बड़ी खबर: सड़क हादसे में 8 लोगों की मौत,खड़ी ट्रक को पिकप ने मारी टक्कर,घायलों के ईलाज में जुटा पूरा प्रशासन

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बेमेतरा – देर रात छठी कर्यक्रम से लौट रहे दर्जनों लोग सड़क हादसे का शिकार हो गए।एसपी रामकृष्ण साहू ने घटना की पुष्टि की है।जिसमें तेज रफ्तार पिकप ने सड़क किनारे खड़ी ट्रक को टक्कर मार दी।हादसे में 8 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हैं। दरअसल,घटनास्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार पिकप में 40 से ज्यादा लोग सवार थे जो सिमगा से लगे तिरैया गांव में छठी ( जन्म का छठवां दिन ) कार्यक्रम मनाकर लौट रहे थे।लगभग 2 बजे से 3 बजे के बीच यह एक्सीडेंट हुआ है। अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतकों में 5 महिलाएं और 3 बच्चे शामिल हैं।4 लोगों की हालत गम्भीर है जिन्हें कलेक्टर , एसपी और स्थानीय विधायक बेहतर इलाज के लिए रायपुर एम्स भेज रहे हैं।वहीं 23 घायलों का इलाज जारी है।पुलिस ने सभी 8 मृतकों की शिनाख्ती कर ली है । जिनके नाम भूरी निषाद (50), नीरा साहू (55), गीता साहू (60), अग्निया साहू (60), खुशबू साहू (39), मधु साहू (5), रिकेश निषाद (6) और ट्विंकल निषाद (6) है।

रिटायर्ड पुलिस कांस्टेबल को अज्ञात लोगों ने पीट-पीटकर मार डाला, हत्या की खबर से फैली सनसनी,थाना प्रभारी मल्लिका तिवारी घटना की जांच में जुटी

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जशपुर – कुनकुरी थाना क्षेत्र के हर्राडांड गांव में एक रिटायर्ड पुलिस कांस्टेबल प्रभात टोप्पो की हत्या की खबर आई है।घटना बीती रात की बताई जा रही है।मौके पर पुलिस पहुंच गई है और पंचनामा कार्रवाई कर लाश को पोस्टमार्टम के लिए रवाना की है। हत्या की खबर से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है।ग्रामीण सूत्र के मुताबिक बीती रात हर्राडांड  चौक से 200 मीटर कलिबा रोड पर स्थित मकान में बीती रात अज्ञात लोगों ने धावा बोला और घर में मौजूद प्रभात टोप्पो पिता पास्कल टोप्पो उम्र 49 वर्ष की पीट-पीटकर हत्या कर दी।मृतक की पत्नी से पुलिस घटना से जुड़े तथ्यों को लेकर जानकारी ले रही है। थाना प्रभारी मल्लिका तिवारी ने फोन पर घटना की पुष्टि की है।उन्होंने बताया कि मृतक की लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।हत्या के कारणों की जांच की जा रही है।फिलहाल इस बारे में ज्यादा कुछ कह नहीं सकती।

पुलिस प्रेक्षक ने स्ट्रांग रूम एवं मतगणना स्थल का निरीक्षण किया सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली आवश्यक दिशा निर्देश दिए

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जशपुर, 21 अपै्रल 2024/भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा क्षेत्र क्रमांक 2 रायगढ़ के लिए नियुक्त किए गए पुलिस प्रेक्षक मुख्तार मोहसिन ने आज शासकीय उच्चतर माध्यमिक मॉडल स्कूल डोडकाचौरा में बनाए गए स्ट्रांग रूम तथा मतगणना  स्थल का निरीक्षण किया।वहीं लोकसभा आम निर्वाचन से जुड़े तैयारियों का जायजा भी लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम, मतगणना कक्ष एवं सुरक्षा मानकों का निरीक्षण करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम का निरीक्षण किया एवं सुरक्षा संबंधी जानकारी ली। पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह ने बताया की तीनो विधान सभा के लिए बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम के सामने एवं कॉरिडोर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। इसके साथ सिक्योरिटी हेतु फोर्स तैनात किया गया है। उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था, कंट्रोल रूम, बिजली, पानी, सीसीटीवी, बैरिकेट्स, फायर ब्रिगेड सहित अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी ली तथा सीसीटीवी के एंगल का अवलोकन किया और सभी आवश्यक व्यवस्थाएं दुरुस्त रखने के निर्देश दिए। इस दौरान पुलिस अधीक्षक  शशि मोहन सिंह, अपर कलेक्टर् आई एल ठाकुर, एसडीएम प्रशांत कुशवाहा, पुलिस विभाग के आला अधिकारी एवं निर्वाचन शाखा के कर्मचारी उपस्थित थे।

