जशपुर जिले में बिछने लगी बर्फ की चादर,पाठ इलाके में पारा गिरकर 5 तक पहुंचा,जनजीवन प्रभावित

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जशपुर,12 दिसम्बर2024 – जिले में ठंड का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। पठारी इलाकों जैसे पंडरापाठ और सन्ना में ओस की बर्फ जमी दिखाई दे रही है। शीतलहर के कारण क्षेत्र का न्यूनतम तापमान 5 डिग्री तक गिर गया है। ठंड से बचने के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं, जबकि कई लोग देर तक बिस्तर में दुबके रहने को मजबूर हैं। ठंड के प्रभाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूलों के समय में बदलाव किया है। कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए शासकीय/अशासकीय स्कूलों का समय सुबह 09 बजे से शुरू करने के निर्देश दिए हैं, ताकि बच्चों को शीतलहर के प्रकोप से बचाया जा सके। डॉक्टरों की सलाह ठंड से बचाव के लिए: 1. गर्म कपड़ों का उपयोग: शरीर को पूरी तरह से ढककर रखें। टोपी, मफलर, दस्ताने और मोजे पहनना अनिवार्य करें। 2. गर्म पानी पिएं: ठंड के दिनों में शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए गर्म पानी और सूप का सेवन करें। 3. अलाव से सावधानी बरतें: अलाव का उपयोग करते समय सुरक्षा का ध्यान रखें और इसे बंद स्थानों पर न जलाएं। 4. खानपान पर ध्यान दें: ताजा और पौष्टिक भोजन करें, जिसमें प्रोटीन और विटामिन शामिल हों। 5. ठंड लगने पर लापरवाही न करें: ठंड लगने या ठंड से संबंधित कोई स्वास्थ्य समस्या हो तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें। 6. बुजुर्गों और बच्चों का विशेष ध्यान रखें: बुजुर्गों और बच्चों की इम्युनिटी कमजोर होती है, इसलिए उनके लिए अतिरिक्त गर्म कपड़ों और गर्म भोजन की व्यवस्था करें।   प्रशासन की अपील: जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक घर से बाहर न निकलें और ठंड से बचाव के उपाय अपनाएं। इसके साथ ही गांवों में जरूरतमंदों के लिए अलाव की व्यवस्था की जा रही है।जशपुर में बढ़ती ठंड के मद्देनजर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सतर्क है।नगरीय इलाकों में बस स्टैंड,चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था की गई है।  

वर्ल्ड रिकार्ड: विश्व का सबसे बड़ा प्राकृतिक प्रतिकृति शिवलिंग बना मधेश्वर पर्वत,गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड ने सीएम साय को दिया सर्टिफिकेट

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गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम, मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएँ जशपुर, 11 दिसंबर 2024: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित मधेश्वर पहाड़ को शिवलिंग की विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में मान्यता मिलने का ऐतिहासिक गौरव प्राप्त हुआ है। इसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में ‘लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग’ के रूप में दर्ज किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि को प्रदेश के लिए ऐतिहासिक क्षण बताते हुए जनता को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का काम करेगी। मुख्यमंत्री को सौंपा गया वर्ल्ड रिकॉर्ड का मान्यता प्रमाणपत्र  गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि श्रीमती हेमल शर्मा और अमित सोनी ने मुख्यमंत्री श्री साय को वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट सौंपा। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े भी उपस्थित थे। जशपुर जिले को मिली नई पहचान यह उपलब्धि जशपुर जिले के पर्यटन को एक नई ऊंचाई तक ले जाएगी। उल्लेखनीय है कि हाल ही में जशपुर को प्रसिद्ध पर्यटन वेबसाइट EaseMyTrip.com पर शामिल किया गया था, जिससे यह छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा जिला बना जिसने इस प्रकार की अंतरराष्ट्रीय पहचान प्राप्त की। अब मधेश्वर पहाड़ को मिली यह मान्यता न केवल धार्मिक आस्था के केंद्र को और मजबूती देगी बल्कि जशपुर को पर्यटन और रोमांचक खेलों का हब बनाने में भी सहायक होगी। मधेश्वर पहाड़: आस्था और रोमांच का संगम मधेश्वर पहाड़, जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में मयाली गांव से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित है। शिवलिंग के आकार में बनी इसकी प्राकृतिक संरचना इसे अद्वितीय बनाती है। स्थानीय ग्रामीण इसे विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग मानते हैं और यह स्थान धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है। पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण 1. धार्मिक महत्व: यहाँ हर साल बड़ी संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। विशेष रूप से महाशिवरात्रि और सावन के महीनों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है। 2. प्राकृतिक सुंदरता: मधेश्वर पहाड़ अपनी नैसर्गिक सुंदरता और शांत वातावरण के कारण प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करता है। 3. एडवेंचर स्पोर्ट्स: पर्वतारोहण और ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए यह स्थान तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। जशपुर जिले में इन गतिविधियों के लिए असीम संभावनाएँ मौजूद हैं। जशपुर का बढ़ता पर्यटन महत्व जशपुर को हाल ही में EaseMyTrip.com में शामिल किया गया था, जो जिले की प्राकृतिक खूबसूरती और पर्यटन स्थलों को वैश्विक मंच पर लाने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री ने की अपील मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे मधेश्वर पहाड़ जैसे प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण करें और इसे एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि जशपुर जिले को छत्तीसगढ़ का पर्यटन गढ़ बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। भविष्य की संभावनाएँ इस उपलब्धि के बाद राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन ने क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास और पर्यटकों की सुविधा के लिए नई योजनाओं पर काम करने का निर्णय लिया है। मधेश्वर पहाड़ को जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बनाने की योजना तैयार की जा रही है।  

