20 सितंबर को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक, अहम फैसलों पर होगी चर्चा

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रायपुर, 18 सितंबर 2024: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में 20 सितंबर को कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया है। यह बैठक सुबह 11:30 बजे मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित होगी, जहां कई अहम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। विकास योजनाओं पर रहेगा फोकस इस कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण योजनाओं और नीतियों पर चर्चा होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री साय के नेतृत्व में यह बैठक आगामी वित्तीय वर्ष के बजट, नई नीतियों के निर्माण, और राज्य में चल रही विकास परियोजनाओं की समीक्षा पर केंद्रित होगी। साथ ही, कई बड़े फैसले लिए जाने की संभावना है, जिनका सीधा असर राज्य की जनता पर होगा। ये प्रमुख मुद्दे हो सकते हैं एजेंडे में बैठक के दौरान राज्य में चल रही विभिन्न सामाजिक और आर्थिक योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क निर्माण, कृषि, और रोजगार से संबंधित मुद्दों पर भी गहन विचार-विमर्श होने की संभावना है। मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति का आकलन भी इस बैठक का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। कैबिनेट में नए प्रस्तावों पर होगी चर्चा कैबिनेट बैठक में कई नए प्रस्तावों पर भी चर्चा की जा सकती है, जिनमें ग्रामीण विकास, शहरी ढांचा, औद्योगिक निवेश और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित मुद्दे शामिल हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार राज्य में सुशासन को प्राथमिकता देते हुए जनकल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन पर विशेष जोर दे रही है। बैठक में मुख्यमंत्री के साथ-साथ कैबिनेट के सभी मंत्री, मुख्य सचिव, विभागीय सचिव और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहेंगे। सभी विभागों के प्रमुख अधिकारी अपने-अपने विभाग से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्तावों को बैठक में प्रस्तुत करेंगे। राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण यह कैबिनेट बैठक राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि राज्य सरकार आने वाले समय में कई बड़ी परियोजनाओं को लागू करने की तैयारी में है। इस बैठक के निर्णयों से राज्य में विकास की गति और दिशा निर्धारित होगी। कैबिनेट की इस बैठक से कई महत्वपूर्ण निर्णयों की उम्मीद की जा रही है, जिनसे राज्य के आर्थिक और सामाजिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव आ सकता है।  

मुख्यमंत्री निवास में जनदर्शन: 19 सितंबर को सीएम विष्णुदेव साय सुनेंगे जनता की समस्याएं

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रायपुर, 18 सितंबर 2024: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय 19 सितंबर को रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में जनदर्शन का आयोजन करेंगे, जिसमें वे प्रदेशभर से आए लोगों की समस्याएं सीधे सुनेंगे। यह जनदर्शन कार्यक्रम सुबह 11:00 बजे से 1:00 बजे तक आयोजित किया जाएगा, जहां मुख्यमंत्री लोगों से सीधे संवाद करेंगे और उनकी समस्याओं के तत्काल निराकरण के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देंगे। इस जनदर्शन कार्यक्रम की खास बात यह है कि मुख्यमंत्री के साथ कई कैबिनेट मंत्री, मुख्य सचिव, डीजीपी समेत राज्य स्तर के सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। इससे जनता की समस्याओं और मांगों का त्वरित समाधान करने में आसानी होगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने यह सुनिश्चित किया है कि जनता की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ सुना और सुलझाया जाए। जनदर्शन में शामिल होने वाले लोगों को विभिन्न विभागों के अधिकारियों से मिलने और अपनी समस्याओं के हल के लिए सीधा संवाद करने का मौका मिलेगा। समस्याओं का समाधान, जनता की उम्मीदें यह जनदर्शन कार्यक्रम प्रदेश की जनता के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां वे अपनी समस्याओं को लेकर सीधे मुख्यमंत्री और राज्य के अधिकारियों से मुलाकात कर सकते हैं। मुख्यमंत्री साय की पहल जनता की समस्याओं को प्राथमिकता से हल करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है, जो प्रशासन और आम जनता के बीच की दूरी को कम करता है। जनदर्शन कार्यक्रम से न केवल लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान संभव होगा, बल्कि यह सरकार और जनता के बीच भरोसे को भी मजबूत करेगा।  

पीडब्ल्यूडी विभाग बरसाती गड्ढों को भर रहा सांय-सांय,मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर सड़कों की मरम्मत में आई तेजी