महावीर जयंती पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी बधाई,णमोकार युवा मंडल ने राहगीरों को शर्बत पिलाकर दिया अहिंसा का संदेश,नपं सीएमओ ने मांस की बिक्री बंद कराई

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Jashpur – भगवान महावीर स्वामी की जयंती पूरे देश में मनाई जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को महावीर जयंती की बधाई दी है।कुनकुरी शहर के चौक-चैराहों पर जैन धर्मानुयायी लोगों को शर्बत पिलाकर शाकाहार अपनाने की अपील कर रहे हैं। महावीर जयंती के पुण्यदिवस पर जशपुर,कुनकुरी और बगीचा शहर में लोगों तक महावीर स्वामी के शुभ सन्देश पहुंचाने के लिए कई सारे आयोजन कर रहे हैं। उन्हें भीषण गर्मी में राहत की शर्बत पिला रहे हैं।णमोकार युवा मंडल के अध्यक्ष अंशुल रारा ने बताया कि आज दिन भर लोगों की सेवा करते हुए महावीर स्वामी का स्मरण कर उनके विचारों को जन जन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। शाम 4 बजे जैन मंदिर से महावीर स्वामी की भव्य शोभायात्रा निकालते हुए अहिंसा परमोधर्म: , शाकाहार अपनाने का सन्देश देंगे।राहगीरों को शर्बत पिलाने में निपेन्द्र जैन, रवि जैन, मुकेश जैन,मोनू-सोनू रारा,आलोक रारा,रमनजैन,शोभित जैन,कौशल  रारा,नेहिल,समंत,कुशाल समेत अनेक जैन धर्मानुयायी सक्रिय रहे।

मानव तस्करों की कैद से तीन नाबालिग बच्चों को सकुशल छुड़ाया,एसपी शशिमोहन सिंह की मॉनिटरिंग हुई सफल,एमपी में अन्य आरोपियों की धरपकड़ में टीम जुटी

