जशपुर जम्बूरी: साहसिक खेल, संस्कृति और दोस्ती का अनोखा सफर

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जशपुर, 18 अक्टूबर 2024। जशपुर की खूबसूरत पहाड़ियों में चल रहा चार दिवसीय जशपुर जम्बूरी युवा उत्सव इस साल भी साहसिक खेलों और जनजातीय संस्कृति से पर्यटकों को रोमांचित कर रहा है। 17 से 20 अक्टूबर तक चलने वाले इस आयोजन में देशभर से आए युवा प्रकृति, साहसिक खेलों और स्थानीय जनजातीय परंपराओं से रूबरू हो रहे हैं। कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य जशपुर के पर्यटन को बढ़ावा देना और इसकी सांस्कृतिक व प्राकृतिक धरोहर से दुनिया को परिचित कराना है। शुक्रवार, 18 अक्टूबर को देशदेखा पहाड़ी में साहसिक गतिविधियों का आयोजन हुआ, जिसमें पर्यटकों ने रॉक क्लाइम्बिंग, रैपलिंग और ट्रैकिंग जैसी रोमांचक खेलों का आनंद लिया। जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार ने भी पर्यटकों के साथ ट्रैकिंग करते हुए मयाली नेचर कैम्प का दौरा किया। ट्रैकिंग के दौरान पर्यटकों ने स्थानीय वनस्पतियों और जंगली रास्तों से परिचित होकर साहसिक सफर का लुत्फ उठाया। पारंपरिक करमा नृत्य और स्वागत गीत से आतिथ्य मयाली नेचर पार्क पहुंचने पर देशभर से आए युवाओं का स्वागत पारंपरिक करमा नृत्य और स्वागत गीतों से किया गया। इस अवसर पर युवाओं ने आदिवासी नर्तकों के साथ नृत्य किया, जिससे पूरे माहौल में उत्साह की लहर दौड़ गई। पारंपरिक व्यंजन और जनजातीय कलाकारों की प्रदर्शनी ने जम्बूरी को सांस्कृतिक रंग में रंग दिया, जहां पर्यटकों ने आदिवासी कला और संस्कृति के सरलता भरे पहलुओं को करीब से जाना। युवाओं के अनुभव: सपनों के उत्सव का मजा रांची की दीपिका ने बताया कि उन्होंने ऐसा उत्सव केवल फिल्मों में देखा था। यहां एडवेंचर स्पोर्ट्स, बॉन फायर, रॉक क्लाइम्बिंग और बोटिंग उनके लिए सपनों को पूरा करने जैसा अनुभव रहा। रायपुर के आयुष्मान ने बताया कि उन्हें यहां आकर आदिवासी संस्कृति की सादगी और सरलता को जानने का अवसर मिला, जिससे वे बेहद प्रभावित हुए। इंदौर के सुष्मीत जैन ने कहा कि जशपुर जम्बूरी उन्हें नई चीजें सीखने का बेहतरीन मौका दे रहा है, और उन्होंने साहसिक खेलों का भरपूर आनंद लिया। बिलासपुर के दीपक पटेल ने इसे दोस्ती का उत्सव बताया, जहां देशभर से आए युवा आपस में मिलकर नई-नई चीजें सीख रहे हैं। उनके अनुसार, यह आयोजन आपसी मेलजोल और रोमांचक अनुभवों से भरा हुआ है। वहीं, विकास साहू ने कहा कि इस उत्सव में सब कुछ बेहतरीन तरीके से आयोजित किया गया है और साहसिक खेलों ने उन्हें बेहद रोमांचित किया है। जशपुर जम्बूरी में हर किसी के लिए कुछ खास है—साहसिक खेलों से लेकर सांस्कृतिक अनुभवों तक, यह उत्सव प्रकृति, रोमांच और दोस्ती का बेहतरीन संगम है – डॉ. रवि मित्तल,कलेक्टर जशपुर  

*सफलता की कहानी: जशपुर की बेटियों का क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन,राष्ट्रीय अंडर-17 महिला क्रिकेट टीम में इन छात्राओं का हुआ चयन*