क्राइम किलर IPS शशिमोहन सिंह ने बिहार से ठग गिरोह का नेटवर्क पकड़ा,गूगल से नंबर सर्च करना ठेकेदार को पड़ा भारी,6 गिरफ्तार

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जशपुर,11 दिसम्बर 2024 –  पुलिस ने ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए 6 आरोपियों को बिहार से गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने पीडब्ल्यूडी कांट्रेक्टर को कामधेनु सरिया का डीलर बनाने का झांसा देकर 9.25 लाख रुपये की ठगी की। घटना का पूरा विवरण ये रहा : पीडब्ल्यूडी कांट्रेक्टर कनक कुमार चंडालिया ने 13 सितंबर 2024 को थाना सिटी कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई कि उन्होंने गूगल से कामधेनु सरिया कंपनी का नंबर सर्च कर संपर्क किया था। उधर से कॉल करने वाले ने खुद को कंपनी का प्रतिनिधि बताते हुए डीलरशिप दिलाने का झांसा दिया। आरोपी ने बड़ी चालाकी से पीड़ित से आधार कार्ड, पैन कार्ड, दुकान की फोटो, फर्म का जीएसटी और कैंसल चेक मंगवाए। इसके बाद डीलरशिप की पुष्टि का झांसा देकर 1.25 लाख रुपये और फिर 8 लाख रुपये अग्रिम भुगतान के रूप में ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए। बाद में कामधेनु स्टील के ओरिजनल हेडक्वार्टर गुड़गांव से संपर्क करने पर पीड़ित को पता चला कि उनके साथ ठगी हो गई है। कोतवाली में पीड़ित ने रिपोर्ट लिखाई।जिसपर ऑनलाइन ठगी के मामले की जांच शुरू करते हुए एसपी शशिमोहन सिंह के लगातार मॉनिटरिंग में जशपुर पुलिस ने साइबर सेल की मदद से बैंक ट्रांजेक्शन और मोबाइल सर्विलांस के जरिए आरोपियों का पता लगाया। पुलिस टीम ने पटना (बिहार) के पाटलिपुत्र इलाके में छापा मारकर 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक नाबालिग शामिल है।गिरोह का सरगना रोशन यादव फरार है। उसकी तलाश के लिए पुलिस की टीमें जुटी हुई हैं। गिरफ्तार आरोपी: 1. मनीष (21 वर्ष), निवासी नालंदा, बिहार 2. रुदल (20 वर्ष), निवासी नालंदा, बिहार 3. राजन (19 वर्ष), निवासी नालंदा, बिहार 4. विशाल (22 वर्ष), निवासी नालंदा, बिहार 5. अजीत (19 वर्ष), निवासी नालंदा, बिहार 6. एक नाबालिग ठगी का तरीका जानिए और सतर्क रहिए मुख्य आरोपी रोशन यादव ने गिरोह के अन्य सदस्यों से बैंक खातों, एटीएम और पासबुक की जानकारी ली। वह हर ट्रांजेक्शन के बदले उन्हें 5,000 रुपये देता था और ठगी की रकम खुद निकालता था।पुलिस ने आरोपियों से पासबुक, एटीएम कार्ड और मोबाइल फोन बरामद किए हैं। पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान व्यक्ति को बैंक की जानकारी, ओटीपी या गोपनीय जानकारी न दें।उन्होंने कहा कि ठगी से बचने के लिए सतर्कता और जागरूकता आवश्यक है। इस गिरोह को पकड़ने में डीएसपी अजाक/क्राइम: भावेश समरथ,निरीक्षक: रवि शंकर तिवारी,एएसआई: चंद्रप्रकाश त्रिपाठी,आरक्षक: बसंत खुटिया और तुलसी रात्रे की सक्रिय भूमिका रही। फिलहाल, पुलिस फरार मुख्य आरोपी रोशन यादव की तलाश में है और मामले की विस्तृत जांच जारी है। जशपुर पुलिस ने ठगी के शिकार लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी देने की अपील की है।  

