कुनकुरी मंगल भवन मोड़ पर साइड देने के चक्कर में हुआ मारपीट,5 लड़के हिरासत में,पुलिस कार्रवाई में जुटी

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जशपुर – बीती रात 10 बजे के करीब कार और स्कूटी सवारों के बीच साइड देने को लेकर गाली-गलौच के बाद मारपीट हो गई।इस मारपीट की घटना की खबर पुलिस व्हाट्सएप ग्रुप में चलने के बाद एएसआई मनोज साहू टीम लेकर मौके पर पहुंचे।5 लड़के पुलिस हिरासत में हैं। दरअसल,मामला कुनकुरी बाजारडांड से सरकारी शराब दुकान वाली सड़क का है।जहाँ मोड़ पर कार और स्कूटी आमने-सामने आ गए।जिससे साइड देने को लेकर विवाद बढ़ते-बढ़ते मारपीट तक पहुंच गया। बताया जा रहा है कि सलियाटोली के लड़कों और जोकबहला,रजौटी,गिनाबहार के लड़कों के बीच मारपीट हुई लेकिन पुलिस के पहुंचने पर सलियाटोली के लड़के भाग गए।वहीं हिरासत में लिए गए 5 लड़के नशे में इतने धुत्त थे कि वे आपस में ही मारपीट करने लगे।हो-हल्ला सुनकर आसपास के घरों से लोग इकट्ठा होकर तमाशा देख रहे थे। एएसआई मनोज साहू ने बताया कि झगड़ा विवाद की सूचना मिलने पर मौके पर गए।वहां मारपीट करते पाए जाने पर शांति भंग करने वाले लड़कों के खिलाफ प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है।अभी कार्रवाई खत्म नहीं हुई है। वहीं सरकारी शराब दुकान जाने वाली सड़क संकरी होने और कई सँकरे मोड़ होने से आये दिन साइड देने को लेकर माहौल खराब होता रहता है।सड़क किनारे रहने वाले लोगों का कहना है कि कम से कम शराब दुकान को ऐसी जगह ले जाएं जहां शराबी सुरक्षित आ-जा सकें।रात को 7 बजे से दुकान बंद होने तक तेज रफ्तार वाहनों के कहर से बचने के लिए आम लोग सड़क पर नहीं चलते हैं।

मुख्यमंत्री बनने के बाद भी नहीं भूले किसानी,धरती माता से विष्णुदेव साय ने मांगी किसानों की खुशहाली

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जशपुर, 18 जून 2024/ मुख्यमंत्री विष्णु देव साय छत्तीसगढ़ राज्य की कमान संभालने के साथ साथ अपने पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी बखूबी संभाल रहे हैं। उन्होंने आज अपने गृह ग्राम बगिया में मानसून की आहट को देखते हुए पुश्तैनी खेतों में खेती-किसानी की शुरूआत की। उन्होंने स्वयं एक किसान की तरह धान की बोनीे कर परंपरा का निर्वहन किया। मुख्यमंत्री ने परंपरा के मुताबिक पांच बार बीजों को अपने हाथों में लेकर खेतों में बिखरा दिया, इसके बाद परिवारजनों ने भी उनका अनुसरण किया। खेती-किसानी को लेकर जशपुर, सरगुजा अंचल के किसानों में ऐसी परंपरा है, जिसमें परिवार के लोग मुखिया के साथ धान की बोनी की रस्म निभाते हैं। मुख्यमंत्री खेती-किसानी का पारंपरिक परिधान पहनकर खेतों में नजर आए। उन्होंने पगड़ी लगाई और पारंपरिक वस्त्र पहना इसके बाद टोकरी में धान बीज रखे और इनकी पूजा की गई। उल्लेखनीय है कि फसल की समृद्धि की कामना के लिए बीज छिड़कने के पूर्व यह रस्म जशपुर-सरगुजा क्षेत्र में की जाती है। छत्तीसगढ़ किसानों का प्रदेश है प्रदेश का हर किसान खेती किसानी की तैयारियों में जुट गया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेश में बेहतर खरीफ फसल के लिए बीते दिनों कृषि विभाग के अधिकारियों की समीक्षा बैठक भी की। मुख्यमंत्री किसानों के सरोकार रखते हैं चूकि वे हमेशा खेती-किसानी से जुड़े रहे हैं, इसलिए उन्होंने समय पूर्व ही अधिकारियों को खाद बीज की पर्याप्त व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को किसानों की जरूरतों के अनुरूप कृषि अदानों की व्यवस्था करने और टेक्नोलॉजी का अधिक प्रयोग करते हुए उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया था।

