*मुख्यमंत्री विष्णुदेव की पहल पर किसानों को सुगमता के साथ 13.63 लाख मीट्रिक टन खाद और 8.92 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज बांटा गया*

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रायपुर, 18 सितम्बर 2024/मुख्यमंत्री  विष्णु देव साय के किसान हितैषी फैसलों पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों को उनकी मांग के अनुरूप प्रमाणित खाद-बीज का वितरण किया जा रहा है। कृषि विभाग के प्राप्त जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में लगभग  99 प्रतिशत बोनी पूर्ण हो चुका है। इसके साथ ही राज्य के किसानों को अब तक 13.63 लाख मीट्रिक टन खाद का वितरण हो चुका है जो लक्ष्य के विरूद्ध लगभग शत-प्रतिशत है। इसी प्रकार किसानों को 8.92 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया जा चुका है, जो लक्ष्य का 91 प्रतिशत है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में मानसून की काफी अच्छी स्थिति है। राज्य में अब तक 48.16 लाख हेक्टेयर क्षेत्र याने 99 प्रतिशत क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है। राज्य सरकार द्वारा इस खरीफ सीजन में 48.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी का लक्ष्य रखा गया है। *किसानों को लक्ष्य का लगभग शत-प्रतिशत रासायनिक खाद वितरित* प्रदेश में चालू खरीफ सीजन के लिए किसानों को विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का वितरण जारी है। 17 सितम्बर 2024 की स्थिति में किसानों को लगभग 13.63 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किया जा चुका हैं, जो लक्ष्य का 96 प्रतिशत है। वितरित किए गए उर्वरकों में 6 लाख 81 हजार 374 मीट्रिक टन यूरिया, 2 लाख 83 हजार 444 मीट्रिक टन डीएपी, 1 लाख 73 हजार 352 मीट्रिक टन एनपीके, 55 हजार 836 मीट्रिक टन पोटाश तथा 2 लाख 8 हजार 172 मीट्रिक टन सुपर फास्फेट का वितरण शामिल है। चालू खरीफ सीजन के लिए राज्य में सहकारिता एवं निजी क्षेत्र के माध्यमों से किसानों को 13 लाख 68 हजार मीट्रिक टन खाद वितरण का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके विरूद्ध अब तक 16.08 लाख मीट्रिक टन रासायनिक खाद का भण्डारण करा लिया गया है। भण्डारण के विरूद्ध लगभग 13.63 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का वितरण किसानों को किया जा चुका है। किसानों को सुगमता पूर्वक खाद का वितरण सोसायटी और निजी विक्रेताओं द्वारा किया जा रहा है। किसानों को किसी प्रकार से परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा खाद-बीज वितरण पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। *किसानों को 8.92 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज वितरित* प्रदेश के किसानों को चालू खरीफ सीजन में विभिन्न फसलों की बोनी के लिए सहकारी समितियों एवं निजी क्षेत्र के माध्यम से सुगमता के साथ प्रमाणित बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अब तक किसानों को विभिन्न खरीफ फसलों के 8 लाख 92 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण किए गए हैं, जो कि राज्य में बीज की मांग का 91 प्रतिशत है। गौरतलब है कि राज्य में खरीफ की विभिन्न फसलों के प्रमाणित बीज की कुल मांग 9 लाख 78 हजार क्विंटल है, इसके विरूद्ध 9 लाख 31 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज भण्डारण किया जा चुका है। किसानों को अब तक 8.92 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण किया गया है, जो मांग का 91 प्रतिशत है। *राज्य में लक्ष्य का 99 प्रतिशत बोनी पूर्ण* चालू खरीफ सीजन में अब तक लक्ष्य का 99 प्रतिशत बोनी पूर्ण हो चुका है, जबकि इस सीजन में राज्य सरकार द्वारा 48.63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों के बोनी का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 48.16 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में विभिन्न फसलों की बोनी हो चुकी है। *राज्य में अब तक 1094.9 मि.मी. औसत वर्षा दर्ज* राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 1094.9 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से 03 सितम्बर 2024 सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 2282.0 मिमी और बेमेतरा जिले में सबसे कम 570.3 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है, जबकि प्रदेश की औसत वार्षिक वर्षा 1236 मिलीमीटर है। *प्रदेश के किसानों को मिला 6606 करोड़ रूपए का अल्पकालीन कृषि ऋण* मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर राज्य के अधिक से अधिक किसानों को अल्पकालीन कृषि ऋण वितरण किया जा रहा है। प्रदेश में किसानों को अब तक राज्य सहकारी बैंकों के द्वारा 2058 सहकारी समितियों के माध्यम से लगभग 6606 करोड़ रूपए का अल्पकालीन ब्याज मुक्त कृषि ऋण वितरण किया गया है। इस वर्ष राज्य सरकार द्वारा किसानों को 7300 करोड़ रूपए ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को उनके मांग और रकबे के अनुरूप अल्पकालीन कृषि ऋण प्रदान किया जा रहा है, जबकि पिछले वर्ष आज की स्थिति में 6 हजार 544 करोड़ रूपए के अल्पकालीन कृषि ऋण वितरित किए गए थे। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को खेती-किसानी की प्रारंभिक जरूरतों को पूरा करने तथा खेती-किसानी में सहूलियत प्रदान करने के उद्देश्य से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना प्रारंभ किया गया हैं। इसके अलावा किसानों को साहूकारों के चंगुलों से बचाना इसका एक प्रमुख उद्देश्य था। वर्तमान समय में इस योजना के माध्यम से प्रदेश के लाखों किसान इससे लाभान्वित हो रहे हैं। किसानों को प्रारंभिक और खेती-किसानी की जरूरतों के लिए न सिर्फ राहत मिली है, बल्कि फसलों के उत्पाद में लगातार वृद्धि भी हो रही है।