छत्तीसगढ़ कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक: विकास, रोजगार और खेलों को बढ़ावा देने के कई निर्णय

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रायपुर, 11 दिसंबर 2024 – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के विकास, रोजगार, खेल और आर्थिक सुदृढ़ीकरण से जुड़े कई अहम निर्णय लिए गए। बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय निम्नलिखित हैं: द्वितीय अनुपूरक बजट अनुमोदन वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए द्वितीय अनुपूरक अनुमान को मंजूरी दी गई। इसे विधानसभा में प्रस्तुत करने हेतु छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2024 का अनुमोदन किया गया। आदिवासी युवाओं को पुलिस भर्ती में राहत अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं के लिए पुलिस भर्ती में ऊंचाई और सीने के मापदंडों में एक बार के लिए छूट प्रदान की गई। वर्ष 2024 की सीधी भर्ती प्रक्रिया में इन मापदंडों को कम करते हुए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा दिया गया। विधेयकों का अनुमोदन कैबिनेट ने विभिन्न विधेयकों को मंजूरी दी, जिनमें छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्य वेतन, भत्ता तथा पेंशन (संशोधन) विधेयक, भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक, और छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक शामिल हैं। डेयरी उद्यमिता को बढ़ावा प्रदेश में डेयरी उद्योग को प्रोत्साहन देने हेतु राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर का निर्णय लिया गया। यह कदम दुग्ध उत्पादन लागत घटाने और किसानों को सुदृढ़ विपणन व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए उठाया गया है। खेल संस्कृति को बढ़ावा खेलों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी गई। इसके तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में खेल क्लबों की स्थापना, पारंपरिक खेलों का पुनर्जीवन, और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। वाहनों पर रोड टैक्स में छूट रायपुर में 15 जनवरी से 15 फरवरी 2025 तक आयोजित ऑटो एक्सपो के दौरान वाहनों पर 50% रोड टैक्स की छूट दी जाएगी। इस निर्णय से ऑटोमोबाइल सेक्टर में वृद्धि की उम्मीद है। धान उपार्जन और कस्टम मिलिंग खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान के निपटान के लिए नीलामी का प्रावधान किया गया है। साथ ही फोर्टिफाइड चावल की आपूर्ति के लिए भी आवश्यक व्यवस्थाओं का अनुमोदन किया गया। नवाचार और प्रशासनिक सुधार पंचायत राज अधिनियम और नगर पालिका अधिनियमों में संशोधन के विधेयकों को मंजूरी दी गई। जीएसटी संशोधन विधेयक को भी मंजूरी मिली, जिससे कर प्रणाली में सुधार होगा। आर्थिक प्रोत्साहन राईस मिलों को लंबित प्रोत्साहन राशि का वितरण प्रारंभ करने और कस्टम मिलिंग प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर ₹80 करने का निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, “आज के फैसले प्रदेश के विकास, रोजगार सृजन और खेल संस्कृति को सशक्त बनाएंगे। ये कदम छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे।”  

