ताजा खबर:विष्णु सरकार की मंत्रिपरिषद की बैठक खत्म,लिए महत्त्वपूर्ण निर्णय,विस्तार से पढ़ें,,,

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*रायपुर,20 सितम्बर 2024* मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए –  मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। राज्य मंत्रिमण्डल ने राज्य में गठित पांचों विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन आदेश में आंशिक रूप से संशोधन की मंजूरी दी है। इस संशोधन से पांचों प्राधिकरणों में जनप्रतिनिधित्व का दायरा काफी विस्तृत किया गया है। पांचों प्राधिकरणों में अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल करने के साथ ही संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं प्राधिकरण क्षेत्रों के जिला पंचायत अध्यक्षों को अब इसका सदस्य बनाया गया है। पांचों प्राधिकरणों में प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। शेष सभी सदस्य यथावत रहेंगे। *छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण* छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में प्रस्तावित संशोधन को मंत्रिमण्डल ने मंजूरी दी, जिसके तहत मुख्यमंत्री प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक उपाध्यक्ष होंगे। इस प्राधिकरण में सदस्य के रूप में शामिल पूर्व में मात्र तीन विभागों के मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त माननीय मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जिला पंचायत अध्यक्ष प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को प्राधिकरण के सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 35 विधायकगणों को और अन्य सदस्यों को यथावत रखा गया है। *सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण* सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्री एवं वित्त मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगण प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जनजाति बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष भी अब प्राधिकरण के सदस्य होंगे। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार इसमें सदस्य के रूप में शामिल 14 विधायकगणों को यथावत शामिल किया गया है। *अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण* माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा विधायक (अ.जा. आरक्षित) प्राधिकरण के उपाध्यक्ष होंगे। राज्य मंत्रिमण्डल के दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों, संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण के जिला पंचायत अध्यक्ष (अ.जा.), अनुसूचित जाति विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इस प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुरूप सदस्य के रूप में शामिल किए गए 10 विधायकों को यथावत रखा गया है। *मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण* मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में किए गए संशोधन के अनुसार अब दो मंत्रीगणों के स्थान पर राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों तथा प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इस प्राधिकरण में आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप मंे तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। इस प्राधिकरण में पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 12 विधायकों को यथावत रखा गया है। *बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण* माननीय मुख्यमंत्री जी इस प्राधिकरण के अध्यक्ष और प्राधिकरण क्षेत्र के निर्वाचित विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) इसके उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल मात्र दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों, प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद तथा प्राधिकरण क्षेत्र के जनजातीय बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग इस प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण में सदस्य के रूप में पूर्व में शामिल 12 विधायकगणों को यथावत सदस्य रखा गया है।  मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद से 262 व्यक्ति एवं संस्थाओं को 4 करोड़ 56 लाख 72 हजार रूपये स्वीकृत राशि का अनुमोदन किया गया।  राज्य के शहरों के सुव्यवस्थित विकास और राज्य की विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया गया। जिसके तहत भूखण्डों का पुनर्गठन और प्रदेश में स्वीकृत विकास योजना के क्रियान्वयन हेतु शहरी विकास नीति (टी.डी.एस.) का अनुमोदन किया गया। इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने हेतु आवास एवं पर्यावरण विभाग को अधिकृत किया गया है। प्रदेश में विकास योजनाओं में प्रस्तावित जनोपयोगी भूमि के समुचित रूप से विकास करने, अतिक्रमण तथा अवैध निर्माणों को हतोत्साहित करने एवं शहरी आबादी को आधुनिक नागरिक सुविधाओं के अभाव और असुविधाओं के निराकरण के लिए इस शहरी विकास नीति का निर्धारण किया गया है। नगर विकास योजना आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक अथवा अन्य प्रयोजन हेतु क्रियान्वित की जा सकेगी।