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जशपुर – एसपी शशिमोहन सिंह ने नाबालिग बच्चों की मानव-तस्करी करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है।इस मामले में आरोपिया रिश्तेदार ने तीन अनाथ बच्चों को सब्जबाग दिखाकर अपने रैकेट के जरिये मध्यप्रदेश के छतरपुर तक भेज दी।इस घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि मानव तस्कर अभी भी जिले में सक्रिय हैं।पुलिस की टीम इन रैकेट में शामिल सभी आरोपियों की गिरफ्तारी में जुटी है। दरअसल, 65 वर्षीय प्रार्थी ने दिनांक 18.04.2024 को पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसके नाती का करीब 07-08 वर्ष पूर्व एक्सीडेंट होने से मृत्यू हो गई जिसके बाद नाती की पत्नी ने दूसरी जगह शादी कर घर बसा ली। प्रार्थी के नाती के 03 बच्चे हैं, सबसे बड़ी लड़की उम्र 14 साल, मंझली लड़की 12 साल एवं सबसे छोटा लड़का जो 10 साल का है।  उक्त तीनों बच्चे प्रार्थी के बड़े भाई जो जन्म से अपाहिज है उन्हीं के घर में रहते हैं, प्रार्थी एवं परिवार के लोग बीच-बीच में जाकर बच्चों की देख-भाल करते हैं। थाने में दिए तहरीर के मुताबिक  दिनांक 12.04.2024 को शाम लगभग 04 बजे प्रार्थी बकरी चराकर वापस अपने घर में आया तो उसकी बहू ने उसे बताया कि उसके तीनों पड़पोते-पोती घर में बिना किसी को बताये कही चले गये हैं, प्रार्थी द्वारा बच्चों की पतासाजी के दौरान उसे गांव के लोगों से पता चला कि तीनों बच्चों को उनके निकट रिश्तेदार के साथ स्कूटी में बैठकर जाते देखना बताया गया। प्रार्थी द्वारा निकट रिश्तेदार है यह सोचकर वह उसी समय उसे फोन नहीं किया। प्रार्थी 03 दिन बाद रिश्तेदार को फोन करके बच्चों के संबंध में पूछा तो वह बच्चों को नहीं जानती हूं, मेरे पास नहीं है बताई। प्रार्थी की उक्त रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की अत्यंत संवेदनशीलता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह (IPS) ने एसडीओपी बगीचा श्रीमती निमिषा पाण्डेय के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर उक्त गुम बच्चों की पतासाजी हेतु लगाया गया, जिसकी माॅनीटरींग स्वयं पुलिस अधीक्षक जशपुर द्वारा किया गया। टीम द्वारा उक्त तीनों बच्चों को सकुशल बरामद कर थाना लाया गया। पूछताछ में बच्चियों ने बताया कि घटना दिनांक के 02 दिन पूर्व उनकी रिश्तेदार उनके घर में आई थी और बोली कि मेरे साथ चलो, तो वह प्रार्थी को बिना सूचित किये उक्त दोनों बच्चियों को अपने साथ लेकर अपने घर आई, 02 दिन अपने साथ रखी फिर दिनांक 12.04.2024 को उसने अपने स्कूटी वाहन से दोनों बहनों को उनके घर तपकरा क्षेत्र स्थित घर में लेकर आई और बोली कि-”तुम्हारे पिताजी का पैसा निकलेगा, तुम लोग साथ में रहोगे तब मिलेगा, तुम लोग बाहर