राजी पड़हा जनाक्रोश महारैली को लेकर जशपुर छावनी में तब्दील,भारी फोर्स की तैनाती के साथ कई रोड ब्लॉक किये गए,,लोगों का आना शुरू,

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जशपुर – सरना पूजा स्थल दीपू बगीचा में राजी पड़हा के लोग शासन-प्रशासन के साथ ही उरांव समाज के कुछ नेताओं से नाराज चल रहे हैं।राजी पड़हा के आज 3 दिसम्बर को जिला मुख्यालय में आयोजित जनाक्रोश महारैली में उरांव आदिवासी समाज के लोगों का आना शुरू हो गया है।आंदोलन को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है। दरअसल,दीपू बगीचा जो उरांव जनजातीय समाज का पूजा स्थल है,जिसमें बीते माह राजी पड़हा मुख्यालय में संचालित छात्रावास प्रशासनिक जांच में अवैध पाया गया।जहां के छात्र-छात्राओं को शासकीय छात्रावासों में विधिवत प्रवेश दिलाया गया।एसडीएम जशपुर प्रशांत कुशवाहा ने बड़ी कुशलता से कार्रवाई की।इसके बाद राजी पड़हा के पदाधिकारी इसपर दबी जुबान से अपनी नाराजगी जताने लगे।जिसके बाद उरांव समाज के 6 संगठनों ने मिलकर सरना स्थल में तालाबंदी की बात कहते हुए 03 सितम्बर 2024, दिन-मंगलवार यानी आज जनाक्रोश रैली की अपील की।वहीं जशपुर विधायक रायमुनी भगत समेत उरांव समाज का एक वर्ग  इस रैली में समाज के लोगों को बहकावे में न आते हुए शामिल नहीं होने की अपील किया है। जो यह है, अपील, आप सभी उरांव समाज को सूचित किया जाता है कि उरांव समाज मुख्यालय दीपु बगीचा (सरना स्थल) दिनांक 10/08/2024 को उरांव आदिवासियों के रुढ़ि-प्रथा एवं संस्कृति आस्था व धरोहर का केन्द्र में सरहुल / खद्दी परब का सरना स्थल एवं राजी पड़हा मुख्यालय को नगरपालिका एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा ताला लगा दिया गया, जो कि हमारे पुरखों के द्वारा बरसों से इस दीपु बगीचा में उरांव आदिवासियों के द्वारा अपना सांस्कृतिक कार्यक्रम पूजा पाठ करते आ रहे हैं, परन्तु नगरपालिका के द्वारा दीपु बगीचा को अपने अन्दर में लेकर अन्य समाज के लोगों को कार्यक्रम करने समय-समय पर दिया जायेगा। उरांव समाज कहां पर सरहुल, करम, टुंटा मनाएगा। उरांव समाज का धरोहर एवं अस्तित्व समाप्त हो जाएगा अगर दीपु बगीचा को बचाना है तो उरांव समाज के जितने भी हमारे समाज के अगुवागणों से प्रार्थना है कि आप सभी अधिक से अधिक संख्या में आकर जन आक्रोश रैली को सफल बनावें । यह हमारा उरांव आदिवासियों का धरोहर का सवाल है। इस जन आक्रोश महारैली को सफल बनाने के लिए हमारे राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष-धरम गुरु श्री बंधन तिग्गा जी, श्री जगरनाथ उरांव (रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर) पधार रहे हैं। नोट :- उरांव समाज के सभी बन्धुगण एवं परिवार के सभी सदस्य गण जन आक्रोश महा रैली को सफल बनाने में योगदान दें निवेदक ( आयोजक) (1 ) शाखा-राजी पाड़हा सरना प्रार्थना सभा भारत, बालाछापर जशपुर(2 ) उरांव समाज (पाड़हा व्यवस्था), (3) उरांव समाज के सभी संगठन,(4)सर्व आदिवासी समाज (5)नव युवा समाज,(6)रानी सिनगी दाई  महिला संगठन भारत, (7) समस्त मुली पाड़हा / डाड़ा पाड़हा/ अतखा पाड़हा (गांव स्तर)। इस अपील के अनुसार समाज के लोगों ने जिला प्रशासन से जनाक्रोश महारैली के लिए अनुमति मांगी।जिसपर प्रशासन ने इसकी अनुमति शर्तो के साथ दे दी। राजी पड़हा से जुड़े विनोद प्रधान ने बताया कि जनाक्रोश महारैली एस्टोटर्फ हॉकी मैदान में ,एनईएस कॉलेज के बगल में होगी।उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के अलावे ओडिशा,झारखण्ड,बिहार,पश्चिम बंगाल और नेपाल देश में रहनेवाली राजी पड़हा की प्रजा उपस्थित होगी।हालांकि संख्या कितनी होगी यह उन्होंने नहीं बताया।कहा कि अभी लोगों का आना शुरू हुआ है। बहरहाल, सुरक्षा व्यवस्था की बात करें तो बलौदाबाजार हिंसा के बाद से छत्तीसगढ़ सरकार हर प्रकार के प्रदर्शनों पर बेहद सतर्क है।जिला मुख्यालय में जगह-जगह मजबूत बेरिकेड बनाये गए हैं।भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया है।सादे वेश में पुलिसकर्मी कार्यक्रम में आने वाले लोगों पर नजर रख रहे हैं।सभा को शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