बड़ी खबर : लव ट्राइएंगल के चक्कर में आउट हाऊस में हुई मौत,प्रेमी समेत दो गिरफ्तार,जांच जारी

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जशपुर – 5 माह पहले अपने जीजा के घर से गायब हुई नाबालिग बच्ची का शव कुनकुरी थाना इलाके के महुआटोली गांव के खेत में मिली है।एसपी शशिमोहन सिंह ने घटना का कारण त्रिकोणीय प्रेम से उपजे विवाद को बताया है जिसमें नाबालिग द्वारा प्रेमी के आउट हाउस में खुदकुशी करने के बाद लाश को प्रेमी ने दो रिश्तेदारों के साथ मिलकर अपने ही खेत मे दफना दिया।जिसका खुलासा प्रेमी हेमंत प्रधान ने पुलिस के समक्ष किया है। दरअसल, घटना 6 अगस्त 2024 की है जब दुलदुला थाना क्षेत्र के 5 अगस्त को एक गांव में नाबालिग बच्ची अपने जीजा के घर आई हुई थी जो दूसरे दिन रात को अचानक गायब हो गई।बाद में फोन करने पर बालिका ने अपनी सहेली के यहां होना बताई।जिसके बाद घरवालों की चिंता खत्म हो गई। लेकिन इधर जैसा कि पुलिस ने बताया, लाश को ठिकाने लगाने वाला मुख्य आरोपी हेमंत प्रधान का 16 वर्षीय नाबालिग बालिका से प्रेम सम्बन्ध था।जिसे वह लेकर अपने खेत के पास आउट हाउस में रखा था।इसी दौरान प्रेमी के मोबाइल से किसी और लड़की से बातचीत होना देखकर मृतिका ने विवाद किया और दूसरी प्रेमिका को भी बुला लिया।इसको लेकर मृतिका काफी नाराज हुई और आउट हाउस में फांसी लगा ली।जब प्रेमी कमरे में आया तो शव लटकते देखकर अपने बड़े भाई नितेश प्रधान और चाचा सचनन्दन प्रधान को बताया।फिर तीनों ने मिलकर सौ मीटर दूर अपने खेत मे दफना दिया और उसके ऊपर धान की रोपाई कर दी।घटना के दूसरे दिन आरोपी हैदराबाद चला गया।   इधर जब एक माह बीतने के बाद बालिका घर नहीं लौटी तो परिजनों ने सितंबर माह में दुलदुला थाने में बच्ची के अपहरण का एफआईआर दर्ज कराया।एसपी शशिमोहन सिंह ने घटना की गम्भीरता को देखते हुए तत्काल एक टीम गठित कर मामले की छानबीन करने के निर्देश दिए।विवेचना के दौरान पुलिस को पता चला कि अपहृत बालिका का प्रेम प्रसंग कुनकुरी थाना क्षेत्र के महुआटोली गांव के युवक हेमंत प्रधान से चल रहा था।जिसकी पता-तलाश में उसका पता हैदराबाद में होना बताया गया।जिसे जशपुर पुलिस की टीम बड़ी मशक्कत के बाद हैदराबाद से लेकर आई।   आरोपी और सहआरोपियों की निशानदेही पर खेत मे दफन शव का विधिवत उत्खनन कराया गया।शव की शिनाख्ती मृतिका की माँ ने की है।मौके पर फोरेंसिक एक्सपर्ट व डॉक्टरों की टीम पहुंची हुई है।इस सनसनीखेज मामले की जाँच जारी है।घटनास्थल पर एसपी शशिमोहन सिंह,डीएसपी चंद्रशेखर परमा,एसडीओपी कुनकुरी विनोद कुमार मंडावी,थाना प्रभारी दुलदुला कृष्णा साहू,कुनकुरी सुनील सिंह ,हेड कांस्टेबल निर्मल बड़ा, मोहन बंजारे,छविकान्त पैंकरा,आरक्षक नन्दलाल यादव,गणेश यादव कार्रवाई में जुटे हुए हैं।  