जाकर काम करोगे तो उसका भी पैसा मिलेगा और तुमलोगों का अमीर घर में विवाह करा दूंगी जिंदगी अच्छे से कटेगा, तुम्हारे भाई को भी ले जायेंगे, चुपचाप चलना है किसी को नहीं बताना है” कहते हुये अपनी बातों में लेकर तीनों भाई-बहन को स्कूटी वाहन में बैठाकर तपकरा आई और उन्हें बोली कि बस से कुनकुरी बस स्टैंड जाना फिर वहां से दूसरा बस पकड़कर कांसाबेल जाना है, मैं भी आती हूं। कांसाबेल बस स्टैंड में उसकी सहेली मिलेगी कहकर वह बस किराये के लिये 500 रू. दी। फिर वह एक बस में बिठाई एवं कुनकुरी में बस बदलकर कांसाबेल पहुंचने पर उनकी रिश्तेदार एवं उसके साथी मिले। रिश्तेदार की साथी ने उन्हें पुनः बस में बिठाकर अम्बिकापुर ले गई उसके बाद रेल्वे स्टेशन अंबिकापुर में ले जाकर अब मेरे साथ रहना है कहते हुये ट्रेन के माध्यम से अनुपपुर होते हुये अपने घर छतरपुर (मध्य प्रदेश) ले गई।   रिश्तेदार के साथियों ने दोनों नाबालिग बहनों को कहा कि-तुम लोग दिल्ली जाकर काम करना, अच्छा पैसा मिलेगा, तुम लोगों का शादी भी कराना है, तुम्हारा भाई हमलोगों के पास रहेगा। आरोपियों ने तीनों भाई-बहन को 3-4 दिन अपने पास बंधक बनाकर रखे थे, किसी से बातचीत नहीं करने देते थे। इसी दौरान एक दिन उनके पास एक आदमी को शादी करने के लिये बुलाये, बच्ची द्वारा शादी करने से मना करने पर वह वहां से चला गया। इसी दौरान उन्हें पुलिस की सक्रियता के संबंध में जानकारी मिली एवं दबाव पड़ने पर वह अंबिकापुर तक उन बच्चों को छोड़ दिए। जशपुर जिले के एक गांव में निवासरत उक्त रिश्तेदार आरोपिया को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर बताई कि वह योजनाबद्ध तरीके से उक्त तीनों बच्चों को बहला-फुसलाकर अपने साथ घर में बिना किसी को बताये ले गई एवं दोनों बच्चियों को शादी करा दूंगी कहकर अपने साथियों को सौंप दी थी। रिश्तेदार ने बच्चियों की शादी कराने के लिये 03 लाख में सौदा कर ली थी जिसका एडवांस वह 20 हजार ले चुकी थी, 10 हजार रू. खर्च हो गये एवं शेष नगदी 10 हजार रू. नगद, स्कूटी वाहन एवं 01 नग मोबाईल को पुलिस द्वारा जप्त किया गया है। आरोपिया उम्र 35 साल का कृत्य उक्त धारा सदर का अपराध पाये जाने पर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। प्रकरण की विवेचना कार्यवाही, बच्चों की बरामदगी एवं आरोपिया की गिरफ्तारी में एसडीओपी बगीचा श्रीमती निमिषा पाण्डेय, थाना प्रभारी तपकरा उ.नि. सुनील सिंह, स.उ.नि. प्रेमिका कुजूर, स.उ.नि. अनिल कामरे, स.उ.नि. सामुदान टोप्पो, म.आर. 633 मंजू यादव, आर. शिवपूजन साय की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह (IPS) ने कहा है कि “मामले में 01 आरोपी गिरफ्तार है, अन्य फरार आरोपियों की अतिशीघ्र गिरफ्तारी होगी, मामले में और बड़े खुलासे होने की संभावनाएं हैं।