सीएम विष्णुदेव साय चचेरे भाई के दशगात्र में हुए शामिल,नगरपालिका अध्यक्ष थे नरेशचंद्र साय, दी भावभीनी श्रद्धांजलि

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जशपुर –  मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय आज अपने गृह जिले के ग्राम बन्दरचुंआ पहुंचे। वे अपने चचेरे भाई एवं जशपुर नगर पालिका के अध्यक्ष स्व. नरेश चंद्र साय के दशगात्र कार्यक्रम में शामिल हुए। सपत्नीक उनके घर पहुंचकर मुख्यमंत्री साय ने उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर भाव पूर्ण श्रद्धांजलि दी और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से पार्थना की। मुख्यमंत्री ने सभी परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि स्व. श्री नरेश चंद्र साय जी मेरे चचेरे भाई और पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री स्व. नरहरी साय जी के पुत्र थे। आज वे हमार बीच नहीं है यह हमारे लिए दुःखद क्षण है। इस दुःख की घड़ी में मैं यहां आकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से पार्थना की है। स्व.  नरेश चंद्र जी जशपुर नगर पालिका के अध्यक्ष थे। जनप्रिय नेता स्व. नरेश  क्षेत्र के विकास के लिये सदैव समर्पित रहते थे। उल्लेखनीय है कि विगत 06 जून को मुख्यमंत्री के चचेरे भाई एवं जशपुर नगर पालिका के अध्यक्ष नरेश चंद्र साय जी का निधन हो गया था।

अबूझमाड़ में नक्सल मुठभेड़ में शहीद हुए एसटीएफ जवान नितेश एक्का को राजकीय सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई,शहीद की झलक पाने के लिए उमड़ी भीड़

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**जशपुर, छत्तीसगढ़:** अबूझमाड़ में नक्सलियों के खिलाफ अद्वितीय साहस और वीरता का प्रदर्शन करते हुए शहीद हुए विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) के जवान नितेश एक्का के पार्थिव शरीर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पैतृक गांव चरईडांड,पोर्टेंगा में दफनाया गया। इस अवसर पर आईजी अंकित गर्ग और एएसपी अनिल सोनी ने शहीद को कंधा देकर अंतिम विदाई दी। शहीद का पार्थिव शरीर सेना के हेलीकॉप्टर से जशपुर हेलीपैड लाया गया, जहां से नगर में शहीद शौर्य यात्रा निकाली गई।   नितेश एक्का का जन्म 28 फरवरी 1997 को जशपुर जिले के पोरतेंगा गांव में हेलारियूस एक्का के घर हुआ था। उनके पिता की पिछले वर्ष 23 जून 2023 को बीमारी से मृत्यु हो गई थी। इस दुखद घटना ने उनकी माता नीलिमा एक्का और बड़े भाई अशोक एक्का को गहरे सदमे में डाल दिया है। नितेश एक्का विशेष टास्क फोर्स के अग्रिम दल की स्काउट पार्टी का हिस्सा थे, जो किसी भी अभियान में सबसे आगे रहती है और सबसे जोखिम भरी स्थिति में होती है। उन्होंने अपनी बहादुरी और कुशलता से कई अभियानों को सफल बनाया। बड़े भाई अशोक ने  बताया कि उनके शहीद भाई के प्रेरणास्रोत बालोद एसपी चाचा सुरजन राम भगत थे। नितेश को हथियार और वर्दी पहनने का शौक था, जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने सेना में भर्ती होने का प्रयास किया, लेकिन ऊंचाई कम होने के कारण वह सेना में भर्ती नहीं हो सके। इसके बाद, 2017 में उन्होंने छत्तीसगढ़ सुरक्षा बल में भर्ती होकर एसटीएफ में अपनी सेवाएं शुरू कीं और 28 नवंबर 2020 से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हुए। 15 जून 2024 को अबूझमाड़ में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में सिर में गोली लगने से वह शहीद हो गए। अशोक ने कहा कि नितेश की शहादत उनके वर्दीधारी जीवन की चरम सफलता थी। आईजी सरगुजा अंकित गर्ग ने श्रद्धांजलि संदेश में कहा, “नितेश एक्का ने राष्ट्र के दुश्मनों के खिलाफ अद्वितीय वीरता का प्रदर्शन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। यह गर्व का विषय है और इस परिवार का बेटा चला गया तो दुख भी है।” उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ लंबे समय से नक्सलियों का दंश झेल रहा है, लेकिन अब नक्सलवाद अंतिम चरण में है। हमारा लक्ष्य है नक्सलवाद का समूल नाश करना और नक्सलियों का अंत करना ही शहीद नितेश एक्का को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर बालोद एसपी ने भी अपने श्रद्धांजलि संदेश में नितेश की बहादुरी की सराहना की। शहीद नितेश एक्का को अंतिम विदाई देने के लिए पूरा इलाका उमड़ पड़ा और “शहीद जवान अमर रहें” के नारे गूंजते रहे। नितेश की अद्वितीय बहादुरी और समर्पण हमेशा याद रखे जाएंगे और उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।सामाजिक रीति रिवाज से मृत देह का अंतिम संस्कार पोर्टेंगा पल्ली पुरोहित सरजियूस किंडो ने कराया।प्रशासन की ओर से एसडीएम कुशवाहा,एसडीओपी चंद्रशेखर परमा उपस्थित थे।अंतिम विदाई के दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष शांति भगत उमेश प्रधान, अनिल किस्पोट्टा,वाल्टर कुजूर,संदीप मिंज सैंडी,अभिनंद खलखो,रजनी प्रधान,विनोद प्रधान,देवधन नायक विशेष रूप से सक्रिय रहे।

ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने पत्थलगांव में खुला ई-सायकिल बिक्री केंद्र,सेहत और धन में फायदेमंद सायकिल की खूबियां देख युवा बिक्री केंद्र पहुंचने लगे,9 ई-सायकिल बिकी

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जशपुर – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ग्रीन एनर्जी पर विशेष फोकस का परिणाम ई-सायकिल,ई-स्कूटी,ई-बाईक्स के रूप में भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर में देखने को मिल रहा है।देशी कम्पनी VERB ELECTRIC की ई-सायकिल पत्थलगांव में कॉलेज,स्कूल के स्टूडेंट्स के आकर्षण का केंद्र बना है। इसकी खूबियों के बारे में सरगुजा सम्भाग के डिस्ट्रीब्यूटर कुजूर ट्रेडर्स की प्रमुख श्रीमती नीलम कुजूर ने बताया कि भारतीय वर्ब कम्पनी के स्मार्ट ई-साईकिल पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त है और पर्यावरण मित्र के साथ ही शरीर को फिट रखने का विकल्प देनेवाला आधुनिक सायकिल है।यह साइकिल इलेक्ट्रिक चार्ज से बिना पैडल मारे 50 किलोमीटर का माइलेज देता है।स्पीड की बात करें तो 25 किलोमीटर से लेकर 35 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ़्तार देता है।सबसे अच्छी बात यह है कि पेट्रोल,डीजल,सीएनजी की बढ़ती मंहगाई का यह बेहद सस्ता समाधान है।सभी उम्र के लोगों के लिए ई-सायकिल हेवी ट्रैफिक, तंग गलियों में आसानी से ले जाने के कारण काफ़ी तेजी से मार्केट में अपनी बिक्री बढ़ा रहा है।पत्थलगांव में कुजूर ट्रेडर्स ने 15 दिन पहले लोकल फॉर वोकल को बढ़ावा देते हुए ई-सायकिल बेचना शुरू किया है।अभी तक पत्थलगांव में 9 लोगों ने ई-सायकिल खरीदी है।वहीं 50 लोगों ने ई-सायकिल के बारे में जानकारी ली और टेस्ट ड्राइव भी किया।

भारत और ईरान का चाबाहार पोर्ट,रणनीतिक साझेदारी से किसको कितना फ़ायदा ?