‘विष्णु सरकार’ का जश प्योर: वर्ल्ड फ़ूड इंडिया में जशपुर का महुआ प्रोडक्ट को ग्राहकों ने हाथों-हाथ लिया,कलेक्टर रवि मित्तल की मेहनत रंग लाई

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*वर्ल्ड फूड इंडिया में जशप्योर स्टॉल को लोगों की मिली शानदार प्रतिक्रिया* *जशपुर 20 सितम्बर 2024/* वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में जशप्योर स्टॉल को आगंतुकों, विशेष रूप से पोषण के प्रति जागरूक और स्वस्थ जीवन शैली जीने वालों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। भारत मंडपम दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में महुआ उत्पादों की धारणा में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा गया है, जिसका श्रेय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन सहित टीम जशप्योर के समर्पित प्रयासों को जाता है। कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के मार्गदर्शन में महुआ से विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाया जा रहा है। महुआ के बारे में बदल रही हैं धारणाएं खाद्य प्रसंस्करण सलाहकार और वैज्ञानिक समर्थ जैन ने आयोजन के दूसरे दिन अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने महुआ के लाभों और आयुर्वेदिक महत्व के बारे में लोगों को बताया, एक जो धारणा थी सिर्फ शराब बनाने के काम आता है इस धारणा को जशपुर ने बदल दिया है, महुआ आधारित उत्पाद स्वादिष्ट और अत्यधिक पौष्टिक दोनों हो सकते हैं। पोषण संबंधी नवाचारों पर प्रकाश डाला गया जशप्योर स्टॉल में विभिन्न प्रकार के नवीन उत्पाद हैं, जिनमें महुआ वन्यप्राश, कुट्टू महुआ कुकीज़, रागी महुआ लड्डू और महुआ कैंडी शामिल हैं। प्रदर्शन देखने वाले आम लोगों ने बेहद पंसद किया। ग्राहकों की प्रतिक्रिया और अनुभव जशप्योर स्टॉल देखने आए लोगों ने अपने प्रतिक्रिया देते हुए बताया महुआ फूल से इतने सारे स्वाद उत्पाद बना सकते हैं। इसकी जानकरी मिली। महुआ स्वादिष्ट हैं और पोषक तत्वों से भरपूर हैं। एक युवा मां ने कहा-महुआ कैंडी को मेरे बच्चे बहुत पसंद कर रहे हैं। मास्टर ट्रेनर अणेश्वरी भगत ने बताया कि मिलेट पर केंद्रित दो संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं पर वर्तमान में चर्चा की जा रही है। इसका उददेश्य इन पारंपरिक सामग्रियों के पोषण संबंधी लाभों का पता लगाना है। वर्ल्ड फूड इंडिया 2024 में जशप्योर स्टॉल की सफलता प्राकृतिक और पौष्टिक खाद्य उत्पादों में बढ़ती रुचि को रेखांकित करती है। टीम के प्रयासों ने न केवल महुआ और मिलेट की बहुमुखी प्रतिभा को निखारा है बल्कि भविष्य के नवाचारों और सहयोग का मार्ग भी प्रशस्त किया है। जैसे-जैसे आयोजन आगे बढ़ता है, टीम जशप्योर संभावित ग्राहकों और अनुसंधान भागीदारों के साथ अपनी साझेदारी जारी रखने के लिए तत्पर है।

जशपुर पुलिस का “ऑपरेशन शंखनाद” जारी: 13 मवेशियों को तस्करी से बचाया, 2 आरोपी गिरफ्तार,मुख्य तस्कर पर भी कसेगा शिकंजा

