*साय सरकार की नीतियों से निखर रहा आदिवासी समुदायों का जीवन* *सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का तेजी से हो रहा विकास*

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*विशेष लेख* *सुरक्षा और विकास के मोर्चे पर छत्तीसगढ़ सरकार ने हासिल की बड़ी उपलब्धि* *सरकार के ठोस कदम से आदिवासी युवाओं के अच्छे भविष्य की नींव भी मजबूत* रायपुर, 15 सितम्बर 2024/ छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों के हित में ठोस कदम उठा रही है| दूरस्थ और पिछड़े वनांचल इलाकों में मूलभूत सुविधाएं शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार के अलावा बुनियादी जरूरतों को पूरा करने का काम तेजी से हो रहा है| छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसी कई योजनाएं शुरू की हैं जिनके जमीनी स्तर पर व्यापक प्रभाव से जन-जीवन जीवन बदल रहा है| मुख्यमंत्री की पहल पर नियद नेल्लानार योजना से आज आदिवासी परिवारों के जीवन में आशा की नई किरण आई है| इस योजना में माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में स्थापित नए कैम्पों के आसपास के गांवों का चयन कर शासन के 12 विभागों की 32 कल्याणकारी योजनाओं के तहत आवास, अस्पताल, पानी, बिजली, पुल-पुलिया, स्कूल इत्यादि मूलभूत संसाधनों का विकास किया जा रहा| दूरस्थ आदिवासी इलाकों से अयोध्या धाम तक सीधी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री साय की पहल पर भारत सरकार ने हरी झंडी दे दी है| सडकों के विकास को लेकर भी लगातार कार्य किया जा रहा है, जिससे आदिवासी अंचलों तक आवाजाही आसान हुई है| छत्तीसगढ़ सरकार ने 68 लाख गरीब परिवारों को 05 साल तक मुफ्त राशन देने का निर्णय भी लिया, जिसका लाभ बड़ी मात्रा में आदिवासी अंचलों के जरूरतमंद रहवासियों को मिल रहा है| तेंदूपत्ता वनवासियों की आजीविका का मजबूत स्रोत है, इससे होने वाली आमदनी को बढ़ाते हुए सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 4000 रुपए प्रति मानक बोरा से 5500 रुपए प्रति मानक बोरा किया, जिसका लाभ चालू तेंदूपत्ता सीजन से ही 12 लाख 50 हजार से अधिक संग्राहकों को मिल रहा है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही चरण पादुका योजना भी शुरू करने जा रही है, इसके साथ ही उन्हें बोनस का लाभ भी दिया जाएगा| सुरक्षा और विकास के दोहरे मोर्चे पर काम करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है| इन्हीं प्रयासों का परिणाम है कि आज अनुपात के हिसाब से छत्तीसगढ़ का बस्तर देश में सबसे सैन्य संवेदनशील क्षेत्र बन चुका है, बस्तर डिवीजन में प्रत्येक 9 नागरिकों के पीछे एक पैरामिलिट्री का जवान है| जल्द ही इन क्षेत्रों में सुरक्षाबलों के 250 से ज्यादा कैम्प और नियद नेल्लानार से 58 नए कैम्प स्थापित होंगे ताकि सड़क, स्कूल, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं का दायरा बढ़ सके| मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में आदिवासी संस्कृति और परम्पराओं को आगे बढ़ाने के लिए बस्तर में प्राचीन काल से चले आ रहे अनेक ऐतिहासिक मेलों को भी शासकीय संरक्षण और आर्थिक सहायता दी जा रही है। दूरस्थ आदिवासी इलाकों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के सरकार के मजबूत प्रयास से देश के दूसरे सबसे कम साक्षर जिले बीजापुर में नए भविष्य की बुनियाद गढ़ी जा रही है| बीजापुर जिले में माओवादियों द्वारा बंद 28 स्कूल अब मुख्यमंत्री श्री साय की पहल से खुल गए हैं| स्थानीय बोलियों को सहेजने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासी अंचलों में स्थानीय बोलियों में प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने का निर्णय नई शिक्षा नीति के तहत आदिवासी समुदायों में शिक्षा की पहुंच बढ़ाने में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जिसमें 18 स्थानीय भाषा-बोलियों में स्कूली बच्चों की पुस्तकें तैयार की जा रही हैं। प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ी, सरगुजिहा, हल्बी, सादरी, गोंड़ी और कुडुख में पाठ्यपुस्तक तैयार होंगे। छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी युवाओं के सुनहरे भविष्य की नींव भी मजबूत कर रही है, इसी क्रम में नई दिल्ली के ट्रायबल यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर अब 185 कर दी गई है। इस निर्णय से देश राजधानी में रहकर संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा की तैयारी करने के इच्छुक अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए अब इस हॉस्टल में तीन गुने से भी अधिक सीटें उपलब्ध होंगी| इसी तरह आईआईटी की तर्ज पर राज्य के जशपुर, बस्तर, कबीरधाम, रायपुर और रायगढ़ में प्रौद्योगिकी संस्थानों का निर्माण भी किया जाएगा| मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर छत्तीसगढ़ के माओवादी आतंक प्रभावित जिलों के विद्यार्थियों को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए ब्याज रहित ऋण मिलेगा| शेष जिलों के विद्यार्थियों को एक प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण प्रदान किया जाएगा, जिससे स्वरोजगार की ओर बढ़कर अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकेंगे I