*राजी पड़हा जनाक्रोश रैली को लेकर उरांव समाज में हुआ दो फाड़ ! विधायक ने कहा – लोग रैली में न हों शामिल,प्रशासन अशांति फैलानेवालों पर सख्ती बरतने को तैयार *

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जशपुर, 2 सितंबर: शहर में कल 3 सितंबर को प्रस्तावित जनाक्रोश महारैली को लेकर माहौल गर्म है। राजी पड़हा सरना प्रार्थना समाज समेत छह सामाजिक संगठनों द्वारा जिला मुख्यालय में इस रैली का आयोजन किया जा रहा है, जिसे लेकर उरांव समाज में विभाजन की स्थिति उत्पन्न हो गई है। दरअसल, रैली के आयोजक प्रशासन पर दीपू बगीचा स्थित सरना पूजा स्थल को सील करने का आरोप लगा रहे हैं। इस मुद्दे पर उरांव समाज का एक वर्ग आक्रोशित है और उन्होंने हजारों लोगों के साथ रैली में शामिल होने का ऐलान किया है। छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल से भी बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की संभावना है। हालांकि, समाज के दूसरे पक्ष ने रैली का विरोध करते हुए इसे समाज में फूट डालने की कोशिश करार दिया है। जशपुर विधायक रायमुनी भगत और देवलाल भगत ने अपील की है कि समाज के लोग इस रैली से दूर रहें। उनका दावा है कि पूजा स्थल को प्रशासन द्वारा सील नहीं किया गया है, बल्कि राजी पड़हा के कुछ पदाधिकारियों ने स्वयं ही मुख्य गेट पर ताला लगाकर अफवाह फैलाई है। इस पूरे विवाद की जड़ दीपू बगीचा में अवैध रूप से चलाए जा रहे छात्रावास से जुड़ी है। प्रशासन ने बिना अनुमति और समुचित व्यवस्था के नाबालिग लड़के-लड़कियों को एक ही कमरे में रखने के आरोप में छात्रावास को बंद करा दिया था। इसके बाद से राजी पड़हा सरना समूह ने प्रशासन पर धार्मिक स्थल के खिलाफ कार्रवाई का आरोप लगाया है, जिससे जनाक्रोश महारैली की योजना बनाई गई। स्थानीय प्रशासन एसडीएम प्रशांत कुशवाहा ने भी मीडिया को बताया कि पूजा स्थल में प्रशासन की ओर से कोई तालाबंदी नहीं की गई है।अफवाह फैलाने,अशांति फैलाने की कोशिश करनेवालों पर सख़्त कार्रवाई करने की तैयारी है। रैली के विरोध में स्थानीय हिंदू उरांव समाज ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें उन्होंने रैली से शहर की शांति और सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ने की आशंका जताई है। जिला प्रशासन ने हालांकि रैली को सशर्त अनुमति दे दी है, और इसके मद्देनजर हॉकी स्टेडियम समेत पूरे शहर में भारी पुलिस बल तैनात किया जा रहा है। जशपुर विधायक रायमुनी भगत ने कहा, “समाज के लोगों को गुमराह करके रैली का आयोजन किया जा रहा है। दीपू बगीचा सरना पूजा स्थल के मुख्य गेट पर प्रशासन ने कोई ताला नहीं लगाया है। यह अफवाह फैलाकर माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मैं संपूर्ण उरांव समाज से अपील करती हूँ कि इस रैली में शामिल न हों।” कल की रैली को लेकर जिले भर में उत्सुकता और आशंका का माहौल है, और प्रशासन स्थिति पर कड़ी निगरानी बनाए हुए है।

*मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने तीजा के अवसर पर दी बड़ी सौगात, 70 लाख महिलाओं को मिली महतारी वंदन योजना की सातवीं किश्त*

