों के मुताबिक, दिन बढ़ने के साथ मतदान प्रतिशत में और वृद्धि होने की संभावना है। 

जशपुर: पंचायत चुनाव में लापरवाही पर तीन शासकीय कर्मचारी निलंबित

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जशपुर: पंचायत चुनाव में लापरवाही पर तीन शासकीय कर्मचारी निलंबित जशपुर, 20 फरवरी 2025 – त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2024-25 के दौरान लापरवाही बरतने पर तीन शासकीय कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने सख्त कार्रवाई करते हुए संबंधित अधिकारियों के निलंबन आदेश जारी किए। पीठासीन अधिकारी नशे की हालत में पाए गए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय जशपुर में निर्वाचन सामग्री वितरण के दौरान पीठासीन अधिकारी के रूप में तैनात प्रधान पाठक श्री जुनास खलखो और व्याख्याता श्री गणेश कुमार मंडल नशे की हालत में पाए गए। चिकित्सकीय परीक्षण में उनके शराब के सेवन की पुष्टि हुई, जिससे वे ड्यूटी करने की स्थिति में नहीं थे। यह आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-23 का उल्लंघन माना गया, जिसके चलते दोनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। 70 दिनों तक ड्यूटी से गायब रहे पटवारी वहीं, तहसील फरसाबहार में पदस्थ पटवारी श्री विजय कुमार श्रीवास्तव को मतदाता सूची की मॉर्ड कॉपी तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन, वे बिना किसी पूर्व अनुमति के 2 दिसंबर 2024 से 10 फरवरी 2025 (कुल 70 दिन) तक अपने कर्तव्य से अनुपस्थित रहे। रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बावजूद उन्होंने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। इसे निर्वाचन प्रक्रिया में घोर लापरवाही और अनुशासनहीनता मानते हुए उन्हें भी निलंबित कर दिया गया। तत्काल प्रभाव से निलंबन कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत तीनों अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में श्री जुनास खलखो और श्री गणेश कुमार मंडल का मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी कांसाबेल तथा श्री विजय कुमार श्रीवास्तव का मुख्यालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) फरसाबहार निर्धारित किया गया है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि निर्वाचन कार्य में लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

कुनकुरी में सुबह-सुबह हुई हल्की बारिश,आम की फसल को मिलेगा फायदा

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कुनकुरी, 20 फरवरी – आज गुरुवार सुबह करीब 5:30 बजे कुनकुरी शहर और आसपास के गांवों में हल्की बारिश हुई। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, जिले में सुबह 9 बजे के आसपास हल्की बूंदाबांदी और शाम 4 से 6 बजे के बीच बारिश व आंधी की संभावना है। इन दिनों आम के पेड़ बौर (मंजर) से लदे हुए हैं। ऐसे में हल्की बारिश से आम की फसल को फायदा होगा। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, इस समय हुई नमी से बौर को पोषण मिलेगा, जिससे आम की सेटिंग बेहतर होगी और फल अच्छी गुणवत्ता के बनेंगे। कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि आम के पेड़ों के लिए यह हल्की बारिश लाभकारी है क्योंकि इससे फूलों को ताजगी मिलेगी और वातावरण में नमी बढ़ेगी। इससे फल बनने की प्रक्रिया तेज होगी। हालांकि, ज्यादा बारिश या तेज आंधी से फूल झड़ सकते हैं, जिससे उत्पादन प्रभावित हो सकता है। किसानों का मानना है कि यदि बारिश सीमित मात्रा में होती है और तेज हवाएं नहीं चलतीं, तो इससे आम की फसल को अच्छा फायदा होगा। अब सभी की निगाहें मौसम पर टिकी हैं, क्योंकि आने वाले दिनों में मौसम का प्रभाव फसल उत्पादन पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