20 सितंबर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक, अहम फैसलों पर होगी चर्चा

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रायपुर, 18 सितंबर 2024: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में 20 सितंबर को कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया है। यह बैठक सुबह 11:30 बजे मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित होगी, जहां कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। विकास योजनाओं पर रहेगा फोकस इस कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों पर चर्चा होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में यह बैठक आगामी वित्तीय वर्ष के बजट, नई नीतियों के निर्माण, और राज्य में चल रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा पर केंद्रित होगी। साथ ही, कई बड़े फैसले लिए जाने की संभावना है, जिनका सीधा असर राज्य की जनता पर होगा। ये प्रमुख मुद्दे हो सकते हैं एजेंडे में बैठक के दौरान राज्य में चल रही विभिन्न सामाजिक और आर्थिक योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण, कृषि, और रोजगार से संबंधित मुद्दों पर भी गहन विचार-विमर्श होने की संभावना है। मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति का आकलन भी इस बैठक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। कैबिनेट में नए प्रस्तावों पर होगी चर्चा कैबिनेट बैठक में कई नए प्रस्तावों पर भी चर्चा की जा सकती है, जिनमें ग्रामीण विकास, शहरी ढांचा, औद्योगिक निवेश और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित मुद्दे शामिल हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार राज्य में सुशासन को प्राथमिकता देते हुए जनकल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन पर विशेष जोर दे रही है। बैठक में मुख्यमंत्री के साथ-साथ कैबिनेट के सभी मंत्री, मुख्य सचिव, विभागीय सचिव और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहेंगे। सभी विभागों के प्रमुख अधिकारी अपने-अपने विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों को बैठक में प्रस्तुत करेंगे। राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण यह कैबिनेट बैठक राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि राज्य सरकार आने वाले समय में कई बड़ी परियोजनाओं को लागू करने की तैयारी में है। इस बैठक के निर्णयों से राज्य में विकास की गति और दिशा निर्धारित होगी। कैबिनेट की इस बैठक से कई महत्वपूर्ण निर्णयों की उम्मीद की जा रही है, जिनसे राज्य के आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव आ सकता है।  