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जशपुर, 17 अक्टूबर 2024: जशपुर जिले की बेटियों ने खेल के मैदान में एक और बड़ी सफलता हासिल की है। सरगुजा संभाग की टीम में शानदार प्रदर्शन करते हुए जशपुर की 13 बेटियों ने रजत पदक जीता है। इस उपलब्धि के साथ ही इचकेला स्थित प्री-मेट्रिक बालिका छात्रावास की 3 बेटियों, एंजल लकड़ा, झुमुर तिर्की और वर्षा बाई का चयन राष्ट्रीय अंडर-17 महिला क्रिकेट टीम में हो गया है। ये तीनों खिलाड़ी अब आगामी राष्ट्रीय अंडर-17 महिला क्रिकेट प्रतियोगिता 2024-25 में देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। जशपुर की बेटियों का सरगुजा संभाग में दबदबा जशपुर की बेटियां राज्य स्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में अपने अद्वितीय प्रदर्शन से न सिर्फ संभाग का नाम रौशन कर रही हैं बल्कि राष्ट्रीय टीम तक पहुंच रही हैं। सरगुजा संभाग की क्रिकेट टीम में जशपुर की 13 बेटियों का चयन यह दर्शाता है कि जिले में खेल के प्रति बढ़ती रुचि और संभावनाओं को कैसे साकार किया जा रहा है। इन खिलाड़ियों में से 11 बालिकाएं इचकेला छात्रावास की हैं, जो एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। छात्रावास अधीक्षिका पंडरी बाई का महत्वपूर्ण योगदान छात्रावास की अधीक्षिका पंडरी बाई ने छात्राओं के इस विकास में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने छात्रावास में अभ्यास पिच बनवाकर और क्रिकेट की आवश्यक सामग्रियां उपलब्ध कराकर खिलाड़ियों को लगातार प्रेरित किया। पंडरी बाई का कहना है, “मेरी बेटी आकांक्षा रानी ने राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की, और जब मैंने छात्रावास की बच्चियों में भी वही उत्साह देखा, तो मैंने उनके लिए बेहतर भविष्य बनाने का संकल्प लिया। आज उनकी मेहनत का फल मिल रहा है।” चयनित खिलाड़ियों का उत्साह चरम पर :  वर्षा बाई (राष्ट्रीय अंडर-17 और बीसीसीआई अंडर-19 खिलाड़ी): “छात्रावास में हमें निरंतर प्रशिक्षण और समर्थन मिल रहा है। मेरे राष्ट्रीय टीम में चयन से मेरे परिवार और गांव में खुशी का माहौल है। सभी ने मिठाइयाँ बांटी और मुझे देश का नाम रोशन करने की शुभकामनाएँ दीं। मेरा चयन अंडर-17 के साथ-साथ बीसीसीआई की अंडर-19 टीम में भी हुआ है, और मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रतिबद्ध हूँ।” एंजल लकड़ा (कक्षा 8, राष्ट्रीय अंडर-17 खिलाड़ी): “मुझे बहुत खुशी है कि मेरा चयन राष्ट्रीय अंडर-17 टीम में हुआ है। मुझे मेरे शिक्षकों और कोच का भरपूर सहयोग मिल रहा है। मेरा सपना है कि मैं स्मृति मंधाना की तरह एक बेहतरीन बल्लेबाज बनूं और देश का नाम रोशन करूँ।” झुमुर तिर्की (कक्षा 8, राष्ट्रीय अंडर-17 खिलाड़ी): “यह मेरे लिए सपने के सच होने जैसा है। जब मेरा चयन राष्ट्रीय दल में हुआ तो मुझे यकीन नहीं हुआ। मेरे पिता के निधन के बाद मेरी माँ ने मुझे बहुत मेहनत से पाला, और उनका सपना था कि मैं परिवार का नाम रोशन करूं। अधीक्षिका पंडरी बाई के मार्गदर्शन और समर्थन से आज मैं इस मुकाम तक पहुंची हूँ।”  

स्टेट लेबल क्वान की डो मार्शल आर्ट में जशपुर की खिलाड़ी अर्चना ने कहाँ जीता स्वर्ण पदक? पढ़िए एक्सक्लूसिव खबर,,,

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जशपुर, 4 अक्टूबर 2024: द्वितीय छत्तीसगढ़ राज्यस्तरीय क्वान की डो मार्शल आर्ट चैंपियनशिप 2024 का आयोजन अंबिकापुर के मल्टीपरपज इनडोर हॉल में किया गया, जिसमें राज्य के विभिन्न जिलों से 150 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। जशपुर जिले के मनोरा ब्लॉक की अर्चना बुनकर ने इस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। अर्चना ने कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को हराकर न केवल स्वर्ण पदक हासिल किया, बल्कि अपने ऐज और वेट कैटेगरी में नेशनल चैंपियनशिप के लिए छत्तीसगढ़ टीम में भी स्थान बनाया। उनके कोच विकास दोहरे ने बताया कि राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले सभी खिलाड़ियों का चयन नेशनल स्तर के लिए किया गया है। कार्यक्रम के अध्यक्ष संजय अंबास्थ, प्रदेश संघ के सचिव अमन गुप्ता, और सरगुजा जिले के सचिव मोहम्मद शराफत ने अर्चना को स्वर्ण पदक जीतने पर शुभकामनाएं दीं और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। दोहरे जी ने क्वान की डो के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक वियतनामी मार्शल आर्ट है जिसे फ्रांस में विकसित किया गया। इसके ग्रैंड मास्टर शाओलिन कुंग फू के मास्टर हैं, जिन्होंने शाओलिन कुंग फू से प्रेरित होकर इस खेल को विकसित किया। इस मौके पर यह भी घोषणा की गई कि जल्द ही बलरामपुर और जशपुर जिले के सभी खिलाड़ियों का सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा, जिससे खिलाड़ियों का मनोबल और बढ़ेगा, और वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता की ओर कदम बढ़ाएंगे।