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भारत और इस्लामिक गणराज्य ईरान के बीच शाहिद बेहेशती पोर्ट, चाबाहार के विकास और संचालन के लिए हाल ही में अंतिम रूप दिए गए 10-वर्षीय समझौते से संकेत मिलता है कि दोनों देश एक सहयोगी रणनीतिक साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं। चाबाहार पोर्ट दक्षिण-पूर्वी सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में ओमान की खाड़ी पर स्थित है। इसमें दो अलग-अलग पोर्ट शामिल हैं: शाहिद कलंतरी और शाहिद बेहेशती। भारत ने शाहिद बेहेशती में एक टर्मिनल का प्रबंधन करने की जिम्मेदारी ली है। ईरान के रणनीतिक चाबाहार पोर्ट के विकास और प्रबंधन की जिम्मेदारी लेना भारत को पश्चिम एशिया क्षेत्र में एक जिम्मेदार साझेदार और मुख्यधारा के खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है। यह क्षेत्र में भारत की बढ़ती रणनीतिक गहराई को भी दर्शाता है। अनजान लोगों के लिए, चाबाहार पोर्ट भारत के लिए अफगानिस्तान, मध्य एशियाई देशों और यूरोप के साथ व्यापार संबंध स्थापित करने का एक पारगमन बिंदु के रूप में कार्य करता है, जबकि पाकिस्तान के पोर्ट्स, विशेषकर ग्वादर पर लाभ प्रदान करता है, यह ध्यान में रखते हुए कि पाकिस्तान भारत का कट्टर प्रतिद्वंद्वी है। भारत और ईरान के बीच लंबे समय से ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं, जिसने स्वस्थ व्यापार और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा दिया है। भारत ने हमेशा मध्य एशिया, काकेशस और रूस के साथ भूमि और समुद्री संपर्क के लिए ईरान पर निर्भर किया है, जो यूरोप तक विस्तारित होता है। पोर्ट विकास परियोजना की योजना पहली बार 2003 में बनाई गई थी, लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों और तेहरान के परमाणु कार्यक्रम से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के कारण कई वर्षों तक विलंबित रही। 2015 में, भारत ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जब संयुक्त राज्य अमेरिका ने ईरान परमाणु समझौते के कारण प्रतिबंधों को शिथिल किया, जिससे भारत को ईरान के साथ व्यापार संबंधों का विस्तार करने में सक्षम बनाया गया। 2016 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा के दौरान परियोजना पर काम शुरू हुआ। 2018 में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा परमाणु समझौते को अचानक समाप्त करने और ईरान पर प्रतिबंधों को पुनः लागू करने से तेहरान के साथ भारत के चल रहे सहयोग पर अनिश्चितता पैदा हो गई। हालांकि, भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों से छूट हासिल की, जिससे वह अस्थायी रूप से पोर्ट का संचालन जारी रखने में सक्षम हो गया। सोमवार को हस्ताक्षरित समझौते के तहत, भारत ने टर्मिनल के लिए आवश्यक उपकरणों में $120 मिलियन का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। इसके अतिरिक्त, संबंधित पोर्ट परियोजनाओं के लिए $250 मिलियन के ऋण सुविधा के शामिल होने के साथ अनुबंध का कुल मूल्य $370 मिलियन हो गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत और ईरान के बीच द्विपक्षीय व्यापार $2.33 बिलियन तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21.76% की वृद्धि दिखाता है। भारत का ईरान को निर्यात $1.66 बिलियन था, जिसमें 14.34% की वृद्धि दर थी जबकि भारत का ईरान से आयात $672.12 मिलियन तक