मुख्यमंत्री निवास में जनदर्शन: 19 सितंबर को सीएम विष्णुदेव साय सुनेंगे जनता की समस्याएं

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रायपुर, 18 सितंबर 2024: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय 19 सितंबर को रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में जनदर्शन का आयोजन करेंगे, जिसमें वे प्रदेशभर से आए लोगों की समस्याएं सीधे सुनेंगे। यह जनदर्शन कार्यक्रम सुबह 11:00 बजे से 1:00 बजे तक आयोजित किया जाएगा, जहां मुख्यमंत्री लोगों से सीधे संवाद करेंगे और उनकी समस्याओं के तत्काल निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देंगे। इस जनदर्शन कार्यक्रम की खास बात यह है कि मुख्यमंत्री के साथ कई कैबिनेट मंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी समेत राज्य स्तर के सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। इससे जनता की समस्याओं और मांगों का त्वरित समाधान करने में आसानी होगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने यह सुनिश्चित किया है कि जनता की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ सुना और सुलझाया जाए। जनदर्शन में शामिल होने वाले लोगों को विभिन्न विभागों के अधिकारियों से मिलने और अपनी समस्याओं के हल के लिए सीधा संवाद करने का मौका मिलेगा। समस्याओं का समाधान, जनता की उम्मीदें यह जनदर्शन कार्यक्रम प्रदेश की जनता के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां वे अपनी समस्याओं को लेकर सीधे मुख्यमंत्री और राज्य के अधिकारियों से मुलाकात कर सकते हैं। मुख्यमंत्री साय की पहल जनता की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जो प्रशासन और आम जनता के बीच की दूरी को कम करता है। जनदर्शन कार्यक्रम से न केवल लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान संभव होगा, बल्कि यह सरकार और जनता के बीच भरोसे को भी मजबूत करेगा।  

जशपुर में बड़ा हादसा: खुड़िया रानी देवीस्थल से कैलाश गुफा जा रहे श्रद्धालुओं की पिकअप पलटी, 4 की हालत गंभीर, दर्जनों घायल

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  जशपुर, 18 सितंबर 2024: जशपुर जिले के बगीचा थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हुआ है, जहां खुड़िया रानी से दर्शन कर कैलाश गुफा जा रहे श्रद्धालुओं से भरी पिकअप गाड़ी सड़क से नीचे की सड़क पर गिरते हुए पलट गई। पिकअप में 25 से 30 लोग सवार थे, जिनमें से कई गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे में 4 लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है, जबकि दर्जनों लोग घायल हैं। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। घटना बगीचा के सोनगेरसा गांव के पास की है। हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस हरकत में आ गए। घायलों को तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए एंबुलेंस और मेडिकल टीम मौके पर भेजी गई है। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद अम्बिकापुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। जहां उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज की व्यवस्था की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश पर जिला प्रशासन ने इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि घायलों के इलाज में कोई कोताही न बरती जाए। हादसे के बाद मौके पर एंबुलेंस भेजने में थोड़ी देरी हुई, क्योंकि बगीचा की एंबुलेंस पहले से व्यस्त थी। इसके कारण सरगुजा जिले के बतौली से एंबुलेंस को बुलाने में समय लगा। हालांकि, स्थिति को संभालने के लिए जिला प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए और सभी घायलों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कैंप कार्यालय ने इस हादसे का तुरंत संज्ञान लिया और जिला प्रशासन को घायलों के इलाज की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। घायलों की संख्या को देखते हुए अतिरिक्त मेडिकल टीमों को मौके पर भेजा गया है।घटना में घायल सभी श्रद्धालु फरसाबहार तहसील के फरदबहार गांव के बताए जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा उनके परिवारों को सूचित किया गया है।  