नगरपंचायत अध्यक्ष विनयशील की संवेदनशील पहल: टोंगरीटोली की प्यास बुझी

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कुनकुरी,19 फरवरी 2025 – कुनकुरी नगरपंचायत अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होते ही विनयशील ने शहर की बुनियादी समस्याओं के समाधान की दिशा में सक्रिय कदम बढ़ा दिए हैं। उनकी एक संवेदनशील पहल से टोंगरीटोली के सैकड़ों निवासियों को वर्षों बाद पानी की सुविधा मिल सकी है। दरअसल, टोंगरीटोली बस्ती में लोग हर चुनाव में बढ़-चढ़कर मतदान करते थे, लेकिन उनकी वर्षों पुरानी मांग—पीने के पानी की सुविधा—अब तक पूरी नहीं हो सकी थी। चुनाव प्रचार के दौरान जब विनयशील को इस समस्या की जानकारी मिली, तो उन्होंने इसे अपनी प्राथमिकता में रखा। नगरपंचायत का फंड सीमित होने के कारण उन्होंने निजी खर्च पर एक हजार लीटर की पानी टंकी लगवाई, जिससे वार्ड नंबर 2 और 14 के करीब 55 घरों के 250 लोगों को राहत मिली। पानी की सुविधा मिलने पर मोहल्लेवासियों में हर्ष है। सोनिया नायक, गणेश, चंद्रवती, सुकरीता यादव ने अध्यक्ष विनयशील का आभार जताया, वहीं सेरोफिना लकड़ा ने उनके घर पहुंचकर धन्यवाद दिया। स्थानीय निवासियों का कहना है कि वर्षों बाद किसी जनप्रतिनिधि ने उनकी समस्या को गंभीरता से लिया और तुरंत समाधान किया।गौर करने वाली बात है कि अभी विनयशील ने अध्यक्ष पद की शपथ नहीं ली है । नगरपंचायत अध्यक्ष विनयशील की यह पहल यह दर्शाती है कि जब संकल्प मजबूत हो, तो संसाधनों की कमी भी बाधा नहीं बनती। उनकी संवेदनशीलता ने टोंगरीटोली के निवासियों के जीवन में उम्मीद की नई किरण जगा दी है।

बच्चों की पढ़ाई में बड़ी बाधा बनी मधुमक्खी के छत्तों को हटाने एक्शन में आये विनयशील,5 बच्चों को मधुक्खियों ने मारी डंक

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कुनकुरी,18 फरवरी 2025 – कुनकुरी शहर की कन्या शाला में वर्षों पुरानी समस्या पर नवनिर्वाचित नपं अध्यक्ष विनयशील का ध्यान गया है।उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से मधुक्खियों के छत्ते हटाते हुए स्थायी समाधान करने पर चर्चा की है। दरअसल,आज सुबह विनयशील खेल मैदान चौक पर लोगों से मुलाकात कर रहे थे।इसी दौरान युवा कौशल शर्मा ने बताया कि कन्या शाला में सेमल के बड़े पेड़ों पर मधुक्खियों के कई सारे छत्ते हैं।जिनमे से विभिन्न कारणों से मधुमक्खियां निकलकर स्कूल के बच्चों,टीचरों समेत स्टेट हाइवे से गुजरनेवाक़े राहगीरों पर हमला कर देती हैं।आज मंगलवार की सुबह साढ़े नौ बजे के करीब स्कूल की 5 छात्राओं को मधुक्खियों ने डंक मार दिया है।कौशल ने यह भी बताया कि उसे भी स्कूटी से गुजरते वक्त तीन दिन पहले मधुमक्खी ने गाल पर डंक मारा था जिससे वे सड़क पर गिरते-गिरते बचे। इस परेशानी को जानने के बाद विनयशील ने तत्काल वन विभाग के एसडीओ कुनकुरी को फोन लगाकर इस सम्बंध में चर्चा की।विनयशील ने बताया कि इससे सैंकड़ो बच्चों के जीवन के लिए हमेशा बड़ा खतरा बना हुआ है।परीक्षा सिर पर है।स्कूल परिसर के बाहर भी भीड़भाड़ रहती है।व्यस्त सड़क है।ऐसे में मधुक्खियों के छत्तों को सुरक्षित तरीके से हटाना जरूरी है।इसे हटाने में जो भी खर्च करना पड़े,उसमें यदि फंड की कोई दिक्कत है तो निजी खर्च पर हटाऊंगा। अब देखना है कि मधुक्खियों और इंसानों का जीवन सुरक्षित करते हुए युवा नपं अध्यक्ष कब तक स्थायी समाधान कर पाते हैं।इससे पहले भी स्कूल प्रबंधन व छात्राओं ने छोटे से लेकर बड़े-बड़े जनप्रतिनिधियों को इस समस्या से छुटकारा दिलाने की गुहार लगाते रहे हैं।

