मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 25 सितंबर को ननिहाल जाएंगे, रोड शो कर भाजपा की डबल इंजन सरकार के गिनाएंगे फायदे,दो दिवसीय दौरा कार्यक्रम तय

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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बगिया गृहनिवास आगमन, भाजपा सदस्यता अभियान और झारखंड के कुरडेग में करेंगे चुनावी रोड शो जशपुर, 24 सितंबर 2024: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 24 सितंबर की शाम अपने गृहनिवास बगिया पहुंचेंगे, जहां वे रात्रि विश्राम करेंगे। मुख्यमंत्री के आगमन से गांव में उत्साह का माहौल है, और उनके स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं। सूत्रों के अनुसार, 25 सितंबर की सुबह मुख्यमंत्री अपने गांव में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यता अभियान में भाग लेंगे। इस अभियान के दौरान श्री साय नए सदस्यों को भाजपा से जोड़ने का कार्य करेंगे, जिससे संगठन को और मजबूती मिलेगी। इसके बाद वे निर्धारित समयानुसार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय झारखंड के सिमडेगा जिले के लिए हेलीकॉप्टर से रवाना होंगे, जहां वे एक विशाल चुनावी रोड शो करेंगे। झारखंड में होने वाले इस रोड शो को लेकर काफी उत्साह है और भाजपा कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उनकी अगवानी के लिए तैयार हैं।बड़ी बात यह भी कि कुरडेग सीएम साय का ननिहाल है।इस इलाके में श्री साय की अच्छी पकड़ है जिसका लाभ आनेवाले झारखण्ड चुनाव में भाजपा को मिलेगा। अपुष्ट जानकारी के अनुसार श्री साय रोड शो के बाद शाम को फिर से बगिया लौट आएंगे और 27 सितंबर को रायपुर के लिए रवाना होंगे। उनके इस दौरे से स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता में भारी उत्साह है, और उनके स्वागत के लिए व्यापक तैयारियां की जा रही हैं।

सभी ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित करने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर होने लगा अमल,जशपुर जिले की इन पंचायतों में एक्सपर्ट पहुंचे

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*जिले में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित करने के लिए चलाया जा रहा है अभियान* *एकलव्य विद्यालय घोलेंग, बटईकेला, सन्ना,सराईटोला में किया गया टीबी जागरूकता का कार्यक्रम* *टीबी रोग होने के कारण, लक्षण, जांच और उपचार के संबंध में दी गई जानकारी* जशपुर 23 सितम्बर 2024/ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिले के ग्राम पंचायतों में टीबी मुक्त ग्राम पंचायत घोषित करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत जिला को टीबी मुक्त करने पिरामल फाउन्डेशन द्वारा ट्राइबल टीबी इनिसिएटिव प्रोजक्ट के जिल के समस्त एकलव्य विद्यालयों में टीबी जागरूकता का कार्यक्रम किया गया। एकलव्य विद्यालय घोलेंग, बटईकेला, सन्ना, सराईटोला में आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों को टीबी रोग होने के कारण, लक्षण, जांच, उपचार, निक्ष्य मित्र, निक्षय पोषण योजना और प्रोत्साहन राशि पर विस्तारपूर्ण जानकारी प्रदान किया गया और कभी भी किसी व्यक्ति को एक भी लक्षण होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र मितानिन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पिरामल टीम से संपर्क कर सकते हैं। डॉ. उदय प्रकाश भगत जिला क्षय नियंत्रण अधिकारी एवं कुसुम बड़ा उप संचालक पंचायत नोडल अधिकारी टीबी मुक्त भारत अभियान जशपुर के कुशल मार्गदर्शन में पिरामल फाउन्डेशन द्वारा टीबी मुक्त पंचायत पर सक्रियता से कार्य किया जा रहा है। रूस्तम अंसारी जिला समन्वयक एनटीईपी द्वारा जानकारी दिया गया कि वर्ष 2024 में जिले के 220 पंचायतों को समस्त विभाग पंचायत प्रतिनिधि, पिरामल फाउन्डेशन के सहयोग से संयुक्त प्रयास किया जा रहा है। कार्यक्रम को पलक टांडिया, जितेन्द्र जीत, यश पाण्डे, गांधी फेलो एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक संतोष सोन द्वारा संपन्न किया गया।