सार्वजनिक स्थान और धार्मिक भवन: एक इस्लामी नैतिक दृष्टिकोण

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(निर्मल कुमार) इस्लाम एक ऐसा जीवन दृष्टिकोण प्रदान करता है जो समानता, न्याय और नैतिक मूल्यों पर आधारित है। यह न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामूहिक अधिकारों की रक्षा के लिए भी कठोर सिद्धांत निर्धारित करता है। सार्वजनिक स्थानों और धार्मिक भवनों के संदर्भ में इस्लामी शिक्षाएँ स्पष्ट रूप से यह बताती हैं कि किसी भी प्रकार की सरकारी या सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा करना, चाहे वह व्यक्तिगत लाभ के लिए हो या किसी समूह के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए, इस्लाम में पूरी तरह निषिद्ध है। सड़कें, मैदान, और अन्य सार्वजनिक स्थल समाज की सामूहिक भलाई के लिए हैं, और इनका दुरुपयोग समाज के संतुलन और इस्लामी नैतिकता को नुकसान पहुँचाता है। सरकारी भूमि: पवित्र अमानत और उसका महत्व इस्लाम में सरकारी भूमि को एक पवित्र अमानत माना गया है। इसका सीधा अर्थ है कि यह भूमि न केवल वर्तमान समाज की जरूरतों के लिए है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के कल्याण के लिए भी है। कुरआन और हदीस में स्पष्ट रूप से उन लोगों की निंदा की गई है जो दूसरों की संपत्ति, चाहे वह निजी हो या सार्वजनिक, पर अनुचित रूप से कब्जा करते हैं। अल्लाह ने कुरआन में ऐसे कार्यों को गुनाह बताया है: “और तुम आपस में एक-दूसरे का माल अन्यायपूर्वक न खाया करो, और न ही इसे रिश्वत के रूप में शासकों को दिया करो ताकि तुम दूसरों की संपत्ति को अवैध रूप से हड़प सको।” (कुरआन 2:188) सरकारी या सार्वजनिक भूमि का किसी भी प्रकार का अवैध उपयोग इस्लाम की मूल शिक्षाओं के खिलाफ है। यह भूमि समाज के हित और विकास के लिए समर्पित होती है। इसलिए, किसी भी प्रकार का व्यक्तिगत या सामूहिक लाभ उठाने के लिए इस भूमि पर कब्जा करना न केवल सामाजिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है, बल्कि यह ईश्वरीय आदेशों के भी खिलाफ है। धार्मिक भवनों का निर्माण और उनका नैतिक आधार मस्जिदें और अन्य धार्मिक भवन इस्लामिक समाज के लिए महत्वपूर्ण केंद्र होते हैं। इनका उद्देश्य लोगों को नैतिकता, प्रेम, और भाईचारे का संदेश देना है। लेकिन इन भवनों का निर्माण केवल वैध और न्यायसंगत तरीके से किया जा सकता है। अवैध रूप से कब्जा की गई भूमि पर मस्जिद या अन्य धार्मिक संरचना बनाना इस्लामी सिद्धांतों के विरुद्ध है। कुरआन और पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) की शिक्षा में इस बात पर जोर दिया गया है कि धार्मिक स्थलों को केवल न्यायोचित आधार पर ही बनाया जाना चाहिए। इस संदर्भ में, मदीना में “मस्जिदे-ज़िरार” का उदाहरण महत्वपूर्ण है। यह मस्जिद उन लोगों द्वारा बनाई गई थी जो मुसलमानों के बीच फूट डालना और समाज में अशांति फैलाना चाहते थे। अल्लाह ने स्पष्ट आदेश दिया कि इसे ध्वस्त कर दिया जाए, और यह आदेश कुरआन की निम्न आयतों में दिया गया: “और जो लोग नुकसान पहुँचाने, कुफ्र फैलाने और मोमिनों के बीच फूट डालने के लिए एक मस्जिद बनाते हैं, उनकी बुनियाद शुरू से ही गलत है।” (कुरआन 9:107-110) यह घटना स्पष्ट रूप से दिखाती है कि किसी भी धार्मिक स्थल की नींव तभी वैध मानी जाएगी जब वह भूमि न्यायसंगत और वैध तरीके से प्राप्त की गई हो। इस्लामी विद्वानों ने इस पर सहमति व्यक्त की है कि अवैध रूप से अधिग्रहीत भूमि पर बनाए गए धार्मिक भवन में की गई उपासना स्वीकार्य नहीं होती। अवैध कब्जा न केवल इस्लामी नियमों का उल्लंघन है, बल्कि यह समाज के सामूहिक कल्याण और एकता को भी क्षति पहुँचाता है। अवैध रूप से अधिग्रहीत भूमि का उपयोग, चाहे वह धार्मिक हो या अन्य किसी उद्देश्य के लिए, समाज में अशांति, अविश्वास, और विघटन को बढ़ावा देता है। यह अल्लाह की दी हुई अमानत का दुरुपयोग है, जो हर मुसलमान का कर्तव्य है कि वह इसे संरक्षित रखे। हज़रत अबू बक्र (र.अ.) की एक घटना इस्लामी नैतिकता के उच्च मानदंड को दर्शाती है। एक बार उन्होंने वह भोजन त्याग दिया जो अनुचित तरीके से अर्जित किया गया था, यह समझते हुए कि किसी भी प्रकार का अवैध लाभ स्वीकार्य नहीं है। इसी प्रकार, यदि भूमि या अन्य संपत्ति अवैध तरीके से प्राप्त की गई हो, तो इसे तत्काल त्याग देना इस्लाम की नैतिकता और न्याय का हिस्सा है। इस्लाम में सार्वजनिक भूमि को समाज के हित के लिए उपयोग करने की अनुमति दी गई है। इसका उपयोग केवल उन कार्यों के लिए किया जाना चाहिए जो सामूहिक लाभ और न्याय को बढ़ावा दें। अवैध कब्जा, चाहे वह किसी भी कारण से हो, इस्लामी शिक्षाओं के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। सार्वजनिक स्थान जैसे सड़कें, मैदान, और अन्य स्थल समाज की साझा संपत्ति हैं। इनका अवैध उपयोग न केवल इनकी उपयोगिता को नष्ट करता है, बल्कि यह सामाजिक संरचना को भी प्रभावित करता है। इस्लाम का दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि सरकारी और सार्वजनिक भूमि का उपयोग केवल वैध और नैतिक उद्देश्यों के लिए किया जाए। किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा या अनुचित उपयोग इस्लामी सिद्धांतों और सामाजिक नैतिकता दोनों के खिलाफ है। सभी का यह कर्तव्य है कि वे सार्वजनिक स्थानों और धार्मिक स्थलों को न्याय, समानता और नैतिकता के इस्लामी आदर्शों के अनुरूप बनाए रखें। इस प्रकार, इन स्थलों को न केवल पवित्र और सम्मानित रखा जा सकता है, बल्कि समाज में प्रेम और सौहार्द को भी बढ़ावा दिया जा सकता है। (लेखक निर्मल कुमार समाजिक आर्थिक मामलों के जानकार हैं।यह उनकी निजी राय है।)