*News Update**एसपी शशिमोहन सिंह की कुशल रणनीति, 72 घण्टे में ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री की गुत्थी सुलझी, ‘अभी’ की हुई पहचान, कुछ संदिग्ध हिरासत में – सूत्र*

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*जशपुर/कुनकुरी, 14 सितंबर 2024* – दो दिन पहले स्टेट हाइवे के किनारे मिली सिर कटी लाश की पहचान जशपुर जिले के बरजोर गांव के निवासी के रूप में हुई है। मृतक की पहचान अभिषेक लकड़ा, उम्र 25 वर्ष, के रूप में हुई है, जो होशंगाबाद में मजदूरी का काम करता था। ‘अभी’ अभिषेक की पहचान उसके गाँव के एक ड्राइवर ने *खबर जनपक्ष* में प्रकाशित खबर में दी गई जानकारी के आधार पर टैटू देखकर शव को पहचाना। इस मामले में एएसआई ईश्वर वारले की महत्वपूर्ण भूमिका रही, जिन्होंने मृतक के टैटू को डिकोड करते हुए यह निष्कर्ष निकाला कि “अभी” मृतक का पुकारू नाम हो सकता है। इसके बाद, पुलिस ने “अभी” से मिलते-जुलते नामों की जांच की, और आखिरकार, तीसरे दिन शव की तस्वीर मृतक के रिश्तेदारों को दिखाए जाने पर पहचान हो सकी। इसे भी दुःखद संयोग कहा जाय कि पुलिस के जवान विनोद तिर्की की माताजी का निधन हुआ और 14 सितंबर को उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने मृतक के गांव बरजोर से भी समाज के लोग पहुँचे थे।दुःख की इस घड़ी में भी कर्तव्यनिष्ठ कांस्टेबल विनोद तिर्की ने शोकसभा में मृतक की शिनाख्ती के लिए सभी को तस्वीर दिखाई।जहां एक वाहन चालक ने टैटू और खबर जनपक्ष की जानकारी देखकर बताया कि यह टैटू अभिषेक लकड़ा का है। बरजोर गांव से जो जानकारी निकलकर आई है उसके अनुसार  मृतक अभिषेक लकड़ा घटना के दिन अपने ससुराल केरसई गया हुआ था। परिवार का कहना है कि अभिषेक का अचानक इस तरह से गायब हो जाना और फिर उसकी ऐसी स्थिति में लाश मिलना उनके लिए गहरा सदमा है। पुलिस ने हत्या के पीछे के कारणों और संदिग्धों का पता लगाने के लिए अपनी जांच तेज़ कर दी है। पुलिस द्वारा मृतक की पहचान होते ही मामले की जांच में तेजी आई, और सूत्रों की मानें तो  कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह और एडिशनल एसपी अनिल कुमार सोनी के मार्गदर्शन में डीएसपी विजय सिंह राजपूत और थाना प्रभारी सुनील सिंह की टीम इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में जुटी है। साइबर सेल और स्पेशल क्राइम डिटेक्ट टीम के सहयोग से मामले को जल्द सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है। जल्द होगा हत्याकांड का खुलासा सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने हत्या के कारणों और संदिग्धों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण सुराग जुटा लिए हैं, लेकिन अभी तक आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। पुलिस का कहना है कि जांच की प्रक्रिया पूरी होते ही मामले का खुलासा किया जाएगा।