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, *लुड़ेग-तपकरा-लवाकेरा राज्य मार्ग के गढ्डों को डब्ल्यू. एम.एम. भरकर किया जा रहा ठीक* जशपुर 18 सितम्बर 2024/लुड़ेग-तपकरा रोड़ के संबंध में लोक निर्माण विभाग संभाग पत्थलगांव के कार्यपालन अभियंता ने जानकारी देते हुए बताया है कि लुड़ेग-तपकरा-लवाकेरा राज्य मार्ग क्र.-04, जिसकी लंबाई 40.80 कि.मी. है जिसमें 9.20 लंबाई का नवीनीकरण कार्य वर्ष 2022 में पूर्ण कराया गया है, तथा 31.60 कि.मी. लंबाई में लगभग 6 से 9 वर्ष पूर्व नवीनीकरण कार्य विभिन्न कि.मी. में कराये गये थे। वर्तमान में बारिश से बने गढ्डों को नियमित रूप से डब्ल्यू. एम.एम. भरकर ठीक किया जा रहा है, तथा मार्ग के नवीन निर्माण हेतु रू. 117.00 करोड का प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया गया है। कुछ स्थानों को छोड़कर शेष मार्ग की स्थिति संतोषप्रद है, तथा नियमित रूप से गढढा भराई का कार्य किया जा रहा है। वर्षा ऋतु पश्चात डामरीकरण द्वारा पैच रिपेयर कार्य किया जाएगा।मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के द्वारा सड़कों की मरम्मत ,रखरखाव और नए सड़कों के निर्माण के लिए सभी विभागों को निर्देश दिया गया है।

सर्पदंश : अंधविश्वास के कारण बुजुर्ग की मौत, समय पर चिकित्सा न मिलने से मासूम की हालत गंभीर

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बड़ी खबर आई है जिसमें सर्पदंश के बाद झाड़फूंक के चक्कर में नाना जी चल बसे वहीं नाती गम्भीर हालत में अस्पताल के आईसीयू में ज़िंदगी और मौत के बीच झूल रहा है। कोरबा – करतला थाना क्षेत्र के ग्राम सलिहाभांठा डोंगदरहा में अंधविश्वास और झाड़फूंक के चक्कर में एक बुजुर्ग की जान चली गई, जबकि उसका 16 वर्षीय नाती गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती है। घटना बीती रात की है, जब 70 वर्षीय टिकैतराम यादव और उसके नाती सतीश कुमार यादव को एक जहरीले सर्प ने डस लिया। दोनों को तत्काल अस्पताल ले जाने के बजाय परिजनों ने पहले झाड़फूंक और गांव के डॉक्टर से इलाज कराने की कोशिश की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। परिजनों ने बताया कि रात में अचानक दोनों को पेट और गले में दर्द होने लगा, लेकिन इसे मामूली समझकर नजरअंदाज कर दिया गया। जब स्थिति गंभीर हो गई और सतीश के मुंह से झाग आने लगे, तब भी परिजन अंधविश्वास के चलते इलाज के लिए अस्पताल नहीं गए। झाड़फूंक और गांव के डॉक्टर के पास समय बर्बाद करने के बाद, उन्हें सुबह करीब 6:30 बजे कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों ने जांच के बाद टिकैतराम यादव को मृत घोषित कर दिया, जबकि सतीश की हालत गंभीर बताई गई, और उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया है। मृतक के परिजनों ने बताया कि समय पर 108 एंबुलेंस सुविधा नहीं मिल पाई, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। उनका मानना है कि अगर एंबुलेंस समय पर आ जाती, तो टिकैतराम की जान बच सकती थी। 108 के जिला प्रभारी प्रिंस पांडे ने कहा कि एंबुलेंस सेवा में देरी नेटवर्क समस्या के कारण हो सकती है, लेकिन इस मामले में परिजन पहले झाड़फूंक कराने गए थे, जिससे कीमती समय बर्बाद हो गया। इस घटना से एक बार फिर अंधविश्वास और झाड़फूंक की पुरानी परंपराओं पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सर्पदंश जैसे मामलों में तत्काल चिकित्सा सहायता बेहद आवश्यक होती है। झाड़फूंक या अन्य पारंपरिक उपाय करने से समय बर्बाद होता है, जिससे जानलेवा स्थिति पैदा हो सकती है। जागरूकता की कमी से बढ़ रहा खतरा इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी के कारण लोग सही समय पर चिकित्सा सहायता नहीं ले पाते, जिससे अंधविश्वास के चलते उनकी जान पर बन आती है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग को इस दिशा में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। ग्रामीण क्षेत्रों में सर्पदंश और अन्य आपात स्थितियों में प्राथमिक चिकित्सा का महत्व समझाने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। सर्पदंश के मामले में तुरंत अस्पताल पहुंचना जीवन बचाने का सबसे महत्वपूर्ण कदम है, जिसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।  