विष्णु का सुशासन: की मझनी बाई के जीवन में बिहान ने उगाई खुशियों की फसल,लखपति दीदी बनकर कर रही सखियों को प्रेरित

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जशपुर, 23 सितंबर 2024 – ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) विशेष पिछड़ी जनजाति की महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव ला रहा है। इस योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक मदद और प्रशिक्षण मिल रहा है, जिससे वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में सफल हो रही हैं। मझनी बाई, जो कोरवा जनजाति से हैं, इसकी एक शानदार मिसाल हैं। उन्होंने कड़ी मेहनत और स्व-सहायता समूह से जुड़े रहकर “लखपति दीदी” बनने का सपना पूरा किया। मनोरा विकासखंड के ग्राम पंचायत गीधा की रहने वाली मझनी बाई पहले सिर्फ खेती से सालाना 35,000 से 40,000 रुपये ही कमा पाती थीं। लेकिन, अपनी आय बढ़ाने के लिए उन्होंने बिहान योजना के तहत “कृष्णा स्व-सहायता समूह” से जुड़ने का फैसला किया। इस योजना के तहत उन्हें 15,000 रुपये आर.एफ., 60,000 रुपये सी.आई.एफ., और बैंक से एक लाख रुपये का लोन मिला। मझनी बाई ने इस आर्थिक सहायता का सही इस्तेमाल करते हुए मिर्च की खेती और बकरी पालन का काम शुरू किया। उन्होंने 2 एकड़ जमीन पर मिर्च की खेती में 20,000 रुपये का निवेश किया, जिससे उन्हें सालाना 1.10 लाख रुपये की आमदनी होने लगी। इसके साथ ही, बकरी पालन से उन्हें 50,000 रुपये की अतिरिक्त आय हुई। आज, मझनी बाई की कुल वार्षिक आय 1.60 लाख रुपये तक पहुंच चुकी है। मझनी बाई की सफलता का श्रेय उनकी मेहनत और बिहान योजना से मिली सहायता को जाता है। अब वह अपने गांव में आत्मनिर्भरता की मिसाल बन चुकी हैं और अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गई हैं।  

PM आवास:विष्णु के सुशासन में जिले के 10 हजार से अधिक हितग्राहियों को मिला पक्का आवास

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जशपुर 23 सितम्बर 2024/मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय के सुशासन में दूरस्थ अंचल के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल रहा है। हर एक व्यक्ति का सपना होता है कि उनका अपना एक पक्का मकान हो, जिसे पूरा करने के लिए वह आजीवन परिश्रम करता है लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए स्वयं का पक्का मकान बना पाना एक सपने ही रह जाता है । ऐसे में उनके सपने साकार प्रधानमंत्री आवास योजना कर रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत् जिले के हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है। इनमें दिसम्बर 2023 से 22 सितम्बर 2024 तक कुल 10 हजार 706 हितग्राहियों का आवास निर्माण कराया जा चुका है। ऐसी ही एक कहानी जशपुर जिले के जनपद पंचायत मनोरा के ग्राम पंचायत करदना (छतौरी) के हितग्राही श्रीमती करमी बाई का है, जो राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा से हैं। ये जनजाति ज्यादातर घने जंगलो में पेड़, पत्ते एवं छाल से झोपड़ी बनाकर निवास करते थे जिन्हें बरसात के मौसम में प्रतिवर्ष टपकते छत एवं सांप-बिच्छू की समस्या रहती थी। जिसके कारण उन्हें जीवन-यापन करना एक चुनौती थी। इनके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना एक वरदान साबित हुई है। मुख्यमंत्री के सार्थक प्रयास से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा के सपने भी पूरे हो रहे हैं। हितग्राही ने पक्का मकान मिलने से मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है।