पर्युषण पर्व : जब अश्वरथ में व्रती निकले तो शहर के लोग शामिल होने उमड़ पड़े, जैन धर्म का पर्युषण पर्व पर भव्य रैली निकली

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*जशपुर/कुनकुरी*- पर्युषण पर्व के समापन अवसर पर कुनकुरी में भगवान श्री जी की भव्य शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें अश्वरथ में व्रतियों को बिठाकर जैन मंदिर से निकलकर नगर भ्रमण कराया गया।गाजे-बाजे के साथ निकाली गई शोभा यात्रा का जगह-जगह स्वागत किया गया। जिसमें जैन समाज के साथ सभी समाज के लोग शामिल रहे।ऐसा ही नजारा जिला मुख्यालय जशपुर,बगीचा में भी देखने को मिला। पर्युषण पर्व प्रारम्भ से समापन तक सभी दिगम्बर जैन धर्म के लोग 10 दिनों तक भगवान की विशेष पूजा-अर्चना साधना करते है। पर्युषण पर्व का अपना अलग महत्व होता है, इसमें 7 प्रकार के सिद्धांतों का पालन करना पड़ता है। जिसमें सबसे पहले आत्मा को शुद्ध करना होता है. इस दौरान जैन धर्म के लोग व्रत, तपस्या, और ध्यान करते हैं। इसके बाद आत्म-चिंतन और आत्म-समृद्धि की प्रक्रिया की जाती है।फिर पर्युषण पर्व के दौरान जैन धर्म के लोग भविष्य में गलत काम न करने की शपथ लेते हैं। जैनधर्मियों द्वारा पर्यावरण का शोधन किया जाता है।इसके बाद संयम और विवेक का अभ्यास करते हैं। माना जाता है कि सालभर के सांसारिक क्रिया-कलापों के कारण जीवन में जो भी दोष आ जाते हैं, उन्हें यह पर्व दूर करता है. इस पर्व के दौरान सभी जैन धर्म के सिद्धांतों का पालन करने का प्रयास करते हैं. जैन समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष गजेंद्र जैन ने बताया कि पर्यूषण पर्व पर कई जैन अनुयायी अपनी क्षमता के अनुसार कठिन तपस्या करते हैं. इस दौरान कुछ श्रद्धालु 10 दिनों तक निर्जला व्रत करते हैं, जिसमें बिना अन्न, जल या फल का सेवन किए उपवास रखा जाता है। दिगंबर जैन समाज के इस पर्व में कुनकुरी में 6 जैनधर्मी महिला, पुरुष और युवाओं ने उपवास कर तपस्या की है। यह उपवास आत्म शुद्धि और आत्म कल्याण के उद्देश्य से किए जाते हैं, जिसमें शरीर और आत्मा को शुद्ध करने का प्रयास किया जाता है।

बड़ी खबर : पति की लाश के साथ 4 दिन से रह रही थी पत्नी,लाश की बदबू से हुआ खुलासा,पुलिस परेशान

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सिरकटी लाश की गुत्थी अभी जशपुर पुलिस ने सुलझाई ही थी कि एक घर में पति की सड़ी-गली लाश के साथ रह रही पत्नी से उसकी मौत की वजह जानने के लिए पुलिस परेशान है। जशपुर ,18सितंबर 2024/ जिले के नारायणपुर थाना क्षेत्र के चिटकवाइन गांव से बड़ी खबर निकलकर सामने आई है,जिसमें अमरनाथ मिंज के मकान से उसकी 4 दिन से ज्यादा पुरानी लाश मिली है।चौंकाने वाली बात है कि इस लाश के साथ दिन-रात उसकी पत्नी इंद्रावती मौजूद मिली। थाना प्रभारी सतीश सोनवानी ने दूरभाष पर बताया कि लाश मिली है लेकिन इसकी हत्या हुई है या किसी और कारण से मौत हुई है,यह कहना अभी मुश्किल है।लाश सड़ गई है और पत्नी इंद्रावती की मानसिक हालत ठीक नहीं लग रही है।मृतक अमरनाथ मिंज 35 वर्ष अपने पहले पति को छोड़कर आई महिला इंद्रावती बाई के साथ रह रहा था। अमरनाथ की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए फिलहाल पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इन्तजार कर रही है।वहीं गांव वालों की मानें तो मृतक को मिरगी बीमारी थी।आसपड़ोस के लोग भी इसे सीधे तौर पर हत्या नहीं बता पा रहे हैं।वहीं 4 दिनों तक लाश के साथ पत्नी के रहने और किसी को नहीं बताने पर गांव में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। घटना की सूचना पाकर नारायणपुर पुलिस घटनास्थल पर है।शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए कुनकुरी चीरघर भेजा गया है।