मधुमक्खी के डंक से जनजीवन को सुरक्षित रखने की रूपरेखा तय,स्थानीय अवकाश को देखते हुए छत्तों को हटाने बनी रणनीति

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जशपुर – जिला मुख्यालय समेत पत्थलगांव,कांसाबेल,कुनकुरी में मधुमक्खियों के अनगिनत छत्तों को लेकर आम लोगों के साथ ही खास लोगों में बढ़ती असुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन और वन विभाग ने पहल की है।जिसको लेकर बीते 10 अप्रैल को वर्चुअल कांफ्रेंस हुआ। बता दें कि 9 अप्रैल को सरहुल पूजा के दौरान धुंए से परेशान मधुमक्खियों का झुंड पूजा कर रहे बैगाओं व अन्य लोगों पर टूट पड़ा था।जिसके बाद जिले भर में मधुक्खियों के छत्ते समाचारों की सुर्खियों में हैं।मधुक्खियों के ऊंचाई पर छत्ते बनाने की वजह से ऊंचे पेड़ों और भवनों में इनका डेरा दिखता है।कई बार ये पक्षी की चोंच मारने से तेज हवा के झोंके से और छत्तों के नीचे आग लगाने, धुँआ करने से भड़क जाते हैं और हमला कर देते हैं। इन सब परिस्थितियों को देखते हुए मधुक्खियों और इंसानों के बीच के संघर्ष की भावी संभावनाओं को खत्म करने की दिशा में वनमण्डलाधिकारी जितेंद्र उपाध्याय ने पहल करते हुए विभाग प्रमुखों के साथ वर्चुअल कांफ्रेंस की। जितेंद्र उपाध्याय ने चर्चा में बताया कि जशपुर जिले में कई विभागीय दफ्तरों और सार्वजिक स्थानों में मधुमक्खियों के बड़े बड़े छत्ते हैं जिन्हें तकनीकी मार्गदर्शन देते हुए हटाने की प्रक्रिया शुरू किए जाने के लिए आपसी समन्वय बना है। राजस्व,पुलिस,वन विभाग,स्वास्थ्य विभाग और नगरीय क्षेत्र के अधिकारियों के बीच यह तय हुआ है कि जहाँ-जहाँ ऐसे छत्ते हैं वहां के कार्यालयीन प्रमुख स्थानीय अवकाश, स्थानीय परिस्थिति तथा एक्सपर्ट की राय के अनुरूप तिथि तय कर कार्रवाई करना ही सही प्रक्रिया है।जिस दिन छत्ता हटाना है उस दिन आसपास के लोगों को सूचना देकर अलर्ट कर दें।सभी को विशेषज्ञ जगेश्वर के संपर्क नम्बर 9302597847 दे दिए गए हैं वहीं मधुमक्खियों के रहन-सहन,उनकी गतिविधियों के साथ उन्हें हटाने के लिए रौनी में दो लोगों की प्रशिक्षित टीम है जिसे वन विभाग की ओर से वर्धा में प्रशिक्षण दिलाया गया है।