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  **रायपुर, 02 सितंबर 2024:** मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने तीजा के पावन अवसर पर छत्तीसगढ़ की 70 लाख महिलाओं को बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित तीजा-पोरा महतारी वंदन तिहार के दौरान, श्री साय ने महतारी वंदन योजना की सातवीं किस्त के रूप में प्रत्येक लाभार्थी महिला के खाते में 1,000 रुपये डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से अंतरित किए। इस अवसर पर प्रदेश की महिलाओं के चेहरे खुशी से खिल उठे और उन्होंने अपने “विष्णु भैया” का आभार व्यक्त किया। महतारी वंदन योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन और उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार करना है। योजना के तहत विवाहित, विधवा, परित्यक्ता और तलाकशुदा महिलाओं को, जिनकी उम्र 21 वर्ष से अधिक है, हर महीने 1,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का शुभारंभ 10 मार्च 2024 को किया था। तब से अब तक योजना की सात किश्तें लाभार्थी महिलाओं के खातों में जमा की जा चुकी हैं। **तीजा-पोरा तिहार का महत्व:** तीजा और पोरा, छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहार हैं, जो विशेष रूप से महिलाओं द्वारा धूमधाम से मनाए जाते हैं। तीजा, जिसे हरतालिका तीज भी कहा जाता है, विशेषकर विवाहित महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और परिवार की खुशहाली के लिए व्रत रखती हैं। यह त्यौहार महिलाओं की भक्ति, श्रद्धा, और उनकी शक्ति का प्रतीक माना जाता है। पोरा त्यौहार, कृषि कार्यों की समाप्ति के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन लोग मिट्टी के बैल बनाकर उनका पूजन करते हैं, जो कृषि की समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक होते हैं। महिलाएं इस दिन विशेष पूजा अर्चना करती हैं और खेतों में हल चलाने का प्रतीकात्मक अनुष्ठान करती हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा तीजा-पोरा के मौके पर महतारी वंदन योजना की सातवीं किस्त का वितरण, महिलाओं के प्रति सम्मान और उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार लाने और उन्हें समाज में एक मजबूत भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करती है।

*राजी पड़हा सरना को शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति, कलेक्टर ने 17 शर्तों के साथ दी मंजूरी*

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  जशपुर – राजी पड़हा सरना जशपुर के प्रतिनिधियों ने आगामी 3 सितंबर 2024 को एक सभा और रैली के आयोजन के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी। इस संबंध में आज 1 सितंबर 2024 को कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी के कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में आयोजन समिति के प्रमुख पदाधिकारियों और नागरिकों के साथ विस्तृत चर्चा की गई, जिसमें कानून व्यवस्था और जनसुविधाओं को ध्यान में रखते हुए रैली के लिए एन.ई.एस. कॉलेज के समीप हॉकी मैदान में कार्यक्रम की अनुमति दी गई। बैठक में शामिल पदाधिकारियों ने प्रस्तावित कार्यक्रम स्थल और रैली मार्ग पर चर्चा की, जिसमें दीपू बगीचा से बिरसामुण्डा चौक, महाराजा चौक होते हुए रणजीता स्टेडियम तक की रैली को आयोजन स्थल के संवेदनशील होने के कारण नहीं चुना गया। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि रैली को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से आयोजित करने के लिए एन.ई.एस. कॉलेज के समीप हॉकी मैदान ही उपयुक्त रहेगा। कलेक्टर ने इस रैली के लिए 17 शर्तों के साथ अनुमति दी है, जिसमें प्रमुख रूप से कानून व्यवस्था बनाए रखने, किसी भी प्रकार के हथियार या नशीले पदार्थों के उपयोग पर प्रतिबंध, भीड़ नियंत्रण के लिए वालंटियर्स की नियुक्ति, और आयोजन की वीडियो रिकॉर्डिंग सुनिश्चित करना शामिल है। आयोजकों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी प्रकार के उन्माद फैलाने वाले भाषण नहीं दिए जाएं, और आयोजन स्थल को साफ-सुथरा रखा जाए। कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि यदि इन शर्तों का उल्लंघन होता है तो आयोजन समिति पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, और अनुमति तत्काल निरस्त की जा सकती है। आयोजकों से अपेक्षा की गई है कि वे जिला प्रशासन और पुलिस बल का पूरा सहयोग करेंगे, ताकि रैली शांतिपूर्ण और सफलतापूर्वक संपन्न हो सके।