महाकुंभ: आस्था का पर्व, न कि सांप्रदायिक विवाद

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निर्मल कुमार महाकुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो आस्था, आध्यात्मिकता और भारतीय सांस्कृतिक विरासत का भव्य उत्सव है। यह अद्वितीय आयोजन प्रत्येक बारह वर्षों में प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित होता है, जहां पवित्र गंगा, यमुना और दिव्य सरस्वती नदियों का संगम होता है। यह मेला भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और कुशल संगठन क्षमता का अद्भुत उदाहरण है। दुर्भाग्यवश, कुछ लोग इस पवित्र अवसर को राजनीतिक रंग देने और सांप्रदायिक दृष्टि से देखने का प्रयास कर रहे हैं, जो न केवल भ्रामक है, बल्कि समाज को बांटने की एक दुर्भावनापूर्ण कोशिश भी है। महाकुंभ: आस्था और परंपरा का प्रतीक महाकुंभ मेला केवल आस्था से जुड़ा एक धार्मिक आयोजन है। इसका मूल आधार वह पौराणिक कथा है, जिसमें समुद्र मंथन के दौरान अमृत की बूंदें चार स्थानों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरीं, जिससे इन स्थानों को विशेष आध्यात्मिक महत्व प्राप्त हुआ। हिंदू धर्म में मान्यता है कि कुंभ मेले के दौरान इन स्थानों पर पवित्र स्नान करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। लेकिन महाकुंभ केवल धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं है, यह एक सांस्कृतिक एवं सामाजिक उत्सव भी है। यहाँ भारतीय परंपराओं, कला, व्यापार, और शिक्षा की झलक देखने को मिलती है। इस मेले की वैश्विक मान्यता का प्रमाण है कि वर्ष 2017 में दक्षिण कोरिया के जेजू में आयोजित यूनेस्को की ‘अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की सुरक्षा के लिए अंतर-सरकारी समिति’ ने ‘कुंभ मेला’ को विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया था। महाकुंभ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता और सामाजिक संरचना का आईना है, जहाँ जाति, वर्ग और सम्प्रदाय से परे सभी को समान दृष्टि से देखा जाता है। सांप्रदायिकता के आरोप निराधार, महाकुंभ का द्वार सबके लिए खुला हाल ही में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा यह अफवाह फैलाई जा रही है कि महाकुंभ मेले में मुसलमानों का प्रवेश प्रतिबंधित है, जो पूर्णतः असत्य और समाज में फूट डालने की एक कोशिश मात्र है। महाकुंभ मेला कभी भी किसी जाति, वर्ग या धर्म के लिए निषिद्ध नहीं रहा है। यहाँ सभी समुदायों के लोग आ सकते हैं, बशर्ते वे मेले की परंपराओं और धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करें। एक महत्वपूर्ण तुलना हज यात्रा से की जा सकती है। हज मुस्लिम समुदाय का एक प्रमुख धार्मिक आयोजन है, जिसमें केवल मुसलमानों को ही प्रवेश की अनुमति होती है, और इस धार्मिक विशिष्टता को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिया जाता है। इसके विपरीत, महाकुंभ में ऐसी कोई धार्मिक पाबंदी नहीं है, और अन्य धर्मों के अनुयायियों का भी स्वागत है। फिर भी, कुछ लोग महाकुंभ को एक सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं, जो भारत की सद्भावना और धार्मिक