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जशपुर, 20 सितंबर 2024: जशपुर पुलिस के “ऑपरेशन शंखनाद” के तहत आज सुबह एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई जब 13 मवेशियों को तस्करी से बचाया गया और 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। मवेशियों का मालिक और मुख्य तस्कर फिलहाल फरार है, जिसकी पुलिस द्वारा तलाश जारी है। यह कार्रवाई थाना आस्ता क्षेत्र के नडार जंगल में की गई। पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह को आज सुबह सूचना मिली कि कुछ मवेशी तस्कर सन्ना क्षेत्र से गौ-वंश की तस्करी करते हुए आस्ता के जंगली रास्ते से झारखंड ले जा रहे हैं। इस सूचना के आधार पर, थाना प्रभारी आस्ता उप निरीक्षक संतोष सिंह के नेतृत्व में एक पुलिस टीम का गठन किया गया। टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नडार के जंगल में चारों ओर से घेराबंदी कर 2 आरोपियों—गुलाब राम (28 वर्ष) और दिनेश तिग्गा (25 वर्ष)—को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से तस्करी की जा रही 13 मवेशियों को बरामद किया। पूछताछ में हुआ बड़ा खुलासा पूछताछ के दौरान, आरोपी गुलाब राम ने खुलासा किया कि आस्ता थाना क्षेत्र का एक गौ-तस्कर उससे 8,000 रुपये में 2 मवेशी खरीद चुका था। उसी तस्कर ने गुलाब राम और दिनेश तिग्गा से कहा कि वे 500-500 रुपये लेकर मवेशियों को खड़कोना गांव तक पहुंचाएं, जहां से वह उन्हें झारखंड के बिर्री गांव ले जाएगा। इसी योजना के तहत आरोपी क्रूरतापूर्वक मवेशियों को सन्ना क्षेत्र से नडार जंगल के पास ले आए थे। आरोपियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ कृषि पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 4, 6, 10 एवं पशु क्रूरता अधिनियम की धारा 11 के तहत मामला पंजीकृत किया गया है। दोनों आरोपियों को आज न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। इस महत्वपूर्ण कार्रवाई में थाना प्रभारी आस्ता उप निरीक्षक संतोष सिंह, सहायक उप निरीक्षक अमरबेल मिंज, प्रधान आरक्षक सुरेश गौर, प्रधान आरक्षक संदीप तिग्गा, प्रधान आरक्षक कोसमोस बड़ा, आरक्षक जगनारायण राम, आरक्षक अबिज मिंज और अन्य स्टाफ का विशेष योगदान रहा। पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह ने कहा, “थाना आस्ता की पुलिस टीम ने आज तस्करी की जा रही 13 मवेशियों को जप्त कर 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुख्य आरोपी फरार है, जिसे जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।”  

ताजा खबर : अवैध रेत उत्खनन और भंडारण पर बड़ी कार्रवाई, 140 ट्रिप रेत जप्त कर तहसीलदार ने माफियाराज को दिया बड़ा झटका

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नदी का जलस्तर घटते ही रेत माफिया अपने कारोबार का मकड़जाल फैलाने लगे हैं,जिसे हटाने के लिए जिला कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार ने बड़ी कार्रवाई करके सरकार की मंशा स्पष्ट कर दी है। जांजगीर-चांपा,20 सितंबर 2024/ जिले के शिवरीनारायण में अवैध रेत उत्खनन और भंडारण के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। तहसीलदार अविनाश चौहान के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई में अलग-अलग जगहों पर अवैध रूप से भंडारित 140 ट्रिप रेत को जप्त किया गया है। महानदी का जल स्तर घटते ही रेत माफियाओं ने अपनी गतिविधियों को फिर से तेज कर दिया था। ये माफिया लंबे समय से अवैध रेत उत्खनन और भंडारण के जरिए काली कमाई कर रहे थे। लेकिन प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है। शिवरीनारायण क्षेत्र में रेत माफियाओं का अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा था। प्रशासन द्वारा पहले भी कई बार कार्रवाई की जा चुकी है, लेकिन रेत माफिया लगातार सक्रिय बने हुए थे। अवैध कारोबारियों पर नकेल कसने के लिए तहसीलदार अविनाश चौहान और उनकी टीम ने मिलकर यह कार्रवाई अंजाम दी। प्रशासन की इस कार्रवाई से अवैध रेत उत्खनन में संलिप्त माफियाओं में हड़कंप मच गया है। उम्मीद है कि इस सख्ती से क्षेत्र में अवैध रेत कारोबार पर कुछ हद तक लगाम लगाई जा सकेगी। जांजगीर-चांपा प्रशासन अवैध रेत उत्खनन और भंडारण के खिलाफ कड़ा रुख अपना रहा है। तहसीलदार अविनाश चौहान और उनकी टीम की इस कार्रवाई को स्थानीय लोगों ने भी सराहा है। प्रशासन का कहना है कि अवैध रेत कारोबार को खत्म करने के लिए आगे भी ऐसी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।  