पहुंच गया, जिसमें सालाना 45.05% की वृद्धि दर थी। चाबाहार पोर्ट का महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक और महत्व है। यह भारत को अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (NSTC) से जोड़ता है, जो ईरान, अजरबैजान और रूस के माध्यम से यूरोप तक एक वाणिज्यिक मार्ग स्थापित करता है। एक पूरी तरह से परिचालित NSTC महाद्वीपीय व्यापार में शामिल समय और खर्च दोनों को कम करता है और इसे स्वेज नहर मार्ग के विकल्प के रूप में देखा जाता है। चाबाहार पोर्ट ग्वादर पोर्ट से लगभग 200 किमी दूर स्थित है, जिसे चीन द्वारा उसके बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के हिस्से के रूप में नियंत्रित किया जाता है। यह निकटता चाबाहार को भारत के लिए विशेष रूप से अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती है। पोर्ट का विकास भारत-ईरान संबंधों को मजबूत कर सकता है, जो चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सहयोग का प्रतिकार कर सकता है। इस बीच, चीन ईरान में अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है, महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों और रणनीतिक शिपिंग लेन को सुरक्षित करने के उद्देश्य से। ईरान के लिए, यह नई कूटनीतिक और आर्थिक गठबंधनों के द्वार खोलता है, विशेष रूप से पश्चिमी हलकों में इसके अलग-थलग स्थिति को देखते हुए। पोर्ट के विकास के माध्यम से भारत के साथ संबंधों को मजबूत करके, ईरान क्षेत्र में चीन के प्रभाव का मुकाबला कर सकता है। यह साझेदारी ईरान को वैकल्पिक आर्थिक अवसर प्रदान कर सकती है, पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण उसकी कमजोरी और आर्थिक स्थिरता को कम कर सकती है। ईरान और भारत के बीच संबंधों में सुधार क्षेत्रीय विभाजन को पाटने में भी मदद कर सकता है, अधिक समझ और सहयोग को बढ़ावा दे सकता है, क्षेत्रीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा दे सकता है, और जन-जन संपर्क को प्रोत्साहित कर सकता है। पोर्ट से जुड़े भूमि मार्ग अफगानिस्तान और मध्य एशिया के बाजारों की पहुंच को काफी हद तक बढ़ाने के लिए तैयार हैं। बढ़ते अंतर-संबंधों का अफगानिस्तान की तेजी से आर्थिक वृद्धि और विश्वव्यापी स्वीकृति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना है। अफगानिस्तान मुख्य रूप से पाकिस्तान से गुजरने वाली वाणिज्यिक लाइनों पर निर्भर है; हालांकि, चाबाहार पोर्ट एक व्यवहार्य वैकल्पिक विकल्प प्रदान करता है। चाबाहार अफगानिस्तान की आर्थिक वृद्धि और भारत से निवेश को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा दे सकता है। अफगानिस्तान भारत की भागीदारी के लिए उत्सुक है, और तालिबान सरकार ने भारत को नए आर्थिक परियोजनाएँ शुरू करने के लिए आमंत्रित किया है। इससे अफगानिस्तान के व्यापार और वाणिज्यिक मार्गों में विविधता आएगी, जिससे उसकी पाकिस्तान पर निर्भरता कम होगी। चाबाहार पोर्ट का विकास क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देकर पड़ोसी देशों के बीच सहयोग और कनेक्टिविटी को बढ़ावा दे सकता है। पाकिस्तान और चीन जैसे प्रतिकूल पक्षों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, चाबाहार पोर्ट के बुनियादी ढांचे और रसद में निवेश करने से अफगानिस्तान और समग्र रूप से मध्य एशिया के लिए अधिक समृद्ध भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