*कवर्धा में कुर्मी समाज के 53वें अधिवेशन में पहुंचे मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, 5 एकड़ जमीन देने की घोषणा*

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कवर्धा,14 सितंबर 2024 – छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज कवर्धा में कुर्मी समाज के 53वें अधिवेशन में हिस्सा लिया और समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने की बात कही। अधिवेशन के बाद प्रेस से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि कुर्मी समाज का इतिहास अत्यंत गौरवशाली और समृद्ध रहा है। शिवाजी महाराज से लेकर सरदार वल्लभभाई पटेल तक, इस समाज ने देश की शिक्षा, राजनीति और कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा, “कुर्मी समाज ने हमेशा शिक्षा और कृषि के क्षेत्र में नेतृत्व किया है। यह देखकर खुशी हो रही है कि कवर्धा क्षेत्र में समाज द्वारा एक महाविद्यालय की स्थापना की जा रही है। समाज की इस पहल को समर्थन देते हुए राज्य सरकार 5 एकड़ जमीन उपलब्ध कराएगी।” उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में सुशासन की स्थापना के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है और किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अधिवेशन में उपस्थित विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा, “कुर्मी समाज छत्तीसगढ़ के विकास में हमेशा भागीदार रहा है। शिवाजी महाराज और सरदार वल्लभभाई पटेल के वंशज अपने मेहनत और परिश्रम से कृषि आधारित छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को मजबूत बना रहे हैं। आज का यह भव्य आयोजन समाज के सामूहिक प्रयासों का प्रतीक है।” उन्होंने महाविद्यालय के लिए जमीन देने की मुख्यमंत्री की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री जी ने समाज की मांग को समझते हुए 5 एकड़ जमीन देने का ऐलान किया है। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं।” कुर्मी समाज के इस भव्य अधिवेशन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, और इसे समाज के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।

*R.T.O. को आबंटित भूमि पर हो रहे अवैध कब्जे पर चला बुलडोजर*

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*गम्हरिया में अवैध अतिक्रमण हटाने हुई कार्यवाही* *तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी समेत पुलिस बल ने की संयुक्त कार्यवाही* *जशपुर, 14 सितम्बर 2024/* शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण के विरुद्ध शासन के सख्त निर्देश के तहत शनिवार को राजस्व विभाग द्वारा गम्हरिया में शासकीय भूमि पर किये जा रहे अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही की। जिसके तहत ग्राम गम्हरिया के पटवारी हल्का नंबर 8 में नीलेश पिता जयराम के द्वारा परिवहन विभाग को आवंटित भूमि पर अनाधिकृत रूप से कब्जा किया जा रहा था। जिसमें उसके द्वारा एक अस्थाई घर बनाकर नवीन निर्माण किया जा रहा था। जिसके विरुद्ध तहसीलदार न्यायालय में चले वाद के उपरांत आदेशानुसार अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई। बेदखली की कार्रवाई में राजस्व विभाग की ओर से नायब तहसीलदार राहुल कौशिक, नायब तहसीलदार राजेश यादव के नेतृत्व में राजस्व विभाग के राजस्व निरीक्षक, पटवारी, कोटवारों के द्वारा पुलिस बल के सहयोग से अतिक्रमण खाली कराते हुए कब्जाधारी लोगों को समझाइश दी गयी और अवैध अतिक्रमण हटाया गया। अतिक्रमण हटा कर भूमि को जिला परिवहन अधिकारी विजय निकुंज की उपस्थिति में विभाग को प्रदान कर दिया गया।