*वक्फ बोर्ड सुधार: एक मुस्लिम महिला की आवाज से सशक्त होगा समुदाय*

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  हालांकि सरकार के प्रस्तावित संशोधन सही दिशा में एक कदम हैं, फिर भी वक्फ बोर्डों की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए और कदम उठाए जा सकते हैं। निर्मल कुमार (लेखक अंतर्राष्ट्रीय समाजिक,आर्थिक मामलों के जानकार हैं।यह उनके निजी विचार हैं।) वक्फ बोर्ड, जो 1995 के वक्फ अधिनियम के तहत स्थापित किए गए थे, का उद्देश्य इस्लामी कानून के अनुसार धार्मिक, परोपकारी, और पवित्र उद्देश्यों के लिए संपत्तियों का प्रबंधन और सुरक्षा करना था। हालांकि, हाल के वर्षों में इन बोर्डों की शक्तियों के दुरुपयोग, पारदर्शिता की कमी, और प्रबंधन में असफलता को लेकर आलोचना की गई है। इसके चलते सुधार की मांग उठी है, और सरकार ने इन मुद्दों को सुलझाने के लिए वक्फ अधिनियम में महत्वपूर्ण संशोधन प्रस्तावित किए हैं। ये संशोधन सरकार की उस प्रतिबद्धता को भी दर्शाते हैं, जो लंबे समय से उठे हुए मुद्दों को हल करने और सचर समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए वक्फ बोर्डों का दायरा बढ़ाने की दिशा में है। वर्तमान वक्फ बोर्डों की एक मुख्य समस्या उनकी “असीमित शक्तियाँ” हैं, जो उन्हें बिना उचित निगरानी या सत्यापन के किसी भी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने की अनुमति देती हैं। इस कारण से वक्फ बोर्डों द्वारा संपत्ति हड़पने और वक्फ अधिनियम के प्रावधानों का दुरुपयोग करने की कई शिकायतें मिली हैं। कुछ मामलों में बोर्डों ने याचिकाकर्ताओं को न्यायपालिका से न्याय प्राप्त करने से भी रोका है, जिससे कानून का उल्लंघन हुआ है। संपत्तियों को वक्फ संपत्ति घोषित करने की प्रक्रिया में उचित सत्यापन की कमी और मनमाने ढंग से संपत्तियों को वक्फ घोषित करना आम जनता और विभिन्न मुस्लिम समुदायों में असंतोष को बढ़ा रहा है। इन चिंताओं के जवाब में, सरकार ने वक्फ अधिनियम में संशोधन के कई प्रस्ताव दिए हैं, जिनका उद्देश्य जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ाना है। इन संशोधनों में केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों की संरचना को पुनर्गठित करने का प्रावधान है ताकि बेहतर प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके, जिसमें महिलाओं का अनिवार्य समावेश भी शामिल है। एक महत्वपूर्ण संशोधन में यह प्रावधान है कि किसी भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित करने से पहले उसका अनिवार्य सत्यापन किया जाएगा। यह मनमाने और अनुचित घोषणाओं को रोकने के लिए किया गया है, जो विवाद और दुरुपयोग का कारण बने हैं। प्रस्तावित बदलावों में विवादित संपत्तियों की न्यायिक जांच का प्रावधान भी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें उचित और पारदर्शी तरीके से वक्फ संपत्ति घोषित किया जाए। इसके अलावा, विधेयक में उन धाराओं को निरस्त करने का प्रावधान है जो बोर्डों को अत्यधिक शक्तियाँ देती हैं, जिससे उनके द्वारा इन शक्तियों के दुरुपयोग को रोका जा सके। ये संशोधन वक्फ बोर्डों के कामकाज को अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने के व्यापक प्रयास का हिस्सा हैं। सरकार ने इन सुधारों के लिए मुस्लिम बुद्धिजीवियों और संगठनों से सुझाव भी प्राप्त किए हैं। हालांकि सरकार के प्रस्तावित संशोधन सही दिशा में एक कदम हैं, फिर भी वक्फ बोर्डों की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिए और कदम उठाए जा सकते हैं। सभी वक्फ संपत्तियों के लिए एक डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग सिस्टम लागू कर पारदर्शिता बढ़ाई जा सकती है। इन रिकॉर्डों तक जनता की पहुँच होने से ज्यादा निगरानी और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। एक स्वतंत्र निगरानी समिति की स्थापना, जिसमें कानूनी विशेषज्ञ, सामुदायिक नेता, और सरकारी प्रतिनिधि शामिल हों,जो वक्फ बोर्डों की गतिविधियों की निगरानी कर सकती है और कानून का पालन सुनिश्चित कर सकती है। यह वक्फ बोर्ड के सदस्यों और कर्मचारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम करते हुए उनके कानूनी, वित्तीय, और प्रशासनिक पहलुओं की समझ को सुधार सकता है, जिससे वक्फ संपत्तियों का बेहतर प्रबंधन हो सके। स्थानीय समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देने से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन समुदाय की जरूरतों और आकांक्षाओं के अनुरूप हो। सरकार द्वारा केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में महिलाओं के अनिवार्य समावेश के प्रस्ताव के अलावा, इन भूमिकाओं में महिलाओं को सशक्त और समर्थन करने के लिए विशेष कार्यक्रम और पहल बनाना महत्वपूर्ण होगा। इसमें नेतृत्व प्रशिक्षण, मेंटरशिप कार्यक्रम और यह सुनिश्चित करना कि महिलाओं को वक्फ प्रबंधन के सभी पहलुओं में भाग लेने के बराबर अवसर मिलें, शामिल हो सकते हैं। प्रस्तावित संशोधनों ने मुस्लिम महिलाओं की आवाज को सशक्त किया है, वक्फ बोर्डों में मुस्लिम महिलाओं के प्रतिनिधित्व को सुनिश्चित करके उनकी सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठाया है। केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में महिलाओं का समावेश लैंगिक समानता और समावेशी निर्णय-निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इन सुधारों के साथ-साथ महिलाओं की भागीदारी और सामुदायिक सहभागिता को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त उपाय भी महत्वपूर्ण हैं, ताकि वक्फ प्रणाली में विश्वास बहाल हो सके और यह निष्पक्ष और न्यायपूर्ण ढंग से संचालित हो, जिससे हमारे समाज के सभी सदस्यों को लाभ हो।