सहिष्णुता की मूल भावना का अपमान है। sporadic घटनाओं को बहुसंख्यक विचारधारा के रूप में प्रस्तुत करना एक भ्रामक प्रचार से अधिक कुछ नहीं। विश्व का सबसे बड़ा आयोजन: प्रबंधन और प्रशासन की अद्भुत मिसाल महाकुंभ में अनुमानित 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालु भाग लेंगे, जिससे यह विश्व का सबसे विशाल धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन बन जाता है। इतने बड़े स्तर पर आयोजन की सफलता सुनिश्चित करना सरकार, प्रशासन और स्वयंसेवकों के लिए एक अभूतपूर्व चुनौती है। इसके लिए एक अस्थायी टेंट सिटी बसाई जाती है, जिसमें सभी आवश्यक सुविधाएँ—स्वच्छता, पेयजल, चिकित्सा, सुरक्षा, परिवहन आदि का विशेष ध्यान रखा जाता है। अगर तुलना करें तो हज यात्रा में प्रतिवर्ष लगभग 40 लाख लोग भाग लेते हैं, जिसे आयोजित करना भी एक जटिल कार्य है। लेकिन कल्पना कीजिए कि महाकुंभ में इससे 100 गुना अधिक लोग एकत्र होते हैं, फिर भी प्रशासनिक कुशलता से इसका सफल आयोजन किया जाता है। इस आयोजन की सफलता भारत की प्रशासनिक क्षमता, प्रबंधन दक्षता और तकनीकी नवाचारों का प्रतीक है। इस बार के महाकुंभ में आधुनिक तकनीक का भी व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। ड्रोन कैमरों से सुरक्षा की निगरानी, पर्यावरण अनुकूल व्यवस्थाएँ, डिजिटल भुगतान की सुविधाएँ, और अत्याधुनिक आपातकालीन सेवाएँ इस आयोजन को और अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित बना रही हैं। महाकुंभ: भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति का प्रदर्शन महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक शक्ति का एक वैश्विक मंच है। यह हमारी सामूहिक स्मृतियों और सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न अंग है। यह आयोजन न केवल भारत की धार्मिक विविधता को दर्शाता है, बल्कि हमारे समाज की सहिष्णुता, एकता और संगठित प्रशासनिक क्षमता को भी प्रदर्शित करता है। महाकुंभ एकता, आत्मचिंतन और हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रति गर्व का उत्सव है। हमें इसे राजनीति और संकीर्ण मानसिकता से दूर रखना चाहिए और इसकी वास्तविक भावना को समझना चाहिए। भारत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि वह दुनिया के सबसे बड़े आयोजनों को कुशलतापूर्वक संभालने में सक्षम है। हमें इस महान उपलब्धि का सम्मान करना चाहिए और इसे भारत की समावेशी और सहिष्णु परंपराओं का प्रतीक मानते हुए गर्व महसूस करना चाहिए। आइए, हम सब मिलकर इस ऐतिहासिक आयोजन की पवित्रता बनाए रखें और इसे विश्वभर के लोगों के लिए चमत्कार और श्रद्धा का केंद्र बनाएं। महाकुंभ केवल हिंदुओं का नहीं, बल्कि संपूर्ण भारतीय समाज का गौरव है। एक संगठित राष्ट्र के रूप में, हमें इस अद्भुत उपलब्धि का उत्सव मनाना चाहिए और अपने बहुसांस्कृतिक समाज की शांति और परस्पर सम्मान की भावना को बनाए रखना चाहिए। (यह लेखक के निजी विचार हैं।लेखक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों,घटनाक्रम पर लेख करते हैं।)

समाज को शिक्षा अपनाना और नशे से दूर रहना होगा – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