स्कूली बच्चों के लिए साइबर क्राइम और ट्रैफिक नियमों पर जागरूकता शिविर का आयोजन,पुलिस अधीक्षक की पहल का शिक्षक-विद्यार्थियों ने किया स्वागत

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जशपुर, 23 सितंबर: पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह के निर्देशानुसार कुनकुरी पुलिस द्वारा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय में स्कूली बच्चों के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य छात्रों को साइबर क्राइम, ट्रैफिक नियमों, सोशल मीडिया के दुरुपयोग और अन्य सामाजिक एवं आर्थिक अपराधों के प्रति जागरूक करना था। इस अवसर पर एएसआई मनोज कुमार साहू ने बच्चों को संबोधित करते हुए बताया कि कैसे साइबर अपराध और सोशल मीडिया के गलत उपयोग से बचा जा सकता है। उन्होंने छात्रों को कानून का पालन करने और अच्छे नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया। साथ ही, ट्रैफिक नियमों के पालन का महत्व बताते हुए सड़क सुरक्षा पर भी विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। शिविर के दौरान बच्चों ने सक्रिय रूप से सवाल पूछे और एएसआई साहू ने उनके सवालों के जवाब देकर उनकी शंकाओं का समाधान किया। इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों में अपराधों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वे भविष्य में सतर्क नागरिक बन सकेंगे। शिविर को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में प्रिंसिपल अनिल कुमार सिंह,वाइस प्रिंसिपल श्री चौहान,व्याख्याता अरविंद मिश्रा,विनायक मिश्रा समेत शाला के समस्त शिक्षकों का सहयोग रहा।

बड़ी खबर:आकाशीय बिजली गिरने से पेड़ के नीचे 22 लोगों में 1 की मौत,कई घायल,घायलों का नजदीकी अस्पताल में ईलाज जारी

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तालाब के किनारे पिकनिक मना रहे लोगों ने बारिश से बचने के लिए बड़े पेड़ के नीचे जमा हुए और बड़े हादसे का शिकार हो गए,पढ़िए खबर जांजगीर-चांपा,22 सितंबर 2024 – जिले के सुकली गांव में पिकनिक मना रहे युवकों पर कुदरत का कहर टूट पड़ा। आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 11 साल के चंद्रहास दर्वेश की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 9 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा उस वक्त हुआ जब अचानक मौसम बिगड़ा और बारिश के साथ तेज बिजली चमकने लगी। घटना का विवरण जानकारी के मुताबिक, सुकली गांव के तालाब किनारे लगभग 20 से 22 लोग पिकनिक मना रहे थे। मौसम खराब होने पर वे सभी एक पेड़ के नीचे इकट्ठा हो गए। इसी दौरान अचानक आकाशीय बिजली गिरी और चंद्रहास दर्वेश की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 9 अन्य लोग घायल हो गए। घायलों को तुरंत जिला अस्पताल जांजगीर ले जाया गया, जहां उनका इलाज जारी है। यह हादसा दामिनी एप के प्रति जागरूकता की कमी को भी उजागर करता है, जो लोगों को आकाशीय बिजली के बारे में सचेत करता है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह की तकनीक और सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके। बारिश के दौरान पेड़ों के नीचे इकट्ठा होना जानलेवा साबित हो सकता है, जैसा कि इस घटना में देखने को मिला। जिला प्रशासन ने घटना पर दुख जताते हुए लोगों से अपील की है कि बारिश और आकाशीय बिजली के दौरान सुरक्षा नियमों का पालन करें। पेड़ों के नीचे इकट्ठा होने से बचें और दामिनी एप का इस्तेमाल करें, जो आकाशीय बिजली के बारे में समय रहते चेतावनी देता है। घायलों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी जरूरी मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई है। वहीं, मृतक चंद्रहास दर्वेश के परिवार को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया गया है।  

*बड़ी खबर: 20 लाख के चार इनामी माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया, लोन वर्राटू अभियान के तहत हुई बड़ी सफलता**मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पुनर्वास नीति का बड़ा असर*