जैव विविधताओं से भरे जशपुर में वीआईपी मूवमेंट से पहले बनानी होगी रणनीति,वीआईपी सुरक्षा बेहतर समन्वय से ही सम्भव

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  @संतोष चौधरी आपने फिल्मी गाना जरूर सुना होगा एक बरस के मौसम चार-मौसम चार,पांचवां मौसम प्यार का’।इस गाने को गुनगुनाते हुए जानिए की यह छत्तीसगढ़ राज्य का एकमात्र जिला जशपुर है जहां एक बरस नहीं बल्कि बारहों महीने चार मौसम होते हैं।अधिक ठंडा,कम ठंडा,कम गर्म,अधिक गर्म।यही वजह है कि यहां जैव विविधता भी ज्यादा है। तो मैं हाल की एक घटना से अपनी बात शुरू करना चाहूंगा जिसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय दीपू बगीचा में सरहुल पूजा उत्सव मनाने बतौर मुख्य अतिथि आने वाले थे।जिसमें सुबह तकरीबन साढ़े दस बजे के करीब धरती माता की पूजा करते समय बैगा (आदिवासियों के पुजारी) धूप-अगरबत्ती जला दिए जिसके धुँए से पूजा स्थल के ऊपर पीपल पेड़ पर मधुमक्खियों का छत्ता था,वे नाराज हो गए और बैगाओं पर बरस पड़े।इस कारण आनन-फानन में मुख्यमंत्री श्री साय का कार्यक्रम स्थल बदलकर कल्याण आश्रम स्कूल परिसर करना पड़ा। इस कार्यक्रम के बाद से एक चर्चा सीएम सिक्योरिटी को लेकर चलने लगी।जिस पर मुझे लगता है कि ठीकरा फोड़ने से ज्यादा अच्छा होगा कि इस घटना से सबक लेते हुए आनेवाले हर वीआइपी, वीवीआइपी या कहूँ तो बड़े आयोजनों से पहले बेहतर समन्वय के साथ रणनीति बनानी होगी। जल-जंगल और जमीन से अमीर जशपुर जिले में वीआईपी की सुरक्षा को लेकर हाथियों के मूवमेंट को देखते हुए, मधुमक्खियों के छत्तों को बिना छेड़े कार्यक्रम कराने के कई उदाहरण प्रशासन के पास होंगे।मुझे याद आ रहा है कि पम्पशाला में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कंवर समाज के बड़े उत्सव में आने से पहले उनकी सुरक्षा से जुड़ी सारी चीजें बारीकी से जांची-परखी जा चुकी थी जिसमें कार्यक्रम से महज सौ मीटर बाद मधुमक्खियों के पचासों छत्ते थे।समय रहते यह पता चल गया और पुल के पास प्रस्तावित भोजन पकाने की तैयारी बंद कर दी गई।जिससे कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। इससे पहले की एक घटना पूर्व सीएम भूपेश बघेल से जुड़ी है जिसमें कुनकुरी पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में भेंट मुलाकात के समय रेस्ट हाउस के बगल में पानी टँकी में कई सारे छत्ते थे जिन्हें वन विभाग के मना करने के बावजूद अन्य विभाग के द्वारा जला दिया गया था। जिससे मधुमक्खियों की नाराजगी बढ़ी और रेस्ट हाउस में हर जगह भिनभिनाने लगी।सीएम का समाज के लोगों के साथ मुलाकात के कार्यक्रम व्यवधान पैदा हो गया। समन्वय का एक उदाहरण और, जैसा कि भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील गुप्ता ने मुझे बताया कि विधानसभा चुनाव प्रचार में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह विजयी रथ से कांसाबेल पहुंचे थे जहाँ से कुछ ही दूरी पर पीपल पेड़ पर मधुमक्खियों के कई सारे छत्ते थे,जिन्हें उनके आने से पहले व्यवस्थित कर लिया गया था। एक बार गर्ल्स कॉलेज जशपुर में भी एक आयोजन के दौरान सांप घुस आया था।जिसे भी प्राचार्य विजय रक्षित द्वारा भगदड़ मचने से पहले हटा दिया गया। तो यह बात समझने की है कि जब भी कोई उच्च पदधारी व्यक्ति का जिले में आगमन हो तो सभी विभाग समय से पहले हर बारीकियों और दिशा निर्देशों का पालन करें और आयोजकों से करावें। धर्म-आस्था से जुड़ी कई ऐसी चीजें भी हैं जिन्हें हमें सम्मान देते हुए समझना भी होगा।हमारे जिले की बात करूं तो यहां मधुमक्खियों को देवीसेना के रूप में मान्यता है।जिसके कारण इन्हें जलाकर हटाने की बजाए बैगा द्वारा मंत्रोच्चार कर बांधा जाता है।यदि प्रशासन इसे अंधविश्वास मानकर बिना इनकी अनुमति के छत्ते हटाने की कोशिश करेगा तो मधुमक्खियों से पहले यहां के लोग भिन्ना जाएंगे। एक्सपर्ट बताते हैं कि मधुमक्खियों को हटाने की पूरी प्रक्रिया पांच दिनों की है।पहले दिन बैगा या जानकार व्यक्ति द्वारा मंत्रोच्चार कर मधुक्खियों को भगाया जाता है । उनके छत्ता छोड़ने के बाद छत्ते को जलाया जाता है ।इसके बाद मधुमक्खियां दो दिन तक छत्ते के आसपास मंडराती रहेंगी और जब उन्हें यह मालूम हो जाएगा कि कोई नुकसान नहीं हुआ है तो फिर वे शांत हो जाएंगी और दूसरे स्थान पर नया छत्ता बनाने लगेंगी। 5 दिन के बाद ही माना जाता है कि अब वे नहीं लौटेंगी। अतः मेरे विचार से ऐसे विशिष्ट व्यक्तियों के आगमन की जानकारी होते ही समय से पहले सभी विभाग बेहतर समन्वय के साथ रणनीति बनाएंगे तो कभी यूँ न होगा।सब काम सांय-सांय होगा।