कोरवा जनजाति की बेटी बनी लखपति दीदी,मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी शुभकामनाएँ,,,कहा – डबल इंजन की सरकार का मिल रहा बड़ा लाभ

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जशपुर, 18 सितंबर 2024: “डबल इंजन की सरकार का लाभ उन दीदियों को भी मिल रहा है, जो अब लखपति दीदी बन रही हैं। हमारी सरकार सभी बहनों को आत्मनिर्भर बनाने और लखपति दीदी बनाने के लिए काम कर रही है,” यह बात मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कही, जब उन्होंने विशेष पिछड़ी जनजाति की सुमन्ती बाई की सफलता की सराहना की। सुमन्ती बाई, जो कोरवा जनजाति से आती हैं, आज “लखपति दीदी” के नाम से जानी जाती हैं। कुछ साल पहले तक उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। वह एक साधारण किसान परिवार से थीं और उनकी सालाना आय केवल 38,000 रुपये थी, जो उनके परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी नहीं थी। लेकिन सुमन्ती बाई ने इस स्थिति को बदलने का निश्चय किया और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के तहत कमल स्व सहायता समूह से जुड़ने का निर्णय लिया। स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद सुमन्ती बाई को वित्तीय सहयोग और सरकारी योजनाओं का भरपूर लाभ मिला। उन्हें बिहान योजना के अंतर्गत आरएफ से 15,000 रुपये, सीआईएफ से 60,000 रुपये और बैंक लिंकेज से 1 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई। इस सहयोग ने सुमन्ती बाई की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव लाया। नए आजीविका के साधनों ने बदली जिंदगी समूह से मिली आर्थिक मदद से सुमन्ती बाई ने मिर्च और टमाटर उत्पादन, साथ ही बकरी पालन जैसे विभिन्न आजीविका के साधन अपनाए। आज उनकी सालाना आय 1,80,000 रुपये तक पहुंच चुकी है। मिर्च उत्पादन से उन्हें 80,000 रुपये, टमाटर उत्पादन से 40,000 रुपये, और बकरी पालन से 60,000 रुपये की आय हो रही है। इस तरह सुमन्ती बाई ने अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया। सुमन्ती बाई ने कहा  – “स्व सहायता समूह से जुड़ने के बाद उनके जीवन में न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक बदलाव भी आया है। आज वह अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर रही हैं और अपने परिवार की जीवनशैली में भी सुधार कर पाई हैं।” मुख्यमंत्री ने दी शुभकामनाएं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सुमन्ती बाई और उन सभी “लखपति दीदियों” को बधाई दी, जिन्होंने अपनी मेहनत और सरकारी योजनाओं के सहयोग से अपने जीवन को बेहतर बनाया है। सरकार का यह उद्देश्य है कि सभी बहनों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाया जाए, ताकि वे भी अपने परिवार और समाज की भलाई के लिए योगदान दे सकें। सुमन्ती बाई की यह सफलता, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) और स्व सहायता समूह के माध्यम से सशक्तिकरण का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।  

खबर विशेष: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रोत्साहन से जशपुरिया खिलाड़ियों ने बढ़ाया छत्तीसगढ़ का मान,जिला प्रशासन की देखरेख में बढ़ते खिलाड़ियों पर एक रिपोर्ट,,,,