*पीएम विश्वकर्मा योजना भारत के हजारों वर्ष पुराने कौशल को विकसित भारत के लिए इस्तेमाल करने का एक रोड मैप हैः प्रधानमंत्री  मोदी*

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*प्रधानमंत्री श्री मोदी ने विडियो क्रांफेसिंग से वर्धा में आयोजित पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत एक लाख लाभार्थियों को वितरण किया ई-स्किल प्रमाण पत्र* *जिला परियोजना लाईवलीवुड कॉलेज के प्रशिक्षित 400 शिल्पकारों को भी पीएम विश्वकर्मा योजनांतर्गत मिला प्रमाण-पत्र* जशपुरनगर 20 सितम्बर 2024/ प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने आज वर्धा में आयोजित प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत विडियो क्रांफेसिंग के माध्यम से एक लाख लाभार्थियों को डिजिटल आईडी कार्ड एवं सर्टिफिकेट का वितरण किया। इसके साथ ही उन्होंने एक लाख लाभार्थियों को ई-स्किल प्रमाण पत्र का वितरण और 75 हजार लाभार्थियों को ऋण का भी वितरण किया। जिला परियोजना लाईवलीवुड कॉलेज परिसर जशपुर में आयोजित पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत यहां प्रशिक्षण प्राप्त 400 लाभार्थियों को भी ई-स्किल प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ। आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शांति भगत ने लाभार्थियों को प्रभाण पत्र का वितरण किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोंधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना केवल सरकारी प्रोग्राम भर नहीं है। ये योजना भारत के हजारों वर्ष पुराने कौशल को विकसित भारत के लिए इस्तेमाल करने का एक रोड मैप है। इतिहास में भारत की समृद्धि के कितने ही गौरवशाली अध्याय देखने को मिलते हैं। इस समृद्धि का बड़ा आधार हमारा पारंपरिक कौशल, उस समय का हमारा शिल्प, हमारी इंजीनियरिंग, हमारा विज्ञान था। हम दुनिया के सबसे बड़े वस्त्र निर्माता थे। हमारा धातु-विज्ञान, हमारी मेटलर्जी भी विश्व में बेजोड़ थी। उस समय के बने मिट्टी के बर्तनों से लेकर भवनों की डिजाइन का कोई मुकाबला नहीं था। इस ज्ञान-विज्ञान को कौन घर-घर पहुंचाता था? सुतार, लोहार, सोनार, कुम्हार, मूर्तिकार, चर्मकार, बढ़ई-मिस्त्री ऐसे अनेक पेशे, ये भारत की समृद्धि की बुनियाद हुआ करते थे। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि विश्वकर्मा योजना की एक और विशेषता है। जिस स्केल पर, जिस बड़े पैमाने पर इस योजना के लिए अलग-अलग विभाग एकजुट हुए हैं, ये भी अभूतपूर्व है। देश के 700 से ज्यादा जिले, देश की ढाई लाख से ज्यादा ग्राम पंचायतें, देश के 5 हजार शहरी स्थानीय निकाय, ये सब मिलकर इस अभियान को गति दे रहे हैं। इस एक वर्ष में ही 18 अलग-अलग पेशों के 20 लाख से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ा गया। सिर्फ साल भर में ही 8 लाख से ज्यादा शिल्पकारों और कारीगरों को स्किल ट्रेनिंग मिल चुकी है। अब तक साढ़े 6 लाख से ज्यादा विश्वकर्मा बंधुओं को आधुनिक उपकरण भी उपलब्ध कराए गए हैं। इससे उनके उत्पादों की क्वालिटी बेहतर हुई है, उनकी उत्पादकता बढ़ी है। इतना ही नहीं, हर लाभार्थी को 15 हजार रुपए का ई-वाउचर दिया जा रहा है। अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए बिना गारंटी के 3 लाख रुपए तक लोन भी मिल रहा है। मुझे खुशी है कि एक साल के भीतर-भीतर विश्वकर्मा भाइयों-बहनों को 1400 करोड़ रुपए का लोन दिया गया है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि विश्वकर्मा समाज, इन पारंपरिक कार्यों में लगे लोग केवल कारीगर बनकर न रह जाएँ! बल्कि मैं चाहता हूं, वे कारीगर से ज्यादा वो उद्यमी बनें, व्यवसायी बनें, इसके लिए हमने विश्वकर्मा भाई-बहनों के काम को एमएसएमई का दर्जा दिया है। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और एकता मॉल जैसे प्रयासों के जरिए पारंपरिक उत्पादों की मार्केटिंग की जा रही है। हमारा लक्ष्य है कि ये लोग अपने बिज़नस को आगे बढ़ाएँ, ये लोग बड़ी-बड़ी कंपनियों की सप्लाई चेन का हिस्सा बनें। उल्लेखनीय है कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत जिला में अब तक 22 हज़ार से अधिक लोगों का पंजीकरण किया गया है। जिसमें से 6 हज़ार लोगों की तृतीय स्तर की स्क्रीनिंग की जा चुकी है एवं परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज जशपुर के द्वारा 530 शिल्पकारों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जिला परियोजना लाइवलीहुड कॉलेज जशपुर के द्वारा 5 ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें दर्जी, लोहार, बढ़ई, राजमिस्त्री, टोकरी, चटाई एवं झाड़ू निर्माण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसके अंतर्गत 40 घंटे का प्रशिक्षण एवं आधुनिक मशीनों से परिचित कराया जाता है। प्रशिक्षुकों को रहने एवं खाने के भत्ते के रूप में 4 हज़ार रुपयों के साथ 15 हज़ार रुपयों का टूलकीट एवं प्रशिक्षण पूर्ण करने का प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त प्रशिक्षण उपरांत 3 लाख रुपये तक का कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराया जाता है जिसपर किसी प्रकार की बैंक गारंटी की आवश्यकता नहीं होती है। इस अवसर पर नगरपालिका उपाध्यक्ष श्री राजेश गुप्ता, लाईवलीवुड कॉलेज के प्राचार्य श्री अमरनाथ धमगया, जिला व्यापार एवं उद्योग के महाप्रबंधक  एम.एस. पैकरा, पीमएम योजना के लाभार्थी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं अन्य लोग मौजूद थे।