नंदकुमार ने कृत्रिम पैर मिलने पर मुख्यमंत्री का जताया आभार,सड़क हादसे में खोया था एक पैर,अब जागी नई उम्मीद

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*मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर सड़क दुर्घटना में एक पैर गंवा चुके नंदकुमार को मिला कृत्रिम पैर* *सीएम कैंप कार्यालय से मांगी थी मदद* *मुख्यमंत्री का जताया आभार* *जशपुरनगर 17 सितम्बर 2024/* मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरि । यत् कृपा तमहं वंदे परमानंद माधवम् ॥ इस सूक्ति को छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने जीवन में उतारकर जरूरतमंदों की सहायता कर रहे हैं।सड़क दुर्घटना में अपना एक पैर गंवा चुके नंदकुमार के लिए एक नई उम्मीद की किरण तब आई जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर उन्हें कृत्रिम पैर उपलब्ध कराया गया। इससे नंदकुमार की जिंदगी में फिर से एक नई शुरुआत हुई है और उनके चेहरे पर मुस्कान लौट आई है। *मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया में नंदकुमार ने किया था आवेदन* एक पैर गंवा चुके नंदकुमार जो दुर्घटना के बाद जीवन में कई परेशानियों से जूझ रहे थे। मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया में जाकर अपनी समस्या का आवेदन दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री से कृत्रिम पैर की मांग करते हुए अपनी स्थिति को साझा किया। इस पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने तत्काल संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि नंदकुमार को जल्द से जल्द कृत्रिम पैर उपलब्ध कराया जाए। इसके बाद इन्हें रायपुर भेज कर कृत्रिम पैर दिलाया गया। अब वह फिर से बिना परेशानी से अच्छे से चल फिर रहा है और बहुत खुश है। उन्होंने सीएम साय का आभार जताते हुए धन्यवाद दिया है। *नंदकुमार के चेहरे पर फिर से लौटी मुस्कान* मुख्यमंत्री की इस पहल के बाद जिले के फरसाबहार तहसील क्षेत्र के केरसई निवासी नंदकुमार को कृत्रिम पैर प्रदान किया गया, जिसके बाद उनके चेहरे पर एक नई मुस्कान देखने को मिली। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह कृत्रिम पैर उनके लिए एक नई जिंदगी जैसा है। अब वे सामान्य जीवन की तरफ वापसी कर सकते हैं और एक बार फिर से अपने पैरों पर खड़े होकर जीवन की चुनौतियों का सामना करने को तैयार हैं। *बगिया कैंप कार्यालय जरूरतमंदों के लिए बना आशा का केंद्र* मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय बगिया, जो इस तरह की जनसहायक पहलों के लिए जाना जाता है, अब लोगों के बीच आशा का केंद्र बन चुका है। यहां न केवल नंदकुमार जैसे व्यक्तियों को मदद मिल रही है, बल्कि अन्य जरूरतमंद लोग भी अपनी समस्याओं को लेकर यहां आकर सहायता प्राप्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल की व्यापक स्तर पर सराहना हो रही है, क्योंकि यह साबित करता है कि राज्य सरकार समाज के कमजोर और जरूरतमंद तबके की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है। बगिया कैंप कार्यालय अब उन लोगों के लिए एक प्रतीक बन गया है जो जीवन की कठिनाइयों से जूझ रहे हैं और किसी प्रकार की सहायता की उम्मीद कर रहे हैं।इस प्रकार, नंदकुमार की यह कहानी एक उदाहरण बन गई है कि कैसे सरकार और समाज के सहयोग से जीवन में नई उम्मीदें और खुशियाँ लौट सकती हैं।

सीएम विष्णुदेव साय की कुनकुरी में पानी को लेकर क्या है अर्धशतायु योजना? विष्णु का सुशासन जानकर लोगों में जागेगा नया विश्वास,,पढ़िए पूरी खबर