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जशपुर, 18 सितंबर 2024: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन और खेल-कूद के प्रति समर्पण का परिणाम है कि जशपुर जिले के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आज सम्मान और पहचान मिल रही है। विशेष रूप से जिले के दूरस्थ अंचल की पहाड़ी कोरवा जनजाति के बच्चों को तीरंदाजी और अन्य खेलों में नई पहचान मिल रही है, जो जिले की गौरवपूर्ण उपलब्धियों में शामिल है। जशपुर जिला मुख्यालय में छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन की पहल पर तीरंदाजी केंद्र और एकलव्य खेल अकादमी संचालित की जा रही है। यहां बच्चों को नि:शुल्क रहने, खाने और पढ़ाई की सुविधा के साथ-साथ खेल प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के दिशा-निर्देशन में यह अकादमी सफलतापूर्वक खिलाड़ियों को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने का अवसर प्रदान कर रही है। पहाड़ी कोरवा जनजाति के अनिल राम की सफलता तीरंदाजी केंद्र से प्रशिक्षित पहाड़ी कोरवा जनजाति के बालक अनिल राम ने कबीरधाम में आयोजित राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा तीरंदाजी प्रतियोगिता 2022 में स्वर्ण पदक जीता था और राष्ट्रीय स्तर के लिए चयनित हुए थे। 2023 में कोण्डागांव में हुई राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा तीरंदाजी प्रतियोगिता में अनिल ने अंडर-14 कंपाउंड राउंड में रजत पदक हासिल कर एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर के लिए चुने गए। उन्होंने गुजरात में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। विपिन कुमार भगत की राष्ट्रीय स्तर पर भागीदारी विपिन कुमार भगत, जो इस अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, ने बताया कि उन्हें यहां सभी आवश्यक सुविधाएं निःशुल्क मिल रही हैं। वे उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने गए थे। अकादमी के प्रशिक्षक राजेन्द्र देवांगन के मार्गदर्शन में बच्चे प्रतिदिन तीरंदाजी का गहन प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं और नेशनल स्तर पर भी पदक जीत चुके हैं। खिलाड़ियों की उपलब्धियों से जशपुर में उत्साह राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भाग लेने के बाद बच्चों के चेहरों पर एक अलग आत्मविश्वास और मुस्कान दिखाई दे रही है। प्रशिक्षक देवांगन ने कहा कि अगर इसी तरह से अकादमी चलती रही, तो बच्चे भविष्य में अंतरराष्ट्रीय और ओलंपिक स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ेंगे। वर्तमान में, तीरंदाजी, तैराकी, और ताइक्वांडो में 30 बच्चे प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को सर्व सुविधाएं उपलब्ध कराने और खेल के प्रति समर्पण के लिए धन्यवाद दिया। यह विष्णु सरकार की दूरदर्शी नीतियों का परिणाम है कि जशपुर के युवा खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं और अपनी प्रतिभा को निखारने का मौका पा रहे हैं।  

पीडब्ल्यूडी विभाग बरसाती गड्ढों को भर रहा सांय-सांय,मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर सड़कों की मरम्मत में आई तेजी