जरूरी खबर: दशहरा से लेकर गर्मी छुट्टी में 64 दिन स्कूल रहेंगे बंद,शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश,आदेश आज से प्रभावी

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 रायपुर,20 सितंबर 2024/ यह खबर छत्तीसगढ़ के शैक्षणिक संस्थानों और उनमें पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए महत्त्वपूर्ण है। आज एक आदेश छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी किया गया है, जिसमें शैक्षणिक सत्र 2024-25 के दौरान शासकीय, अनुदान प्राप्त, गैर-अनुदान प्राप्त शालाओं और महाविद्यालयों में अवकाश की तारीखों की घोषणा की गई है। आदेश के अनुसार निम्नलिखित अवकाश घोषित किए गए हैं: 1. दशहरा अवकाश: 7 अक्टूबर 2024 से 12 अक्टूबर 2024 तक, कुल 6 दिन। 2. दीपावली अवकाश: 28 अक्टूबर 2024 से 2 नवंबर 2024 तक, कुल 6 दिन। 3. शीतकालीन अवकाश: 23 दिसंबर 2024 से 28 दिसंबर 2024 तक, कुल 6 दिन। 4. ग्रीष्मकालीन अवकाश: 1 मई 2025 से 15 जून 2025 तक, कुल 46 दिन।   कुल मिलाकर, इन अवकाशों की अवधि 64 दिन की रहेगी। यह आदेश सभी संबंधित अधिकारियों, बोर्डों, और स्कूलों को सूचित कर दिया गया है ताकि वे इसके अनुसार आवश्यक कार्यवाही कर सकें। अवकाश की घोषणा शासकीय, अनुदान प्राप्त और गैर-अनुदान प्राप्त शालाओं/महाविद्यालयों के लिए समान रूप से लागू।यह आदेश राज्य के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों को अवकाश की स्पष्ट योजना बनाने और छात्रों एवं शिक्षकों को इसके अनुसार तैयार होने में मदद करेगा।  