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*सरकार गठन के 13 माह में मोदी की अधिकांश गारंटियों को किया पूरा: मुख्यमंत्री* जशपुर 14 फरवरी 2025/ मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय आज फरसाबहार तहसील के ग्राम पंचायत कोनपारा के आश्रित ग्राम चट्टीड़ांड़ में खड़िया समाज के 15 वां सामाजिक वार्षिक उत्सव सम्मेलन में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने माता सरस्वती और क्रांतिकारी वीर शहीद तेलंगा खड़िया की छायाचित्र पर पुष्पगुच्छ अर्पित कर नमन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय, विधायक और सरगुजा क्षेत्र विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष श्रीमती गोमती साय मौजूद थी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खड़िया समाज से शिक्षा पर विशेष जोर देते हुए कहा कि शिक्षा विकास का आधार है। समाज की प्रगति के लिए समाज के पदाधिकारियों और समाज से जुड़े सभी लोगों को इस पर चिंतन करते हुए युवाओं और बच्चों को मार्गदर्शन करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने नशा से दूर रहने की अपील भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि खड़िया समाज पारम्परिक रीति-रिवाजों से और अपनी प्रकृति से आदिम समाज का हिस्सा रहा है। आपको याद होगा साल 2011 में जब खड़िया समाज को अनुसूचित जनजाति वर्ग में जगह दी गई, तब छत्तीसगढ़ में भाजपा की ही सरकार थी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के बने सिर्फ 13 महीने में ही मोदी कि अधिकांश गारंटियों को पूरा का लिया गया है। सरकार के गठन होते ही शपथ-ग्रहण के दूसरे ही दिन कैबिनेट की पहली बैठक में ही प्रधानमंत्री आवास योजना से प्रदेश के 18 लाख परिवारों को लाभान्वित करने का निर्णय लिया गया था। हमारी सरकार पिछले दो खरीफ सीजन से किसानों से 31 सौ रुपये प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से धान खरीदी कर रही है। इस बार प्रदेश में 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी कर रिकॉर्ड कायम किया है। वनवासी परिवारों के जीवन स्तर में सुधार के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण दर को चार हजार रूपये से बढ़ाकर साढ़े 5 हजार रुपए प्रति मानक बोरा किया गया है। प्रदेश की 70 लाख माताओं-बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने एक हजार रुपये की राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना के तहत 10 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है। श्रीरामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना के माध्यम से अब तक 20 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को रामलला के दर्शन कराया गया है। जनजातीय समाज के विकास के लिए पीएम जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसी योजनाएँ आ संचालित की जा रही है। यूपीएससी की तैयारी करने वाले अधिक-से-अधिक युवाओं को अवसर देने के लिए दिल्ली के द्वारका में स्थित ट्राइबल यूथ हॉस्टल में सीटों को 50 से बढ़ाकर 185 किया गया है। बच्चों के शिक्षा के स्तर में वृद्धि के लिए निजी विद्यालयों की तर्ज पर राज्य में 341 विद्यालयों का निर्माण पीएमश्री योजना अंतर्गत किया जा रहा है। विधायक श्रीमती गोमती साय ने कहा कि जब से पृथ्वी में मानव समाज की रचना हुई है तब से जनजाति समाज रहा है। जैसे जैसे समय के साथ जो समाज उन्नति करता गया वो आगे बढ़ता गया। उन्होंने जनजातीय समाज से अपील करते हुए कहा कि जनजातीय समाज को सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ने के लिए समाज को चिंतन करते हुए एकजुट होकर कार्य करना चाहिए तभी समाज आगे बढ़ सकता है। मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय ने अपने उद्बोधन में नशा को समाज के विकास में बाधक बताते हुए इससे दूर रहने की अपील की। इसके लिए उन्होंने महिलाओं को आगे आकर प्रतिबद्धता के साथ नशामुक्ति के लिए कार्य करने का आह्वाहन किया। उन्होंने कहा कि समाज में विकास के लिए हर परिवार के सभी सदस्यों को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए कार्य करना चाहिए तभी समाज आगे बढ़ सकता है। इस अवसर पर पूर्व विधायक भरत साय,  सुनील गुप्ता, खड़िया समाज के प्रदेश अध्यक्ष  मदन नायक, जिला संरक्षक  बोध साय मांझी, जिला महामंत्री कृपाल मांझी, जिला उपाध्यक्ष  रामसागर सोरेंग और बाल कुमार प्रधान, समाज के अन्य पदाधिकारी सहित भारी संख्या खड़िया समाज के लोग मौजूद थे।