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जशपुर,17 सितंबर2024: कुनकुरी के लोगों को पेयजल की समस्या से जल्द ही राहत मिलने वाली है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, नगर पंचायत कुनकुरी के लिए 48 करोड़ रुपये की जल आवर्द्धन योजना को मंजूरी दिलवाई है। यह योजना अमृत मिशन 2.0 के तहत आएगी, जिससे अगले 50 सालों तक कुनकुरी के निवासियों को जल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। योजना का विस्तार कुनकुरी नगर पंचायत के मुख्य नगरपालिका अधिकारी (सीएमओ) प्रवीण कुमार उपाध्याय ने बताया कि इस योजना के तहत फरसाकानी में ईब नदी के किनारे इंटकवेल, पम्पिंग स्टेशन, 3.50 एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, और कुल 5713 मीटर रॉ वाटर पाइपलाइन का निर्माण किया जाएगा। इसके साथ ही 4010 मीटर क्लियर वाटर पाइपलाइन, 36,930 मीटर जल आपूर्ति पाइपलाइन और 940 किलोलीटर क्षमता का एक ओवरहेड टैंक भी बनाया जाएगा। क्या होंगे लाभ? नगर पंचायत का अनुमान है कि इस जल आवर्द्धन योजना के पूरा हो जाने पर कुनकुरी के लगभग 13,648 लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। वर्तमान में नगर के 15 वार्डों में 2,495 घर हैं, जिनमें से कई को पर्याप्त जल आपूर्ति नहीं हो पाती है। गर्मियों में पानी की कमी से जूझने वाले कुनकुरी के निवासी टैंकरों पर निर्भर होते हैं, जिससे जल वितरण को लेकर विवाद की स्थिति उत्पन्न होती रहती है। निवासियों को मिलेगी राहत योजना के पूर्ण होने पर कुनकुरी में घर-घर तक नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। सीएमओ प्रवीण कुमार उपाध्याय ने बताया कि निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा। इससे न केवल मौजूदा जल संकट हल होगा, बल्कि भविष्य में कुनकुरीवासियों को किसी प्रकार की जल समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। अगले 50 सालों तक पानी की समस्या से मुक्ति अमृत मिशन के तहत स्वीकृत यह योजना कुनकुरी के लिए एक स्थायी समाधान साबित होगी, जिससे अगले 50 सालों तक पानी की किल्लत से निजात मिल सकेगी।  

*मोर आवास, मोर अधिकार: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हितग्राहियों को गृहप्रवेश पर दी शुभकामनाएं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए उन्हें ‘भारत का भगवान विश्वकर्मा’ बताया

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  रायपुर, 17 सितम्बर 2024 – प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी) के तहत छत्तीसगढ़ में हजारों लोगों का सपना आज साकार हो रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित ‘मोर आवास, मोर अधिकार’ कार्यक्रम के तहत 8 लाख 46 हजार 932 ग्रामीण और 23 हजार 71 शहरी हितग्राहियों को बधाई दी। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने नए घरों के लाभार्थियों का अभिनंदन किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर भी शुभकामनाएं दीं और उनके दीर्घायु जीवन की कामना की, उन्हें आधुनिक भारत का विश्वकर्मा बताया। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष श्री रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, मंत्री श्री लखन लाल देवांगन, श्री दयाल दास बघेल और मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री साय ने योजना की तकनीकी मार्गदर्शिका का विमोचन किया और प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जारी इस महत्वाकांक्षी योजना को जनहित के लिए ऐतिहासिक कदम बताया। मुख्यमंत्री साय ने कहा, “आज छत्तीसगढ़ के हजारों परिवारों का घर का सपना पूरा हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उड़ीसा से इस योजना की पहली किश्त जारी की है, जिससे हितग्राहियों का गृहप्रवेश समारोह भी संभव हुआ। विश्वकर्मा जयंती के इस पावन अवसर पर मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं।” इस कार्यक्रम से छत्तीसगढ़ के हजारों लाभार्थी अब अपने नए घरों में प्रवेश कर रहे हैं, जो प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने हैं।  

*”नक्सल प्रभावित विशेष जनजातीय क्षेत्रों में विकास की नई राह: नियद नेल्लानार योजना बनी वरदान”*

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विशेष लेख रायपुर, 15 सितंबर2024/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए नियद नेल्लानार योजना चलाई जा रही है। इससे क्षेत्रों के विकास में तेजी आई है। मूलभूत सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। नियद नेल्लानार योजना के तहत स्थानीय लोगों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए सुरक्षा कैंप खोले गए हैं और इन सुरक्षा कैंपों की पांच किमी की परिधि में आने वाले गांवों में सरकार की 12कल्याणकारी एवं विकास योकजनाओं के अंतर्गत मूलभूत संसाधन जैसे आवास, पानी बिजली,सड़क, स्कूल आदि सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मुख्यमंत्री की इस योजना के माध्यम से विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में रहने वालों को  सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सस्ते में खाद्यान्न और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत बस्तर संभाग के 1335 परिवारों को घरेलू गैस सिलेंडर मिल गया है, जिससे उनका जीवन सहज और खुशहाल हुआ है। नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में 10हजार154 परिवारों का राशनकार्ड बनवाया गया है, जिससे उन्हें सस्ता खाद्यान्न मिलने लगा है। मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए बस्तर संभाग में नक्सल आतंक से बंद हुए42 प्राथमिक शालाओं को फिर से खुलवाया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लोगों और नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पानी टंकी का निर्माण कराकर सोलर मोटरपंप के माध्यम से स्वच्छजल उपलब्ध कराया जा रहा है। इस तरह राज्य सरकार की नियद नेल्लानार योजना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों और विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लोगों के जीवन स्तर को उठाने के साथ ही वरदान साबित हो रही है।