*युवाओं के कौशल विकास और सशक्तिकरण के लिए प्रदेश में तेजी से हो रहा है कार्य : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय*

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*मुख्यमंत्री भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित युवा उत्सव 3.0 में हुए शामिल* रायपुर 20 सितंबर 2024// मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा राजधानी रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित युवा उत्सव 3.0 में शामिल हुए।मुख्य अतिथि के रूप में संघ ने उनका स्वागत किया। सीएम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया है और वे हमेशा कहते हैं कि युवाओं को जॉब गिवर बनना चाहिए ना की जॉब सीकर। निश्चित रूप से विकसित भारत बनाने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी युवाओं पर है और इस लक्ष्य को पाने में छत्तीसगढ़ की युवाशक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण है । मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह खुशी की बात है कि आपने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत की संकल्पना को अपने आयोजन की थीम बनाया है। युवा उत्सव के दौरान अलग-अलग विषयों को लेकर पैनल डिस्कशन होंगे, जिसमें युवाओं के लिए उद्यम में अवसर पर बात होगी। सीआईआई और यंग इंडियन्स की इस पहल से वर्तमान और भावी पीढ़ी को सफल उद्यमी बनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत नए जमाने की प्रौद्योगिकी और रोजगार जरूरतों के मुताबिक स्किल डेवलपमेंट करने और शिक्षा देने की बात पर जोर दे रहा है। इसी कड़ी में हम प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्र के युवाओं को अब रोबोटिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे तकनीकी विषय पढ़ा रहे हैं। प्रदेश के स्कूलों में स्किल डेवलपमेंट का कोर्स शामिल करने से पढ़ाई के साथ ही बच्चे हुनरमंद भी हो रहे हैं। श्री साय ने कहा कि हमारे साथ उद्योग जगत के लोग बैठे हैं। आप सभी जानते है कि प्रदेश में प्रशिक्षित कुशल इंजीनियरों की बहुत अधिक मांग है। इस मांग को पूरी करने हम छत्तीसगढ़ में नए प्रौद्योगिकी संस्थान आरंभ करने जा रहे हैं। इस बजट में हमने आईआईटी की तर्ज पर पांच सीआईटी आरंभ करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के मौके पैदा कर रही है। जल्द ही स्वास्थ्य विभाग में 650 पदों पर मेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। एक हफ्ते पहले हमने पुलिस में विभिन्न पदों में भर्तियों के लिए स्वीकृति दी है। नालंदा की तर्ज पर हम सभी नगरीय निकायों में हाईटेक लाइब्रेरी बनवा रहे हैं। नवा रायपुर को हम आईटी हब के रूप में विकसित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने सिंगल विण्डो सिस्टम 2.0 लागू किया है और नई उद्योग नीति भी ला रहे है। छत्तीसगढ़ उद्यम क्रांति योजना के माध्यम से हम युवा उद्यमियों को बढ़ावा देंगे। इसके लिए प्रदेश के युवाओं को 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ ब्याजमुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश मूलतः कृषि आधारित होने से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र में विकास की बड़ी संभावनाएं है। छत्तीसगढ़ फूड प्रोसेसिंग का वैश्विक केंद्र बनेगा। हवाई कार्गाे सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी ताकि इन उत्पादों को वैश्विक बाजार से जोड़ा जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सरगुजा और बस्तर को विकास की मुख्यधारा में शामिल कर अर्थव्यवस्था को विस्तार दे रहे हैं। इन दोनों ही संभागों में आप लोगों के लिए बड़ी संभावनाएं हैं। दोनों ही जगहों में जैविक उत्पाद और लघु वनोपज को लेकर भी बड़ा काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत की संकल्पना के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए हम प्रदेश में कार्य कर रहे हैं। हमने अपना बजट वर्ष 2047 के विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्यों को देखते हुए तैयार किया है। श्री साय ने कहा कि मुझे उम्मीद है हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश सहित देशभर का युवा राष्ट्र की मज़बूती में अपना योगदान देने में पीछे नहीं रहेगा। इस अवसर पर  संजय जैन, श्रीमती अनुजा भंडारी, गौरव अग्रवाल, श्रीमती श्वेता सहित सीआईआई छत्तीसगढ़ के पदाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार: पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक निलंबित