*प्रधानमंत्री के किसान हितैषी निर्णयों से छत्तीसगढ़ के किसानों को मिलेगी बड़ी राहत: मुख्यमंत्री साय*

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*रायपुर, 14 सितंबर 2024* – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों की आय बढ़ाने और उनकी समृद्धि के लिए लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों का छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वागत किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क हटाने, खाद्य तेलों के आयात शुल्क में वृद्धि, और प्याज के निर्यात शुल्क में कमी जैसे कदम छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए लाभकारी साबित होंगे। मुख्यमंत्री साय ने इन फैसलों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “इन निर्णयों से छत्तीसगढ़ के किसानों की आय में वृद्धि होगी और उनकी उपज की बाजार में मांग भी बढ़ेगी।” उन्होंने कहा कि बासमती चावल, सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी, मूंगफली, और प्याज के उत्पादक किसानों को इन नीतिगत फैसलों का विशेष लाभ मिलेगा। केंद्र सरकार द्वारा बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात शुल्क हटाने और खाद्य तेलों पर आयात शुल्क को शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने के साथ ही प्याज के निर्यात शुल्क को 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा, रिफाइंड तेल पर बेसिक ड्यूटी को भी 32.5 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इन किसान हितैषी नीतियों से किसानों को अपनी उपज के बेहतर मूल्य मिलेंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह केंद्र सरकार की किसानों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है और इसका सकारात्मक असर राज्य के कृषि क्षेत्र पर भी पड़ेगा।

जनदर्शन में सीएम ने ओलावृष्टि से बर्बाद किसानों की फ़रियाद सुनी, 7 गांव के किसानों को मिली राहत,सीएम को बताया “सुशासन का देवता”

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  *रायपुर, 14 सितंबर 2024* – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निवास पर आयोजित मुख्यमंत्री जनदर्शन के दौरान किसानों को बड़ी राहत प्राप्त हुई है। बलोदाबाजार जिले के सोनाखान क्षेत्र में ओलावृष्टि से प्रभावित 7 गांवों के 772 किसानों के लिए 98 लाख 38 हजार 528 रुपये की सहायता राशि जारी की गई है। गांवों में सुखरी के 79, छतवन के 174, देवगांव के 44, गनौद के 59, कुशगढ़ के 156 और कुशभाटा के 174 किसानों को इस मुआवजे का सीधा लाभ मिला है। यह राशि तहसीलदार सोनाखान द्वारा आरटीजीएस के माध्यम से किसानों के खातों में जमा कर दी गई है, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली है। गौरतलब है कि 2023 में इन क्षेत्रों में ग्रीष्मकालीन धान की फसल पर ओलावृष्टि का कहर टूटा था। पक चुकी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा, और किसानों ने मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री एवं जिला प्रशासन को आवेदन किया था। उस समय कुल 33 गांवों के किसानों को मुआवजा मिल चुका था, लेकिन कुछ गांवों के किसान इस राहत से वंचित रह गए थे। अब उन किसानों को भी राहत मिल गई है। नगेड़ा गांव के किसान डीगेश पटेल ने बताया कि जनदर्शन में अपनी परेशानी बताई , श्री साय की किसान हित में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश के बाद अब परिवार के सदस्यों के खातों में मुआवजा राशि प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री जनदर्शन के तहत मिली इस त्वरित राहत से प्रभावित किसानों के चेहरों पर खुशी देखने को मिल रही है, और यह सरकार के प्रति उनका विश्वास बढ़ा रही है।

सीएम के निर्देश पर वन विभाग द्वारा हाथी से सुरक्षा के लिए जन-जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन

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*जशपुर, 14 सितंबर 2024*: जंगली हाथियों की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वन विभाग के अधिकारियों को गांव-गांव में जन-जागरूकता लाने के लिए कार्यशालाओं और संगोष्ठियों का आयोजन करने का निर्देश दिए हैं। इसी दिशा में जशपुर जिले के ग्राम पंचायत खंटाडाड में “झांसी की रानी संकुल संगठन” की कार्यकारी समिति द्वारा वन विभाग और वन धन संरक्षण के सहयोग से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हाथियों से बचाव के महत्वपूर्ण उपायों पर चर्चा की गई। संगोष्ठी में बताया गया कि यदि लोग जंगल या हाथियों की उपस्थिति वाले क्षेत्रों में हों, तो उन्हें समूह में रहना चाहिए और सुरक्षित स्थानों या वाहनों में रहने की सलाह दी गई। साथ ही, हाथियों के भोजन और पानी के स्रोतों से दूर रहने की अपील की गई। संगोष्ठी के दौरान यह भी बताया गया कि जंगल सफारी या जंगल भ्रमण के समय गाइड या प्रशिक्षकों के निर्देशों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। इन सावधानियों के माध्यम से लोग हाथियों के साथ सुरक्षित सह-अस्तित्व में रह सकते हैं और उनका प्राकृतिक आवास भी संरक्षित रह सकता है। गौरतलब है कि विष्णु देव साय कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं, जिसे हाथियों का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। उन्होंने खुद हाथियों के हमले में अपने करीबी लोगों को खोने का दुख सहा है और कई घरों की क्षति भी देखी है। इस पहल से क्षेत्र के लोगों को उम्मीद है कि हाथी-मानव संघर्ष की घटनाओं में कमी आएगी और सरकार के सुशासन के तहत हाथी-मानव सह-अस्तित्व को बढ़ावा मिलेगा।

*जशपुर जिले में 01 से 30 सितंबर तक आंगनबाड़ी केंद्रों में मनाया जाएगा पोषण अभियान**

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  *जशपुर, 13 सितंबर 2024* – जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के उद्देश्य से सितंबर माह के दौरान महिलाओं और बच्चों को स्वास्थ्य और पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण अभियान का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान ‘वजन त्योहार’ मनाकर बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी की जाएगी। राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के वजन को मापा जाएगा और उसका विवरण महिला एवं बाल विकास विभाग के पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा। साथ ही, पोषण माह के दौरान सुपोषण चौपाल, अन्नप्राशन दिवस, परिवार चौपाल, पोषण मेला, और व्यंजन प्रदर्शन जैसे कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसके अतिरिक्त, स्कूलों में बच्चों को पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए नारा लेखन, निबंध, चित्रकला और दीवार लेखन प्रतियोगिताएं भी होंगी। पोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों में एनीमिया की जांच, वृद्धि की निगरानी, पूरक पोषण आहार, और गुणवत्तापूर्ण सेवा सुनिश्चित करना है। जिले के 4315 आंगनबाड़ी केंद्रों में चल रहे इस अभियान से 76,000 से अधिक बच्चों को लाभ मिलेगा। कम वजन वाले बच्चों की पहचान कर कुपोषण की स्थिति का विश्लेषण किया जाएगा। जनसामान्य के लिए भी ऑनलाइन बच्चे का वजन दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिसके लिए विभागीय क्यूआर कोड और मोबाइल नंबर का उपयोग कर ऑनलाइन एंट्री की जा सकेगी।

ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री की गुत्थी सुलझाने एसपी शशिमोहन कर रहे मॉनिटरिंग,दुबारा फॉरेंसिक टीम पहुंची