*बड़ी खबर: जशपुर में भ्रष्टाचार के खिलाफ जजासु का बड़ा आंदोलन 12 को, सन्ना में विशाल रैली की तैयारी शुरू*

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  **जशपुर, छत्तीसगढ़:** जशपुर जिले से बड़ी खबर सामने आई है। अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मंत्री गणेश राम भगत के नेतृत्व में रविवार को सन्ना में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में खुड़िया क्षेत्र के लगभग 30 पंचायतों के सैकड़ों ग्राम प्रमुख, जजासु मंच के प्रमुख पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए। बैठक में प्रमुख रूप से क्षेत्र में फैले भ्रष्टाचार, मनरेगा में मजदूरी भुगतान में देरी, सामाजिक सुरक्षा पेंशन की लंबित राशि, और बगीचा ब्लॉक में आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में भ्रष्टाचार जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा हुई। विशेष रूप से, कांग्रेस सरकार के दौरान बगीचा ब्लॉक में आंगनबाड़ी भर्ती में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था, जिसमें एफआईआर दर्ज करने की मांग की जा रही है। गणेश राम भगत ने बैठक में जोर देते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के अधिकारी जनता को परेशान कर रहे हैं और अब समय आ गया है कि जनता अपनी आवाज उठाए। **12 सितंबर को सन्ना में विशाल रैली का ऐलान** बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 12 सितंबर, गुरुवार को सन्ना के बस स्टैंड में एक विशाल रैली और आंदोलन किया जाएगा, जिसमें दावा किया गया है कि 10,000 से अधिक लोग भाग लेंगे। इस रैली के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। गणेश राम भगत ने जनता से अपील की है कि वे इस आंदोलन में बड़ी संख्या में शामिल होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएं और अपने अधिकारों के लिए लड़ें। इस बैठक में विधिक सलाहकार रामप्रकाश पांडे, संरक्षक राजकुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष चंद्रदेव ग्वाला, अनिल भगत, सुखलाल यादव, राकेश गुप्ता, सल्लू राजवाड़े, प्रकाश यादव, शिव यादव, हरि राम नागवंशी, रतन शर्मा, और जगमोहन भगत जैसे प्रमुख कार्यकर्ता उपस्थित थे। खुड़िया क्षेत्र में इस आंदोलन को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है, और प्रशासन भी इस विशाल रैली के लिए तैयारियों में जुट गया है।

*मुंगेली पुलिस ने ATM तोड़ने का प्रयास कर रहे आरोपी को रंगे हाथों दबोचा*

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*मुंगेली, 01 सितंबर 2024* – जिले में अपराधों पर लगाम कसने के प्रयास में मुंगेली पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। जरहागांव बस स्टैंड में स्थित इंडिया वन बैंक के एटीएम को तोड़कर चोरी का प्रयास कर रहे आरोपी को पुलिस ने तत्परता से गिरफ्तार किया। यह घटना 01 सितंबर 2024 की दरम्यानी रात की है, जब जरहागांव पुलिस की रात्रि गश्त टीम ने इस वारदात को समय रहते नाकाम कर दिया। **घटना का विवरण:** मुंगेली के उप पुलिस महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गिरिजा शंकर जायसवाल द्वारा जिले के सभी थाना और चौकी प्रभारियों को असामाजिक तत्वों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई करने और रात्रि गश्त को और अधिक सक्रिय करने के निर्देश दिए गए थे। इसी निर्देश का पालन करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुंगेली श्री पंकज पटेल और उप पुलिस अधीक्षक पथरिया श्री नवनीत पाटिल के मार्गदर्शन में जरहागांव पुलिस रात्रि में सघन पेट्रोलिंग कर रही थी। रात लगभग 3:00 बजे पुलिस ने जरहागांव बस स्टैंड स्थित इंडिया वन बैंक के एटीएम में एक संदिग्ध व्यक्ति को हथौड़ा और पेचकस की मदद से एटीएम तोड़ने का प्रयास करते हुए पाया। जैसे ही पुलिस गश्त टीम ने उसे देखा, आरोपी ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे मौके पर ही पकड़ लिया। आरोपी की पहचान योगेन्द्र सिंह गोंड़ (27 वर्ष), निवासी शंकर वार्ड, मल्हापारा, मुंगेली के रूप में हुई। **पूछताछ में खुलासा:** पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने इस वारदात को अंजाम देने के लिए पहले जरहागांव से एक मोटरसाइकिल (होण्डा सीबी साइन, CG 10 EM 8267) चोरी की थी, जिसका मूल्य लगभग 20,000 रुपये है। इसके बाद, वह चोरी के मोटरसाइकिल से एटीएम पहुंचा और अपनी पहचान छिपाने के उद्देश्य से एटीएम में लगे सीसीटीवी कैमरे को भी तोड़ दिया था। पुलिस ने मौके से चोरी की मोटरसाइकिल, घटना में प्रयुक्त पेचकस, पाना, हथौड़ा, टूटा हुआ सीसीटीवी कैमरा, कार्ड रीडर और एटीएम मशीन के अवशेष बरामद किए हैं। योगेन्द्र सिंह गोंड़ के खिलाफ थाना जरहागांव में अपराध क्रमांक 167/24 धारा 331(4), 62, 324(4)(5) बीएनएस और अपराध क्रमांक 168/24 धारा 303(2) बीएनएस के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया गया है। SSP गिरिजाशंकर जायसवाल ने कहा कि ‘ मुंगेली पुलिस ने अपनी सजगता और तत्परता से एक बड़े अपराध को समय रहते रोक दिया। आगे भी इसी प्रकार सजग और सक्रिय रहकर मुंगेली पुलिस रात्रि गश्त और पेट्रोलिंग के माध्यम से कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।’ इस सफल कार्रवाई में थाना प्रभारी उपनिरीक्षक एस.के. शर्मा, सहायक उपनिरीक्षक मनक राम ध्रुव, महोदय खुंटे, प्रआर 39 महेश राज, आर.176 सुलेन्द्र कोशले, आर.165 विजय साहू, आर. 71 बालकृष्ण मरकाम, आर. 290 सुशांत पाण्डेय, और आर. 87 अजय शिवहरे की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