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  रायपुर, 20 सितंबर 2024: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत सख्त कार्रवाई कर रही है। हाल ही में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई 2024-25 सत्र की नई पाठ्यपुस्तकों को कबाड़ में बेचे जाने की गंभीर घटना सामने आई, जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल संज्ञान लिया। इस मामले में लापरवाही पाए जाने पर पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक प्रेम प्रकाश शर्मा को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने भ्रष्टाचार और प्रशासनिक शिथिलता को लेकर कोई समझौता न करने का स्पष्ट संदेश देते हुए, घटना की जांच के निर्देश अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले को दिए थे। जांच में प्रथम दृष्टया लापरवाही पाए जाने पर श्री शर्मा के खिलाफ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों के तहत त्वरित कार्रवाई की गई है। यह निलंबन मुख्यमंत्री द्वारा प्रशासनिक शिथिलता और भ्रष्टाचार पर उनकी कड़ी नीति का प्रमाण है। सुशासन की सरकार में भ्रष्टाचार को कोई स्थान नहीं मुख्यमंत्री श्री साय ने हाल ही में आयोजित कलेक्टर एसपी कांफ्रेंस में स्पष्ट किया था कि भ्रष्टाचार और लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए सुशासन और पारदर्शिता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। पाठ्य पुस्तक निगम के इस प्रकरण पर त्वरित कार्रवाई से यह संदेश और भी स्पष्ट हो गया है कि सरकार अब लापरवाह अधिकारियों पर सख्त नज़र रख रही है। प्रमुख विभागों में सख्त निगरानी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की लापरवाही को पूरी तरह से खारिज किया है। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह सुशासन की सरकार है, और भ्रष्टाचार के प्रति हमारा रुख पूरी तरह स्पष्ट है। जो भी अधिकारी या कर्मचारी अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही बरतेंगे, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” पाठ्य पुस्तक निगम की इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को सख्ती से लागू कर रही है। मुख्यमंत्री श्री साय का यह कड़ा प्रहार एक उदाहरण है कि भविष्य में किसी भी प्रकार की प्रशासनिक लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।  

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की नई नियुक्तियों से विधायकों को मिली बड़ी जिम्मेदारी,सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष बनीं पत्थलगांव विधायक गोमती साय