अधूरे-बिगड़े संसाधनों के साथ कुनकुरी कृषि महाविद्यालय युवाओं को दे रहा पँख,उम्दा प्रयोगशालाओं व हाईटेक क्लासरूम में विद्यार्थियों की कक्षाएं लगाने में डीन के प्रयासों की दिखी झलक

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जशपुर – 2019 में भूपेश सरकार ने जिले को कृषि कॉलेज के साथ रिसर्च सेंटर की बड़ी सौगात दी।जिसका लाभ जशपुर सहित पूरे प्रदेश के युवाओं को मिल रहा है।बावजूद इसके  कुछ कमियों की वजह से कॉलेज प्रबंधन और विद्यार्थियों का मनोबल गिरता दिख रहा है। दरअसल,18 जुलाई 2019 को कुनकुरी के आईटीआई कॉलेज में कृषि कॉलेज की कक्षाएं लगनी शुरू हुईं।उधर रायगढ़ रोड पर कुनकुरी से 4 किलोमीटर दूर पंडरीपानी गांव में कॉलेज की बिल्डिंग और फिर दो हॉस्टल बनना शुरू हुआ।कॉलेज के डीन अमित कुमार सिन्हा बताते हैं कि पंडरीपानी में 2023 में कॉलेज की बिल्डिंग अम्बिकापुर के ठेकेदार शिव अग्रवाल ने गुणवत्ता के साथ बनाकर दी।जिसमें नवम्बर 2023 से हमने कॉलेज व रिसर्च सेंटर शिफ्ट किया।इसी कैम्पर में 50-50 मीटर में छात्र व छत्राओ के दो हॉस्टल भी बनाये गयेव जिसमें बीते दो महीने से विद्यार्थी रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। यह आवासीय महाविद्यालय है जिसमें फ़िलहाल 40 छात्र और 25 छात्राएं रह रहे हैं।कॉलेज परिसर में टॉप क्लास के सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं जिससे संस्था प्रमुख के कमरे से पूरे कैम्पस पर नजर रखी जाती है।दोनों हॉस्टल में लगे सीसीटीवी कैमरे भी डीन के चैंबर से कंट्रोल होता है।इंटरनेट की समस्या को देखते हुए डॉ सिन्हा ने वाई-फाई सिस्टम लगाकर सभी को फ्री इंटरनेट दे दिया है। वहीं हॉस्टल में भी छात्र-छात्राओं ने डीन के प्रयासों की खुलकर प्रशंसा करते हुए बताया कि यहां पढ़ाई करने,भोजन करने की अच्छी व्यवस्था है।विद्यार्थियों को ही अपना मीनू तय करने का अधिकार है।डायनिंग हॉल, किचन रूम सभी सुव्यवस्थित रखा जाता है। (भूपेश सरकार में बने छात्रावास में दीमक लगने की एक तस्वीर) इसके बाद विद्यार्थियों ने परेशानियों के बारे में पूछने पर बताया कि भवन में बिजली वायरिंग सही तरीके से नहीं हुआ है।टाइल्स लगे फर्श से दीमक निकलकर कमरों में लकड़ी और किताबों को खराब कर रहे हैं।बिजली भी बार-बार चली जाती है जिसके कारण पढ़ाई करना मुश्किल हो जाता है।यहां जनरेटर नहीं है।बारिश होती है तो छत से पानी टपकता है। इन सब कमियों को लेकर संस्था प्रमुख से जवाब-तलब किया गया तो उन्होंने कहा कि इन सभी परेशानियों को कम करने के लिए प्रयास कर रहा हूँ।कॉलेज परिसर में बाउंड्रीवाल, विद्यार्थियों के प्रैक्टिकल व शैक्षणिक भ्रमण,कृषि फार्म आने जाने के लिए एक बस ,स्टॉफ क्वार्टर और परिसर में हॉस्टल से कॉलेज और कॉलेज से मेन रोड तक आने-जाने के लिए सड़क की मांग है। बहरहाल,उम्मीद की जा रही है कि कुनकुरी विधायक विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनने से कृषि शिक्षा के बड़े केंद्र में भ्रष्टाचार का दीमक लगाने वाले  जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी और कॉलेज की परेशानियों को जल्द से जल्द दूर किया जाएगा।

बड़ी खबर : बच्चेदानी के ऑपरेशन से हुई मौत पर स्वास्थ्य विभाग की बड़ी कार्रवाई,लक्ष्मी हॉस्पिटल को किया सील,मरीजों को दूसरे अस्पतालों में किया गया शिफ्थ

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रायपुर – गरियाबंद जिले के छुरा स्थिति लक्ष्मी नारायण अस्पताल को आज स्वास्थ्य विभाग ने सील कर दिया है।पुलिस फोर्स की मौजूदगी में हुई इस कार्रवाई के बाद से अस्पताल प्रबंधन मीडिया के सामने आने से बच रहा है। दरअसल, 10 मई 2024 को कुल्हाड़ीघाट निवासी आदिवासी महिला गैंदी बाई की मौत हो गई थी।पीड़िता का इलाज इसी अस्पताल में चला था,आरोप था लापरवाही पूर्वक महिला के बच्चे दानी का ऑपरेशन करने के कारण उसकी तबियत बिगडी और बाद मे उसकी मौत हुई थी।परिजनों ने 22 मई को जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर उक्त मौत पर कार्यवाही की मांग की । सीएमएचओ गार्गी यदु ने मामले में जांच कमेटी गठन किया।कमेटी को आरंभिक जांच में अस्पताल प्रबंधन की कई गलतियां मिली है। डॉक्टर हरीश चौहान जांच अधिकारी ने यह भी खुलासा किया है कि मृतिका उपचार के दरम्यान कई किसम की लापरवाही की गई थी, ऑपरेशन के पूर्व जो विभिन्न तरह के जांच होते हैं उन जांचों का भी समुचित ढंग से पालन नहीं किया गया था जिसके चलते जांच टीम ने प्रथम दृष्टि लक्ष्मी हॉस्पिटल छुरा को गलत पाते हुए अस्पताल को सिल्क सील कर दिया है तथा वहां भर्ती मरीज को जिला अस्पताल एवं अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर इलाज की व्यवस्था की गई है।