छात्रों की लड़ाई में पिसता प्रिंसिपल,आत्मानन्द में हुई मारपीट के पीछे की सच और साजिश की क्या है कहानी?

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जशपुर/कुनकुरी – बीते 28 अगस्त को स्वामी आत्मानन्द विशिष्ट अंग्रेजी मीडियम हाईस्कूल कुनकुरी में छात्रों के बीच हुई मारपीट के मामले में पड़ी धुंध हटती जा रही है।पुलिसिया और प्रशासनिक कार्रवाई के बीच खबर जनपक्ष को ऐसी जानकारियां मिलीं हैं, जिन्हें पाठकों के सामने रखना जरूरी समझा। क्यों हुई मारपीट? यह बताने से पहले हम छात्रों के बदले हुए नाम से सच्ची कहानी बताते हैं – इसमें चांद,सूरज और पृथ्वी तीन किरदार हैं।दरअसल,उस दिन और दिनों की तरह पढाई चल रही थी।रेसिस टाईम में करीब 10:10 बजे सुबह चांद और सूरज के बीच छात्र चुनाव को लेकर बहस होने लगी।जिसमें बात बढ़ते-बढ़ते हाथापाई पर उतर आई।पृथ्वी ने बताया कि सबसे पहले सूरज ने चांद के चेहरे पर मुक्का मारा,फिर चांद ने मुक्का मारा जो सूरज को नहीं लगा,दुबारा मुक्का मारा जो सूरज के कान के पीछे पड़ा,जिससे सूरज के सिर से खून बहने लगा।चांद ने फाइटर से मारा हालांकि चांद का कहना है पृथ्वी पूरा सच नहीं बता रहा है,मैंने अंगूठी पहनी थी,जिससे सूरज को चोट लगी है।खून निकलता देख सूरज का दोस्त पृथ्वी अपने दो-तीन दोस्तों के साथ बीच-बचाव किया।तब तक स्कूल के टीचर दीपक यादव, वाइस प्रिंसिपल चौहान स्टेज के पीछे हो-हल्ला सुनकर पहुंचे।उन्होंने घायल सूरज को अस्पताल पहुंचाया।जहां सिर में टांके लगने के बाद सूरज वापस स्कूल आ गया। घटना के समय प्रिंसिपल इकबाल खान कहाँ थे? इस घटना के दौरान स्कूल के प्रिंसिपल इकबाल खान आवश्यक बैठक में जशपुर कलेक्ट्रेट में थे।जैसे ही उन्हें पता चला वे बैठक से निकल गए।तब तक इधर मामला थाने तक जा पहुंचा।सूरज अपने साथियों के साथ थाने में और चांद सीधे घर।प्रिंसिपल सीधे थाने पहुंचे और घायल सूरज से मिले।मामला सुलझाने और समझौता करने-कराने की बात पर समय निकलता गया।छात्रों की लड़ाई में दो समुदाय का तड़का लगते ही एफआईआर हो गया।माहौल में गर्मी बढ़ता देख प्रिंसिपल इकबाल घर चले गए क्योंकि चांद तो उनका ही बेटा था।दूसरे दिन इस बात पर चिल्लम-चिल्ली होती रही कि चांद ने फाइटर से मारकर सिर फोड़ा है या चांद की अंगूठी से लगकर सूरज को गहरी चोट आई है। कलेक्टर के निर्देश पर जांच फिर प्रिंसिपल पर गिरी गाज मामला सुर्खियों में आने के बाद जिला शिक्षाधिकारी पी.के.भटनागर ने स्कूल में एक जांच टीम भेजी।जांच टीम ने सम्बंधित पक्षों उनके पालकों, शिक्षकों और छात्रों के बयान लिए और प्रतिवेदन बनाकर डीईओ श्री भटनागर को सौंप दिया गया।