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रायपुर, 20 सितंबर 2024: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विधायकों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों के साथ बड़ी भूमिका दी गई है। हाल ही में जारी आदेश के अनुसार, पत्थलगांव की विधायक गोमती साय को सरगुजा क्षेत्र विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जो इस क्षेत्र के विकास के लिए एक अहम कदम माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी किए गए हैं।   सरगुजा क्षेत्र के विकास को गति देने के उद्देश्य से गोमती साय को दी गई इस जिम्मेदारी से उनके राजनीतिक कद में भी बड़ा इजाफा हुआ है। इसके साथ ही बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी कोंडागांव की विधायक लता उसेंडी को सौंपी गई है। मध्य क्षेत्र और अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण में भी बड़ी नियुक्तियां की गई है। विष्णु सरकार ने मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद पर मरवाही के विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची को नियुक्त किया है, जो अब इस क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वहीं, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी विधायक गुरु खुशवंत साहेब को सौंपी गई है। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष के रूप में दुर्ग ग्रामीण के विधायक ललित चंद्राकर को नियुक्त किया गया है, जिनसे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की नई योजनाओं के क्रियान्वयन की उम्मीद की जा रही है। भाजपा जिला अध्यक्ष सुनील गुप्ता ने इन नियुक्तियों का स्वागत किया है।उन्होंने कहा कि  मुख्यमंत्री श्री साय की यह नियुक्तियां छत्तीसगढ़ के सभी क्षेत्रों में समग्र और संतुलित विकास के लिए एक महत्वपूर्ण  हैं। इन नियुक्तियों से न केवल स्थानीय विधायक सशक्त होंगे, बल्कि राज्य के दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों में विकास की नई उम्मीदें भी जागृत होंगी।सरकार की इस पहल से नवनियुक्त उपाध्यक्षों को क्षेत्रीय विकास में नई गति देने और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने का मौका मिलेगा।  

सफलता की कहानी: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा का नया अध्याय,नवसंकल्प शिक्षण संस्थान से सैकड़ों युवाओं के सपनों को मिला पंख

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जशपुर, 20 सितंबर 2024: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की शिक्षा के क्षेत्र में सार्थक पहल ने आदिवासी और विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों के जीवन को नई दिशा दी है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन की इस पहल से युवाओं के लिए जशपुर में स्थापित नवसंकल्प शिक्षण संस्थान उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी करवा रहा है, जिसका लाभ अब तक सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने उठाया है। संस्थान में पुलिस, शिक्षक, पीएससी, नेट, स्लेट, व्यापम, बैंकिंग, अग्निवीर, और एसएससी जैसी महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की जाती है। विशेषज्ञों द्वारा दी जा रही इस कोचिंग के परिणामस्वरूप अब तक 150 से अधिक छात्र विभिन्न शासकीय सेवाओं में चयनित हो चुके हैं। आर्थिक रूप से कमजोर युवाओं के लिए उम्मीद की किरण जशपुर जिले के बेलडीपा गाँव के रहने वाले नेहरूलाल राम, जिन्होंने एसएससी जीडी में सफलता पाई, बताते हैं कि पहले उन्हें परीक्षा की तैयारी के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था, लेकिन अब जशपुर में ही नवसंकल्प संस्थान के माध्यम से निःशुल्क तैयारी की जा सकती है। इसी तरह सोगड़ा के सोनकश्यप प्रधान ने बताया कि उनके परिवार के पास बाहर जाकर कोचिंग कराने का खर्च उठाने की क्षमता नहीं थी, लेकिन संस्थान ने उन्हें एक नई उम्मीद दी है। संस्थान के प्रयास से हो रहा सर्वांगीण विकास संस्थान के प्राचार्य डॉ. अनिल कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नवसंकल्प शिक्षण संस्थान आवासीय सुविधा के साथ छात्रों को न केवल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराता है, बल्कि उनके सर्वांगीण विकास का भी ख्याल रखता है। छात्र शैलेश खोसले ने बताया कि यहां नियमित फिजिकल ट्रेनिंग से लेकर साप्ताहिक और मासिक टेस्ट तक की सुविधा दी जाती है, जिससे छात्र शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बन रहे हैं। संस्थान के 22 छात्रों ने एसएससी जीडी की लिखित परीक्षा पास की है, जबकि 2 छात्रों ने अग्निवीर परीक्षा में सफलता पाई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल ने आदिवासी अंचलों में शिक्षा का नया अध्याय लिखा है, जिससे वहां के युवा बेहद खुश हैं और उनका भविष्य अब सुरक्षित नजर आ रहा है।