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 रायपुर/दन्तेवाड़ा,22 सितंबर2024 – लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान के तहत दंतेवाड़ा जिले में माओवादी गतिविधियों पर एक और बड़ी सफलता प्राप्त हुई है। विष्णु सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर, माओवादी दंपति सहित 20 लाख रुपये के चार इनामी माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पित माओवादियों में रीजनल कंपनी नंबर 02 के दो सदस्य, एक उत्तर सब जोनल ब्यूरो में सक्रिय राजनीतिक टीम की सदस्य और एक केएएमएस (क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन) की पूर्व अध्यक्ष शामिल हैं। शासन ने इन पर क्रमशः 8-8 लाख, 3 लाख और 1 लाख रुपये के इनाम घोषित किए थे। माओवादियों की पृष्ठभूमि रीजनल कंपनी नंबर 02 के सदस्य हुंगा तामो और उनकी पत्नी आयती ताती, दोनों पर 8 लाख रुपये का इनाम था। हुंगा तामो 2018 में छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर पुलिस पार्टी पर हमले में शामिल था। वहीं, राजनीतिक टीम सदस्य देवे वंजाम नए कैडर को नक्सली विचारधारा सिखाने का कार्य करती थी, जिस पर 3 लाख रुपये का इनाम था। इनके अलावा, केएएमएस की पूर्व अध्यक्ष माड़वी आयते, जिन पर 1 लाख रुपये का इनाम था, भी आत्मसमर्पण करने वालों में शामिल थी। माओवादियों ने लोन वर्राटू अभियान और छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर यह निर्णय लिया। नक्सल संगठनों में बढ़ते मतभेद, अमानवीय जीवनशैली, और जंगलों में कठिन जीवन ने इन माओवादियों को समाज की मुख्यधारा में वापस लौटने पर मजबूर किया। आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों ने अपने भविष्य को समाज में सकारात्मक योगदान देने का संकल्प लिया है। अभियान की अब तक की उपलब्धियां लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान और पुनर्वास नीति के तहत अब तक 872 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जिसमें 197 इनामी माओवादी शामिल हैं। जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ की मदद से चलाए जा रहे इस अभियान में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई है। पुनर्वास और पुनर्स्थापन आत्मसमर्पित माओवादियों को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 25-25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही, उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण और आवास की सुविधा भी प्रदान की जाएगी ताकि वे समाज में पुनर्वासित होकर एक नई शुरुआत कर सकें। इस सफलता के पीछे जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और बस्तर फाइटर्स का विशेष योगदान रहा है।  

*’मोदी है तो सम्भव है’ पुस्तक का मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया विमोचन* *रामेश्वर वैष्णव द्वारा रचित है पुस्तक

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रायपुर, 22 सितंबर 2024/छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शनिवार रात रायपुर स्थित निवास कार्यालय में सुप्रसिद्ध साहित्यकार, गीतकार रामेश्वर दास वैष्णव द्वारा रचित पुस्तक ’मोदी है तो सम्भव है’ का विमोचन किया। विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुस्तक के लेखक रामेश्वर दास वैष्णव को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में प्रत्येक क्षेत्र में ऐतिहासिक काम हुए हैं। साथ ही देश के प्रत्येक वर्ग का सर्वांगीण विकास हुआ है। ऐसे में उन्होंने साहित्यिक रचना हेतु पुस्तक के लेखक को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इस किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों को अलग अंदाज में मुक्तकों के द्वारा प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री के प्रेस ऑफिसर आलोक सिंह, सुप्रसिद्ध रंगकर्मी अनिल शर्मा, लेखक विजय मिश्रा ’अमित’, सतीश शर्मा, पत्रकार योगेश मिश्रा, प्रमोद मिश्रा, हेमंत शर्मा उपस्थित रहे।

ब्रेकिंग – सन्ना-जशपुर रोड जाम,किसानों ने किया जाम,छुट्टेवेशियों से परेशान किसान कर रहे नारेबाजी