शहर के चुनावी बाजार से 20 का नोट बाहर,सीधे 100 फिर 500 देने के बाद ही चुनाव प्रचार की बात करो

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जशपुर/कुनकुरी,08 फरवरी 2025 – नगरपंचायत कुनकुरी हॉट सीट में चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन है।अध्यक्ष और 15 पार्षद के चुनाव का शोर पूरे शवाब पर है।वहीं वोटरों के भी दिन बन आये हैं। प्रत्याशी घुटने से नीचे जाकर पाँव छू रहे हैं और आशीर्वाद से पहले वोट ही मांग ले रहे हैं।जैसे ही मुहल्ले में जा रहे हैं,वोट बेचनेवाले गैंग से पहले बात करनी पड़ रही है।इससे पहले बात शुरू करने के लिए एक-एक को सौ नहीं दो पांच सौ की कड़क नोट चाहिए। गलती से एक प्रत्याशी समर्थक ने 20 का नोट दिया तो लड़खड़ाता वोटर बमक गया,बोला कि 20 में क्या मिलेगा और इसे कहाँ डालूँ।ऐसी विचित्र परिस्थितियों में चुनाव प्रचार करना एक बड़ी कलाकारी है। कुनकुरी शहर में नगरपंचायत अध्यक्ष की सीट के लिए केवल दो ही उम्मीदवार मैदान में है।एक सुदबल राम यादव और दूसरे गुप्ता विनयशील।पार्षदों में वार्ड नम्बर 15 में घमासान मचा हुआ है।आज कुनकुरी शहर में हिन्दू स्वाभिमान सूर्य कुमार प्रबल प्रताप सिंह जूदेव,मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी विष्णुदेव साय, यूथ आइकॉन मंत्री ओपी चौधरी प्रचार की कमान सम्हालेंगे।

कुनकुरी नगरपंचायत अध्यक्ष का ताज किसके सिर पर सजेगा?जातियों में बंटे खेतों में वोटों की लहलहाती फसल काटने उतरे सुदबल और विनयशील पर पूरे छत्तीसगढ़ की निगाहें क्यों? एक विश्लेषण

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प्रदेश में नगरपंचायत की एक सीट काफी सुर्खियों में हैं – कुनकुरी नगरपंचायत अध्यक्ष की सीट।वह इसलिए कि इसी सीट पर वर्तमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दोनों ने अपनी पसंद के उम्मीदवार उतारे हैं।उसपर भी दिलचस्प ये कि अध्यक्ष पद पर दो ही प्रत्याशी खड़े हैं, एक सत्ता दल बीजेपी से सुदबल राम यादव ,दूसरे सत्ता से बेदखल दल कांग्रेस से विनयशील गुप्ता। इतने से आपको यह समझ में आ गया होगा कि नगरपंचायत कुनकुरी का चुनाव नेक-टू-नेक है।निर्दलीय कोई है नहीं जो चुनाव में किसी का खेल बिगाड़ दे या बना दे। मतदान 11 फरवरी को होना है।आज शाम से चुनावी शोर भी थम जाएगा।शहर में दोनों प्रत्याशी गली-गली,चौक-चौराहों,बस्तियों में घूम रहे हैं।विनयशील का चुनावी कमान पूर्व विधायक यूडी मिंज,जिलाध्यक्ष मनोज सागर यादव समेत तमाम पुराने कांग्रेसी नेताओं ने सम्हाला हुआ है।वहीं सुदबल राम यादव को जिताने के लिए कुनकुरी के वर्तमान विधायक व मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय,जिलाध्यक्ष भरत सिंह समेत भाजपा के तमाम नेता सम्हाल रहे हैं। अब बचे वोटर तो जो बात देखने-सुनने और वोटरों से चर्चा ने सामने आई उसमें पहला यह कि ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने से शहर का विकास और ज्यादा होगा।वोटरों की बुनियादी सुविधाओं में वृद्धि होगी।वहीं दूसरा यह कि सुदबल राम यादव मुख्यमंत्री का प्रत्याशी है तो अगर हार गया तो मुख्यमंत्री सीधे कुनकुरी से नाराज़ हो सकते हैं,जिसका रिस्क उठाने में खासकर वे मतदाता झिझक रहे हैं जो सीएम के मिलने-जुलने वालों में से हैं।ऐसे जागरूक मतदाता ही चुनावी खेल में मोहरे का काम करते हैं। विनयशील गुप्ता को लेकर पहली बात यह कि कुनकुरी शहर में उनके रौनियार समाज के वोटर ज्यादा हैं जिन्हें बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है।पहली बार कोई प्रत्याशी इस समाज से लड़ रहा है।विनयशील ने बीते 5 साल कांग्रेस की सत्ता में राजनीति को करीब से देखा-समझा है बल्कि राजनीति में शामिल रहकर देश-प्रदेश के कई चुनावों में मॉनिटरिंग भी की।कुनकुरी शहर में अगर एक लाइन में चुनाव के समझने की कोशिश करें तो यह सम्भव नहीं है।लोकल इलेक्शन में वोटर आपको ही,आपको ही कहकर प्रत्याशी को भ्रमित करता है जो यहां भी दिख रहा है।जो कह रहे हैं कि बीजेपी जीतेगी, कांग्रेस जीतेगा वे विचारधारा से प्रभावित वोटर हैं।आम वोटर चुप है,11 तारीख़ को ईवीएम में जायेगा और अपना वोट चुपचाप दबा आएगा। बहरहाल,चुनावी दंगल जारी है।