शिक्षा विभाग समर कैंप लगाकर विद्यार्थियों की रुचिकर विधाओं को उभारने में जुटा,बन्दरचुंवा हाईस्कूल में धूमधाम से शुरू हुआ समर कैंप

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जशपुर –  जिला कलेक्टर डॉ. रवि के नेतृत्व में शिक्षा के क्षेत्र में अलग पहचान बनाने वाले विकास खण्ड कुनकुरी के शास, अशासकीय, अनुदान प्राप्त स्कूलों में समर कैंप प्रारम्भ हो गया है। ग्रीष्मकालीन अवकाश में बच्चों को तरह तरह की विधाओं में पारंगत किया जा रहा है। इसी कड़ी में शासकीय उच्चतर विद्यालय बन्दरचुवा में भी समर कैंप संचालित हो रहा है । रुचिकर विधा में बच्चे भाग ले रहे हैं । संस्था के प्राचार्य गुप्तेश्वर साय , ब्याख्याता आयोध गुप्ता, सी ए सी  विजय यादव के सार्थक पहल से  बन्दरचुवा में प्राथमिक, माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक के बच्चे मोटिवेट होकर अच्छी संख्या मे भाग ले रहे हैं।कुछ रंगोली तो कुछ क्विज में तो कुछ चित्र कला में तो कुछ पेंटिंग में भाग ले रहे हैं। ग्रीष्म अवकाश के प्रारम्भ से ही विकास खण्ड कुनकुरी के प्राथमिक विद्यालय सलिकटोली, धूमा डाँड़, कन्या कुनकुरी, भुइहरतोली जैसे विद्यालय में अजीज प्रेमजी के ब्लॉक प्रभारियों व शिक्षकों के द्वारा समर कैंप प्रारम्भ हो गया है। हमारे जिले के जिला शिक्षा अधिकारी पी के भटनागर, डी एम सी  नरेन्द्र सिन्हा, के नेतृत्व में लगातार शिक्षा के क्षेत्र में मार्गदर्शन मिल रहा है। इस कार्यक्रम के संचालन, मॉनिटरिंग, के लिए विकास खण्ड स्तर पर टीम का गठन भी किया गया है। विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी सीताराम साव, सहायक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी श्रीमती मारिया गोरोति तिर्की, बी आर सी सी  बिपिन कुमार अम्बष्ट के समन्वित योजना से ब्लॉक के शत प्रतिशत स्कूलों में समर कैंप संचालन के लिए प्रयास किया जा रहा है।

आज फिर ओडिशा में धुंआधार सभाएं लेंगे छग के सीएम विष्णुदेव साय, कई लोकसभा क्षेत्रों के वोटरों को साधने की करेंगे कोशिश

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जशपुर – पूरे देश में जहां एक तरफ लोकसभा चुनाव का माहौल गर्म है, तो ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ विधासनभा चुनाव भी होने वाले हैं। ओडिशा में 13 और 20 मई को दो चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे प्रदेश में लोकसभा चुनाव भी हो रहे हैं। उड़ीसा में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के कई बड़े नेता लगातार प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। इसी कड़ी में छग के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी लगातार ओडिशा सहित अन्य राज्यों में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी सभाएं ले रहे हैं। उनकी सभाओं में लोगों की अच्छी भीड़ भी जुट रही है। *यहां लेंगे जनसभाएं* भाजपा के दिग्गज नेताओं के दौरों के बीच स्टार प्रचारक व छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय भी ओडिशा के दौरे पर जा रहे हैं।  इस दौरान सीएम साय प्रदेश से सटे सुंदरगढ़ लोकसभा क्षेत्र के तलसरा, बरगढ़ लोकसभा क्षेत्र के बिजेपुर और बलांगीर लोकसभा क्षेत्र के बिरमहराजपुर में जनसभा के माध्यम से चुनाव प्रचार करेंगे।सीएम साय आज सुबह 11.30 बजे रायपुर से हेलीकॉप्टर से रवाना होंगे और चुनाव प्रचार के बाद शाम 5.45 बजे वापस राजधानी रायपुर लौटेंगे।