जशपुर बना EASEMYTRIP पर शामिल होने वाला पहला जिला, पर्यटन विकास को मिली नई पहचान

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जशपुर, 8 दिसंबर 2024: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रयासों से जशपुर को पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान मिली है। जशपुर, www.easemytrip.com पर शामिल होने वाला छत्तीसगढ़ का पहला जिला बन गया है। इस पहल से पर्यटक अब जशपुर की यात्रा के लिए ऑनलाइन जानकारी प्राप्त कर बुकिंग कर सकते हैं। पर्यटन की खासियतें: जशपुर अपनी हरी-भरी वादियों, चाय बागानों, और समृद्ध आदिवासी संस्कृति के लिए जाना जाता है। यहां पर्यटक रॉक क्लाइम्बिंग, आदिवासी परंपराओं का अनुभव, और स्थानीय व्यंजन का आनंद ले सकते हैं। प्रमुख स्थलों में दमेरा, देशदेखा, चाय बगान, रानीदाह, कैलाश गुफा, एशिया का दूसरा सबसे बड़ा चर्च, और मयाली नेचर कैंप शामिल हैं। कैसे पहुंचें: रांची या झारसुगुड़ा के माध्यम से सड़क, ट्रेन या हवाई यात्रा से जशपुर आसानी से पहुंचा जा सकता है। ठहरने के लिए सरना एथनिक रिज़ॉर्ट और स्थानीय होटलों की सुविधा उपलब्ध है। जिला प्रशासन ने जशपुर को पर्यटन का केंद्र बनाने के लिए अनेक गतिविधियां आयोजित की हैं। यहां का शांत वातावरण, प्राकृतिक सौंदर्य, और सांस्कृतिक विविधता पर्यटकों को सुकून का अनुभव प्रदान करता है।  