गए थे लकड़ी चुराने,हाथी ने जान ले ली,वन विभाग ने चोरी की लकड़ी समेत तीन बाईक बरामद की,डीएफओ जितेंद्र ने दी अहम जानकारी

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जशपुर – लैलूंगा शहर के अंदर घूमने वाले लोनर हाथी ने जंगल में लकड़ी चोरी करने गए एक ग्रामीण को कुचलकर मार डाला।डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि बीट फारेस्ट ऑफिसर ने घटना से पहले ग्रामीणों को हाथी के होने की सूचना देते हुए जंगल से खदेड़ा था लेकिन मृतक दुबारा जंगल चला गया था।घटना रविवार शाम की बताई जा रही है। दरअसल, जशपुर जिले के 4 रेंज  तपकरा,पत्थलगांव,कुनकुरी और बगीचा रेंज के गांवों में विगत दो दशकों से हाथी-मानव द्वंद्व चल रहा है।ताजा घटना तपकरा रेंज के अम्बाकछार गांव से लगे जंगल में घटी है जहां रविवार की शाम को डोंगादरहा गांव का अमीर एक्का उम्र 50 वर्ष जंगल में लकड़ी चोरी करने गया था।जहां लैलूंगा रेंज से तपकरा रेंज में आये हाथी से सामना हुआ और हाथी ने उसे कुचलकर मार डाला।   वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि लोनर हाथी पर ड्रोन से नजर रखी जा रही थी और उसके विचरण क्षेत्र के आसपास के गांवों में लोगों को अलर्ट भी किया जा रहा था। वनमंडलाधिकारी जितेंद्र उपाध्याय खबर जनपक्ष को बताया कि ग्रामीणों के द्वारा नशे में और जिद में जंगल जाने के कारण ज्यादातर ऐसी घटनाएं सामने आती हैं।बीते 10 सालों से वन विभाग द्वारा जागरूकता कार्यक्रम करने का असर रहा कि हाल के वर्षों में हाथी-मानव संघर्ष में कमी आई है।इस मामले में चूंकि जंगल में लकड़ी चोरी करने 4 लोग घुसे थे जिनके खिलाफ वन अधिनियम की कार्रवाई की जा रही है।तीन मोटरसाइकिल और चोरी की हुई लकड़ी बरामद किया गया है।मृतक का शव बरामद कर पोस्टमार्टम पश्चात शव परिजनों को सौंप दिया गया है।

CRPF 76 जवानों की शहीदी पर उनके गाँव पहुंचा,दी श्रद्धांजलि,अब हर वर्ष इसी दिन ताड़मेटला के शहीदों को करेंगे याद

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जशपुर –  जिले के बरांगजोर गांव का बेटा शहीद लेओस खेस के स्मारक में सीआरपीएफ ने शहीद की विधवा,ग्रामीणों और स्कूली बच्चों के साथ शहीद को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।आज ही के दिन 6 अप्रैल 2010 को दंतेवाड़ा के ताड़मेटला गांव में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के 76 जवानों की निर्मम हत्या की थी।जिसमें सिपाही लेओस खेस शहीद हुए। दरअसल,सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल आईपीएस अनीस दयाल सिंह के निर्देशानुसार व साकेत कुमार सिंह,IPSमहानिरीक्षक छत्तीसगढ़ सेक्टर, राज कुमार,उप महानिरीक्षक ग्रुप सेंटर बिलासपुर के मार्गदर्शन में आज के दिन चिंतलनार ताड़मेटला नक्सली हमले में शहीद हुए सभी 76 जवानों के गांवों में सीआरपीएफ के अधिकारी पहुंचकर उन्हें अपनी श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं।इसी कड़ी में कुनकुरी थाना इलाके के बरांगजोर गांव में भी लेओस खेस के शहीद स्मारक पर ग्रुप सेंटर बिलासपुर से असिस्टेंट कमांडेंट अंकित कुमार ,इंस्पेक्टर मोहम्मद परवेज जवानों के साथ पहुंचे हैं। असिस्टेंट कमांडेंट अंकित कुमार ने इस मौके पर बताया कि 62 बटालियन के शहीद सिपाही लेओस खेस का जन्म 1 मार्च 1968 को हुआ था। 26 दिसम्बर 1995 में लेओस ग्रुप केंद्र रामपुर और 62 बटालियन में तैनात रहे।दंतेवाड़ा में तैनाती के दौरान 6 अप्रैल 2010 को चिंतलनार से नक्सली गतिविधियों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए तलाशी अभियान में अपनी पार्टी के साथ निकले थे।तभी ताड़मेटला गांव में घात लगाए बैठे नक्सलियों ने उनकी पार्टी पर हमला कर दिया जिसमें केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के बहादुर सिपाही लेओस खेस समेत 76 जवान शहीद हो गए।जिन्हें याद करते हुए परिवार के लोग भावुक हो रहे हैं और अपने बेटे/भाई के बलिदान पर गर्व भी कर रहे हैं। इससे पहले सीआरपीएफ की ओर से शहीद की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर सलामी दी गई।फिर असिस्टेंट कमांडेंट ने शहीद लेओस की विधवा कलिस्ता को शाल ओढ़ाकर सम्मानित करते हुए हौसला बढ़ाया। कलिस्ता अपनी दो बेटियों के साथ अपने पति को याद करते हुए बार-बार भावुक हो रही थी।गांव के सरपँच पेत्रुस खेस ने इस मौके पर कहा कि आज के दिन मेरा दोस्त देश के लिए उग्रवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गया।यह परिवार के लिए काफी दुखदायी है।हम सब गांव के लोग देश के अपनी जान देने वाले जवान के परिवार के साथ खड़े हैं और शहीद की पत्नी को हर राष्ट्रीय पर्व में मुख्य अतिथि बनाकर उनका सम्मान भी करते हैं। शहीद जवान की बहन सरोज खेस ने कहा कि मुझे मेरे भाई की शहादत पर गर्व है।उसकी कुर्बानी बेकार नहीं गई है।उसकी वीरता की कहानी सुनकर बेटी भी फौज में जाने की तैयारी कर रही है।