डीईओ ने इसे कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के समक्ष प्रशासनिक कार्यवाही के लिए रखा।जिसका अवलोकन करने के बाद इस घटना में प्रिंसिपल की घोर लापरवाही पाई गई।जिसमें प्रमुख कारण यह माना गया कि अपने स्कूल में सक्षम प्राधिकारी के बिना अनुमति बाहरी स्कूल के 2 छात्रों को प्रवेश दिया गया।तीन दिन का समय देकर कारण बताओ नोटिस प्रिंसिपल को दिया गया। कैसा रहा है प्रिंसिपल इकबाल खान का शिक्षकीय व प्रशासकीय सफर? एक नजर —– 1988 से अपने शिक्षकीय जीवन की शुरुआत करनेवाले इकबाल अहमद खान नारायणपुर थाना अंतर्गत दाराखरिका गांव से आते हैं।इनके बारे में जब हमने जानकारी जुटानी शुरू की तो 36 वर्षों के शिक्षकीय,गैर शिक्षकीय व प्रशासनिक कार्यों में बेदाग रहे।ये राज्यपाल, मुख्यमंत्री व जिला कलेक्टरों द्वारा 2021 से अब तक अपनी कुशल अध्यापन व प्रशासनिक दक्षता से सम्मानित होते आये हैं।इन्होंने मानवता की मिसाल पेश करते हुए 3 नवम्बर 2013 को खेत से लौटते हुए एक बेसुध वृद्ध महिला को देखा,जिसके पैर में बड़ा घाव जिसमें कीड़े रेंग रहे थे।इकबाल उसे अपने घर ले गए और सेवा करने लगे।घाव से कीड़े खुद साफ करते,खाना खिलाते।इसका घर में विरोध भी हुआ लेकिन उन्होंने उसकी सेवा करते हुए उसे ठीक कर दिया।वृद्ध महिला की याददाश्त चली गई थी तो वह इकबाल को ही अपना बेटा मानकर घर में ही रही। सरबकोम्बो हाईस्कूल में प्रिंसिपल के पद पर रहते हुए अपने भाई सुल्तान से 51,000/- रुपये दान में लेकर छात्रों के लिए सायकिल स्टैंड बनवाया।वहीं हाईस्कूल के लिए रास्ते के लिए जनप्रतिनिधियों से बार-बार मांग कर रास्ता तैयार कराया।वर्ष 2022 में राज्य शासन से इन्हें प्रतिनियुक्ति में स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट अंग्रेजी विद्यालय का प्रिंसिपल बनाया।आत्मानन्द स्कूल के शिक्षकों ने इनके कार्यकाल को अनुशासन व अध्ययन-अध्यापन के लिए स्वर्णिम काल बताया है।वहीं 28 तारीख की घटना के बाद प्रिंसिपल खान के स्थानान्तरण की आशंका से कई विद्यार्थी और उनके अभिभावकों में निराशा है और अब बीच सत्र में ही टीसी लेकर दूसरे स्कूलों में जाने का मन बना रहे हैं। बहरहाल, दो छात्रों की लड़ाई में गैरहाजिर रहे प्रिंसिपल इकबाल खान पिसते नजर आ रहे हैं।जानकारों की मानें तो जब संकल्प कोचिंग के छात्र दूसरे स्कूल के छात्र हो सकते हैं तो प्रिंसिपल के बेटे-भतीजे अनुमति लेकर दूसरे स्कूल में पढ़ रहे हैं तो इसमें इतना बवाल क्यों? अब देखना होगा कि जो आरोप उनके ऊपर लगे हैं वो कितना सही है।

* पुलिस ने प्रेमिका से मिलने जा रहे युवक को किया गिरफ्तार,आरोपी के कब्जे से ऐसा क्या मिला कि उसे जाना पड़ा सलाखों के पीछे? जानने के लिये क्लिक करें *