विशेष खबर: 48 घण्टे पहले अनुमति लेकर ही करें आयोजन,कलेक्टर-एसपी ने बैठक में बताया नियम

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*जशपुर, 08 दिसम्बर 2024/ जिले में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु शनिवार को जिला कार्यालय सभाकक्ष में जिला स्तरीय कानून व्यवस्था बैठक का आयोजन कलेक्टर रोहित व्यास एवं पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह की अध्यक्षता में किया गया। इस बैठक में कलेक्टर ने जिले में किसी भी स्थान पर किये जाने वाले आयोजनों के पूर्व आयोजकों के लिए 48 घंटे पूर्व निर्धारित प्रारूप में सक्षम अधिकारी के समक्ष स्वीकृति हेतु आवेदन किये जाने को अनिवार्य बताते हुए इसका पालन कराने के निर्देश दिए। कलेक्टर रोहित व्यास ने कहा कि यदि कोई आयोजक बिना स्वीकृति के कोई आयोजन करता है तो ऐसे आयोजन को कानून व्यवस्था बनाये रखने के दृष्टिकोण से मान्य नहीं किया जाएगा। आयोजन हेतु निर्धारित प्रारूप में अनुमति लेना अनिवार्य है। इसके साथ ही आयोजन के प्रारूप एवं वॉलेंटियर की सूची की जानकारी भी आयोजकों को जिला एवं पुलिस प्रशासन को देनी होगी ताकि सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। कलेक्टर ने जिला एवं विकासखण्डों की शांति समितियों का पुनर्गठन करने तथा उनमें सभी समुदायों के प्रतिनिधियों को शामिल कर उसे अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर कलेक्टर ने आम नागरिकों के साथ जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को सकारात्मक एवं संवेदनशीलता पूर्वक संयमित व्यवहार करने हेतु निर्देशित किया। इसके साथ ही आगामी स्थानीय निकायों के निर्वाचन को दृष्टिगत रखते हुए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा। पुलिस अधीक्षक ने जिला प्रशासन के साथ समन्वय बनाते हुए पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को टीम भावना से कार्य करने तथा छोटी छोटी घटनाओं पर भी संवेदनशीलता पूर्वक कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने आगामी स्थानीय निकायों के चुनावों को देखते हुए निर्वाचन के निष्पक्ष आयोजन हेतु आबकारी एक्ट सहित अन्य प्रावधानों के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर प्रदीप कुमार साहू, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनी, सभी एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

ऐसा भी होता है : 376 से 64 कम है इसलिए पुलिस पर आवेदक ने पैसे मांगने का लगाया आरोप,जाँच में आरोप बेबुनियाद पाया,नए कानून समझाने से हुआ था विवाद