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Khabar Update जशपुर/कुनकुरी – श्रीनदी जंगल में हुए ब्लाइंड मर्डर की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस अधीक्षक शशिमोहन सिंह ने विशेष टीम का गठन किया है।थाना प्रभारी ने सोशल मीडिया में मृतक की तस्वीर व अन्य पहचान चिन्ह जारी करते हुए आम लोगों, सोशल मीडिया से जुड़े लोगों से शव की शिनाख्त करने/कराने की अपील की है। ज्ञात हो कि कल 12 सितंबर को स्टेट हाइवे 17 में सड़क से करीब 50 मीटर अंदर जंगली मशरूम उठाने गए एक ग्रामीण को लाश मिली जिसका सिर धड़ से अलग था।जिसकी सूचना खारिझारिया के जागरूक नागरिक गणेश बारीक को हुई।गणेश की सूचना पर पुलिस मौके ओर पहुंची और कार्रवाई शुरू की। वारदात वाली जगह पर एक रस्सी मिली है जिसमें खून के निशान हैं।वहीं शव के पास एक छोटा चाकू,एक जोड़ी हवाई चप्पल मिला है।सड़क से जंगल की ओर घसीटे जाने के निशान हैं।जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि मृतक को अज्ञात हत्यारों ने पकड़कर जंगल के अंदर ले जाकर पहले रस्सी से गला घोंटा होगा और तेज धारदार हथियार से सिर धड़ से अलग कर दिया होगा। थाना प्रभारी सुनील सिंह ने बताया कि सिर का अवलोकन करने पर मृतक के मूंछ और सिर के बाल दो-तीन दिन के अंदर कलर किये हुए लग रहे हैं।मृतक का धड़ पर गहरा नारंगी रंग का स्पोर्ट्स बनियान पहना मिला है जिसमें COOL लिखा हुआ है। OO चश्मे के आकार में है।वहीं मृतक के दाहिने हाथ में टैटू गुदा हुआ है जिसमें कलाई पर aBHi लिखा हुआ है।मृतक का काले रंग का स्पोर्ट्स लोअर भी पड़ा मिला है। फिलहाल,वारदात की जांच में डॉग स्क्वायड के साथ ही फोरेंसिक की टीम लगी हुई है।वहीं अभी तक मृतक की शिनाख्ती नहीं हुई है।पुलिस ने आसपास के जिलों समेत पड़ोसी राज्यों ओडिशा और झारखण्ड के सीमावर्ती जिलों के पुलिस थानों में इसकी जानकारी देते हुए फोटो शेयर किया है।

*कलेक्टर-पुलिस अधीक्षक कॉन्फ्रेंस: दूसरा दिन : मुख्यमंत्री आज करेंगे कानून व्यवस्था की समीक्षा

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रायपुर, 13 सितम्बर 2024/    मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय आज राजधानी रायपुर में कलेक्टर-पुलिस अधीक्षक कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक के साथ जिलों में कानून व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों की समीक्षा करेंगे। राजधानी रायपुर में आयोजित कलेक्टर-पुलिस अधीक्षक कॉन्फ्रेंस स्थानीय न्यू सर्किट हाउस में प्रातः 10 बजे से शुरू होगी। हम आपको बता दें कि कलेक्टर-एसपी कांफ्रेंस के पहले दिन सीएम श्री साय ने कलेक्ट्रेट के सभी विभागों की समीक्षा की।समीक्षा के दौरान सीएम के तेवर कई जिलों के कमजोर प्रदर्शन पर तल्ख़ रहे।आज लॉ एंड ऑर्डर पर सीएम दिन भर समीक्षा करने जा रहे हैं।देखना होगा कि प्रदेश में विभिन्न मुद्दों को लेकर जारी आंदोलनों ,प्रदर्शनों से निपटने व शांति कायम रखने के लिए क्या निर्देश देंगे। बीते दिनों मुख्यमंत्री के गृहजिले जशपुर में दीपू बगीचा सरना विवाद को लेकर सरना आदिवासियों ने बड़ी जनाक्रोश रैली करने वाले थे,जिसे कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने बड़ी कुशलता के साथ शहर के बाहर एस्टोटर्फ हॉकी स्टेडियम में जनसभा में बदल दिया।वहीं एसपी शशिमोहन सिंह ने पूरे शहर को छावनी में तब्दील करते हुए एक भी प्रदर्शनकारी को शहर में घुसने नहीं दिया।तकरीबन 4 घण्टे चली सभा पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करा दी गई।आज की समीक्षा में सम्भवतः कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए इसे एक सफल उदाहरण के रूप में कांफ्रेंस में रखा जाएगा।