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, *लुड़ेग-तपकरा-लवाकेरा राज्य मार्ग के गढ्डों को डब्ल्यू. एम.एम. भरकर किया जा रहा ठीक* जशपुर 18 सितम्बर 2024/लुड़ेग-तपकरा रोड़ के संबंध में लोक निर्माण विभाग संभाग पत्थलगांव के कार्यपालन अभियंता ने जानकारी देते हुए बताया है कि लुड़ेग-तपकरा-लवाकेरा राज्य मार्ग क्र.-04, जिसकी लंबाई 40.80 कि.मी. है जिसमें 9.20 लंबाई का नवीनीकरण कार्य वर्ष 2022 में पूर्ण कराया गया है, तथा 31.60 कि.मी. लंबाई में लगभग 6 से 9 वर्ष पूर्व नवीनीकरण कार्य विभिन्न कि.मी. में कराये गये थे। वर्तमान में बारिश से बने गढ्डों को नियमित रूप से डब्ल्यू. एम.एम. भरकर ठीक किया जा रहा है, तथा मार्ग के नवीन निर्माण हेतु रू. 117.00 करोड का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है। कुछ स्थानों को छोड़कर शेष मार्ग की स्थिति संतोषप्रद है, तथा नियमित रूप से गढढा भराई का कार्य किया जा रहा है। वर्षा ऋतु पश्चात डामरीकरण द्वारा पैच रिपेयर कार्य किया जाएगा।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के द्वारा सड़कों की मरम्मत ,रखरखाव और नए सड़कों के निर्माण के लिए सभी विभागों को निर्देश दिया गया है।

सर्पदंश : अंधविश्वास के कारण बुजुर्ग की मौत, समय पर चिकित्सा न मिलने से मासूम की हालत गंभीर

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बड़ी खबर आई है जिसमें सर्पदंश के बाद झाड़फूंक के चक्कर में नाना जी चल बसे वहीं नाती गम्भीर हालत में अस्पताल के आईसीयू में ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। कोरबा – करतला थाना क्षेत्र के ग्राम सलिहाभांठा डोंगदरहा में अंधविश्वास और झाड़फूंक के चक्कर में एक बुजुर्ग की जान चली गई, जबकि उसका 16 वर्षीय नाती गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। घटना बीती रात की है, जब 70 वर्षीय टिकैतराम यादव और उसके नाती सतीश कुमार यादव को एक जहरीले सर्प ने डस लिया। दोनों को तत्काल अस्पताल ले जाने के बजाय परिजनों ने पहले झाड़फूंक और गांव के डॉक्टर से इलाज कराने की कोशिश की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। परिजनों ने बताया कि रात में अचानक दोनों को पेट और गले में दर्द होने लगा, लेकिन इसे मामूली समझकर नजरअंदाज कर दिया गया। जब स्थिति गंभीर हो गई और सतीश के मुंह से झाग आने लगे, तब भी परिजन अंधविश्वास के चलते इलाज के लिए अस्पताल नहीं गए। झाड़फूंक और गांव के डॉक्टर के पास समय बर्बाद करने के बाद, उन्हें सुबह करीब 6:30 बजे कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद टिकैतराम यादव को मृत घोषित कर दिया, जबकि सतीश की हालत गंभीर बताई गई, और उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है। मृतक के परिजनों ने बताया कि समय पर 108 एंबुलेंस सुविधा नहीं मिल पाई, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। उनका मानना है कि अगर एंबुलेंस समय पर आ जाती, तो टिकैतराम की जान बच सकती थी। 108 के जिला प्रभारी प्रिंस पांडे ने कहा कि एंबुलेंस सेवा में देरी नेटवर्क समस्या के कारण हो सकती है, लेकिन इस मामले में परिजन पहले झाड़फूंक कराने गए थे, जिससे कीमती समय बर्बाद हो गया। इस घटना से एक बार फिर अंधविश्वास और झाड़फूंक की पुरानी परंपराओं पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्पदंश जैसे मामलों में तत्काल चिकित्सा सहायता बेहद आवश्यक होती है। झाड़फूंक या अन्य पारंपरिक उपाय करने से समय बर्बाद होता है, जिससे जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है। जागरूकता की कमी से बढ़ रहा खतरा इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी के कारण लोग सही समय पर चिकित्सा सहायता नहीं ले पाते, जिससे अंधविश्वास के चलते उनकी जान पर बन आती है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग को इस दिशा में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश और अन्य आपात स्थितियों में प्राथमिक चिकित्सा का महत्व समझाने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। सर्पदंश के मामले में तुरंत अस्पताल पहुंचना जीवन बचाने का सबसे महत्वपूर्ण कदम है, जिसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।