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जशपुर,08 दिसंबर 2024/ चौकी पण्डरापाठ क्षेत्र की 29 वर्षीय विवाहिता महिला ने दिनांक 03.12.2024 को चौकी पण्डरापाठ में परिजनों के साथ आकर रिपोर्ट दर्ज कराई कि इसके साथ दिनांक 02.12.2024 की रात्रि लगभग 11 बजे ईष्वर उर्फ पंडित घांसी ने दुष्कर्म किया है। प्रार्थिया की रिपोर्ट पर चौकी पण्डरापाठ द्वारा तत्काल सूचना दिनांक 03.12.2024 को ही भारतीय न्याय संहिता की धारा 64 के तहत् अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। पीड़िता की मुलाहिजा कराकर तत्परतापूर्वक आरोपी ईष्वर उर्फ पंडित घांसी उम्र 27 साल निवासी पण्डरापाठ को दिनांक 04.12.2024 को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में जेल भेजा गया है। वहीं आवेदक द्वारा जो शिकायत दिया गया है उस दिनांक को FIR करने के लिये पैसे की मांग की गई है, जो प्रथम दृष्टया सही प्रतीत नहीं होता है। चौकी प्रभारी द्वारा दिनांक 03.12.2024 को ही थाना प्रभारी बगीचा के सामंजस्य से FIR दर्ज कर, पीड़िता का मेडिकल उपरांत विवेचना में लिया गया है। अगर FIR और गिरफ्तारी में विलंब होती तो आवेदक के आरोप की सत्यता प्रथम दृष्टया सही प्रतीत होता।  किराये के वाहन से बगीचा से जशपुर आना:  सूचना दिनांक को ही चौकी पण्डरापाठ द्वारा ब्लैकमेल के एक आरोपी को चंडीगढ़ (पंजाब) से लाया गया था, उक्त आरोपी को शासकीय वाहन से न्यायालय पेश करने हेतु ले जाया गया। चौकी प्रभारी द्वारा प्रार्थिया एवं परिजनों को बस से आने-जाने हेतु व्यवस्था कर दिया गया था, पर वे चौकी प्रभारी की बात न मानकर स्वयं वाहन की व्यवस्था कर जशपुर गये। आवेदक के द्वारा धारा 376 की जगह धारा 64 बी.एन.एस. लगाने पर चौकी प्रभारी पण्डरापाठ से वाद-विवाद किया गया, और कहा गया कि आपने 376 की जगह 64 लगाकर धारा कम किया गया। चौकी प्रभारी द्वारा आवेदक को समझाया गया कि नये कानून में परिवर्तन हुआ है इसलिये बी.एन.एस. की धारा 64 लगाया गया है, फिर भी वह नहीं माना और बोला कि- *”मैं बड़े अधिकारियों से तुम्हारा शिकायत करूंगा।”* प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, फिर भी न्याय के सिद्धांत के तहत् आवेदक की शिकायत को सूक्ष्मता से जाॅंच करने हेतु एसडीओपी बगीचा को जाॅंच हेतु सौंपा गया है।  आवेदक की शिकायत मेरे समक्ष में प्राप्त हुई है। घटना दिनांक से ही उक्त संवेदनशील प्रकरण मेरे संज्ञान में थी। मेरे निर्देश पर ही चौकी प्रभारी पण्डरापाठ एवं थाना प्रभारी बगीचा द्वारा तत्काल अपराध दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। प्रथम दृष्टया आरोप बेबुनियाद पाया गया है। न्याय के सिद्धांत का पालन करते हुये आवेदक द्वारा प्रस्तुत शिकायत की जाॅंच एसडीओपी बगीचा से कराई जा रही है, अनियमितता पाई जाने पर सख्त कार्यवाही की जायेगी।आवेदक द्वारा किसी के बहकावे में आकर उक्त शिकायत वरिष्ठ कार्यालय में प्रस्तुत किया गया है। महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध घटित अपराधों पर जशपुर पुलिस सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर अत्यंत संवदेनशीलता के साथ कार्य कर रही है। – शशिमोहन सिंह,पुलिस अधीक्षक, जशपुर

धान खरीदी अब तक : 3776 किसानों को 41 करोड़ 66 लाख 65 हजार रूपए का भुगतान

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जिले में अब तक 22377.7 मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी जशपुर,7 दिसंबर 24/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देशन में जशपुर जिले में सुव्यवस्थित रूप से धान की खरीदी की सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। अब तक जिले के किसानों से 22377.7 मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। जशपुर के 3 हजार 776 किसानों ने अपना धान बेचा है। धान खरीदी के एवज में इन किसानों को भुगतान करने के लिए विपणन संघ मुख्यालय द्वारा अपैक्स बैंक को लिकिंग व्यवस्था के तहत 41,66,65,240 रूपए (इकतालीस करोड़ छयासठ लाख पैसठ हजार दो सौ चालीस) का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक जारी रहेगा। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 51180 किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 6301 नए किसान शामिल है। इस वर्ष 46 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 3,36,459.00 मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है। अधिकारियों ने बताया कि 06 दिसम्बर तक 3776 किसानों से 22377.7 मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। इसके लिए आज दिनांक तक कुल 24434 मीट्रिक टन टोकन जारी किए गए थे। आगामी सप्ताह तक की खरीदी के लिए कुल 3732 किसानो हेतु 25320.84 मीट्रिक टन का टोकन जारी किया गया हैं।