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*जांजगीर-चांपा, 01 सितंबर 2024* – थाना नवागढ़ क्षेत्र के ग्राम मिसदा में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक संदिग्ध युवक को देशी कट्टा और कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान गुलशन उर्फ दीपांशु वर्मा (26 वर्ष) निवासी बाजार चौक सिलतरा, थाना धरसीवा, जिला रायपुर के रूप में हुई है। घटना 31 अगस्त 2024 की है जब पुलिस अधीक्षक श्री विवेक शुक्ला (भा.पु.से.) के निर्देशन में थाना नवागढ़ के निरीक्षक भास्कर शर्मा अपनी टीम के साथ रात्रि गस्त पर निकले थे। रात करीब 3:30 बजे ग्राम मिसदा के मेन रोड पर एक नीली बलेनो कार (CG-04-PA-9622) संदिग्ध स्थिति में खड़ी मिली, जिसमें एक व्यक्ति मौजूद था। पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर व्यक्ति ने गुमराह करने की कोशिश की, जिससे पुलिस का संदेह और बढ़ गया। कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने अपना नाम गुलशन उर्फ दीपांशु वर्मा बताया और बताया कि वह अपनी प्रेमिका से मिलने नवागढ़ क्षेत्र आया था। पुलिस द्वारा कार की तलाशी लेने पर ड्राइवर सीट के पास रखे स्नैकर के पैकेट से एक देशी कट्टा और माचिस के डिब्बे में एक जिंदा कारतूस बरामद हुआ। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसने रायपुर सिलतरा क्षेत्र से यह हथियार किसी बाहरी व्यक्ति से खरीदा था। आरोपी के पास से अवैध रूप से हथियार रखने के संबंध में कोई लाइसेंस नहीं मिला, जिसके बाद उसके खिलाफ धारा 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने आरोपी के पास से एक देशी कट्टा, एक जिंदा कारतूस, बलेनो कार, और एक एप्पल मोबाइल सहित कुल मिलाकर 10 लाख रुपए की संपत्ति जप्त की है। आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर 01 सितंबर 2024 को न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है। इस पूरी कार्रवाई में निरीक्षक भास्कर शर्मा, एसआई रमेश एक्का, प्र.आर. मथुरा प्रसाद केशी, जनक राम कश्यप, अनिल कुरे, और बलराम यादव का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

*रिश्तेदारी में गए युवक पर हमला, पुलिस ने चार आरोपियों को किया गिरफ्तार, एक फरार*

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जशपुर/कुनकुरी, 1 सितंबर 2024: कुनकुरी थाने से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां दिनांक 15 अगस्त 2024 को उमेश चौहान, निवासी ग्राम हर्राडाड, पर हमला हुआ। इस मामले में थाना प्रभारी सुनील सिंह ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है,एक फरार आरोपी की तलाश जारी है। दरअसल,15 अगस्त को उमेश अपनी मोटरसाइकिल से ग्राम घटमुंडा में रिश्तेदारी में गया हुआ था। शाम लगभग 6:30 बजे, जब वह अपनी भाभी से रोड किनारे बातचीत कर रहा था, तभी गांव के अमित कुमार ने वहां आकर उमेश और उसकी भाभी को मां-बहन की भद्दी गालियां दीं और उमेश के साथ हाथ-मुक्का से मारपीट शुरू कर दी। इस हमले में अमित कुमार के पिता परमानंद भी शामिल हो गए, जिसके बाद विवाद और बढ़ गया। उमेश ने खुद को बचाने के लिए पास में अपने रिश्तेदार प्रहलाद चौहान के घर में शरण ली। हालांकि, हमलावरों ने वहां भी पीछा नहीं छोड़ा। अमित कुमार अपने भाई अजीत राम और पिता परमानंद के साथ दरवाजा तोड़कर घर में घुस गया और घर में रखे टीवी को क्षतिग्रस्त कर दिया। हमलावरों ने उमेश को जबरन खींचकर बाहर निकाला और अपने अन्य साथी भोलाराम और पंकज के साथ मिलकर उसे सड़क पर लात-घूंसों से पीटा। इस दौरान, उमेश को जान से मारने की धमकी भी दी गई। घटना के कुछ समय बाद, वहां मौजूद लोगों ने बीच-बचाव किया और उमेश को बचाया। उमेश चौहान की शिकायत पर कुनकुरी थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस अधीक्षक जशपुर श्री शशि मोहन सिंह के निर्देशानुसार और पुलिस अनुविभागीय अधिकारी कुनकुरी श्री विनोद कुमार मंडावी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी सुनील सिंह द्वारा प्रकरण की सूक्ष्मता से विवेचना की गई। विवेचना के बाद, दिनांक 31 अगस्त 2024 को आरोपी अमित कुमार (22 वर्ष), अजीत राम (25 वर्ष), परमानंद भगत (47 वर्ष) और भोलाराम (65 वर्ष), सभी निवासी घटमुंडा नीमटोली, थाना कुनकुरी को धारा 296, 351(2), 115(2), 324(1), 331(5), 191(2) बी, एन, एस के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। इस प्रकरण में एक अन्य आरोपी अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है। पुलिस द्वारा मामले की जांच जारी है, और जल्द ही फरार आरोपी की गिरफ्तारी की उम्मीद है।