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जशपुर,22 सितंबर 2024/ आवारा पशुओं से परेशान किसानों ने सन्ना – जशपुर सड़क जाम कर दी है।किसानों का कहना है कि आवारा मवेशियों को खुला छोड़े जाने पर महीने भर पहले से ही मवेशी मालिकों और प्रशासन को कंट्रोल करने कहा गया था।कोई सुनवाई नहीं होने और सुबह 8 बजे से ही सड़क पर चक्का जाम कर दिए हैं।स्थानीय पुलिस व तहसीलदार मौके पर जाम खुलवाने के लिए प्रदर्शनकारियों से बात कर रहे हैं लेकिन पर्दशनकारी मानने को फिलहाल तैयार नहीं हैं।

महामहिम द्रौपदी मुर्मू ने नक्सल पीड़ितों की कहानी उनकी जुबानी सुनी,पीड़ितों ने मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का जताया आभार

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  नई दिल्ली, 22 सितंबर 2024 – छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र से 70 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल आज राष्ट्रपति भवन पहुंचा, जहां उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर अपनी पीड़ा साझा की। बस्तर में दशकों से माओवाद के आतंक का सामना कर रहे ये लोग, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल के तहत अपनी आवाज देश की सर्वोच्च सत्ता तक पहुंचाने में सक्षम हुए। राष्ट्रपति ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना और नक्सली हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को अवगत कराया कि बस्तर के लोग पिछले 40 वर्षों से माओवादी आतंक का शिकार हो रहे हैं।जिनमें से कुछ लोग आपके सामने जीवित बचकर आये हैं।उन्होंने बताया कि माओवादियों के हमलों में हजारों लोग मारे गए हैं और सैकड़ों स्थायी रूप से अपंग हो चुके हैं। बारूदी सुरंगों और बम विस्फोटों ने न केवल उनके शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि मानसिक रूप से भी उन्हें गहरा आघात दिया है। उन्होंने बताया कि माओवादी आतंक ने उनके घरों, जमीन और सांस्कृतिक धरोहर को बर्बाद कर दिया है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले ढाई दशकों में 8,000 से अधिक लोग इस हिंसा के शिकार हुए हैं, और आज भी कई लोग नक्सलियों के डर में जी रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति के सामने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सराहना करते हुए बताया कि  बस्तर में शांति बहाली और विकास के कई महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री साय की संवेदनशील पहल के तहत बस्तर के लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। उनकी योजनाओं ने बस्तरवासियों में एक नई उम्मीद का संचार किया है। प्रतिनिधियों ने बताया कि मुख्यमंत्री साय ने न केवल नक्सल उन्मूलन के लिए ठोस कदम उठाए हैं, बल्कि वहां के लोगों को एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर करने के लिए भी काम किया है। उनके नेतृत्व में बस्तर में शांति बहाली और पुनर्निर्माण के लिए गम्भीर प्रयास किए जा रहे हैं। बस्तर शांति समिति के प्रतिनिधियों मंगऊ राम कावड़े और जयराम दास ने राष्ट्रपति से अपील की कि बस्तर को माओवादी आतंक से मुक्त कराने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। उन्होंने बस्तर को फिर से उसकी प्राकृतिक सुंदरता और शांति लौटाने की मांग की। महामहिम द्रौपदी मुर्मू ने प्रतिनिधियों की पीड़ा को गंभीरता से सुना और आश्वासन दिया कि सरकार बस्तर में शांति और विकास के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि बस्तरवासियों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। नक्सलवाद से मुक्ति पाने के लिए  छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री की नई पहल की राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हो रही है।यह मुलाकात नक्सल पीड़ितों की समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास मानी जा रही है। वहीं,राष्ट्रपति से मिलने का यह अवसर बस्तरवासियों के लिए एक आशा की किरण साबित हो सकता है, जो वर्षों से नक्सली हिंसा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं।नक्सल प्रभावित लोगों में उम्मीद जागी है,जो आने वाले समय में बस्तर के भविष्य को एक नई दिशा दे सकता है।