*कुनकुरी शहर में मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या साय ने सम्हाली प्रचार की कमान, प्रदेश सरकार की उपलब्धियों और भावी योजना पर मांग रही हैँ समर्थन..*

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कुनकुरी का विकास अपने आप में मॉडल बनेगा – कौशल्या साय जशपुर,06 फरवरी 2025 –  नगर पंचायत कुनकुरी में भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रचार की कमान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी कौशल्या साय ने सम्हाल लिया है। बुधवार को कुनकुरी के हनुमान टेकरी में मत्था टेक आशीर्वाद लेकर प्रचार अभियान शुरू किया। दिन भर कुनकुरी के सभी 15 वार्डो में घर-घर में घूम कर कौशल्या साय ने मतदाताओं से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय,प्रदेश सरकार और भारतीय जनता पार्टी के लिए समर्थन माँगा। सीएम मैडम को अपने बीच पाकर कुनकुरी नगरवासियो ने उनका सम्मान किया और महिलाओं ने  बीजेपी की टोपी पहनकर समर्थन दिया। प्रचार अभियान में कौशल्या साय ने बीते 13 महीने के दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा कुनकुरी के विकास के लिए किए गए कार्य और भावी योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुनकुरी और जशपुर जिला मुख्यमंत्री के ह्रदय के धड़कनो में बसते हैँ। इसलिए वे चाहते हैँ कि कुनकुरी और जशपुर जिले का ऐसा विकास हो कि यह देश-प्रदेश के लिए एक मिसाल बन जाए। इसकी शुरुआत हो चुकी है। मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए 220 बिस्तर अस्पताल,400 केवी विद्युत केंद्र की स्थापना,मयाली नेचर कैम्प और मधेश्वर महादेव पहाड़ को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने,स्पोर्ट्स काम्पलेक्स,हाई टेक बस स्टेण्ड तो बस शुरुआत है। उन्होंने कहा कि कुनकुरी का विकास अपने आप में एक मॉडल बनेगा। सीएम विष्णुदेव साय और भाजपा को सिर्फ कुनकुरीवासियो का साथ चाहिए।उन्होंने सभी मतदाताओं को अध्यक्ष पद के लिए भाजपा के प्रत्याशी सुदबल यादव और पार्षद पद के प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान करने की अपील की। इस दौरान भाजपा के स्थानीय पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी शामिल थे।