मुख्यमंत्री ने 8 साल की बच्ची को दिया नया जीवन,अँतड़ी में आलपिन चले जाने से बच्ची का जीवन खतरे में,रायपुर में हुआ ईलाज, सीएम कैंप बगिया से मरीजों को मिल रहा नया जीवन

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जशपुर – खाना खाने के बाद,दांत साफ करते समय आलपीन  निगल जाने से संकट में फंसी 8 साल की बच्ची को सीएम कैम्प बगिया की पहल से नया जीवन मिला है। रायपुर के डीकेएस अस्पताल में सफल आपरेशन के बाद बच्ची घर लौट कर स्वास्थ्य लाभ ले रही है। मरीज के माता पिता ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का अभार जताया है। जिले के फरसाबहार ब्लाक के डोंगादरहा निवासी संध्या राउत के पिता रविशंकर ने बताया कि लगभग 1 माह पूर्व संध्या खाना खाने के बाद आलपिन से दांत साफ करते समय उसे निगल गई। जिस समय आलपीन मासूम के पेट में गया वह खुला हुआ था। पेट की अंतड़ियों में फंसी आलपीन के चुभने से मासूम को भयंकर दर्द होने लगा। दर्द से बैचेन संध्या का रो रो कर बुरा हाल हो गया। संध्या के माता पिता ने उसकी जान बचाने के लिए स्थानीय अस्पताल में जांच कराया। चिकित्सकों ने एक्सरे के माध्यम से पेट में फंसे हुए आलपीन का पता लगाया और इसे निकालने की भी कोशिश की लेकिन इसमें वे सफल नहीं हो सके। चिकित्सकों ने रवि शंकर को किसी बड़े अस्पताल में ले जा कर,आपरेशन कराने की सलाह दी लेकिन आर्थिक तंगी ने रवि शंकर का रास्ता रोक लिया। ऐसे में उन्होनें संध्या के उपचार में सहायता के लिए जिले के कांसाबेल ब्लाक के बगिया में स्थित सीएम कैम्प में गुहार लगाई। मासूम की गंभीर स्थिति को देखते हुए सीएम कैम्प ने तत्काल स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया और उसके उपचार के लिए रायपुर के डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में व्यवस्था की। यहां चिकित्सकों ने पीड़ित संध्या की जांच करने के बाद,पेट का आपरेशन कर,अंतड़ी में फंसे हुए पिन को बाहर निकाल कर,उसे नया जीवनदान दिया है,और समुचित इलाज कराकर वापस घर लौट आई है। पथरी का भी हुआ उपचार पेट में फंसे हुए आलपीन के दर्द से परेशान संध्या को जब उपचार के लिए मातापिता डीकेएस अस्पताल लेकर पहुंचे तो डाक्टरों ने जांच के दौरान पाया कि मासूम संध्या को पथरी की भी समस्या है जो आगे चल कर,उसके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती है। आलपीन निकालने के साथ ही चिकित्सकों ने संध्या को पथरी की समस्या से भी निजात दिला दीlबच्ची की जान बचाने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का परिजनों ने आभार जताया है।