जनदर्शन में सीएम ने ओलावृष्टि से बर्बाद किसानों की फ़रियाद सुनी, 7 गांव के किसानों को मिली राहत,सीएम को बताया “सुशासन का देवता”

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  *रायपुर, 14 सितंबर 2024* – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निवास पर आयोजित मुख्यमंत्री जनदर्शन के दौरान किसानों को बड़ी राहत प्राप्त हुई है। बलोदाबाजार जिले के सोनाखान क्षेत्र में ओलावृष्टि से प्रभावित 7 गांवों के 772 किसानों के लिए 98 लाख 38 हजार 528 रुपये की सहायता राशि जारी की गई है। गांवों में सुखरी के 79, छतवन के 174, देवगांव के 44, गनौद के 59, कुशगढ़ के 156 और कुशभाटा के 174 किसानों को इस मुआवजे का सीधा लाभ मिला है। यह राशि तहसीलदार सोनाखान द्वारा आरटीजीएस के माध्यम से किसानों के खातों में जमा कर दी गई है, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिली है। गौरतलब है कि 2023 में इन क्षेत्रों में ग्रीष्मकालीन धान की फसल पर ओलावृष्टि का कहर टूटा था। पक चुकी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा, और किसानों ने मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री एवं जिला प्रशासन को आवेदन किया था। उस समय कुल 33 गांवों के किसानों को मुआवजा मिल चुका था, लेकिन कुछ गांवों के किसान इस राहत से वंचित रह गए थे। अब उन किसानों को भी राहत मिल गई है। नगेड़ा गांव के किसान डीगेश पटेल ने बताया कि जनदर्शन में अपनी परेशानी बताई , श्री साय की किसान हित में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश के बाद अब परिवार के सदस्यों के खातों में मुआवजा राशि प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और जिला प्रशासन का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री जनदर्शन के तहत मिली इस त्वरित राहत से प्रभावित किसानों के चेहरों पर खुशी देखने को मिल रही है, और यह सरकार के प्रति उनका विश्वास बढ़ा रही है।

सीएम के निर्देश पर वन विभाग द्वारा हाथी से सुरक्षा के लिए जन-जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन

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*जशपुर, 14 सितंबर 2024*: जंगली हाथियों की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वन विभाग के अधिकारियों को गांव-गांव में जन-जागरूकता लाने के लिए कार्यशालाओं और संगोष्ठियों का आयोजन करने का निर्देश दिए हैं। इसी दिशा में जशपुर जिले के ग्राम पंचायत खंटाडाड में “झांसी की रानी संकुल संगठन” की कार्यकारी समिति द्वारा वन विभाग और वन धन संरक्षण के सहयोग से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हाथियों से बचाव के महत्वपूर्ण उपायों पर चर्चा की गई। संगोष्ठी में बताया गया कि यदि लोग जंगल या हाथियों की उपस्थिति वाले क्षेत्रों में हों, तो उन्हें समूह में रहना चाहिए और सुरक्षित स्थानों या वाहनों में रहने की सलाह दी गई। साथ ही, हाथियों के भोजन और पानी के स्रोतों से दूर रहने की अपील की गई। संगोष्ठी के दौरान यह भी बताया गया कि जंगल सफारी या जंगल भ्रमण के समय गाइड या प्रशिक्षकों के निर्देशों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। इन सावधानियों के माध्यम से लोग हाथियों के साथ सुरक्षित सह-अस्तित्व में रह सकते हैं और उनका प्राकृतिक आवास भी संरक्षित रह सकता है। गौरतलब है कि विष्णु देव साय कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं, जिसे हाथियों का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। उन्होंने खुद हाथियों के हमले में अपने करीबी लोगों को खोने का दुख सहा है और कई घरों की क्षति भी देखी है। इस पहल से क्षेत्र के लोगों को उम्मीद है कि हाथी-मानव संघर्ष की घटनाओं में कमी आएगी और सरकार के सुशासन के तहत हाथी-मानव सह-अस्तित्व को बढ़ावा मिलेगा।